धर्म-अध्यात्म सोमयाग : महत्त्व एवं प्राचीनता

सोमयाग : महत्त्व एवं प्राचीनता

सूर्यकांत बाली सतयुग के भारतीयों का, चाहे वे आम लोग रहे हों या फिर राज परिवारों के लोग रहे हों, सोमयाग एक बहुत ही प्रिय…

Read more
धर्म-अध्यात्म मां नर्मदा सामाजिक कुंभ

मां नर्मदा सामाजिक कुंभ

गंगा, यमुना, सरस्वती, नर्मदा क्षिप्रा, गोदावरी, कावेरी जैसी पवित्र नदियों के किनारे ही सम्पूर्ण विश्व को अपने ज्ञान से आलोकित करने वाली सनातन संस्कृति ने…

Read more
राजनीति चूँकि भारत विभाजित है इसलिए ‘इंडिया इज़ शाइनिंग…’

चूँकि भारत विभाजित है इसलिए ‘इंडिया इज़ शाइनिंग…’

श्रीराम तिवारी आम तौर पर भारत को हिंदी में भारत और अंग्रेजी में इंडिया कहते हैं; जहाँ तक लिखने का सवाल है, तो अंग्रेजी में…

Read more
सिनेमा समान्तर सिनेमा के प्रभाव की तरह का एक नाटक ‘लाल देद’

समान्तर सिनेमा के प्रभाव की तरह का एक नाटक ‘लाल देद’

प्रमोद कुमार बर्णवाल समान्तर सिनेमा की एक उल्लेखनीय विशेषता चीजों, घटनाओं, स्थितियों, परिस्थितियों, अवस्था और दशा को ठीक उसी तरह से प्रकट करना रहा है…

Read more
विविधा पराजित विजेता, विजयी विजित

पराजित विजेता, विजयी विजित

-नरसिंह जोशी पानीपत रण संग्राम के 250वें वार्षिक स्मृति दिन 14 जनवरी 2011 पर विशेष भारत के इतिहास में एक महत्वपूर्ण लड़ाई जिसे टर्निंग प्वाईंट…

Read more
विविधा क्या टूट रहा है राहुल गांधी की लोकप्रियता का जादू

क्या टूट रहा है राहुल गांधी की लोकप्रियता का जादू

प्रदीप चन्द्र पाण्डेय क्या राहुल गांधी की लोकप्रियता का जादू टूट रहा है। कम से कम उत्तर प्रदेश के दो दिवसीय उनके दौरे से तो…

Read more
विविधा महंगाई की मार

महंगाई की मार

अनिल त्यागी महंगाई का शोर चीख पुकार में बदलने को है, पता नहीं किस दिन जनता मंहगाई के भूत से लड़ने के लिये अराजकता का…

Read more
राजनीति सियासत और सेक्स की कॉकटेल-कथा : 4

सियासत और सेक्स की कॉकटेल-कथा : 4

सीडी, जिसने सनसनी मचा दी… – चण्डीदत्त शुक्ल साल-2006 : उत्तर प्रदेश के एक पूर्वमंत्री का घर। बैकड्रॉप में मंत्रीजी के शपथग्रहण समारोह का चित्र…

Read more
विविधा पराई बुद्धि से स्वकार्य संपन्न नहीं होते

पराई बुद्धि से स्वकार्य संपन्न नहीं होते

कुसुमलता केडिया कोई भी समाज तब तक स्वस्थ, सबल, स्वाधीन एवं प्रतिष्ठा संपन्न नहीं हो सकता जब तक उसकी सामूहिक बुध्दि जाग्रत एवं प्रदीप्त न…

Read more
विविधा ये उदारता कहीं ले न डूबे

ये उदारता कहीं ले न डूबे

विमल कुमार सिंह निश्चित रूप से भारत सनातनी परंपरा का देश है और ‘अतिथि देवो भव’ का संस्कार हमारी रगों में समाया है। पिछली सहस्राब्दियों…

Read more
खेत-खलिहान किसान बुद्ध का आह्नान!

किसान बुद्ध का आह्नान!

चैतन्य प्रकाश विराट सूना आकाश क्रीड़ांगन बन गया है। काले मेघों की चपल किल्लोल जारी है। जलभरे बादलों से पटा आकाश मनुष्यता के सौभाग्य का…

Read more
धर्म-अध्यात्म वैज्ञानिकों में‌ भी फ़न्डामैन्टलिज़म

वैज्ञानिकों में‌ भी फ़न्डामैन्टलिज़म

विश्व मोहन तिवारी मैं डा. सुबोध मोहन्ति का साक्षात्कार ले रहा था। मुझे उनके उत्तरों में सुविचारित परिपक्वता प्रसन्न कर रही थी। अत: मैं अनेक…

Read more