धर्म परिवर्तन को न्यौता देती यह दरकती संवेदनाएं
Updated: December 23, 2011
-निर्मल रानी भारत रत्न मदर टेरेसा द्वारा अनाश्रित लोगों के आश्रय हेतु चलाए जाने वाली चेरिटेबल मदर्स होम संभवत: देश की ऐसी सबसे बड़ी धर्मार्थ…
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फतवों को दरकिनार करता मुस्लिम युवा
Updated: December 23, 2011
-सलीम अख्तर सिद्दीकी इस्लाम में फतवे की बहुत मान्यता है। फतवा मुफ्ती से तब मांगा जाता है, जब कोई ऐसा मसला आ जाए जिसका हल…
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हमारे छात्रावास : भारत-विकास की सशक्त कड़ी
Updated: December 23, 2011
-डॉ0 प्रवीण तोगड़िया भारत की जनसंख्या में युवा कितने, बच्चे कितने, महिलाएँ कितनी, वृद्ध कितने, हिन्दू, कितने, अहिन्दू कितने, जाति कितनी और कौन सी आदि…
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सामाजिक समरसता के दूत रामफल सिंहजी नहीं रहे
Updated: December 23, 2011
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक एवं विश्व हिन्दू परिषद के केन्द्रीय मंत्री व सामाजिक समरसता आन्दोलन के प्रमुख कर्ता श्री रामफल सिंह (रामजी भाई)…
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जल संरक्षण महाभियान पर विशेष
Updated: December 23, 2011
“जल जो न होता तो ये जग जाता जल” – अशोक बजाज चांदी सा चमकता ये नदिया का पानी , पानी की हर बूंद देती…
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महाश्वेता, मेधा, अरुंधती और अंधकारमय भारत का भविष्य
Updated: December 23, 2011
-पंकज झा सवाल तो यह है कि अगर टुच्चे लुटेरों के लिए भारतीय दंड संहिता के पन्ने काम आये तो अरुंधती के लिए गाँधी वांग्मय…
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रामचरितमानस की काव्यभाषा में रस का विवेचन
Updated: December 23, 2011
-वंदना शर्मा कविता भाषा की एक विधा है और यह एक विशिष्ट संरचना अर्थात् शब्दार्थ का विशिष्ट प्रयोग है। यह (काव्यभाषा) सर्जनात्मक एक सार्थक व्यवस्था…
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अरुंधति राय का बौद्धिक विलाप और नक्सली हिंसा
Updated: December 23, 2011
-डॉ.शाहिद अली सुप्रसिद्ध लेखिका और बुकर सम्मान से अलंकृत अरुंधति राय पिछले कुछ दिनों से लगातार मीडिया की सुर्खियां बन रही हैं। इससे पहले अरुंधति…
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25 साल के आंसूओं की कीमत 25 हजार
Updated: December 23, 2011
-केशव आचार्य जिंदगी देने वाले, मरता छोड़ गये, अपनापन जताने वाले तन्हा छोड़ गये, जब पड़ी जरूरत हमें अपने हमसफर की, वो जो साथ चलने…
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वामपंथियों के दुर्ग पर ममता का झंडा
Updated: December 23, 2011
-संजय द्विवेदी वामपंथियों का अभेद्य गढ़ कहा जाना वाला पश्चिम बंगाल एक अलग ही करवट ले रहा है। लोकसभा फिर पंचायत और अब नगर निकायों…
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आखिर इजरायिली हमले पर इतनी हाय तौबा क्यों?
Updated: December 23, 2011
-सूबेदार सिंह आखिर इजरायिली हमले पर इतनी हाय तौबा क्यों? क्योंकि जिस देश को अपनी जमीं, भाषा व स्वतंत्रता हजारों वर्षों क़े संघर्ष क़े बाद…
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हिंदुस्तानी से बढ़कर कुछ और भी हैं हम
Updated: December 23, 2011
-राखी रघुवंशी जनगणना का मामला गंभीर होता जा रहा है। सबसे पहले यह मुद्दा उठा कि जातिवार जनगणना की जाए, ताकि मालूम पड़े कि भारत…
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