कला-संस्कृति विविधा गंगा-यमुना में मूर्ति विसर्जन पर रोक और विरोध October 19, 2015 by अरुण तिवारी | Leave a Comment संदर्भ: गंगा-यमुना में मूर्ति विसर्जन पर रोक और विरोध एक चिट्ठी, धर्माचार्यों के नाम —————————————————————————– धर्म जगत के सभी आचार्यो को प्रणाम। मूर्ति विसर्जन पर एक विनम्र निवेदन प्रस्तुत कर रहा हूं। उचित लगे, तो स्वीकारें और अनुचित लगे, तो मुझे सुधारें। खुशी होगी। —————————————————————————– आचार्यवर! आम धारणा है कि मुख्य रूप से उद्योग, सीवेज […] Read more » Featured गंगा-यमुना में मूर्ति विसर्जन पर रोक और विरोध मूर्ति विसर्जन
टॉप स्टोरी राजनीति पुरस्कार लौटाने का औचित्य समझें October 19, 2015 by मयंक चतुर्वेदी | 1 Comment on पुरस्कार लौटाने का औचित्य समझें डॉ. मयंक चतुर्वेदी इन दिनों साहित्यकारों के पुरस्कार लौटाने के दिन चल रहे हैं, देश के मान्यधान साहित्यकारों को अपने मिले तमगे लौटाते देख लग ऐसा रहा है कि जैसे उनके बीच होड़ लगी है, पहले आप, पहले आप की कि कौन अपने पुरस्कार केंद्रीय सरकार को असफल बताते हुए पहले लौटाता है। आश्चर्य होता […] Read more » Featured पुरस्कार लौटाने का औचित्य समझें
विविधा शख्सियत किस मिट्टी के थे भाखरे साहब October 18, 2015 by अनिल द्विवेदी | Leave a Comment 83 वर्षीय दिनकर केशव भाखरे, राष्ट्रवादी विचारधारा के आदर्श पत्रकार थे। स्वदेशी मन और कर्म ही उनकी पहचान रही। वे अपने परिवार से ज्यादा समाज के लिए जीए। घर में मात्र दो जून की रोटी के लिए ही ठहरते बाकी का समय संघ और उससे जुड़े संगठनों के लिए खपाते रहे। कैंसर परछाई की तरह […] Read more » Featured केशव भाखरे भाखरे साहब राष्ट्रवादी विचारधारा
टॉप स्टोरी विविधा बुद्धिजीवियों द्वारा अकादमी पुरस्कार वापस किए जाने के मायने October 18, 2015 / October 18, 2015 by अनिल कुमार पाण्डेय | Leave a Comment हाल ही में बुद्धिजीवियों द्वारा साहित्य अकादमी पुरस्कारों को लौटाये जाने का मामला सुर्खियों में है। बुद्धिजीवियों का ये तर्क है कि जब से नई सरकार ने अपना कार्य संभाला है तभी से सांप्रदायिकता को बढ़ावा दिया जा रहा है। आपसी भाईचारे को छिन्न-भिन्न करने की साजिश की जा रही है। देश की कथित कट्टरपंथी […] Read more » Featured अकादमी पुरस्कार अकादमी पुरस्कार वापस किए जाने के मायने बुद्धिजीवियों द्वारा अकादमी पुरस्कार वापस किए जाने के मायने
राजनीति समाज गोमांस पर अनावश्यक विवाद October 18, 2015 by विजय कुमार | 1 Comment on गोमांस पर अनावश्यक विवाद हमारा प्रिय भारत देश महान है; पर यहां का मीडिया उससे भी अधिक महान है। जिस समाचार से उनकी प्रसिद्धि बढ़े और विज्ञापन से उनकी झोली भरे, उसे वे सिर पर उठा लेते हैं। यदि खबर दिल्ली के आसपास की हो, तो फिर कहना ही क्या ? याद कीजिये दिल्ली का निर्भया कांड, नौएडा का […] Read more » Featured गोमांस गोमांस पर अनावश्यक विवाद
जन-जागरण राजनीति अनिवार्य नहीं रहा आधार October 18, 2015 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment प्रमोद भार्गव पहचान-पत्र आधार को अनिवार्य करने के मुद्दे पर सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार को एक बार फिर झटका दिया है। हालांकि केंद्र को मामूली राहत भी मिली है। अब इसका उपयोग स्वैच्छिक रूप से मनरेगा,भविष्यनिधि,पेंशन और जन-धन योजना में किया जा सकेगा। पीडीएस और एलपीजी में सब्सिडी के लिए आधार की मंजूरी न्यायालय […] Read more » Featured अनिवार्य नहीं रहा आधार आधार
टॉप स्टोरी राजनीति राजनीति का केंद्रबिंदु बनती हमारी गाय October 17, 2015 by मृत्युंजय दीक्षित | Leave a Comment मृत्युंजय दीक्षित दादरी कांड के बाद गाय देश की राजनीति का एक महत्वपूर्ण केंद्र बिंदु उभर कर सामने आ रही है। गाय को अब हर कोई वोटबैंक के रूप में इस्तेमाल करना चाह रहा है। यह तब से राजनीति के केंद्रबिंदु में आ गयी हैं जब से महाराष्ट्र में गोवध पर पुर्ण प्रतिबंध लगाने का […] Read more » Featured गाय राजनीति का केंद्रबिंदु हमारी गाय
विधि-कानून विविधा संविधान की हुई जीत। October 17, 2015 / October 17, 2015 by बी.आर.कौंडल | Leave a Comment बी. आर. कौण्डल सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग को असंवैधानिक ठहरा कर यह साबित कर दिया कि इस देश में संविधान सर्वोपरि है न की विधायिका। भारतीय संविधान में न्यायपालिका की स्वतंत्रता का प्रावधान किया गया है जिसकी सुरक्षा करना न्यायपालिका का धर्म है। हाल के फैसले में उच्चतम न्यायालय ने उस धर्म […] Read more » Featured संविधान
राजनीति पुरस्कार लेने और लौटाने की राजनीति October 17, 2015 by डॉ. कुलदीप चन्द अग्निहोत्री | Leave a Comment डा० कुलदीप चन्द अग्निहोत्री नयनतारा सहगल नेहरु परिवार से ताल्लुक़ रखतीं हैं । अंग्रेज़ी भाषा में पढ़ती लिखती रही हैं । उनके लिखे पर कभी साहित्य अकादमी ने उन्हें पुरस्कार दिया था । पिछले दिनों उन्होंने वह पुरस्कार साहित्य अकादमी को वापिस कर दिया । वैसे तो उम्र के जिस पड़ाव पर नयनतारा सहगल हैं […] Read more » Featured पुरस्कार लेने और लौटाने की राजनीति
राजनीति कभी बाबरी तो कभी दादरी…..! October 17, 2015 by नरेश भारतीय | Leave a Comment नरेश भारतीय गोहत्या को रोकने के लिए मानव हत्या करना अनुचित ही नहीं अपराध भी है. इसकी निंदा होनी ही चाहिए. सभी पक्षों ने निंदा की भी है. लेकिन इसके बाद भी जो कुछ वादविवाद के रूप में देखने को मिल रहा है उससे सामाजिक सद्भाव को बनाए रखने के महत्व को और भी उजागर […] Read more » Featured कभी दादरी.....! कभी बाबरी
राजनीति आजम तलाश रहे बाहर जाने का रास्ता ! October 17, 2015 by संजय सक्सेना | Leave a Comment सपा में अमर के आने की आहट आजम तलाश रहे बाहर जाने का रास्ता ! संजय सक्सेना समाजवादी पार्टी में आजम खान की हैसियत क्या है,यह बताने की जरूरत नहीं है। आजम को सपा में फ्री हैंड मिला हुआ है। वह बिना किसी बंदिश और भय के कुछ भी बोलने की ताकत रखते हैं।उन्हें किसी […] Read more » Featured आजम तलाश रहे बाहर जाने का रास्ता !
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म वेदों में निषेध है मांसाहार व पशुबलि October 17, 2015 by अशोक “प्रवृद्ध” | Leave a Comment अशोक “प्रवृद्ध” राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो लालू यादव के गो मांस को लेकर दिए गए बयान का समर्थन करते हुए पूर्व केन्द्रीय मंत्री और राजद के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह के बीफ विवाद में कूद पड़ने से यह मुद्दा चुनाव के महत्वपूर्ण मामलों से भटककर बिहार विधानसभा चुनाव का मुख्य मुद्दा बन गया […] Read more » Featured पशुबलि मांसाहार वेदों में निषेध है वेदों में निषेध है मांसाहार व पशुबलि