गजल हिंदी गजल July 25, 2019 / July 25, 2019 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment अविनाश ब्यौहार देश का नहीं उनका विकास है। जिनके तन पर महँगा लिबास है।। रहजनी रात के अंधेरे में, दिन में उनकी इज्जत झकास है। वे बैठे मिले तनहाईयों में, क्यों लगा कि कोई आस पास है। दफ्तर ज्यों पीपल का पेड़ हुआ, देव नहीं बल्कि जिन का वास है। आज वक्त इस तरह बदला […] Read more » gazal hindi hindi gazal
गजल एक गजल -वादा करके भी तुम मुकर जाते हो July 12, 2019 / July 12, 2019 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment वादा करके भी तुम मुकर जाते हो |सच सच बताओ,तुम किधर जाते हो || करती हूँ तुम्हारा इन्तजार,बैचेन रहती हूँ |साथ मुझको भी ले जाओ,जिधर जाते हो || उमर नहीं है तुम्हारी,इधर उधर घूमने की |मेरा भी ख्याल रखो,क्यों नहीं सुधर जाते हो || बदनामी हो रही,लोगो की उँगलियाँ उठ रही |जहाँ जाना नहीं चाहिए […] Read more » form of hindi literature gazal hindi gazal
गजल हिंदी ग़ज़ल July 9, 2019 / July 9, 2019 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment अविनाश ब्यौहार तूफाँ की अलामत है। फिर भी सब सलामत है।। बदगोई का अक्स औ, उसकी ही जसामत है। वे तो मतलब धन्य हैं, ईश्वर की नियामत है। जिस पर भी भरोसा था, वह करता हजामत है। लाड़ प्यार की जगह पर, होती अब मलामत है। लुब्ध करता ताजमहल, आखिर में क़दामत है। नौबहार बाग […] Read more » gazal hindi gazal literature
गजल क्यों माई मुझे अब बुलाती नही है…. June 28, 2019 / June 28, 2019 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment क्यों माई मुझे अब बुलाती नही है क्या तुझको मेरी याद आती नही है बड़ी बेरहम है शहर की ये दुनिया जो भटके तो रस्ता दिखाती नही है हैं ऊँची दीवारें और छोटे से कमरे चिड़िया भी आकर जगाती नही है कई रोज से पीला सूरज ना देखा चाँदनी भी अब मुझको भाती नही है […] Read more » gazal
गजल चारों तरफ हैं रास्ते, हर रास्ते पे मोड़ है ! March 30, 2014 / September 3, 2018 by भारत भूषण | 3 Comments on चारों तरफ हैं रास्ते, हर रास्ते पे मोड़ है ! चारों तरफ हैं रास्ते, हर रास्ते पे मोड़ है ! तुही बता ये जिन्दगी, जाना तुझे किस ओर है !! हर तरफ़ से आवाजें, कोलाहल और शोर है ! कुछ समझ आता नहीं, मंजिल मेरी किस ओर है !! सब के सब बेकल यहाँ , सबके सपनों का जोड़ है ! किसके सपने […] Read more » gazal ग़जल भारत भूषण
गजल गजल:नये पत्ते डाल पर आने लगे-सजीवन मयंक February 14, 2012 / February 14, 2012 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | Leave a Comment सजीवन मयंक नये पत्ते डाल पर आने लगे । फिर परिंदे लौटकर गाने लगे ।। जो अंधेरे की तरह डसते रहे । अब उजाले की कसम खाने लगे ।। चंद मुर्दे बैठकर श्मशान में । जिंदगी का अर्थ समझाने लगे ।। उनकी ऐनक टूटकर नीचे गिरी । दूर तक के लोग पहिचाने लगे ।। जब […] Read more » gazal Gazals gazals by sanjeevan mayank गजल गजलें
गजल साहित्य गज़ल ; पैगाम मेरा लेकर जो बादे सबा गई – सत्येंद्र गुप्ता February 7, 2012 / February 7, 2012 by सत्येन्द्र गुप्ता | Leave a Comment पैगाम मेरा लेकर जो बादे सबा गई पैगाम मेरा लेकर जो बादे सबा गई सुनते हैं नमी आँख में उनके भी आ गई। मैं आईने के सामने पहुँची जिस घडी मेरी बुराई साफ़ नज़र मुझको आ गई। एक मैकदा सा बंद था उसकी निगाह में मदहोश कर गई मुझे बेखुद बना गई। Read more » famous gazals gazal gazal by satyendra gupta Gazals गज़ल गज़लें सत्येन्द्र गुप्ता की गज़लें सर्वश्रेष्ठ गज़लें
गजल साहित्य गज़ल ; झुकी तो हया हो गई – सत्येंद्र गुप्ता February 7, 2012 / February 7, 2012 by सत्येन्द्र गुप्ता | Leave a Comment झुकी तो हया हो गई झुकी तो हया हो गई उठी तो दुआ हो गई। बढ़ी इतनी दीवानगी मुहब्बत सजा हो गई। तुम्हारे बिना जिंदगी बड़ी बेमज़ा हो गई। अजाब मुस्कराहट तेरी सरापा कज़ा हो गई। हुई तुमसे क्या दोस्ती ये दुनिया खफा हो गई। Read more » famous gazals gazal gazal by satyendra gupta Gazals गज़ल गज़लें सत्येन्द्र गुप्ता की गज़लें सर्वश्रेष्ठ गज़लें
गजल साहित्य गज़ल ; मैखाने में जरा कभी आकर तो देखिये – सत्येंद्र गुप्ता February 7, 2012 / February 7, 2012 by सत्येन्द्र गुप्ता | Leave a Comment मैखाने में जरा कभी आकर तो देखिये मैख़ाने में जरा कभी आकर तो देखिये एक बार ज़ाम लब से लगाकर तो देखिये। दुनिया को तुमने अपना बनाया तो है मगर हमको भी कभी अपना बनाकर तो देखिये। तुम हाले दिल पे मेरे हंसोगे न फिर कभी पहले किसी से दिल को लगाकर तो देखिये। जिसकी […] Read more » famous gazals gazal gazal by satyendra gupta Gazals गज़ल गज़लें सत्येन्द्र गुप्ता की गज़लें सर्वश्रेष्ठ गज़लें
गजल साहित्य गज़ल ; हर अदा में कमाल था – सत्येंद्र गुप्ता February 7, 2012 / February 7, 2012 by सत्येन्द्र गुप्ता | Leave a Comment हर अदा में कमाल था कोई हर अदा में कमाल था कोई आप अपनी मिसाल था कोई। उसके आशिक थे मिस्ले-परवाना हुस्न से मालामाल था कोई। उससे छुटकारा मिल गया हमको एक जाने बवाल था कोई। वो मिला है न मिल सकेगा कभी एक दिल में ख्याल था कोई। बेचकर खून रोटियाँ लाया भूख से […] Read more » famous gazals gazal gazal by satyendra gupta Gazals गज़ल गज़लें सत्येन्द्र गुप्ता की गज़लें सर्वश्रेष्ठ गज़लें
गजल साहित्य गज़ल ; देवी देवता सखा सहोदर – प्रभुदयाल श्रीवास्तव January 30, 2012 / January 30, 2012 by प्रभुदयाल श्रीवास्तव | Leave a Comment देवी देवता सखा सहोदर सबके सब बेकार हो गये ज्योंही मां उतरी आंखों में सपने सब साकार हो गये|| जैसे गये रसोई में तो मां की सूरत याद आई लोटा थाली डोंगे मग्गे सब मां के आकार हो गये|| जब जब भी तड़्फा हूं मां की किसी तरह सूरत देखूं सारी रात दिखाऊं […] Read more » gazal गज़ल देवी देवता सखा सहोदर
गजल साहित्य गज़ल ; हवा से न कहना – सत्येंद्र गुप्ता January 29, 2012 / January 29, 2012 by सत्येन्द्र गुप्ता | 2 Comments on गज़ल ; हवा से न कहना – सत्येंद्र गुप्ता हवा से न कहना, वो सब को बता देगी तेरा हर ज़ख्म दुनिया को दिखा देगी। तू डूबा हुआ होगा अपने गम में कहीं वो जमाने भर में बहुत शोर मचा देगी। चाहना उसे दिल से एक फासला रखकर शुहरत बिगड़ गई तो हस्ती मिटा देगी। तू दरिया प्यार का है, वो चाँद सूरत है […] Read more » gazal गज़ल हवा से न कहना