Tag: Featured

राजनीति

सिर्फ दो लोग जानते हैं कि कौन होगा अगला राष्ट्रपति

| Leave a Comment

हमारे हिंदुस्तान के अगले राष्ट्रपति के लिए उम्मीदवारी किसको दी जाए, उस व्यक्ति के नाम पर सत्ता पक्ष और विरोधी दलों में चर्चा की शुरुआत कोई डेढ़ – दो महीने पहले से ही गई थी। लेकिन पक्ष हो या विपक्ष, जिन नेताओं के बीच चर्चा चल रही है, उन्हें और सहमति बनाने के लिए डगर डगर फिर रहे देश के गृह मंत्री राजनाथ सिंह और नगर विकास मंत्री वेंकैया नायडू को सच में नहीं पता कि सहमति आखिर किसके नाम पर बनानी है। राजनीति का यह सबसे मनोरंजक परिदृश्य है कि देश के आला मंत्री भी नहीं जानते कि उन्हें किसके नाम पर सहमति बनानी है।

Read more »

विविधा

कश्मीर घाटी में अलगाववादियों के समर्थक

| Leave a Comment

लेकिन इन तमाम विपरीत परिस्थितियों में भी न तो आम कश्मीरी ने और न ही सुरक्षा बलों ने हिम्मत हारी । इस लिए अब चौथी पार्टी मैदान में उतरी है । यह पार्टी सोनिया कांग्रेस की है , जिसके 550 की लोक सभा में फ़क़त 44 सदस्य हैं । इस चौथी पार्टी ने बिना लाग लपेट के सीधा सीधा हमला बोला । यह पार्टी जानती है कि यदि अब भी हमला न बोला गया तो घाटी में आम कश्मीरी और सुरक्षा बलों की स्थिति मज़बूत हो जाएगी । यदि ऐसा हो गया तो कांग्रेस के पास मोदी सरकार पर आक्रमण करने के लिए क्या बचेगा ?

Read more »

राजनीति

यूपी में दलित वोट के लिये दे दनादन

| Leave a Comment

सियासी फायदा पाने के लिये दलित उत्पीड़न की छोटी-छोटी घटनाओं को भी सियासी जामा पहना दिया जाता है। अतीत में दलित वोट बैंक की सियासत करने वालों द्वारा हैदराबाद विश्वविद्यालय के दलित छात्र रोहित वोमेला और जेएनयू के विवाद को भी दलित टच देने की कोशिश की जा चुकी है। गुजरात में दबंगों द्वारा दलितों की पिटाई का प्रकरण अथवा सहानपुर का दंगा, जिसमें दलितों के घर जला दिये गये थे। दलित-ठाकुरों के बीच हुए इस विवाद में जानमाल दोनों का नुकसान हुआ। तो इसको लेकर सियासत भी खूब हुई।

Read more »

विविधा

जैविक खाद में निहित है किसान की कर्ज मुक्ति का उपाय

/ | Leave a Comment

मिट्टी की उवर्रकता बढ़ाने के मामले में देश् में जैविक खाद एक पारंपरिक स्रोत रही है। किन्तु यह सरकारी प्रकाशनों में सिर्फ एक उपदेश की तरह शामिल है। जबकि सरकार ने प्रचार—प्रसार की नीतियों में रासायनिक खाद को ही स्थान दिया है। सन् 1977 से लेकर अब तक सरकार यूरिया जैसे रासायनिक खाद पर सब्सिडी देती आ रही है। इस दशा में किसान जैविक खाद छोड़कर रासायनिक खाद को अपनाने हेतु प्रेरित हुए। आज हालात यह है कि सब्सिडी के बावजूद किसान इस खाद को खरीद पाने की स्थिति में नहीं है।

Read more »