व्यंग्य साहित्य आखिर क्यों युवराज की करीबी दूरी में बदल रही है ? November 15, 2016 by सुप्रिया सिंह | 1 Comment on आखिर क्यों युवराज की करीबी दूरी में बदल रही है ? कहते है कि युवराज को कोई चीज बिना मांगे ही मिल जाती है और जब तक युवराज उस चीज की मांग करता है तब तक वे चीज उसके सामने हाजिर हो जाती है पर यहाँ तो स्थिति उल्टी ही है युवराज बेचारा हर बार कहता है कि वे अब बड़ा हो गया है और जिम्मेदारी उठा सकता है पर महारानी का पद लोभ और युवराज का अपरिपवक्क व्यवहार महारानी को उनके पद से दूर नही जाने दे रहा है और युवराज को पद के करीब नही आने दे रहा है । Read more » Featured
प्रवक्ता न्यूज़ लीक से हटकर है अलका सिन्हा का उपन्यास – जी-मेल एक्सप्रेस November 15, 2016 / November 15, 2016 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment ‘जी–मेल एक्सप्रेस’ पुरुष वेश्यावृत्ति जैसे बेहद अछूते किन्तु जरूरी विषय को केंद्र में लाने की महत्त्वपूर्ण पहल है। अलका सिन्हा को इस उपन्यास के जरिये स्त्री विमर्श, बदलते पारिवारिक मूल्य और बदलते हुए समाज का स्पष्ट चित्रण करने में पर्याप्त सफलता मिली है और इसके लिए वह बधाई की पात्र हैं। उक्त बातें राजधानी दिल्ली के रूसी विज्ञान एवं संस्कृति केंद्र में अलका सिन्हा के उपन्यास ‘जी-मेल एक्सप्रेस’ के लोकार्पण समारोह की अध्यक्षता करते हुए गोवा की राज्यपाल एवं वरिष्ठ साहित्यकार मृदुला सिन्हा ने कही। उन्होंने कहा कि अलका ने इस उपन्यास में बहुत ही दृढ़ता के साथ एक ऐसे अछूते विषय को उठाया है जिस पर इससे पहले किसी और ने नहीं लिखा है। पुरुष वेश्यावृत्ति कोरी कल्पना नहीं है, यह वास्तविकता है। उसने लीक से हटकर नई बात की है और सबकी आँखें खोली है। Read more » ‘जी-मेल एक्सप्रेस’ Featured अलका सिन्हा का उपन्यास अलका सिन्हा का उपन्यास-जी-मेल एक्सप्रेस मृदुला सिन्हा
विविधा राष्ट्रीय पुस्तकालय सप्ताह: (14 से 21 नवंबर) November 14, 2016 / November 14, 2016 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | Leave a Comment डा.राधेश्याम द्विवेदी सप्ताह का प्रारंभ:- पुस्तकालय सेवा राज्य सरकारों के तत्वाधान के अधीन है तथा सभी राज्य अपने आकार, जनसंख्या, साक्षरता दर, क्षेत्रीय भाषाओं में साहित्य की रचना तथा पुस्तकालय अवसंरचना की दृष्टि से भिन्न हैं। एस.एच. सायाजी राव गायकवाड़ III, बड़ोदा के महाराजा ने सन 1910 में भारत में सार्वजनिक पुस्तकालय प्रणाली के विकास […] Read more » Featured national library week राष्ट्रीय पुस्तकालय सप्ताह
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म लेख साहित्य स्वास्तिक शास्वत और विश्वव्यापी सनातन प्रतीक November 14, 2016 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | Leave a Comment अत्यन्त प्राचीन काल से भारतीय संस्कृति में मंगल-प्रतीक माना जाता रहा है। इसीलिए किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले स्वस्तिक चिह्न अंकित करके उसका पूजन किया जाता है। स्वस्तिक शब्द सु+अस+क से बना है। 'सु' का अर्थ अच्छा, 'अस' का अर्थ 'सत्ता' या 'अस्तित्व' और 'क' का अर्थ 'कर्त्ता' या करने वाले से है। इस प्रकार 'स्वस्तिक' शब्द का अर्थ हुआ 'अच्छा' या 'मंगल' करने वाला। 'अमरकोश' में भी 'स्वस्तिक' का अर्थ आशीर्वाद, मंगल या पुण्यकार्य करना लिखा है। अमरकोश के शब्द हैं - 'स्वस्तिक, सर्वतोऋद्ध' अर्थात् 'सभी दिशाओं में सबका कल्याण हो।' Read more » Featured अन्य देशों के लिए स्वास्तिक के चिन्ह का महत्व भारतीय संस्कृति में स्वस्तिक का पौराणिक महत्त्व विश्वव्यापी सनातन प्रतीक स्वस्तिक चिह्न :- स्वास्तिक के चिन्ह का महत्व स्वास्तिक शास्वत
आर्थिकी विविधा लूट लिया मोदी ने… November 14, 2016 / November 14, 2016 by अश्वनी कुमार, पटना | Leave a Comment देश वाकई में तभी गंभीर, समझदार या ईमानदार बनता है जब उसे चलाने वाले देश के लोगों के उज्जवल भविष्य के लिए ईमानदारी दिखाए, गंभीर हो| भ्रष्टाचार, बेईमानी से कमाया धन भले ही चंद लोगों को सुकून देता हो मगर ईमानदारी की राह पर चलने वाले लोगों के वर्तमान में मोदी हैं, उनकी व्यवस्था में नोटबंदी जैसे फैसले भी हैं और भ्रष्टों को मिटा देने की सनक भी है| Read more » Featured नोटबंदी पांच सौ और एक हजार के नोट पर पाबंदी मोदी मोदी और नोटबंदी
आर्थिकी राजनीति नोटबंदी से संकट में सियासी दल November 14, 2016 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment दरअसल एसोसिएशन आॅफ डेमोक्रेटिक रिफाॅर्म ने एक जनहित याचिका के जरिए कोशिश की थी कि सभी प्रमुख राजनीतिक दल सूचना अधिकार के कानूनी दायरे में लाए जाएं। इस सिलसिले में केंद्रीय सूचना आयोग द्वारा 3 जून 2013 को दिए फैसले में छह राष्ट्रीय दलों को इस कानून के तहत ‘पब्लिक आॅथरिटी‘ माना है। इन दलों में भाजपा, कांग्रेस, बसपा, राकांपा, सीपीआई व सीपीएम शामिल हैं। Read more » Featured कैश-लेस अर्थव्यवस्था नोटबंदी संकट में सियासी दल
आर्थिकी विविधा भारतीय अर्थव्यवस्था के नये संदर्भ November 13, 2016 by राहुल खटे | Leave a Comment लगभग सभी गैर कानूनी कार्यों में पैसों का लेनदेन बिना किसी तृतीय पक्ष (बैंक आदि सरकारी यंत्रणा) के होता है, इससे गैर कानूनी धंदों में दिन दूगनी और रात चौगुणी प्रगती होती हैं। इन सभी गोरखधंदों को बंद करने का यह रामबाण उपाय हैं। इसमें भारतीय रिज़र्व बैंक के अर्थशास्त्री और विशेषज्ञों का योगदान है। नये नोटों को सैटेलाइट द्वारा ट्रैक करने की सुविधा के कारण आगे आने वाले नोटों की ट्रैकिंग से नोटों का प्रयोग हो रहे स्थानों का पता लगाया जा सकेगा इससे भविष्य में नकली नोटों को बनाने में के खतरे को भी टाला जा सकेगा। Read more » Black Money Featured Indian Economy surgical strike surgical strike on black money भारतीय अर्थव्यवस्था
आर्थिकी राजनीति काली कमाई के खि़लाफ़ नमो का ऐतिहासिक फ़ैसला November 13, 2016 / November 13, 2016 by फैज़ल खान | Leave a Comment काले धन का संग्रहण करने वाले अब इस अकूत धन को ठिकाने लगाने के नये-नये तरीके खोज रहे हैं। इस निर्णय से न जाने कितने ही करोड़पति,धनाढ्य और पूंजीपति कुछ ही पलों में कंगाल हो गए। भले ही फ़ैसले ने भारत के हर छोटे-बड़े उस तबके को भी प्रभावित किया जो कि पूरी तरह निर्दोश,शरीफ़ और ईमानदार था। मगर इसके महान मक़सद को देखते हुए यह हर लोकतन्त्र प्रेमी का फ़र्ज़ बनता है कि वो देश के लिए इन्हें हृदय से भुला दे। Read more » Black Money Featured surgical strike on black money ऐतिहासिक फ़ैसला काली कमाई काली कमाई के खि़लाफ़ नमो का ऐतिहासिक फ़ैसला
विश्ववार्ता ट्रंप की जीत का संदेश ? November 13, 2016 by तनवीर जाफरी | 1 Comment on ट्रंप की जीत का संदेश ? तनवीर जाफ़री अमेरिका में पिछले दिनों हुए राष्ट्रपति के चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनल्ड ट्रंप ने अपनी प्रतिद्वंद्वी डेमोक्रेटिक पार्टी की मज़बूत उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन को पराजित कर राष्ट्रपति पद का चुनाव जीत लिया। हालांकि अमेरिका में रिपब्लिकन अथवा डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार पहले भी एक-दूसरी पार्टी के उम्मीदवारों को पराजित कर राष्ट्रपति […] Read more » Donald Trump Donald Trump and India Featured ट्रंप की जीत ट्रंप की जीत का संदेश ?
बच्चों का पन्ना समाज एक चुनौती:-बच्चों को ‘ना’ कैसे कहें November 13, 2016 / November 13, 2016 by विकास मित्तल | Leave a Comment बच्चा आपके बराबर नहीं है। इसलिए यह ज़रूरी नहीं कि माँ बाप ने जिस बात के लिए ‘ना’ कहा है, उस बारे में बच्चे से बहस करें, मानो उनको यह साबित करना है कि उनका ‘ना’ कहना सही है। यह सही है कि जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होता है, उसे “अपनी सोचने-समझने की शक्ति का प्रयोग करके सही-गलत में फर्क करना आना चाहिए।माँ बाप बच्चे के साथ तर्क तो करे मगर उससे लंबी-चौड़ी बहस मत कीजिए कि आपने उसको ‘ना’ क्यों कहा। Read more » Featured बच्चों को ‘ना’ कैसे कहें
जन-जागरण बच्चों का पन्ना समाज बिना बाल शिक्षा के देश के उज्जवल भविष्य की कल्पना करना निरर्थक November 13, 2016 / November 14, 2016 by ब्रह्मानंद राजपूत | Leave a Comment वर्तमान में भारत देश में कई जगहों पर आर्थिक तंगी के कारण माँ-बाप ही थोड़े पैसों के लिए अपने बच्चों को ऐसे ठेकेदारों के हाथ बेच देते हैं, जो अपनी सुविधानुसारउनको होटलों, कोठियों तथा अन्य कारखानों आदि में काम पर लगा देते हैं। और उन्हीं होटलों, कोठियों और कारखानों के मालिक बच्चों को थोड़ा बहुत खाना देकरमनमाना काम कराते हैं। और घंटों बच्चों की क्षमता के विपरीत या उससे भी अधिक काम कराना, भर पेट भोजन न देना और मन के अनुसार कार्य न होने पर पिटाईयही बाल मजदूरों का जीवन बन जाता है। Read more » Children day Featured बाल दिवस
आर्थिकी विविधा आर्थिक उदारीकरण के दौर में कालेधन पर ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ November 13, 2016 by अजय जैन ' विकल्प ' | Leave a Comment नाव सुधारों पर काम करने वाली संस्था एडीआर के आंकड़े वाकई आश्चर्यजनक हैं कि, 2004 से 2015 के बीच हुए 71 विधानसभा और 3 लोकसभा चुनाव में राजनीतिक दलों को 2100 करोड़ रुपए का नकद चंदा मिला है। इससे भी आगे यह कि पिछले लोकसभा चुनाव में आयोग को 300 करोड़ रुपए बिना स्त्रोत का नकद मिला था। यानि कि यह कहने में कोई बुराई नहीं है कि राजनीतिक दलों के पास 80 पैसा ऐसे स्त्रोत से ही आता है,जिसका किसी को पता नहीं है। ऐसे में इसे भी कालेधन और नोट बदलने की मुहिम का हिस्सा बनाकर टैक्स लगाया जाना अच्छा क़दम साबित हो सकता है। Read more » Featured आर्थिक उदारी कालेधन कालेधन पर 'सर्जिकल स्ट्राइक' नकली नोट और कालेधन पर एक 'सर्जिकल स्ट्राइक'