हिन्दी-विरोध का मूल-हिन्दुत्व नहीं, मजहबी उसूल
मनोज ज्वाला भारत की राजभाषा हिन्दी का दक्षिण भारतीय प्रदेशों में विरोध का स्वर एक…
मनोज ज्वाला भारत की राजभाषा हिन्दी का दक्षिण भारतीय प्रदेशों में विरोध का स्वर एक…
-जगदीश्वर चतुर्वेदी आमतौर पर लोग पूछते हैं कि फासीवाद की भाषा का नमूना कैसा होता…
हम महात्मा गांधी को राष्ट्र पिता कहते हैं, किंतु उनकी जयंती और पुण्यतिथि पर भाषणबाजी…
गाँधी का जन्म हिंदू धर्म में हुआ, उनके पुरे जीवन में अधिकतर सिधान्तों की उत्पति हिंदुत्व से हुआ. साधारण हिंदू कि तरह वे सारे धर्मों को समान रूप से मानते थे, और सारे प्रयासों जो उन्हें धर्म परिवर्तन के लिए कोशिश किए जा रहे थे उसे अस्वीकार किया.
बाल्यकाल में गांधी को मांस खाने का अनुभव भी मिला। उनकी जिज्ञासा के उत्साहवर्धक में उनके मित्र शेख मेहताब का सहयोग मिला । शाकाहार का विचार भारत की हिंदु और जैन परम्पराओं में कूट-कूट कर भरा हुआ था .उनकी मातृभूमि गुजरात में ज्यादातर हिंदु शाकाहारी ही थे।
कंधमाल में पिछले साल हुए दंगों के मामले में जांच कर रहे न्यायिक आयोग को पूर्व जिला मजिस्ट्रेट ने बताया कि 2004 से 2007 के बीच धर्मांतरण के मामले आधिकारिक तौर पर दर्ज दो मामलों से ज्यादा थे। वहां धर्मातरण के कई मामले थे, लेकिन कुछ ही जानकारी जिला प्रशासन को मिली। कंधमाल में विहिप नेता लक्ष्मणानंद सरस्वती की हत्या के बाद बड़े स्तर पर सांप्रदायिक हिंसा भड़क गई थी।
लोकसभा चुनावों न जीत पाने के गम से भारतीय जनता पार्टी शीघ्र उबरती हुई नज़र आ रही है . पार्टी में चाल रहे अंतर्कलह को दरकिनार करते हुए भाजपा ने विधान सभा उप चुनावों में शानदार प्रदर्शन करते हुए गुजरात की 7 में से 5 सीटों पर जीत हासिल की है। पार्टी को उत्तराखंड में एक और मध्य प्रदेश में भी एक सीट पर विजयश्री मिली है।
क्या हिंदुत्व को सच्चे अर्थों में धर्म कहना सही है? इस प्रश्न पर उच्चतम न्यायालय…