आलोचना राजनीति शख्सियत गांधी का विकल्प किसी के पास नहीं है ! September 29, 2025 / September 29, 2025 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment सभी राजनीतिक दल जाति, धर्म, क्षेत्रीयता और भाषाई दलदल में फंसे हैं और गांधी की सेवा की राजनीति को त्यागकर सत्ता बल, धन बल और भुज बल की राजनीति को अपनाकर इस लोकतंत्र को साम, दाम, दंड, भेद से लहूलुहान कर रहे हैं। Read more » No one has an alternative to Gandhi महात्मा गांधी
लेख जब महात्मा गांधी ने सजा के दरम्यान 18 दिन हरिजन सेवा करते मध्यप्रदेश में गुजारे August 5, 2020 / August 5, 2020 by आत्माराम यादव पीव | Leave a Comment आत्माराम यादव पीव 12 मार्च 1930 को गांधीजी ने सविनय अवज्ञा आन्दोलन शुरू किया तो देश में स्वदेश प्रेम और नेतिक आदर्शवाद की भावना का ज्वार आ गया किन्तु लम्बा खिचने के कारण जनता का लगाव इससे कम होने लगा। भारत की जनता के समक्ष एक लड़ाई अस्पृश्यता के विरूद्ध धार्मिक आन्दोलन का स्वरूप दिये जाने की थी तो […] Read more » 18 दिन हरिजन सेवा When Mahatma Gandhi spent 18 days serving Harijan during his sentence in Madhya Pradesh महात्मा गांधी
राजनीति गांधी के विचारों को भी आत्मसात कीजिए December 10, 2019 / December 10, 2019 by सुरेश हिन्दुस्थानी | Leave a Comment सुरेश हिन्दुस्थानी कहा जाता है कि किसी व्यक्ति के विचार ही उसका व्यक्तित्व बनाते हैं। जैसा व्यक्ति होगा, उसका व्यक्तित्व भी वैसा ही बनेगा। समाज को प्रेरणा देने वाले विचार रखने वाले व्यक्ति लम्बे समय तक स्मरण किए जाते हैं। मोहनदास करमचंद गांधी यानी महात्मा गांधी भी भारत के ऐसे व्यक्तित्व हैं, जिन्हें हम उनकी […] Read more » गांधी नाथूराम गोडसे महात्मा गांधी महात्मा गांधी और नाथूराम गोडसे
विविधा महात्मा जी की हत्या के हालात और जांच में पक्षपात January 31, 2019 / January 31, 2019 by मनोज ज्वाला | Leave a Comment मनोज ज्वाला महात्मा गांधी की हत्या के मामले की अदालती प्रक्रिया का पटाक्षेपदशकों पूर्व किया जा चुका है । दोषियों को सजा भी दी जा चुकी है । किन्तु, उस हत्याकांड से जुडे कई ऐसे पहलुओं की तो जांच ही […] Read more » assassination of Mahatma Gandhi महात्मा गांधी
समाज देश की आजादी और शिक्षा के क्षेत्र में अहम् योगदान रहा परमपूज्य स्वामी ब्रह्मानंद जी का December 3, 2018 / December 3, 2018 by ब्रह्मानंद राजपूत | Leave a Comment ब्रह्मानंद राजपूत स्वामी ब्रह्मानंद का व्यक्तित्व महान था। उन्होंने समाज सुधार के लिए काफी कार्य किएदेश की स्वतंत्रता के लिए उन्होंने जहां स्वयं को समर्पितकर कई आंदोलनों में जेल काटी।आजादी के बाद देश की राजनीति में भी उनका भावी योगदान रहा हैस्वामी जी ने शिक्षा के क्षेत्र में बहुत ही कार्यकिए।समाज के लोगों को शिक्षा की ओर ध्यान देने का आहवान किया। स्वामी ब्रह्मानंद महाराज का जन्म 04 दिसंबर 1894 को उत्तर प्रदेश केहमीरपुर जिले की राठ तहसील के बरहरा नामक गांव में साधारण किसान परिवार में हुआ था।स्वामी ब्रह्मानंद महाराज जी के पिता का नाममातादीन लोधी तथा माता का नाम जशोदाबाई था। स्वामी ब्रह्मानंद के बचपन का नाम शिवदयाल था। स्वामी ब्रह्मानंद ने बचपन से ही समाज मेंफैले हुए अंधविश्वास और अशिक्षा जैसी कुरूतियों का डटकर विरोध किया। स्वामी ब्रह्मानंद जी की प्रारम्भिक शिक्षा हमीरपुर में ही हुई। इसकेपश्चात् स्वामी ब्रह्मानंद जी ने घर पर ही रामायण, महाभारत, गीता, उपनिषद और अन्य शास्त्रों का अध्ययन किया। इसी समय से लोग उन्हेंस्वामी ब्रह्मानंद से बुलाने लगे। कहा जाता है कि बालक शिवदयाल के बारे में संतों ने भविष्यवाणी कि थी कि यह बालक या तो राजा होगा याप्रख्यात सन्यासी। बालक शिवदयाल का रुझान आध्यात्मिकता कि तरफ ज्यादा होने के कारण पिता मातादीन लोधी को डर सताने लगा कि कहीं वेसाधु न बन जाए। इस डर से मातादीन लोधी ने स्वामी ब्रह्मानंद जी का विवाह 7 वर्ष की उम्र में हमीरपुर के ही गोपाल महतो कि पुत्री राधाबाई सेकरा दिया। आगे चलकर राधाबाई ने एक पुत्र और एक पुत्री को जन्म दिया। लेकिन स्वामी जी का चित्त अब भी आध्यात्मिकता कि तरफ था। स्वामीब्रह्मानंद जी ने 24 वर्ष की आयु में पुत्र और पत्नी का मोह त्याग गेरूए वस्त्र धारण कर परम पावन तीर्थ स्थान हरिद्वार में भागीरथी के तट पर‘‘हर कि पेड़ी’’ पर सन्यास कि दीक्षा ली। संन्यास के बाद शिवदयाल लोधी संसार में ‘‘स्वामी ब्रह्मानंद’’ के रूप में प्रख्यात हुए। संन्यास ग्रहण करनेके बाद स्वामी ब्रह्मानंद ने सम्पूर्ण भारत के तीर्थ स्थानों का भ्रमण किया। इसी बीच उनका अनेक महान साधु संतों से संपर्क हुआ। इसी बीच उन्हेंगीता रहस्य प्राप्त हुआ। पंजाब के भटिंडा में स्वामी ब्रह्मानंद जी की महात्मा गाँधी जी से भेट हुई। गाँधी जी ने उनसे मिलकर कहा कि अगर आपजैसे 100 लोग आ जायें तो स्वतंत्रता अविलम्ब प्राप्त की जा सकती है। गीता रहस्य प्राप्त कर स्वामी ब्रह्मानंद ने पंजाब में अनेक हिंदी पाठशालाएंखुलवायीं और गौबध बंदी के लिए आंदोलन चलाये। इसी बीच स्वामी जी ने अनेक सामजिक कार्य किये 1956 में स्वामी ब्रह्मानंद को अखिलभारतीय साधु संतों के अधिवेशन में आजीवन सदस्य बनाया गया और उन्हें कार्यकारिणी में भी शामिल किया गया। इस अवसर पर देश के प्रथम राष्ट्रपति स्वर्गीय डॉ. राजेंद्र प्रसाद जी सम्मिलित हुए। स्वामी जी सन् 1921 में गाँधी जी के संपर्क में आकर स्वतंत्रता आंदोलन में कूद पड़े। स्वतंत्रताआन्दोलन में भी स्वामी ब्रह्मानंद जी ने बढ चढकर हिस्सा लिया। 1928 में गाँधी जी स्वामी ब्रह्मानंद के प्रयासों से राठ पधारे। 1930 में स्वामी जीने नमक आंदोलन में हिस्सा लिया। इस बीच उन्हें दो वर्ष का कारावास हुआ। उन्हें हमीरपुर, हरदोई और कानपूर कि जेलों में रखा गया। उन्हें पुनःफिर जेल जाना पड़ा। स्वामी ब्रह्मानंद जी ने पूरे उत्तर भारत में उन्होने अग्रेजों के खिलाफ लोगों में अलख जगाई। स्वतंत्रता आन्दोलन के समयस्वामी जी का नारा था उठो! वीरो उठो!! दासता की जंजीरों को तोड फेंको। उखाड़ फेंको इस शासन को एक साथ उठो आज भारत माता बलिदानचाहती है। उन्होने कहा था की दासता के जीवन से म्रत्यु कही श्रेयस्कर है। बरेली जेल में स्वामी ब्रह्मानंद की भेट पंडित जवाहर लाल नेहरू जी से हुई। जेल से छूटकर स्वामी ब्रह्मानंद शिक्षा प्रचार में जुट गए। 1942 में स्वामी जी को पुनः भारत छोडो आंदोलन में जेल जाना पड़ा। स्वामी जी नेसम्पूर्ण बुन्देलखंड में शिक्षा की अलख जगाई आज भी उनके नाम से हमीरपुर में डिग्री कॉलेज चल रहा है। जिसकी नीव स्वामी ब्रह्मानंद जी ने 1938में ब्रह्मानंद विद्यालय के रूप में रखी। 1966 में गौहत्या निषेध आंदोलन में स्वामी ब्रह्मानंद ने 10-12 लाख लोगों के साथ संसद के सामने आंदोलनकिया। गौहत्या निषेध आंदोलन में स्वामी ब्रह्मानंद को गिरप्तार कर तिहाड़ जेल भेज दिया गया। तब स्वामी ब्रह्मानंद ने प्रण लिया कि अगली बारचुनाव लड़कर ही संसद में आएंगे। स्वामी जी 1967 से 1977 तक हमीरपुर से सांसद रहे।जेल से मुक्त होकर स्वामी जी ने हमीरपुर लोकसभा सीटसे जनसंघ से 1967 में चुनाव लड़ा और भारी मतों से जीतकर संसद भवन पहुंचे देश की संसद में स्वामी ब्रह्मानंद जी पहले वक्ता थे जिन्होनेगौवंश की रक्षा और गौवध का विरोध करते हुए संसद में करीब एक घंटे तक अपना ऐतहासिक भाषण दिया था। 1972 में स्वामी जी पूर्व प्रधानमंत्रीइंदिरा गाँधी के आग्रह पर कांग्रेस से चुनाव जीतकर संसद पहुंचे। पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी और राष्ट्रपति वीवी गिरि से स्वामी ब्रह्मानंद केकाफी निकट संबंध थे। स्वामी जी की निजी संपत्ति नहीं थीसन्यास ग्रहण करने के बाद उन्होने पैसा न छूने का प्रण लिया था और इस प्रण कापालन मरते दम तक किया। स्वामी ब्रह्मानंद अपनी पेंशन छात्रछात्राओं के हित में दान कर दिया करते थे।समाज सुधार और शिक्षा के प्रसार केलिए उन्होने अपना जीवन अर्पित कर दिया। वह कहा करते थे मेरी निजी संपत्ति नहीं है, यह तो सब जनता Read more » डॉ. राजेंद्र प्रसाद डॉ. राजेंद्र प्रसाद पंडित जवाहर लाल नेहरू महात्मा गांधी संन्यास स्वामी ब्रह्मानंद जी
राजनीति वेंकैया नायडू का हिन्दी भाषा का दर्द समझें October 25, 2018 / October 25, 2018 by ललित गर्ग | 6 Comments on वेंकैया नायडू का हिन्दी भाषा का दर्द समझें ललित गर्ग- हिन्दी की दुर्दशा आहत करने वाली है। इस दुर्दशा के लिये हिन्दी वालों का जितना हाथ है, उतना किसी अन्य का नहीं। अंग्रेजों के राज में यानी दो सौ साल में अंग्रेजी उतनी नहीं बढ़ी, जितनी पिछले सात दशकों में बढ़ी है। इस त्रासद स्थिति की पड़ताल के लिये हिन्दी वालों को अपना […] Read more » अफगानिस्तान तिब्बत नेपाल बांग्लादेश भूटान महात्मा गांधी म्यांमार राष्ट्र भाषा वैंकय्या नायडू का हिन्दी भाषा का दर्द समझें
राजनीति नए नजरिए से गांधी October 2, 2018 by अरविंद जयतिलक | Leave a Comment अरविंद जयतिलक आधुनिक भारतीय चिंतन प्रवाह में गांधी के विचार सार्वकालिक हैं। वे भारतीय उदात्त सामाजिक-सांस्कृतिक विरासत के अग्रदूत भी हैं और सहिष्णुता, उदारता और तेजस्विता के प्रमाणिक तथ्य भी। सत्यशोधक संत भी और शाश्वत सत्य के यथार्थ समाज वैज्ञानिक भी। राजनीति, साहित्य, संस्कृति, धर्म, दर्शन, विज्ञान और कला के अद्भूत मनीषी और मानववादी विश्व […] Read more » अपरिग्रह अभय अस्तेय अहिंसा आस्वाद ब्रहमचर्य महात्मा गांधी शरीर श्रम सत्य सर्वधर्म समानता स्वदेशी
राजनीति लोकतंत्र में विरोध का अधिकार September 18, 2018 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment बिपिन कुमार सिन्हा इस समय विरोध के अधिकार पर बहस जारी है, जिसे पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट के जज डी.वाई. चन्द्रचूड़ की इस टिप्पणी ने और हवा दी है कि लोकतन्त्र में विरोध सेफ़्टी वाल्व का काम करता है। अगर उसे इस्तेमाल नहीं करने दिया गया तो कूकर फट जाएगा। यह टिप्पणी हाल ही के […] Read more » अमेरिका कम्युनिस्ट पार्टी नक्सलवादियों महात्मा गांधी सुप्रीम कोर्ट
राजनीति भाजपा रोके चुनावी भ्रष्टाचार August 30, 2018 by डॉ. वेदप्रताप वैदिक | Leave a Comment डॉ. वेदप्रताप वैदिक भारत की लोकसभा और विधानसभाओं के लिए नियमित चुनाव होते हैं, यह भारतीय लोकतंत्र की बड़ी उपलब्धि है लेकिन इनमें जो अनाप-शनाप खर्च होता है, वह ही भ्रष्टाचार की असली जड़ है। चुनाव लड़ने के नाम पर नेता लोग बेशुमार पैसा जुटाते हैं। इतना जुटा लेते हैं कि यदि वे चुनाव हार […] Read more » Featured इंदिरा गांधी भाजपा भाजपा रोके चुनावी भ्रष्टाचार भ्रष्टाचार महात्मा गांधी वट-वृक्ष विदेशी कंपनियों
राजनीति विवादित बयान इत्तेफाक या साज़िश July 16, 2018 / July 16, 2018 by डॉ नीलम महेन्द्रा | Leave a Comment डाँ नीलम महेंद्र वैसे तो शशि थरूर और विवादों का नाता कोई नया नहीं है। अपने आचरण और बयानों से वे विवादों को लगातार आमन्त्रित करते आएँ हैं। चाहे जुलाई 2009 में भारत पाक के तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और युसुफ रजा गिलानी के बीच हुई बातचीत के बाद जारी संयुक्त वक्तव्य को बस कागज का एक टुकड़ा जिसका कोई खास […] Read more » Featured जवाहर लाल नेहरू प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह महात्मा गांधी मौलाना अब्दुल कलाम आज़ाद युसुफ रजा गिलानी विवादित बयान इत्तेफाक या साज़िश शशि थरूर
राजनीति बीजेपी ने 2019 के आम चुनाव का बिगुल बजाया मोदी की कांग्रेस-सपा-बसपा को खरी-खरी June 28, 2018 / June 29, 2018 by संजय सक्सेना | 1 Comment on बीजेपी ने 2019 के आम चुनाव का बिगुल बजाया मोदी की कांग्रेस-सपा-बसपा को खरी-खरी संजय सक्सेना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘नरक का दरवाजा’ कहे जाने वाले मगहर (जिला संतकबीरनगर) से 2019 के लोकसभा चुनाव के लिये बिगुल फूंक दिया है. जनसभा के दौरान मोदी पूरी तरह से चुनावी मूड में दिखे.यहां उन्होंने क्या कहा और इसके क्या राजनैतिक निहितार्थ निकाले जायें,यह जानने-समझने से पूर्व यह जान लेना जरूरी है […] Read more » Featured आपातकाल पीएम नरेंद्र मोदी बलिया बस्ती बाबा साहेब मऊ महराजगंज महात्मा गांधी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ. संत कबीर समाजवाद और बहुजन
राजनीति सांस्कृतिक मंच की भाषा June 9, 2018 / June 9, 2018 by डा. रवीन्द्र अग्निहोत्री | Leave a Comment डा. रवीन्द्र अग्निहोत्री हाल ही में देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी नागपुर आए जहाँ सांस्कृतिक संगठन कहे जाने वाले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एक कार्यक्रम में उन्होंने अपना लिखित भाषण पढ़ा । वैसे जब वे सक्रिय राजनीति में थे, तब आशु भाषण देते थे, लिखित भाषण नहीं पढ़ते थे । हो सकता है कि […] Read more » Featured गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर नागपुर पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी महात्मा गांधी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सांस्कृतिक मंच की भाषा सांस्कृतिक संगठन