राजनीति केंद्रीय नेतृत्व को ठेंगा दिखाता प्रदेश नेतृत्व

केंद्रीय नेतृत्व को ठेंगा दिखाता प्रदेश नेतृत्व

गोविन्द भाई चौधरी भारत को आजाद हुए पूरे 64 वर्ष हो चुके हैंऔर इस 64 वर्षों के लंबे अंतराल में हमारी प्रजातांत्रिक व्यवस्था इतनी मजबूत…

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पर्यावरण तापमान नियंत्रण की नई सोच

तापमान नियंत्रण की नई सोच

मनोज श्रीवास्तव ”मौन” पृथ्वी के तापमान में वृध्दि मानव जाति के लिए चिन्ता का सबब बनी हुई है। दुनिया भर के ताकतवर देशें के कद्दावार…

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प्रवक्ता न्यूज़ दुराग्रहों की प्रकृति में एक और मोड़!

दुराग्रहों की प्रकृति में एक और मोड़!

हरिकृष्ण निगम ‘राजनीतिक पत्रकारिता’ पर हाल में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल की शोध-परियोजना के अंतर्गत श्री राकेश सिंहा के एक प्रकाशित…

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विश्ववार्ता म्यांमार में चुनाव का छलावा

म्यांमार में चुनाव का छलावा

डॉ. बचन सिंह सिकरवार पड़ोसी देश म्यांमार में कोई दो दशक बाद हाल में हुए तथाकथित संसदीय आम चुनाव के वैसे ही नतीजे अब गए…

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विविधा खुलेआम भ्रष्टाचार… मौन तोड़ो!

खुलेआम भ्रष्टाचार… मौन तोड़ो!

-सुनील अम्बेकर एक बालक ने बड़ी उत्सुकता से किसी से पूछा- ‘यह 2जी क्या होता है?’ उसने भी सारी तकनीकी जानकारी तथा इससे होने वाले…

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राजनीति यह परिवर्तन की आहट है

यह परिवर्तन की आहट है

-आशुतोष राष्ट्रमण्डल खेलों में हुए घोटाले पर उंगलियां तो पहले ही उठने लगी थीं, खेल समाप्त होते-होते तो लोगों ने उन्हें भ्रष्टमण्डल खेल कहना शुरू…

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विविधा कब तक सहता रहेगा भारत अपनी अस्मिता पर होते ये वार?

कब तक सहता रहेगा भारत अपनी अस्मिता पर होते ये वार?

-नरेश भारतीय वाराणसी के शीतला घाट पर ७ दिसम्बर २०१० को आरती के समय हुए आतंकवादी हमले के समाचार ने पुनरपि इस तथ्य को उजागर…

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सार्थक पहल अज़ीम प्रेमजी का सच्चा राष्ट्रवाद

अज़ीम प्रेमजी का सच्चा राष्ट्रवाद

-तनवीर जाफ़री विगत् कुछ महीनों से भारतीय मीडिया में रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचार तथा घोटालों की ख़बरें प्रमुखता से छाई देखी गई। इन घोटालों में कई शीर्ष…

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विविधा व्यवसाय बन चुकी शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने की कवायद

व्यवसाय बन चुकी शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने की कवायद

-लिमटी खरे पालकों और विद्यार्थियों को आकर्षित करने की गरज से निजी शालाओं के संचालकों की यही तमन्ना होती है कि वे किसी भी तरह…

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प्रवक्ता न्यूज़ पत्रकारिता: अन्धेरे समय में उजाले की उम्मीद

पत्रकारिता: अन्धेरे समय में उजाले की उम्मीद

-प्रदीप चन्द्र पाण्डेय पत्रकारिता के लिये यह चिन्तन, चिन्तित, विचलित और चकित होने का समय है जब पूर्वजों की मान्यतायें भर-भराकर गिर रही है और…

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सार्थक पहल मोहम्मद इज़हारूल हक़ : शिक्षा की रौशनी फैलाता एक नेत्रहीन

मोहम्मद इज़हारूल हक़ : शिक्षा की रौशनी फैलाता एक नेत्रहीन

-ए एन शिबली यदि किसी व्यक्ति में शारीरिक कमी होती है तो वह इसे बहाना बना कर काम करना छोड़ देता है और दूसरों पर…

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विविधा बना रहे बनारस

बना रहे बनारस

-आवेश तिवारी कहते हैं बनारस कभी सोता नहीं, बनारस आज भी नहीं सोयेगा। शीतला घाट पर जिस जगह अब से कुछ घटने पहलों माँ गंगा…

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