समाज परपीड़क पुरुष समाज और नारीवादी विमर्श June 13, 2017 by राजू पाण्डेय | Leave a Comment अमेज़न का यह प्रोडक्ट गहरे दार्शनिक प्रश्नों को छेड़ता है- क्या नारी की मुक्ति जेंडर इक्वलिटी में निहित है? क्या नर और नारी एक समान का नारा सही है? क्या यूनिसेक्स वस्त्र पहनकर, न्यूडिस्ट क्लब ज्वाइन कर अनेक पुरुषों को अपनी मर्जी के अनुसार सेक्स करने के हेतु बाध्य कर नारी अपनी मुक्ति पा सकती है? क्या यह पुरुषवादी पितृसत्तात्मक समाज द्वारा फैलाया गया भ्रम है कि नारी शारीरिक रूप से पुरुष से कमजोर होती है, Read more » Featured नारीवादी नारीवादी विमर्श परपीड़क पुरुष समाज
राजनीति प्रणव दा के नाम पर सर्वसम्मति क्यूँ जरूरी? June 13, 2017 by ललित गर्ग | Leave a Comment राष्ट्रपति प्रणव दा की एक और अनूठी सफलता रही कि वे राजनीति दृष्टि से भले ही निष्क्रिय रहे लेकिन राष्ट्रीय हितों के लिये सदैव सक्रिय बने रहे। उनकी सक्रियता से कार्यपालिका, विधायिका या न्यायपालिका के कार्यक्षेत्र में कभी भी अतिक्रमण नहीं हुआ। लेकिन वे भारत की समस्याओं के लिये सदैव जागरूक बने रहे, लोकतंत्र को मजबूती देने के लिये उनके प्रयास जारी रहे। साहित्य, शिक्षा एवं चिन्तन के लिये वे एक-एक पल का उपयोग करते हुए दिखाई दिये। जैसे कि एस. राधाकृष्णन राष्ट्रपति बनने के बाद भी अकादमिक रूप से काफी सक्रिय थे। एपीजे कलाम राष्ट्रपति के रूप में काफी विजिबल और एक्टिव रहे। Read more » Featured Pranab Mukherjee for repeating again as President President presidential post प्रणव दा
राजनीति कांग्रेस : विनाश काले विपरीत बुद्धि June 13, 2017 by सुरेश हिन्दुस्थानी | Leave a Comment लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के सिमटने के बाद कांग्रेस ने अपने आपको संभालने का कोई प्रयास नहीं किया, इसके चलते उसे देश के महत्व पूर्ण राज्यों में भी पराजय का दंश झेलना पड़ा। कांग्रेस ऐसा क्यों कर रही है, इसका जवाब यही हो सकता है कि सरकारी सुविधाओं के बिना कांग्रेस के नेताओं की स्थिति जल बिन मझली के समान हो जाती है। उसकी तड़पन कांग्रेसी नेताओं के स्वरों में सुनाई देती है। Read more » Featured कांग्रेस कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित सेना के त्याग का अपमान
विविधा अन्नदाता आखिर कब तक केवल मतदाता बना रहेगा June 12, 2017 by डॉ नीलम महेन्द्रा | Leave a Comment चाहे तमिलनाडु हो आन्ध्रप्रदेश हो महाराष्ट्र हो या फिर अब मध्यप्रदेश पूरे देश की पेट की भूख मिटाने वाला हमारे देश का किसान आज आजादी के 70 साल बाद भी खुद भूख से लाचार क्यों है? इतना बेबस क्यों है कि आत्महत्या करने के लिए मजबूर है? और जब हमारे देश का यही अन्नदाता अपनी […] Read more » Featured अन्नदाता मतदाता
विविधा वास्तुदोष और रोग June 12, 2017 by पंडित दयानंद शास्त्री | Leave a Comment आज का वास्तु टिप्स- यदि परेशान हैं घर के सदस्यों की बीमारियों से हैं तो इसका कारण हो सकता है वास्तुदोष…. भारतीय वास्तुशास्त्र के नियमों का पालन करने से घर में स्वास्थय, खुशहाली एवं समृद्धि को पूर्णत: सुनिश्चित किया जा सकता है. एक इन्जीनियर आपके लिए सुन्दर तथा मजबूत भवन का निर्माण तो कर सकता […] Read more » Featured उत्तर दिशा में दोष दक्षिण दिशा में दोष दिशाओं के दोष पश्चिम दिशा में दोष पूर्व दिशा में दोष वास्तुदोष
विविधा उत्तराखंड के विकास में मील का पत्थर साबित होगी वित्त एवं पेयजल मंत्री की योजनाएं June 12, 2017 by प्रदीप रावत | Leave a Comment एक श्रेष्ठ जनप्रतिनिधि की यह पहचान होती है की वह जनता की समस्याओ के प्रति संवेदनशील रहे और जनसंमस्याओ के प्रति कटिबद्ध रहे । उत्तराखण्ड में यही पहचान वर्तमान उत्तराखण्ड की नवनिर्वाचित सरकार में सरल एव मृदुल स्वभाव के कैबिनेट , मंत्री श्री प्रकाश पंत जी की है ।इसमें कोई दो राय नही है कि […] Read more » Featured उत्तराखंड वित्त एवं पेयजल मंत्री श्री प्रकास पंत
राजनीति ड्रैगन चीन का मकडज़ाल June 11, 2017 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment राकेश कुमार आर्य  व्यक्ति का मौलिक चिंतन उसके व्यक्तित्व का निर्माण करता है। मौलिक चिंतन जितना ही पवित्र, निर्मल, छल-कपट रहित और सार्वजनीन होता है, उसमें उतना ही सर्व-समावेशी भाव अंतर्निहित होता है, और वह मानवता के लिए उतना ही उपयोगी होता है। ऐसा व्यक्ति संसार के लिए उपयोगी और बहुमूल्य होता है और […] Read more » China Featured ड्रैगन चीन का मकडज़ाल
राजनीति बाबा साहेब और भीम सेना June 11, 2017 / June 11, 2017 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment आज के परिप्रेक्ष्य में संदर्भ को समझने की आवश्यकता है। यदि अंग्रेज अपने कुशासन और गुण्डागर्दी के विरूद्घ और हमारे स्वतंत्रता प्रेमी पूर्वजों के विद्रोह को 'राज्य के विरूद्घ अपराध' मान सकते थे और उन्हें फांसी पर लटका सकते थे तो आज जब भारत एक संवैधानिक व्यवस्था से जन्मी शासन प्रणाली से आगे बढ़ रहा है तो उस संवैधानिक व्यवस्था के विरूद्घ हथियार उठाने वाले राष्ट्रद्रोही क्यों नहीं हो सकते? निश्चित ही राष्ट्रद्रोही हैं, Read more » Bhim Sena Featured डा. भीमराव अंबेडकर बाबा साहेब भीम सेना
समाज बाल श्रम रोकने के लिये सरकार और समाज को करना होगा सामूहिक प्रयास June 11, 2017 by ब्रह्मानंद राजपूत | 1 Comment on बाल श्रम रोकने के लिये सरकार और समाज को करना होगा सामूहिक प्रयास बाल-श्रम की समस्या भारत में ही नहीं दुनिया कई देशों में एक विकट समस्या के रूप में विराजमान है। जिसका समाधान खोजना जरूरी है। भारत में 1986 में बालश्रम निषेध और नियमन अधिनियम पारित हुआ। इस अधिनियम के अनुसार बालश्रम तकनीकी सलाहकार समिति नियुक्त की गई। इस समिति की सिफारिश के अनुसार, खतरनाक उद्योगों में बच्चों की नियुक्ति निषिद्ध है। Read more » Featured बाल श्रम विश्व बालश्रम निषेध दिवस
व्यंग्य राहुल बाबा का गीता ज्ञान June 11, 2017 by विजय कुमार | Leave a Comment मेरी राय है कि इसके बाद वे रामायण, महाभारत, वेद, पुराण और स्मृतियों का भी अध्ययन करें। अच्छा हो वे श्री गुरुग्रंथ साहब, बाइबल, कुरान, त्रिपिटक और जैनागम ग्रंथ भी पढ़ें। इससे उन्हें भारत में प्रचलित विभिन्न धर्म, पंथ, सम्प्रदाय और मजहबों के बारे में पता लगेगा। इस जन्म की तो मैं नहीं जानता, पर शायद इससे उनका अगला जन्म सुधर जाए। Read more » Featured Rahul Gandhi reading Gita and Upanishaad राहुल बाबा का गीता ज्ञान
विविधा किसान आन्दोलन में कृषक पक्ष June 10, 2017 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment हैरानी इस बात पर भी है कि बैंकों के कुल ऋण में उद्योगपतियों की हिस्सेदारी 41.71 फीसदी है, जबकि किसानों की महज 13.49 प्रतिशत ही है। जाहिर है, उद्योगपतियों का ही बैंकों का ज्यादा कर्ज फंसा हुआ है। यही वजह है कि पिछले 17 महीनों में बैंकों का एनपीए बढ़कर दोगुने से ज्यादा हो गया है। कारोबारियों के इन डूबे कर्जों को न्यायसंगत ठहराते हुए रिर्जव बैंक की दलील है कि आर्थिक बद्हाली के कारण कारोबारी कर्ज नहीं चुका पा रहे हैं। Read more » Featured किसान आन्दोलन
लेख साहित्य ब्रह्मा विष्णु और रुद्र के संयुक्त स्वरुपवाली विश्व की पहली स्मार्ट सिटी है अयोध्या June 10, 2017 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | 1 Comment on ब्रह्मा विष्णु और रुद्र के संयुक्त स्वरुपवाली विश्व की पहली स्मार्ट सिटी है अयोध्या डा. राधेश्याम द्विवेदी वेद में अयोध्या को ईश्वर का नगर बताया गया है, “अष्टचक्रा नवद्वारा देवानां पूरयोध्या” और इसकी संपन्नता की तुलना स्वर्ग से की गई है। रामायण के अनुसार अयोध्या की स्थापना मनु ने की थी। यह पुरी सरयू के तट पर बारह योजन (लगभग 144कि.मी) लम्बाई तीन योजन (लगभग 36 कि.मी.) चौड़ाई में […] Read more » Featured अयोध्या