समाज भारतीय संस्कृति में पर्यावरण का महत्व June 6, 2018 / June 6, 2018 by डॉ. सौरभ मालवीय | Leave a Comment डॉ. सौरभ मालवीय भारतीय संस्कृति में प्रकृति को महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। इसी कारण भारत में प्रकृति के विभिन्न अंगों को देवता तुल्य मानकर उनकी पूजा-अर्चना की जाती है। भूमि को माता माना जाता है। आकाश को भी उच्च स्थान प्राप्त है। वृक्षों की पूजा की जाती है। पीपल को पूजा जाता है। पंचवटी […] Read more » Featured पर्यावरण का महत्व पृथ्वी ब्रम्हा भगवान विष्णु भारतीय संस्कृति मनुष्य प्राकृतिक
राजनीति समाज बस्तों का बोझ कम करने का सराहनीय उपक्रम June 5, 2018 / June 5, 2018 by ललित गर्ग | Leave a Comment ललित गर्ग शिक्षा के निजीकरण के दौर में बस्ते का बोझ हल्का करने की बात एक सपना बन कर रह गयी, बच्चों के मानसिक तनाव को कम करने के प्रयास निरर्थक होते नजर आने लगे एवं बच्चों का बचपन लुप्त होने लगा, ऐसे जटिल हालात में सरकार ने स्कूली बच्चों के पाठ्यक्रम का बोझ कम […] Read more » Featured का सराहनीय उपक्रम पांचवीं कक्षा बच्चों बस्तों का बोझ कम करने विद्यार्थियों शिक्षा के निजीकरण होमवर्क
राजनीति पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र और मानवता की हत्या राजनीतिक-वैचारिक स्वार्थ छोड़ कर, लोकतंत्र की रक्षा करें June 5, 2018 / June 5, 2018 by लोकेन्द्र सिंह राजपूत | Leave a Comment लोकेन्द्र सिंह पश्चिम बंगाल में खूनी राजनीति के शिकंजे में फंसे लोकतंत्र का दम घुंट रहा है और वह सिसकियां ले रहा है। पंचायत चुनावों में तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने जिस प्रकार हिंसा का नंगा नाच किया था, उससे ही साफ जाहिर हो गया था कि बंगाल की राजनीति के मुंह खून लग गया है। […] Read more » Featured खूनी राजनीति तानाशाही तृणमूल कांग्रेस त्रिपुरा और केरल परंपरागत अलोकतांत्रिक पश्चिम बंगाल मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य
समाज संकट जीवन को गढ़ते हैं June 5, 2018 / June 5, 2018 by ललित गर्ग | Leave a Comment ललित गर्ग संकट जीवन का सहचर है, वह सबके साथ चलता है। लेकिन आदमी संकट के नाम से ही घबड़ाता है। संकट का आभास होते ही वह उससे बचने के उपाय करने लगता है। लेकिन संसार में शायद ही ऐसे व्यक्ति का जन्म हुआ हो जिसने संकटों का सामना न किया हो। संकट तो जीवंत […] Read more » Featured इतिहास खुशी या उदासी गढ़ते हैं शक्ति का जागरण संकट जीवन
राजनीति मध्यावधि उपचुनाव June 5, 2018 / June 5, 2018 by विजय कुमार | Leave a Comment विजय कुमार, विरोधी पक्ष के बड़े-बड़े लोग सिर जोड़कर बैठे थे। विषय वही था 2019 का चुनाव। महाभारत की घोषणा भले ही न हुई हो, पर उसके होने में अब कुछ संदेह बाकी नहीं था। तब तो श्रीकृष्ण ने युद्ध टालने की बहुत कोशिश की। आधे राज्य के बदले पांच गांव पर ही समझौता […] Read more » Featured कैलास मानसरोवर मध्यावधि उपचुनाव महाभारत मोदी और शाह विदेश विरोधी पक्ष
धर्म-अध्यात्म ‘स्वामी दयानन्द में गुरु विरजानन्द की विद्या और पं. अमरनाथ जोशी के अन्न का तेज दिखाई देता है: आचार्य वेदप्रकाश श्रोत्रिय’ June 5, 2018 / June 5, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, श्री मद्दयानन्द ज्योतिर्मठ आर्ष गुरुकुल, पौन्धा-देहरादून आर्ष शिक्षा पद्धति पर संचालित देश और आर्यसमाज का महत्वपूर्ण गुरुकुल है। इस गुरुकुल की स्थापना 18 वर्ष पूर्व स्वामी प्रणवानन्द सरस्वती जी ने की थी। इस गुरुकुल का आचार्य 22 वर्षीय नवयुवक श्री धनंजय आर्य जी को बनाया गया था जो गुरुकुल गौतमनगर के स्नातक […] Read more » Featured आचार्य वेदप्रकाश इंटरनैट ऋषि दयानन्द जल पं. अमरनाथ जोशी मोबाइल विद्युत
राजनीति बंगला विवाद June 5, 2018 / June 5, 2018 by डॉ अजय खेमरिया | Leave a Comment डॉ अजय खेमरिया लोहिया और अम्बेडकर का नाम तो अब मत लीजिये जिल्लेइलाही!* ( डा.अजय खेमरिया) डॉ राममनोहर लोहिया और बाबा साहब अम्बेडकर का देश के सबसे बड़े राज्य यूपी की सियासत में महत्व किसी से छिपा नही है दोनो सत्ता प्राप्ति के कल तक दो बड़े प्रतीक थे और इस देश मे प्रतीकों के […] Read more » Featured अखिलेश कांशीराम यादगार विश्राम जैसे दलित टाइल्स पिछड़ों बंगला विवाद मायावती सरकारी बंगलो
राजनीति प्रणब मुखर्जी का संघ मुख्यालय जाना June 5, 2018 / June 5, 2018 by प्रवीण गुगनानी | Leave a Comment प्रवीण गुनगानी इन दिनों संघ के प्रति उत्सुकता जिज्ञासा को शत प्रतिशत बढ़ा दिया है पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने ! हुआ कुछ यूं कि संघ के व्यवस्थापकों ने नागपुर में प्रति वर्ष अपने नागपुर मुख्यालय में होने वाले संघ के तृतीय वर्ष के समापन आयोजन में, जिसे दीक्षांत समारोह भी कहा जा सकता है; […] Read more » 'राष्ट्र प्रथम'भावना Featured इलेक्ट्रानिक कन्याकुमारी में 'विवेकानंद शिला स्मारक' प्रणब मुखर्जी का संघ मुख्यालय जाना प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू प्रिंट मिडिया
राजनीति बहुत कठिन है डगर पनघट की.. June 5, 2018 / June 5, 2018 by विजय कुमार | Leave a Comment विजय कुमार पिछले दिनों हुए उपचुनाव में भाजपा को अपेक्षित परिणाम नहीं मिले। इस कारण लोकसभा में उसकी सीटों की संख्या लगातार घट रही है। आंकड़े बता रहे हैं कि यदि दो सीट और घट गयीं, तो भाजपा का अपना बहुमत नहीं रहेगा और उसे सरकार चलाने के लिए सहयोगी दलों पर निर्भर होना पड़ेगा। […] Read more » Featured इंदिरा गांधी चुनाव वैचारिक पाकिस्तान बसपा बहुत कठिन है डगर पनघट की. भाजपा राष्ट्रीय स्तर
राजनीति शिवराज की ‘किसान पुत्र’ की छवि को चोट पहुँचाने की रणनीति June 5, 2018 / June 5, 2018 by लोकेन्द्र सिंह राजपूत | Leave a Comment लोकेन्द्र सिंह मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की ‘यूएसपी’ है- किसान पुत्र की छवि। यह छवि सिर्फ राजनैतिक ही नहीं, अपितु वास्तविक है। शिवराज सिंह चौहान किसान परिवार से आते हैं। उन्होंने खेतों में अपना जीवन बिताया है। इसलिए उनके संबंध में कहा जाता है कि वह खेती-किसानी के दर्द-मर्म और कठिनाइयों को भली प्रकार समझते […] Read more » Featured छवि को चोट पहुँचाने की रणनीति लोकतंत्र शिवराज की 'किसान पुत्र' समाज हिंसा भड़काने
राजनीति यूपी में तुष्टिकरण की सियासत ने फिर पकड़ी रफ्तार June 2, 2018 by संजय सक्सेना | 1 Comment on यूपी में तुष्टिकरण की सियासत ने फिर पकड़ी रफ्तार संजय सक्सेना उत्तर प्रदेश की कैराना लोकसभा और नूरपुर विधान सभा सीट पर गठबंधन प्रत्याशी की जीत ने बीजेपी विरोधियों के हौसलों को पंख लगा दिए हैं. बीजेपी को पानी पी-पीकर कोसा जा रहा है. राष्ट्रीय लोकदल के चौधरी अजीत सिंह कहते हैं भाजपा ने किसानों को छला. भाईचारा खत्म किया.लोगों को आपस में लड़वाया.जनता अब […] Read more » Featured कैराना-नूरपुर गोरखपुर-फूलपुर जिन्ना पर गन्ना बहुजन समाज पार्टी बीजेपी विरोधी भारतीय जनता पार्टी. समाजवादी पार्टी मुस्लिम धार्मिक गुरू यूपी में तुष्टिकरण की राष्ट्रीय लोकदल लव जेहाद सियासत ने फिर पकड़ी रफ्तार
पुस्तक समीक्षा एक नयी दुनिया के सपनो का नाम प्रोस्तोर: वंदना गुप्ता June 2, 2018 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment वंदना गुप्ता ‘प्रोस्तोर’ एक लघु उपन्यास एम. एम. चन्द्रा जी द्वारा लिखा डायमंड बुक्स से प्रकाशित है. आज बड़े बड़े उपन्यास लिखे जाने के दौर में लघु उपन्यास लिखा जाना भी साहस का काम है और यही कार्य लेखक ने किया है. शायद चुनौतियों से आँख मिला सके वो ही सच्चे साहित्यकार की पहचान होती […] Read more » Featured अघोघ उपन्यास एक नयी दुनिया के सपनो का जितेन्द्र दुष्कर प्रोस्तोर: वंदना गुप्ता बंटी भुवन मुख्य पात्र योगेश राजीव विपिन