कविता राजनीति व्यंग्य साहित्य ‘इण्डियन भारत’ के ‘महाभारत’ का दुर्योद्धन-प्रसंग May 18, 2019 / May 18, 2019 by मनोज ज्वाला | 1 Comment on ‘इण्डियन भारत’ के ‘महाभारत’ का दुर्योद्धन-प्रसंग मनोज ज्वाला ‘इण्डिया दैट इज भारत’ के संविधान से संचालित भारतीय लोकतंत्र के महापर्व का १७वां आयोजन जारी है । वर्षों तक सत्ता-सुख भोगता रहा विपक्ष पांच वर्ष पहले १६वें पर्व के दौरान सत्ता गंवा चुके होने के बाद अब इस बार उसे किसी भी तरह हासिल कर लेने के बावत आसमान सिर पर उठा […] Read more » ‘इण्डियन भारत’ poem poetry sattire poem sattire poetry दुर्योद्धन-प्रसंग महाभारत
धर्म-अध्यात्म “दूसरों की उन्नति में ही हमारी व देश समाज की उन्नति सम्भव है” December 3, 2018 by अभिलेख यादव | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, परमात्मा ने यह संसार जीवात्माओं के कर्म फल भोग और अपवर्ग अर्थात् मोक्ष प्राप्ति के लिये बनाया है। मनुष्य तथा सभी पशु-पक्षी आदि योनियों में सबका आत्मा एक जैसा है। सबको समान रूप से सुख व दुःख की अनुभूति होती है। सब जीवात्मायें अपने पूर्व जन्मों के कर्मानुसार भिन्न-भिन्न योनियों को प्राप्त […] Read more » अवतारवाद उपनिषद फलित ज्योतिष मनुस्मृति महाभारत मूर्तिपूजा मृतक श्राद्ध रामायण वेदानुकूल दर्शन
समाज अपने मौलिक नाम से जाने जाना गौरव का विषय है विवाद का नहीं October 20, 2018 / October 20, 2018 by डॉ नीलम महेन्द्रा | Leave a Comment डॉ. नीलम महेंद्रा बरसों पहले अंग्रेजी के मशहूर लेखक शेक्सपियर ने कहा था, व्हाट इस इन द नेम? यानी नाम में क्या रखा है? अगर गुलाब का नाम गुलाब न होकर कुछ और होता, तो क्या उसकी खूबसूरती और सुगंध कुछ और होती? आज एक बार फिर यह प्रश्न प्रासंगिक हो गया है कि क्या नाम महत्वपूर्ण होते हैं? लेकिन इस पूरे […] Read more » उमापति नीलकंठ मत्स्यपुराण शम्भू अकबर इलाहाबाद ऋग्वेद प्रयागराज महाभारत रामायण शंकर
धर्म-अध्यात्म ‘श्री कृष्ण द्वारा रणभूमि में अर्जुन को दिये उपदेशों के यथार्थ विषय’ August 30, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, महाभारत युद्ध से पूर्व अर्जुन को युद्ध के विषय में भ्रम व विषाद हो गया था। उन्होंने श्री कृष्ण को रथ को रण भूमि में दोनों सेनाओं के मध्य में ले जाने और अपने शत्रुओं को देखने की इच्छा व्यक्त की थी। वहां अपने मित्र व शत्रुओं को देखकर व युद्ध के […] Read more » Featured अर्जुन ऋषि वेदव्यास महाभारत श्री कृष्ण स्त्रियों स्वामी विद्यानन्द सरस्वती
धर्म-अध्यात्म “चलो, स्वाध्याय करें” July 30, 2018 / July 30, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, हमारा जहां तक ज्ञान है उसके अनुसार संसार में केवल वैदिक मत ही एकमात्र ऐसा धर्म वा मत है जहां प्रत्येक मनुष्य को वेद आदि सद्ग्रन्थों के स्वाध्याय को नित्य कर्तव्य कर्मों से जोड़ा गया है। वैदिक काल में प्रमुख ग्रन्थ ‘चार वेद’ थे और आज भी संसार के साहित्य में चार […] Read more » Featured अनेक वैदिक अपूर्व ग्रन्थों सत्यार्थप्रकाश आर्याभिविनय उपनिषद ऋग्वेदादिभाष्य ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका ऋषि दयानन्द चलो दर्शन भाष्यकार मनुस्मृति महाभारत रामायण वेदभाष्य सत्यार्थप्रकाश संस्कारविधि स्वाध्याय करें”
राजनीति मध्यावधि उपचुनाव June 5, 2018 / June 5, 2018 by विजय कुमार | Leave a Comment विजय कुमार, विरोधी पक्ष के बड़े-बड़े लोग सिर जोड़कर बैठे थे। विषय वही था 2019 का चुनाव। महाभारत की घोषणा भले ही न हुई हो, पर उसके होने में अब कुछ संदेह बाकी नहीं था। तब तो श्रीकृष्ण ने युद्ध टालने की बहुत कोशिश की। आधे राज्य के बदले पांच गांव पर ही समझौता […] Read more » Featured कैलास मानसरोवर मध्यावधि उपचुनाव महाभारत मोदी और शाह विदेश विरोधी पक्ष
राजनीति माननीयों का नॉन स्टॉप महाभारत …!! October 25, 2017 by तारकेश कुमार ओझा | Leave a Comment तारकेश कुमार ओझा फिल्मी दंगल के कोलाहल से काफी पहले बचपन में सचमुच के अनेक दंगल देखे । क्या दिलचस्प नजारा होता था। नागपंचमी या जन्माष्टमी जैसे त्योहारों पर मैदान में गाजे – बाजे के बीच झुंड में पहलवान घूम – घूम कर अपना जोड़ खोजते थे। किसी ने चुनौती दी तो हाथ मिला कर […] Read more » महाभारत
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म दिवाली 13 अक्टूबर 2017 के दिन हैं खरीदी का महामुहूर्त—- October 7, 2017 by पंडित दयानंद शास्त्री | Leave a Comment इस वर्ष दिवाली 2017 पर खरीदी का सबसे बड़ा महामुहूर्त 13 अक्टूबर 2017 को है। इस दिन शुक्रवार होने से यह शुक्र पुष्य कहलाएगा। खरीदी के लिए लोगों को सुबह से शाम तक खूब समय मिलेगा। दीवाली से पहले आने वाला पुष्य सबसे खास माना जाता है। बाजार को भी काफी उम्मीद है। कारोबारियों की […] Read more » Featured जानिए दिवाली पर लक्ष्मी पूजा की विधि जैन दीवाली दिवाली महाभारत लक्ष्मी प्राप्ति के लिए गणेश स्तोत्र श्री कनकधारा स्तोत्रम् सिख दीवाली
धर्म-अध्यात्म अहम् की लड़ाई और जीवन पुष्प May 12, 2015 / May 12, 2015 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment -राकेश कुमार आर्य- जब महाभारत युद्ध समाप्त हो गया तो पांचों पाण्डव और श्रीकृष्ण जी माता गांधारी के पास गये। जिन्होंने अपने पुत्रों के लिए करूणाजनक शब्दों में विलाप किया उसके विलाप को देखकर युधिष्ठिर का हृदय द्रवीभूत हो उठा। उन्होंने माता गांधारी के सामने बैठकर कहा-‘‘देवी! आपके पुत्रों का संहार करने वाला क्रूरकर्मा युधिष्ठिर […] Read more » Featured अहम् की लड़ाई और जीवन पुष्प पांडव महाभारत श्रीकृष्ण
धर्म-अध्यात्म महाभारत – ७ October 21, 2014 by विपिन किशोर सिन्हा | Leave a Comment धृतराष्ट्र फिर भी अपना ध्येय नहीं बदलता। वह प्रतिप्रश्न करता है – मेरी राजसभा भीष्म, द्रोण, कृप आदि वीर पुरुषों और ज्ञानियों से अलंकृत है। वे सभी महासमर में मेरा ही साथ देंगें। फिर मैं अपनी विजय के प्रति आश्वस्त क्यों नहीं होऊं। विदुरजी धृतराष्ट्र की राजसभा की पोल खोलते हुए कहते हैं – […] Read more » महाभारत
धर्म-अध्यात्म महाभारत – ६ October 20, 2014 by विपिन किशोर सिन्हा | Leave a Comment यदि ज्ञान से धृतराष्ट्र का हृदय परिवर्तन संभव होता, तो विदुर के वचनों से कभी का हो गया होता। विदुरजी को यह तथ्य ज्ञात है फिर भी वे बार-बार सत्परामर्श देने से चुकते नहीं हैं। उस रात्रि में धृतराष्ट्र की उद्विग्नता कम होने का नाम ही नहीं लेती। उसे ज्ञान नहीं, सान्त्वना की आवश्यकता थी […] Read more » महाभारत
धर्म-अध्यात्म महाभारत-५ October 19, 2014 by विपिन किशोर सिन्हा | Leave a Comment श्रीकृष्ण और युधिष्ठिर का उत्तर सुनने के बाद संजय के पास कहने को कुछ भी शेष नहीं रहा। वह जाने के लिए प्रस्तुत होता है। अर्जुन उसे विदा करने जाते हैं। सदा कर्म में विश्वास करनेवाले अर्जुन सदैव अल्पभाषी रहे हैं। बहुत आवश्यकता पड़ने पर ही वे कुछ बोलते थे। संजय के माध्यम से […] Read more » महाभारत