
सही नब्ज़ पकड़ी डॉ. ने…..
Updated: December 22, 2011
बिलकुल आपका काम हो गया डॉ. रमन – पंकज झा सामान्यतया नेताओं के बयान या साक्षात्कार आदि इस तरह के नहीं होते कि पढ़ कर…
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मजबूत लोकतंत्र के लिए छात्र संघ जरूरी
Updated: April 9, 2014
-संजीव कुमार सिन्हा इन दिनों देश के कई विश्वविद्यालयों में छात्र संघ के चुनाव हो रहे हैं। लेकिन अभी भी अधिकांश विश्वविद्यालयों में छात्र संघ…
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यौन उत्पीड़न का मकड़जाल
Updated: December 22, 2011
-सतीश सिंह जब रक्षक ही अपने महिला सहकर्मियों का यौन शोषण करें तो आम महिला की हालत क्या होगी इसका आप सहज अंदाजा लगा सकते…
Read moreयथार्थ, वास्तव और सत्य के फर्क
Updated: December 22, 2011
– हृदयनारायण दीक्षित सच क्या है? सत्य का सत्य आधुनिक विज्ञान की बड़ी चुनौती है। पंथिक पुस्तकों के अनेक तथ्य विज्ञान की खोजों में सत्य…
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भारत में रेडियो के बढ़ते कदम
Updated: December 22, 2011
– अशोक बजाज जन संपर्क के माध्यम से रेडियो का मत्वपूर्ण स्थान है। अतः प्रसारण दिवस मनाने का प्रचलन जोरों पर है। देश के लिए…
Read moreयुद्धिष्ठिर का न्याय
Updated: December 22, 2011
– विजय कुमार एक बार राजा युद्धिष्ठिर के पास एक किसान का मामला आया। उसके खेत में चोरी करते हुए चार लोग पकड़े गये थे।…
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क्यों बने आक्रांता का मकबरा?
Updated: December 22, 2011
बाबर कोई मसीहा नहीं अत्याचारी, अनाचारी, आक्रमणकारी और इस देश के निवासियों का हत्यारा है -लोकेन्द्र सिंह राजपूत सितम्बर में अयोध्या (अयुध्या, जहां कभी युद्ध…
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अब न जागे तो बहुत देर हो जाएगी ….. !
Updated: December 22, 2011
हर हाल में स्थापित होगी ‘ रामलला प्रतिमा ‘ -डॉ0 नवीन आनंद श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर निर्माण का जन आन्दोलन एक बार फिर प्रचण्ड वेग से…
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कोटि हिन्दु जन का ज्वार, मंदिर के लिए सब तैयार ……
Updated: December 22, 2011
-डॉ0 नवीन जोशी क्या सूरज को सूरज होने का प्रमाण देना पड़ता है या चाँद को अपनी चांदनी साबित करना पड़ती है, मगर ये भारतीय…
Read moreजब तक ’अंग्रेजी’ राज रहेगा, स्वतंत्र भारत सपना रहेगा
Updated: December 22, 2011
– विश्वमोहन तिवारी (पूर्व एयर वाइस मार्शल) 1947 तक हमारा हृदय परतंत्र नहीं था, बाहर से हम परतंत्र अवश्य थे। 1947 के बाद हम बाहर…
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भगवा आतंक का नया शिगूफा
Updated: December 22, 2011
-विजय कुमार भारत में स्वाधीनता के बाद भी अंग्रेजी कानून और मानसिकता जारी है। इसीलिए इस्लामी, ईसाई और वामपंथी आतंकवाद के सामने ‘भगवा आतंक’ का…
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हाय गाय, अब तुम फिर कटोगी…? / गिरीश पंकज
Updated: June 6, 2012
दिल्ली में राष्ट्रमंडल खेल होने जा रहे है. खेल के पहले भ्रष्टाचार के तरह-तरह के जो महान खेल हो रहे है, उनसे पूरा देश परिचित…
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