लेख बलि दो नौकरी लो – सरकारी बाबा

बलि दो नौकरी लो – सरकारी बाबा

हादसों में शिकार मासूम जिन्दगी कि मौत पर गैर जिम्मेदाराना राजनीति और खबरों के नाम पर भावनाओं के साथ मीडिया द्वारा बलात्कार करना लोकतंत्र के…

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व्यंग्य बात की बात में से बात

बात की बात में से बात

पंडित सुरेश नीरव बातों की महिमा न्यारी है। बात की बात में से बात निकल आती है। असली बात पर कोई पते की बात नहीं…

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विविधा धमाके होते रहेंगे

धमाके होते रहेंगे

लोकेन्‍द्र सिंह राजपूत मुंबई में बुधवार (१३ जुलाई २०११) को तीन जगह बम विस्फोट हुए। मुंब्रा देवी मंदिर के सामने झवेरी बाजार में। दूसरा ओपेरा…

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राजनीति Default Post Thumbnail

भट्टा परसौल ही क्यूँ ?

राहुल जी यह जनता है सब जानती है, अलीगढ की चुनावी महा पंचायत को जहाँ मायावती ने फ्लाप बताया वहीँ जनता  की अपनी अलग .अलग…

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राजनीति क्या न्यायालय विचारधारा के अनुपालन को बाध्य कर सकता है

क्या न्यायालय विचारधारा के अनुपालन को बाध्य कर सकता है

अरूण जेटली भारत के उच्चतम न्यायालय ने छत्तीसगढ़ राज्य द्वारा विशेष पुलिस अधिकारियों की नियुक्ति को गैर-संवैधानिक और संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 के…

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विविधा जनसंख्या विस्फोट – गरीबों के मुँह से छिनता निवाला

जनसंख्या विस्फोट – गरीबों के मुँह से छिनता निवाला

आर.एल.फ्रांसिस बढ़ती जनसंख्या देश की सबसे गंभीरतम समास्याओं में प्रमुख समास्या है जिस पर चिंता तो अवश्‍य जताई जाती है पर ठोस समाधान के लिए…

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मीडिया इण्डिया की मीडिया और भारत की मीडिया

इण्डिया की मीडिया और भारत की मीडिया

सौरभ मालवीय आज सम्पूर्ण विश्व विज्ञान की प्रगति और संचार माध्यमों के कारण ऐसे दौर में पहुंच चुका है कि मीडिया अपरिहार्य बन गई है।…

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विविधा ये खोखले वादे

ये खोखले वादे

(आर. सिंह जी को पढ़ने-लिखने का शौक है। यही कारण है कि अभियंता की नौकरी से अवका‍श प्राप्ति के बाद भी वे रचनाकर्म में जुटे…

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विविधा भयभीत कांग्रेस और लोकपाल

भयभीत कांग्रेस और लोकपाल

 सुरेन्द्र चतुर्वेदी बाबा रामदेव के हरिद्वार लौट जाने और अन्ना हजारे के दिल्ली आ जाने के बाद भ्रष्टाचार के खिलाफ जनता के संघर्ष को एक…

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विविधा शृंखलाबद्ध विस्फोटों ने खोली पुख्ता सुरक्षा प्रबंधों की पोल

शृंखलाबद्ध विस्फोटों ने खोली पुख्ता सुरक्षा प्रबंधों की पोल

 नीरज कुमार दुबे आतंकवादियों की ओर से भारत की आर्थिक राजधानी मुम्बई को पुनः दहलाने में सफल होने से हमारी सुरक्षा व्यवस्था पर फिर से…

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धर्म-अध्यात्म गाय को नहीं, मुझे मार गोली

गाय को नहीं, मुझे मार गोली

सामाजिक व राष्ट्रीय जागरण के अग्रदूत सुविख्यात उपन्यासकार प्रेमचंद उन दिनों गोरखपुर के एक विद्यालय में शिक्षक थे। उन्होंने गाय रखी हुई थी। एक दिन…

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धर्म-अध्यात्म धर्म की गुत्थियां खोलीं स्वामी विवेकानंद ने

धर्म की गुत्थियां खोलीं स्वामी विवेकानंद ने

एम. मजहर सलीम अपनी ओजपूर्ण आवाज से लोगों के दिल को छू लेने वाले स्वामी विवेकानन्द निःसंदेह विश्व-गुरु थे। उनके सुलझे हुए विचारों के उजाले…

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