Category: विविधा

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गुणवत्ता के नाम पर शिक्षा विभाग ठगी का शिकार हो रहा है

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-अनिल अनूप क्या कभी किसी संस्था ने सरकारी या निजी स्कूलों की आधारभूत सुविधाओं की तुलना की है? क्या शिक्षक-विद्यार्थी अनुपात, अध्यापकों के लम्बे समय से चल रहे रिक्त पद, गैर-शिक्षण कार्य (जनगणना, मतदान आदि), विभागीय डाक, प्रतिनियुक्तियां, सैमीनार, सिविल कार्यों, रचना कार्यों की तुलना निजी स्कूलों से की है, जहां हर कक्षा का अलग […]

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हर बार के पद्म पुरस्कार थोड़े अलग

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डॉ. शुभ्रता मिश्रा हर साल हमारे देश में पद्मपुरस्कारों की घोषणा की परम्परा के साथ जारी सूची के कई नामों से आमलोगों के असंतुष्ट होने की परम्परा भी बन गई है। कोई साल ऐसा नहीं जाता जिसमें कुछ नामों के लिए आमलोग असंतोष न जताते हों कि फलां को मिला पद्म पुरस्कार उसके लायक नहीं […]

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