कविता सागर व नदी का वार्तालाप May 10, 2018 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment भले ही तुम गहरे हो ! मेरा भी रिश्ता तुमसे गहरा है सदियों से तुम्हारे पास आ रही हूँ अपना रिश्ता तुमसे निभा रही हूँ सोचा!कितनी दूर से यहाँ आती हूँ तुम्हारी,मै प्यास बुझाती हूँ मै बस तुमसे मिलने आती हूँ मै मेरा उद्गम झरने से है तुम्हारा उद्गम मेरे से है मै ही तुमको […] Read more » गंगा गोमती चिनाव झेलम नदी भागीरथी मंदाकनी यमुना रावी सागर
राजनीति कावेरी पर राजनीतिक कालिमा क्यों? May 8, 2018 by ललित गर्ग | Leave a Comment ललित गर्ग- एक बार फिर कावेरी जल बंटवारे के मसला चर्चा में है। अदालत ने जल बंटवारे के बारे में फैसला फरवरी में ही सुना दिया था। दरअसल सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार का पक्ष रखते हुए अटॉर्नी जनरल के . के. वेणुगोपाल ने कहा कि ड्राफ्ट कैबिनेट के सामने पेश किया […] Read more » Featured अन्नपूर्णा कावेरी गंगा तमिलनाडु न्यायाधिकरण पावन ”कावेरी“
विविधा उत्सव मनायें या रुदन गायें ? June 5, 2017 by अरुण तिवारी | Leave a Comment चार जून – गंगा दशहरा 2017 अरुण तिवारी कहते हैं कि प्रधानमंत्री श्री मोदी जी जब बोलते हैं, तो उनकी बोली में संकल्प दिखाई देता है। गंगा को लेकर कहे उनके शब्दों को सामने रखें। स्वयं से सवाल पूछें कि गंगा को लेकर यह बात कितनी सत्य है ? गौर कीजिए कि मोदी जी ने […] Read more » Featured गंगा गंगा दशहरा गंगा बेसिन मिशन राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा
विविधा भूले नहीं कि एक मां गंगा भी है March 29, 2017 by अरुण तिवारी | Leave a Comment दरअसल हमने गंगा को अपनी मां नहीं, अपनी लालच की पूर्ति का साधन समझ लिया है; भोग का एक भौतिक सामान मात्र! मां को कूङादान मानकर हम मां के गर्भ में अपना मल-मूत्र-कचरा-विष सब कुछ डाल रहे हैं। अपने लालच के लिए हम मां को कैद करने से भी नहीं चूक रहे। हम उसकी गति को बांध रहे हैं। मां के सीने पर बस्तियां बसा रहे हैं। अपने लालच के लिए हम मां गंगा के गंगत्व को नष्ट करने पर उतारू हैं। हम भूल गये हैं कि एक संतान को मां से उतना ही लेने का हक है, जितना एक शिशु को अपने जीवन के लिए मां के स्तनों से दुग्धपान। Read more » Featured गंगा संवत्सर
विविधा संपूर्ण स्वतन्त्रता : सांस्कृतिक स्वतंत्रता की ओर भारतीय समाज March 27, 2017 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment क्यों नहीं हम फिर से उस स्थान पर अवस्थित हो सकते जो स्थान हमारा था । हमें पूरा अधिकार है उसे प्राप्त करने का एवं इसी में विश्व का भला है। हमने फिर से उस सांस्कृतिक विरासत को प्राप्त करना है जहाँ स्वय के धर्म, संस्कृति, भाषा साहित्य का सम्मान हो उन पर गर्व हो। जगत यह जान सके कि धर्म प्रतिष्ठा धर्म पर चल कर होती है न कि जिहाद का भय दिखा कर या सेवा के आड़ में धर्म परिवर्तन करा कर भारतीय संस्कृति की पूर्ण स्वतंत्रता के लिए प्रत्येक भारतीय कटिबद्ध है । Read more » cultural independence Featured India towards cultural independence गंगा गीता गौ भारतीय समाज संपूर्ण स्वतन्त्रता सांस्कृतिक स्वतंत्रता सांस्कृतिक स्वतंत्रता की ओर भारतीय समाज
विविधा गंगा December 16, 2015 by गंगानन्द झा | Leave a Comment गंगा की भोगौलिक उत्पत्ति मध्य-हिमालय के गंगोत्री हिमवाह(ग्लेसियर) से हुई। इस हिमवाह के पूर्व दिशा से अलकनन्दा का स्रोत आया है एवम् पश्चिम की ओर से भागीरथी का। देवप्रयाग में ये दो धाराएँ मिलित होकर गंगा नाम धारण कर लेती हैं । गोमुख जैसी गुहामुख से पिघले बर्फ की धारा के रूप में भागीरथी उतरती […] Read more » Featured गंगा
परिचर्चा हर-हर गंगे घर-घर गंगे June 13, 2015 by एम. अफसर खां सागर | 1 Comment on हर-हर गंगे घर-घर गंगे -एम. अफसर खां सागर- शिव की जटाओं से निकलने वाली मोक्षदायीनी गंगा शिव की नगरी काशी में आकर अपनी पवित्रता भले न त्यागती हो मगर उसकी चमक जरूर फीकी पड़ जाती है। मोक्ष की नगरी काशी सम्पूर्ण विश्व के लिए धर्म और आस्था का केन्द्र है बावजूद इसके मानवता के स्वार्थ और पाप को ढ़ोते […] Read more » Featured गंगा हर-हर गंगे घर-घर गंगे
महत्वपूर्ण लेख गंगा की निर्मलता का सवाल May 29, 2015 / May 29, 2015 by अरविंद जयतिलक | Leave a Comment -अरविंद जयतिलक- गंगा भारतीय संस्कृति की प्रतीक है। हजारों साल की आस्था और विश्वास की पूंजी है। देश की अमृत रेखा व मोक्षदायिनी है। शास्त्र, पुराण और उपनिषद उसकी महिमा का बखान करते हैं। पौराणिक मान्यता है कि राजा भगीरथ वर्षों की तपस्या के बाद ज्येष्ठ शुक्ल दशमी के दिन गंगा को पृथ्वी पर लाने […] Read more » Featured गंगा गंगा की निर्मलता का सवाल
विविधा गंगा की गुहार सुनें May 29, 2015 / May 29, 2015 by अरुण तिवारी | Leave a Comment -अरुण तिवारी- -…ताकि गंगा भी न मांग ले इच्छा मृत्यु- 28 मई, 2015; दिन गुरुवार, पंचाग के हिसाब से गंगा दशहरा यानी ज्येष्ठ मास, शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि! भगवान बाबा श्री काशीविश्वनाथ की कलशयात्रा का पवित्र दिन !! कभी इसी दिन बिंदुसर के तट पर राजा भगीरथ का तप सफल हुआ। पृथ्वी पर गंगा […] Read more » Featured गंगा गंगा की गुहार सुनें गंगा दशहरा
धर्म-अध्यात्म गंगा दशहरा अर्थात गंगावतरण की पौराणिक कथा May 29, 2015 / May 29, 2015 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | Leave a Comment -अशोक “प्रवृद्ध”- भारतवर्ष के पौराणिक राजवंशों में सबसे प्रसिद्ध राजवंश इक्ष्वाकु कुल है। इस कुल की अट्ठाईसवीं पीढ़ी में राजा हरिश्चन्द्र हुए, जिन्होंने सत्य की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व त्याग दिया । इसी कुल की छत्तीसवीं पीढ़ी में अयोध्या में सगर नामक महाप्रतापी , दयालु, धर्मात्मा और प्रजा हितैषी राजा हुए। गर अर्थात विष […] Read more » Featured गंगा गंगा दशहरा गंगा दशहरा अर्थात गंगावतरण की पौराणिक कथा गंगावतरण
विविधा भूले नहीं कि एक मां गंगा भी है May 11, 2015 / May 11, 2015 by अरुण तिवारी | 1 Comment on भूले नहीं कि एक मां गंगा भी है -अरुण तिवारी- लोग कहते हैं कि भारतीय संस्कृति, अप्रतिम है। किंतु क्या इसके वर्तमान को हम अप्रतिम कह सकते हैं ? मां और संतान का रिश्ता, हर पल स्नेह और सुरक्षा के साथ जिया जाने वाला रिश्ता है। क्या आज हम इस रिश्ते को हर पल स्नेह और साझी सुरक्षा के साथ जी रहे हैं […] Read more » Featured गंगा भूले नहीं कि एक मां गंगा भी है मां माता
महत्वपूर्ण लेख नमामि गंगे : हम सभी बनें भगीरथ July 28, 2014 by सुरेश हिन्दुस्थानी | Leave a Comment -सुरेश हिन्दुस्थानी- देवतुल्य भारत माता के आंगन में प्रवाहित होने वाली पतित पावनी माँ गंगा की अनुपम और शुद्ध सात्विक धारा का लाभ हम सभी के जीवन में विद्यमान रहता है। हमारे पूर्वजों की अनेक धरोहरें आज भी हमारे संस्कारों में परिलक्षित होती हैं। मां गंगा की पवित्रता पर किसी भी भारतवासी को हमेशा ही […] Read more » गंगा गंगा बचाव नमामि गंगे हम सभी बनें भगीरथ