कविता ए. आर. अल्वी की कविता: गांधी की आवाज़

ए. आर. अल्वी की कविता: गांधी की आवाज़

फिर किसी आवाज़ ने इस बार पुकारा मुझको खौफ़ और दर्द ने क्‍योंकर यूं  झिंझोड़ा मुझको मैं तो सोया हुआ था ख़ाक के उस बिस्‍तर…

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राजनीति पहली बार किसी सूबे में महिलाओं को शक्तिशाली बनाने का हुआ है प्रयास

पहली बार किसी सूबे में महिलाओं को शक्तिशाली बनाने का हुआ है प्रयास

देश को आजाद हुए छ: दशक (बासठ साल) से अधिक का समय हो चुका है। सरकार भी बासठ साल में अपने कर्मचारी को सेवानिवृत कर…

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विविधा भारत में भ्रष्टाचार की समस्या एवं निदान

भारत में भ्रष्टाचार की समस्या एवं निदान

भारत में वैसे तो अनेक समस्याएं विद्यमान हैं जिसके कारण देश की प्रगति धीमी है। उनमें प्रमुख है बेरोजगारी, गरीबी, अशिक्षा, आदि लेकिन उन सबमें…

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विविधा अफ्रीकन स्‍टडीज के विभागाध्‍यक्ष पर शोधार्थी के शैक्षिक कैरियर से खिलवाड करने का आरोप

अफ्रीकन स्‍टडीज के विभागाध्‍यक्ष पर शोधार्थी के शैक्षिक कैरियर से खिलवाड करने का आरोप

दिल्‍ली विश्‍वविद्यालय का एक प्रतिभाशाली शोध-छात्र अपने विभागाध्‍यक्ष के अहंकार का शिकार हो रहा है। जी हां, यह घटना दिल्‍ली विश्‍वविद्यालय के सामाजिक विज्ञान संस्‍थान…

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व्यंग्य Default Post Thumbnail

व्यंग्य/चल वसंत घर आपणे…!!!

वसंत पेड़ों की फुनगियों, पौधों की टहनियों पर से उतरा और लोगों के बीच आ धमका। सोचा, चलो लोगों से थोड़ी गप शप हो जाए।…

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खेत-खलिहान कार्बन क्रेडिट्स से अनभिज्ञ हम और हमारी सरकारी नीतियां

कार्बन क्रेडिट्स से अनभिज्ञ हम और हमारी सरकारी नीतियां

एक राष्ट्र की प्रगति में उद्योग एवं निर्माण कार्यों का बहुत बड़ा हाथ होता है और यहां उद्योग धंधे जिन प्रक्रियाओं से आगे बढ़ते हैं…

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राजनीति तीन दिन में सिमटी राष्ट्रभक्ति

तीन दिन में सिमटी राष्ट्रभक्ति

कितने जतन के बाद भारत देश में 15 अगस्त 1947 को आजादी का सूर्योदय हुआ था। देश को आजाद कराने, न जाने कितने मतवालों ने…

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राजनीति राजनीति में धर्म की उपयोगिता ?

राजनीति में धर्म की उपयोगिता ?

धर्म, मानव समाज द्वारा अपनाई जाने वाली एक अत्यंत महत्वपूर्ण विषय वस्तु का नाम है। धर्म की अलग-अलग परिभाषाएं भी हमारे पूर्वजों द्वारा गढ़ी गई…

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कविता मत आना लौट कर

मत आना लौट कर

मत आना इस धरा पर तुम लौट कर, इस विश्वास के साथ कि तुम्हारे तीनों साथी अब भी बैठे होंगे, कान आंख और मुंह बंद…

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राजनीति नक्सलवाद/ डॉ. रमन आप इतिहास के मुहाने पर खड़े हैं!

नक्सलवाद/ डॉ. रमन आप इतिहास के मुहाने पर खड़े हैं!

डॉ. सिंह, सर्वप्रथम नक्सल मामलों की विभीषिका से केन्द्रीय गृह मंत्री को अवगत करवा पाने की सफलता के लिए प्रशासन का मुखिया होने के नाते…

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विविधा झूठ को स्वीकार्य नहीं है बिहार का सच

झूठ को स्वीकार्य नहीं है बिहार का सच

श्री प्रदीप श्रीवास्तव की रपट ”झूठ की परतों में छिपा बिहार का सच” 23 जनवरी को जनसत्ता के मुख्य पृष्ठ पर प्रकाशित हुआ था। श्री…

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खेत-खलिहान नवीन हरित क्रांति की संभावनाएं एवं आवश्‍यकता

नवीन हरित क्रांति की संभावनाएं एवं आवश्‍यकता

भारत को एक कृषि प्रधान देश माना जाता है एवं काफी लंबे समय से यह कहा जाता है कि इस देश की 70 प्रतिशत आबादी…

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