विविधा भारत में जैव आयुर्विज्ञान अनुसंधान के सौ साल

भारत में जैव आयुर्विज्ञान अनुसंधान के सौ साल

देवेन्द्र उपाध्‍याय भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की स्थापना सन् 1911 में इंडियन रिसर्च फंड एसोसिएशन (आईसीएमआर) के रूप में की गयी थी, जिसे देश…

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आर्थिकी राष्‍ट्रीय विनिर्माण एवं निवेश क्षेत्र-रोजगार सृजन और भारत को विनिर्माण हब बनाना

राष्‍ट्रीय विनिर्माण एवं निवेश क्षेत्र-रोजगार सृजन और भारत को विनिर्माण हब बनाना

समीर पुष्‍प भारत इस समय विश्‍व की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्‍यवस्‍थाओं में शामिल है। उसका लक्ष्‍य प्रति वर्ष स्‍थायी रूप से 9-10 प्रतिशत…

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राजनीति वामपंथियों की उल्टी दुनिया

वामपंथियों की उल्टी दुनिया

विजय कुमार अयोध्या प्रकरण पर सत्य के पक्ष में निर्णय आने पर कुछ दिन चुप रहकर अपनी आदत से मजबूर वामपंथी फिर वही उल्टा बाबरी…

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विविधा राजधर्म से बड़ा है बौद्धिकधर्म

राजधर्म से बड़ा है बौद्धिकधर्म

जगदीश्‍वर चतुर्वेदी बुद्धिजीवी सत्य भक्त होता है। राष्ट्र,राष्ट्रीयता, दल,विचारधारा आदि का भक्त नहीं होता। सत्य के प्रति आग्रह उसे ज्यादा से ज्यादा मानवीय और संवेदनशील…

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प्रवक्ता न्यूज़ लोकजीवन, बाजार और मीडिया

लोकजीवन, बाजार और मीडिया

‘लोक’ मीडिया के लिए एक डाउन मार्केट चीज – संजय द्विवेदी ‘लोक’ मीडिया के लिए एक डाउन मार्केट चीज है। ‘लोक’ का बिंब जब हमारी…

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राजनीति खो गई लालू की लालिमा!

खो गई लालू की लालिमा!

श्रीराजेश बिहार और लालू. एक समय में दोनों एक दूसरे के पर्याय माने जाते थे. प्रदेश की राजनीति में बादशाहत कायम करने वाले मसखरे-से भदेस…

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कविता कविता/ “मगंल पाण्डेय”

कविता/ “मगंल पाण्डेय”

जो मरा नहीं अमर है, किताबों में उसका घर है, उसके लिये हमारी आखें नम हैं। जो करा काम कल, शुक्रिया भी कहना कम हैं।…

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राजनीति २-जी स्‍पेक्‍ट्रम घोटाला और भारत संचार निगम लिमिटेड की फ़ज़ीहत

२-जी स्‍पेक्‍ट्रम घोटाला और भारत संचार निगम लिमिटेड की फ़ज़ीहत

श्रीराम तिवारी संसद के शीत कालीन सत्र (२०१०) का सुचारू रूप से या कामकाजी दृष्टि से नहीं चल पाना तो निस्संदेह देश के लिए अशुभ…

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विविधा व्यंग्य/महंगाई डायन के नाम एक खुला खत

व्यंग्य/महंगाई डायन के नाम एक खुला खत

गिरीश पंकज जन-जन जिसके नाम से खौफ खाता है। जिसका नाम सुनते ही भयंकर ठंडी में भी पसीना आ जाता है, ऐसी हे महंगाई डायन,…

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विविधा महंगाई की सुनामी में फंसा देश

महंगाई की सुनामी में फंसा देश

सतीश सिंह पिछले साल के 25 दिसम्बर को मंहगाई साल के उच्चतम स्तर 18.32 फीसदी तक पहुँच गई थी। ‘करैला और नीमचढ़ा’ वाले कहावत को…

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विविधा आकाश का दुलार

आकाश का दुलार

-चैतन्य प्रकाश शिखर और सागर दोनों मनुष्य को आनंदित करते हैं मनुष्य की लगभग सारी यात्राएं शिखरों और सागरों की ओर उन्मुख रही हैं। मानवी…

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राजनीति भारत के अनुकूल हो व्यवस्था

भारत के अनुकूल हो व्यवस्था

(क्या भारत में संसदीय लोकतंत्र असफल सिद्ध हो रहा है- परिचर्चा के संदर्भ में) -के. एन. गोविंदाचार्य भारत में संसदीय प्रजातंत्र असफल है या नहीं,…

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