विविधा कम्युनिस्टों का एजेंडा, सेना को करो बदनाम June 8, 2017 by लोकेन्द्र सिंह राजपूत | 1 Comment on कम्युनिस्टों का एजेंडा, सेना को करो बदनाम कम्युनिस्ट विचारधारा के लेखक पार्थ चटर्जी का अंग्रेजी में लिखा एक लेख दो जून को कम्युनिस्ट एजेंडे पर संचालित वेबस्थल 'द वायर' पर प्रकाशित होता है। इस लेख में चटर्जी सभी सीमाएं तोड़ते हुए लिखते हैं कि कश्मीर'जनरल डायर मोमेंट' से गुजर रहा है। वर्ष 1919 में जलियांवाला बाग हत्याकांड के पीछे ब्रिटिश सेना के तर्र्क और कश्मीर में भारतीय सेना की कार्रवाई (मानव ढाल) का बचाव, दोनों में समानताएं हैं। उल्लेखनीय है कि मेजर गोगोई ने कश्मीर घाटी में उपद्रवियों और पत्थरबाजों की हिंसा से पोलिंग पार्टी को बचाने के लिए एक पत्थरबाज को जीप के आगे बांध लिया था। Read more » 'जनरल डायर मोमेंट' Featured इतिहासकार पार्थ चटर्जी कम्युनिस्टों का एजेंडा मेजर लीतुल गोगोई
विविधा फल धारीदार क्यों होते हैं ? June 7, 2017 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment प्रांजल भार्गव आपके देखने में आया होगा कि कई फलों पर धारियां होती हैं, जहां फल थोड़ा अंदर धंसा होता है। जैसे कद्दू, पपीता, कुछ टमाटर, खरबूज वगैरह। अब वैज्ञानिकों ने इसका कारण ढूंढ निकाला है। वैसे कारण बहुत महत्व तो नहीं रखता मगर रोचक जरूर है। सवाल यह था कि ये फल वृद्धि के […] Read more »
पर्यावरण विविधा पर्यावरण में युद्ध स्तरीय सुधार की जरुरत June 7, 2017 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | Leave a Comment - पर्यावरण की अवहेलना के गंभीर दुष्परिणाम समूचे विश्व में परिलक्षित हो रहे हैं। अब सरकार जितने भी नियम-कानून लागू करें उसके साथ साथ जनता की जागरूकता से ही पर्यावरण की रक्षा संभव हो सकेगी। इसके लिए कुछ अत्यंत सामान्य बातों को जीवन में दृढ़ता-पूर्वक अपनाना आवश्यक है। जैसे -प्रत्येक व्यक्ति प्रति वर्ष यादगार अवसरों (जन्मदिन, विवाह की वर्षगांठ) पर अपने घर, मंदिर या ऐसे स्थल पर फलदार अथवा औषधीय पौधा-रोपण करे, जहाँ उसकी देखभाल हो सके। उपहार में भी सबको पौधो दें। शिक्षा संस्थानों व कार्यालयों में विद्यार्थी, शिक्षक, अधिकारी और कर्मचारीगण राष्ट्रीय पर्व तथा महत्त्वपूर्ण तिथियों पर पौधों रोपे। Read more » पर्यावरण विश्व पर्यावरण दिवस
विविधा असाधारण सूझ बूझ के पर्याय मेजर गोगोई June 7, 2017 by मृदुल श्रीवास्तव | 2 Comments on असाधारण सूझ बूझ के पर्याय मेजर गोगोई भारतीय सेना की पहचान विश्व के कुछ गिने चुने शक्तिशाली देशों की सेना के रुप में की जाती है, सेना की बहादुरी और उसके निर्णय लेने की अद्भुत क्षमता के कई उदाहरण इतिहास में दर्जे हैं जिसकी एक मिशाल यहां प्रस्तुत करना चाहूंगा 1965 के युद्ध में जब पाकिस्तान की सेना ने कश्मीर में घुसपैठ […] Read more » मेजर गोगोई
विविधा खेल की राजनीति और राजनीति का खेल June 7, 2017 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment भारत ने पाकिस्तान के विरूद्घ दो 'सर्जिकल स्ट्राईक' कर दी हैं, जिन्हें वह नकार रहा है, कि-'मेरे साथ कुछ नही हुआ, भारत की सेना और सरकार झूठ बोल रही है कि उसने कोई सर्जिकल स्ट्राईक की है।' पाकिस्तान की हां में हां मिलाकर भारत के कुछ 'जयचंदों' ने भी तुरंत भारत की सेना से 'सर्जिकल स्ट्राईक' के प्रमाण मांग लिये। अब इंगलैंड की भूमि से भारत की क्रिकेट टीम ने पाकिस्तान के विरूद्घ एक तीसरा 'सर्जिकल स्ट्राईक' कर दिखाया है। Read more » Featured खेल की राजनीति राजनीति का खेल
विविधा किसान आक्रोश के निहितार्थ और हिंसा June 7, 2017 by सुरेश हिन्दुस्थानी | Leave a Comment मंदसौर में जो कुछ हुआ वह चिन्ता का विषय है। कांगे्रस की उसमें भूमिकी रही होगी, यह भी स्वाभाविक है। क्योंकि मध्यप्रदेश में कांगे्रस विपक्षी दल की भूमिका में है। विपक्षी दल होने के नाते उससे सरकार के समर्थन की अपेक्षा करना संभव ही नहीं है। सरकार की ओर से भी कहा गया है कि इस आंदोलन के पीछे कांगे्रस का हाथ है। यह सही भी हो सकता है, लेकिन संभावना यह भी व्यक्त की जा रही है कि आंदोलन में असामाजिक तत्व भी शामिल हो गए थे, ऐसे में सवाल आता है कि अगर असामाजिक तत्व शामिल थे तब सरकार का गुप्तचर विभाग क्या कर रहा था। Read more » Featured किसान मंदसौर मंदसौर में किसानों के हिंसक आंदोलन हिंसक आंदोलन
विविधा गाय की रक्षा मानवता की रक्षा June 6, 2017 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | Leave a Comment डा. राधेश्याम द्विवेदी गौमाता चराचर जगत की माता हैं। इनकी रक्षा करना हमारा नैतिक कर्तव्य है। अथर्ववेद में आता है कि गौहत्यारे को काँच की गोली से उड़ा दो। अतः हे भारतवासियो ! जागो और गोवंश की हत्या रोकने के लिए आगे आओ। गौमाता धरती का गौरव है। भारत की 40 करोड़ एकड़ भूमि पर […] Read more » Featured गाय गाय की वैज्ञानिक महत्ता व फायदे गोमांस भक्षण के भीषण दुष्परिणाम
विविधा बिहार की शैक्षणिक व्यवस्था की बदहाली के लिए जिम्मेदार कौन ? June 6, 2017 by आलोक कुमार | Leave a Comment बिहार बोर्ड के १२ वीं के नतीजे सूबे की शिक्षा – व्यवस्था पर सहज ही सवाल खड़े करते हैं ….. लगभग डेढ़ दशक के बहुप्रचारित सुशासनी शासन में शिक्षा के क्षेत्र में बदहाली के कारणों की विवेचना ईमानदारी व् दृढ-इच्छाशक्ति से करनी होगी … महज शिक्षा सचिव के तबादले से परिस्थतियाँ सुधरने वाली नहीं हैं […] Read more » education system of Bihar who is respondible for deterioating condition of education in bihar बिहार बिहार की शैक्षणिक व्यवस्था शैक्षणिक व्यवस्था
विधि-कानून विविधा पूर्वाग्रही राजनीति की भेंट चढ़ता संविधान का अनुच्छेद 48 June 6, 2017 by अलकनंदा सिंह | Leave a Comment जानवर कई बार बिकते हैं। कई हाथों से गुजरते हैं। हर खरीदार उनसे बदसलूकी करता है। जानवरों को ठीक से खाना-पानी नहीं मिलता क्योंकि हर खरीदार को पता होता है कि इसे आखिर में कत्ल ही होना है। कई बार तो जानवरों को फिटकरी वाला पानी दिया जाता है, जिससे उनके गुर्दे फेल हो जाएं। इससे उनके शरीर में पानी जमा हो जाता है। इससे जानवर हट्टे-कट्टे दिखते हैं। इससे उनकी अच्छी कीमत मिलती है। उन्हें पैदल ही एक बाजार से दूसरे बाजार ले जाया जाता है। Read more » Featured अनुच्छेद 48 केंद्र सरकार जानवरों की तस्करी पशु बाजार पशु वध में बेदर्दी मवेशियों की खरीद-फरोख्त
विविधा विरोध का गिरता स्तर गोवध June 6, 2017 by डॉ नीलम महेन्द्रा | Leave a Comment क्यों अन्य पशुओं जैसे भैंस बकरी ऊँटनी के दूध में मातृत्व के पूरक अंश नहीं पाए जाते? क्या गाय के अलावा किसी अन्य जीव के मल मूत्र में औषधीय गुण पाए जाते हैं? जब ईश्वर ने स्वयं गाय का सृजन मनुष्य का पालन करने योग्य गुणों के साथ किया है और आधुनिक विज्ञान भी इन तथ्यों को स्वीकार कर चुका है तो फिर वह गाय जो जीते जी उसे पोषित करती है तो क्यों हम उसे माँ का दर्जा नहीं दे पा रहे ? राजिस्थान हाई कोर्ट की सलाहानुसार अपने पड़ोसी देश नेपाल की तरह क्यों नहीं हम भी गाय को अपना राष्ट्रीय पशु घोषित कर देते उसे मारकर उसके ही माँस से पोषण प्राप्त करने की मांग कहाँ तक उचित है? Read more » Featured गोवध
विविधा कल्याणकारी योजनाओं में आधार का पेंच June 6, 2017 by जावेद अनीस | Leave a Comment जावेद अनीस 2007 में शुरू की गई मिड डे मील भारत की सबसे सफल सामाजिक नीतियों में से एक है, जिससे होने वाले लाभों को हम स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति बाल पोषण के रूप में देख सकते हैं. आज मिड डे मील स्कीम के तहत देश में 12 लाख स्कूलों के 12 करोड़ बच्चों को […] Read more » Featured आधार आधार की अनिवार्यता मिड डे मील
विविधा भ्रष्टाचार विरोध यानी मौत को दावत? June 5, 2017 / June 5, 2017 by तनवीर जाफरी | Leave a Comment तनवीर जाफ़री हम भारतवासियों के दोहरे चरित्र को उजागर करने वाली यह कहावत पूरे देश में बेहद प्रचलित है कि-‘सौ में से नब्बे बेईमान फिर भी मेरा भारत महान? पूर्व जस्टिस मार्केंडय काटजू तो देश की उस न्याययिक व्यवस्था पर भी भ्रष्टाचार का आरोप लगा चुके हैं जिसपर हमारा देश काफी हद तक भरोसा करता […] Read more » anurag Tiwari dead in suspicious conditions death of Anurag Tiwari Featured अनुराग तिवारी आईएएस माफिया कर्नाट्क कर्नाट्क में आईएएस माफिया