Category: विविधा

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‘गंगा-जमुनी तहजी़ब का प्रतीक उर्दू’

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उर्दू को जीवित रखने के लिए ये निहायत ही जरूरी है कि उर्दू पढऩे वाले को रोजगार दिया जाए। दूसरी बात ये कि जब प्राइमरी और मिडिल लेवल पर ही उर्दू नदारद है तो आला तालीम के लिए उर्दू के छात्र कहां से आएंगे। अगर सरकारें वाकई उर्दू के प्रती संजीदा है तो सबसे पहले प्राइमरी और मिडिल लेवल पर शिक्षकों की भर्ती की जानी चाहिए। इस से एक ओर हज़ारों उर्दूदां को रोजगार मिलेगा। वहीं दूसरी ओर छात्र-छात्राओं के लिए उर्दू पढऩा आसान हो जाएगा । जो लोग शिक्षक की कमी की वजह से चाह कर भी उर्दू नहीं पढ़ पाते हैं। उनके अधिकारों की रक्षा भी होगी

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विविधा

शराब की दुकानों पर रोक, अहम् फैसला

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संदर्भः- सर्वोच्च न्यायालय का राष्ट्रीय और राज्य के राजमार्गों पर शराब की दुकानों पर प्रतिबंध प्रमोद भार्गव   सड़क दुर्घटना में मौतें रोकने के लिए सर्वोच्च न्यायालय ने अहम् फैसला सुनाया है। अब 31 मार्च 2017 के बाद राष्ट्रीय व प्रांतकीय राजमार्गों के किनारे शराब की बिक्री 500 मीटर के दायरे में प्रतिबंधित रहेगी। सड़क […]

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भारत में दलित मामलों के पीछे अभारतीय गैर-दलित संगठन सक्रिय

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मनोज ज्वाला अपने देश में समय-समय पर दलितों के उत्पीडन और धर्मान्तरण के जो मामले सामने आते रहे हैं उनके पीछे विदेशी संगठनों की सक्रियता ध्यान देने योग्य है । भारत की सामाजिक संरचना को विखण्डित करने और विदेशी साम्राज्यवादी शक्तियों के हस्तक्षेप को आमंत्रित करने के लिए अनेक अभारतीय संगठन  विभिन्न रूपों में यहां […]

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