
बलि दो नौकरी लो – सरकारी बाबा
Updated: December 8, 2011
हादसों में शिकार मासूम जिन्दगी कि मौत पर गैर जिम्मेदाराना राजनीति और खबरों के नाम पर भावनाओं के साथ मीडिया द्वारा बलात्कार करना लोकतंत्र के…
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बात की बात में से बात
Updated: December 8, 2011
पंडित सुरेश नीरव बातों की महिमा न्यारी है। बात की बात में से बात निकल आती है। असली बात पर कोई पते की बात नहीं…
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धमाके होते रहेंगे
Updated: December 9, 2011
लोकेन्द्र सिंह राजपूत मुंबई में बुधवार (१३ जुलाई २०११) को तीन जगह बम विस्फोट हुए। मुंब्रा देवी मंदिर के सामने झवेरी बाजार में। दूसरा ओपेरा…
Read moreभट्टा परसौल ही क्यूँ ?
Updated: December 9, 2011
राहुल जी यह जनता है सब जानती है, अलीगढ की चुनावी महा पंचायत को जहाँ मायावती ने फ्लाप बताया वहीँ जनता की अपनी अलग .अलग…
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क्या न्यायालय विचारधारा के अनुपालन को बाध्य कर सकता है
Updated: December 9, 2011
अरूण जेटली भारत के उच्चतम न्यायालय ने छत्तीसगढ़ राज्य द्वारा विशेष पुलिस अधिकारियों की नियुक्ति को गैर-संवैधानिक और संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 के…
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जनसंख्या विस्फोट – गरीबों के मुँह से छिनता निवाला
Updated: December 9, 2011
आर.एल.फ्रांसिस बढ़ती जनसंख्या देश की सबसे गंभीरतम समास्याओं में प्रमुख समास्या है जिस पर चिंता तो अवश्य जताई जाती है पर ठोस समाधान के लिए…
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इण्डिया की मीडिया और भारत की मीडिया
Updated: December 9, 2011
सौरभ मालवीय आज सम्पूर्ण विश्व विज्ञान की प्रगति और संचार माध्यमों के कारण ऐसे दौर में पहुंच चुका है कि मीडिया अपरिहार्य बन गई है।…
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ये खोखले वादे
Updated: December 9, 2011
(आर. सिंह जी को पढ़ने-लिखने का शौक है। यही कारण है कि अभियंता की नौकरी से अवकाश प्राप्ति के बाद भी वे रचनाकर्म में जुटे…
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भयभीत कांग्रेस और लोकपाल
Updated: December 9, 2011
सुरेन्द्र चतुर्वेदी बाबा रामदेव के हरिद्वार लौट जाने और अन्ना हजारे के दिल्ली आ जाने के बाद भ्रष्टाचार के खिलाफ जनता के संघर्ष को एक…
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शृंखलाबद्ध विस्फोटों ने खोली पुख्ता सुरक्षा प्रबंधों की पोल
Updated: December 9, 2011
नीरज कुमार दुबे आतंकवादियों की ओर से भारत की आर्थिक राजधानी मुम्बई को पुनः दहलाने में सफल होने से हमारी सुरक्षा व्यवस्था पर फिर से…
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गाय को नहीं, मुझे मार गोली
Updated: December 9, 2011
सामाजिक व राष्ट्रीय जागरण के अग्रदूत सुविख्यात उपन्यासकार प्रेमचंद उन दिनों गोरखपुर के एक विद्यालय में शिक्षक थे। उन्होंने गाय रखी हुई थी। एक दिन…
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धर्म की गुत्थियां खोलीं स्वामी विवेकानंद ने
Updated: December 9, 2011
एम. मजहर सलीम अपनी ओजपूर्ण आवाज से लोगों के दिल को छू लेने वाले स्वामी विवेकानन्द निःसंदेह विश्व-गुरु थे। उनके सुलझे हुए विचारों के उजाले…
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