राजनीति संसदों के विशेषाधिकार ख़त्म करने का समय आ गया है!

संसदों के विशेषाधिकार ख़त्म करने का समय आ गया है!

 इक़बाल हिंदुस्तानी भ्रष्टाचार के खिलाफ़ रामलीला ग्राउंड में अपने भाषणों में नेताओं और सांसदों के बारे में की गयी अभद्र टिप्पणियों को लेकर फिल्म कलाकार…

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विविधा धोखेबाज हैं स्वामी अग्निवेश

धोखेबाज हैं स्वामी अग्निवेश

नीरज कुमार दुबे  स्वामी अग्निवेश हालांकि सामाजिक कार्यकर्ता हैं लेकिन राजनीति में उनकी दिलचस्पी बनी हुई है। खुले तौर पर वह भले इसे न स्वीकारें…

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राजनीति स्वामी अग्निवेश – एक रंगा सियार

स्वामी अग्निवेश – एक रंगा सियार

विपिन किशोर सिन्हा दिनांक २८ अगस्त, २०११ को दिन के दो बजे न्यूज२४ चैनल से स्वामी अग्निवेश और केन्द्रीय मंत्री कपिल सिब्बल से हुई बातचीत…

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विविधा अब आगे बढ़ा जाए….

अब आगे बढ़ा जाए….

नरेश भारतीय जो हुआ, अद्भुत हुआ. देश के लोगों को दिशा बोध हुआ है. १६ अगस्त २०११ को स्वतंत्रता की दूसरी लड़ाई की घोषणा करने…

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विविधा कहीं जनता के विश्वास का फिर चीरहरण तो नहीं होगा ?

कहीं जनता के विश्वास का फिर चीरहरण तो नहीं होगा ?

राजीव गुप्ता वी.डी.सी. , प्रधानी , स्कूल , ईंट का भट्टा , और राशन – तेल का कोटा भी उन्ही के पास है ! उनकी…

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आर्थिकी कॉरपोरेट्स को बैंकिंग लाइसेंस देना कितना जायज

कॉरपोरेट्स को बैंकिंग लाइसेंस देना कितना जायज

सतीश सिंह कॉरपोरेट्स घरानों को बैंकिग लाइसेंस देने का रास्ता अब साफ हो गया है। इनको लाइसेंस देने के लिए जरुरी कवायद तकरीबन छह माह…

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विधि-कानून नीम-हकीमी न्याय व्यवस्था

नीम-हकीमी न्याय व्यवस्था

भ्रष्टाचार, अत्याचार, भेदभाव, मनमानी और गैर-बराबरी की जननी नीम-हकीमी न्याय व्यवस्था विधायिका और कार्यपालिका को तो नहीं दिखती, लेकिन न्यायपालिका क्यों चुप है? जबकि अपने…

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खेल जगत रन के अरण्य में रणनीति भी नगण्य

रन के अरण्य में रणनीति भी नगण्य

जगमोहन फुटेला  शुरू में ही साफ़ कर दूं कि मैं प्रभाष नहीं हूँ. उनके आस पास भी नहीं हूँ. लेकिन क्रिकेट में जब हार होती…

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प्रवक्ता न्यूज़ ‘जागो ग्राहक जागो’ करेगा उपभोक्ताओं का संरक्षण – प्रभात झा

‘जागो ग्राहक जागो’ करेगा उपभोक्ताओं का संरक्षण – प्रभात झा

आज के इस व्यावसायिक दौर में सब कुछ सुलभता से प्राप्त हो और सामाजिक अवधारणा से सरोकार रखता हो, तो निश्चय ही यह अपने आप…

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कविता पिक्चर अभी बाकी है…..(कविता)

पिक्चर अभी बाकी है…..(कविता)

जनतंत्र की है जीत, मगर फिर भी सम्भलना । सरकार   बदल   देगी,   इसे  हार   में   वरना ।। गफलत   अगर   हुयी,  तो   पछताना   पड़ेगा ।…

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विविधा भारतीय लोकतंत्र की परिपक्वता

भारतीय लोकतंत्र की परिपक्वता

डॉ. सुरेंद्र जैन आखिरकार सरकार को झुकना पड़ा। जनता की ताकत के सामने सरकार की निरंकुश ताकत को समर्पण करना पड़ा। भारत में एक बार…

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समाज मानसिक जातियां–भाग दो

मानसिक जातियां–भाग दो

Nicholas B. Dirks की पुस्‍तक Castes of Mind पर आधारित डॉ. मधुसूदन एक : उद्देश्य कोई, अगर पूछें, कि, इस प्रस्तुति का उद्देश्य क्या है?…

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