राजनीति आतंकवादियों को महिमामंडित करती अरुंधती राय June 4, 2010 / December 23, 2011 by गिरीश पंकज | 44 Comments on आतंकवादियों को महिमामंडित करती अरुंधती राय -गिरीश पंकज अरुंधति राय जैसी पश्चिमोन्मुखी (और कुछ अर्थों में पतनोन्मुखी भी) लेखिकाओं को यह पता है कि अगर मीडिया में बने रहना है तो हथकंडे क्या हो सकते हैं। और वह अकसर सफल रहती हैं। अरुंधति के बहुत-से लटके-झटके मैं देखता रहा हूँ, सबका जवाब देने का कोई मतलब भी नहीं, लेकिन इस बार […] Read more » Naxalism अरुंधती राय नक्सलवाद माओवाद
राजनीति बेकाबू माओवादी-घबराई सरकार:फिर कैसे हो समाधान May 31, 2010 / December 23, 2011 by तनवीर जाफरी | Leave a Comment -तनवीर जाफरी माओवादी अथवा नक्सली हिंसा के विरुद्ध केंद्र सरकार का कुछ राज्य सरकारों के सहयोग से चलाया जाने वाला आप्रेशन ग्रीन हंट जारी है। इस आप्रेशन ग्रीन हंट के परिणाम अप्रत्याशित रूप से जो सामने आ रहे हैं वह आश्चर्यचकित कर देने वाले हैं। आप्रेशन ग्रीन हंट का संचालन करने वाला केंद्रीय गृह मंत्रालय […] Read more » Naxalism नक्सलवाद माओवाद
राजनीति नक्सलवाद : उफ! कोई इन्हें भी फांसी दे दे May 31, 2010 / December 23, 2011 by लोकेन्द्र सिंह राजपूत | 3 Comments on नक्सलवाद : उफ! कोई इन्हें भी फांसी दे दे -लोकेन्द्र सिंह या तो हमारी सरकार का खून सूख गया है या फिर उसकी नक्सलियों से कोई गुप्त संधि है। वरना इतने बेगुनाहों का खून सड़कों पर, रेल की पटरियों पर और छोटे से घर के बाहर बने नाले में बहते देख सरकार का हृदय पिघलता जरूर। वह सिर्फ बातें नहीं करती, कुछ कड़े कदम भी […] Read more » Naxalism नक्सलवाद माओवाद
राजनीति आतंकवादी हैं नक्सली May 18, 2010 / December 23, 2011 by दानसिंह देवांगन | 15 Comments on आतंकवादी हैं नक्सली अब न हो कोई रहम -दानसिंह देवांगन नक्सलियों ने बीते दो दिनों में जिस प्रकार निरपराध और मासूम लोगों को मौत के घाट के उतारा है, उससे साफ है नक्सली अब आतंकवाद की राह पर चल निकले हैं। इससे पहले जितने भी नक्सली हमले हुए, सीआरपीएफ, स्थानीय पुलिस या राजनीतिक नेताओं पर हुए, लेकिन ये […] Read more » Naxalism नक्सलवाद
राजनीति नक्सलवादी या उनके समर्थक – सुकारू के हत्यारे कौन? – राजीव रंजन प्रसाद May 17, 2010 / December 23, 2011 by राजीव रंजन प्रसाद | 3 Comments on नक्सलवादी या उनके समर्थक – सुकारू के हत्यारे कौन? – राजीव रंजन प्रसाद तब एसी मनहूसियत हवाओं में नहीं थी। उससे मैं पहली बार पुरानी बचेली के बाजार में मिला था जहाँ मुर्गे लडाये जाते थे। बडा जबरदस्त माहौल हुआ करता था। उसने लाल अकडदार मुर्गे पर दाँव लगाया हुआ था, कम्बख्त मुर्गा केवल देखने का ही मोटा था। सामने वाला मुर्गा सख्त जान निकला कुडकुडा कर झपटा […] Read more » Naxalism नक्सलवाद
राजनीति फिर 50 निर्दोष लोगों के लाशों के ढेर लगा दिए नक्सलियों ने May 17, 2010 / December 23, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 1 Comment on फिर 50 निर्दोष लोगों के लाशों के ढेर लगा दिए नक्सलियों ने छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में फिर भीषण नक्सली हमला। नक्सलियों ने एक बस को बम से उडाकर पचास निर्दोष लोगों को मौत के घाट उतार दिया। इसमें ज़्यादातर स्थानीय लोग ही सवार थे। यह विस्फोट सुकमा राजमार्ग पर हुआ है। सुकमा दंतेवाड़ा से महज 35 किलोमीटर दूर है, जबकि जिस जगह यह घटना घटी है वहां […] Read more » Naxalism नक्सलवाद माओवाद
राजनीति नक्सलवाद: इस नए महाभारत के शिखंडियों को पहचानें-2 May 13, 2010 / December 23, 2011 by पंकज झा | 3 Comments on नक्सलवाद: इस नए महाभारत के शिखंडियों को पहचानें-2 -पंकज झा नक्सलवाद के पैरोकार तथाकथित बुद्धिजीवी किस तरीके से छद्म लबादा ओढे भारतीय लोकतंत्र और समाज व्यवस्था पर चोट कर रहे हैं, इस विषय पर लिखित निम्न लेख हमारी आंखें खोलनेवाला है। इस लेख का पहला भाग आप पढ चुके हैं। प्रस्तुत है अंतिम भाग- संपादक अभी 3-4 महीने पहले लेखिका और नक्सल समर्थक […] Read more » Naxalism नक्सलवाद माओवाद
राजनीति नक्सलवाद: इस नए महाभारत के शिखंडियों को पहचानें May 12, 2010 / December 23, 2011 by पंकज झा | 1 Comment on नक्सलवाद: इस नए महाभारत के शिखंडियों को पहचानें -पंकज झा नक्सलवाद के पैरोकार तथाकथित बुद्धिजीवी किस तरीके से छद्म लबादा ओढे भारतीय लोकतंत्र और समाज व्यवस्था पर चोट कर रहे हैं, इस विषय पर लिखित निम्न लेख हमारी आंखें खोलनेवाला है। पंकजजी ने यह लेख एक पत्रिका के लिए लिखा है। जाहिर है लेख लंबा है। सामान्यतः नेट पर लोग बड़ा पोस्ट पढ़ना […] Read more » Naxalism नक्सलवाद माओवाद
राजनीति सलवा जुडूम: नई सोच की जरुरत April 26, 2010 / December 24, 2011 by सतीश सिंह | 1 Comment on सलवा जुडूम: नई सोच की जरुरत अर्थ और उत्पत्ति छत्तीसगढ़ में आदिवासियों के लिए आये दिन नक्सली होने के आरोप को झेलना और पुलिसिया अत्याचार को सहना आम बात है। हालात इतने बदतर हो गये हैं कि पुलिस उनको नक्सली समझती है और नक्सली उनको पुलिस का मुखबिर मानते हैं। लिहाजा अपनी बदहाल स्थिति से निजात पाना ही आदिवासियों का शुरु […] Read more » Naxalism नक्सलवाद माओवाद सलवा जुडूम
प्रवक्ता न्यूज़ मीडिया में माओ April 22, 2010 / December 24, 2011 by अनिल सौमित्र | 19 Comments on मीडिया में माओ कलमबंदी और हथियारबंदी का ताना-बाना आउटलुक पत्रिका के ताजे अंक में अरुंधती रॉय का लंबा आलेख प्रकाशित हुआ है। कुछ ही दिनों पूर्व पश्चिम बंगाल में उन्होंने एक साक्षात्कार भी दिया। लगे हाथों एक टीवी चैनल ने भी उनका साक्षात्कार प्रसारित किया। जाहिर है अरुंधती का लिखा-कहा काफी पढ़ा और सुना जाता है। वर्तमान मीडिया […] Read more » Naxalism अरूंधती राय नक्सलवाद माओवाद
राजनीति बस्तर में आन्दोलन और आन्दोलनकर्ताओं के सच [संस्मरण] – राजीव रंजन प्रसाद April 17, 2010 / December 24, 2011 by राजीव रंजन प्रसाद | 11 Comments on बस्तर में आन्दोलन और आन्दोलनकर्ताओं के सच [संस्मरण] – राजीव रंजन प्रसाद जगदलपुर का सीरासार चौक, शाम के करीब सात बजे होंगे। अचानक एक जनसैलाब उमडा और चौंक से उस बेहद संकरी सडक में जैसे उमडता हुआ पुलिस थाने की ओर बढने लगा। मैं कुछ समझ पाता इससे पहले बचने की कोशिश जरूरी थी। मैं अपने मित्र अफज़ल के घर की ओर भागा जो बिलकुल बस स्टैंड […] Read more » Naxalism नक्सलवाद बस्तर
राजनीति माओवादियों से लडने के लिए दोतरफा रणनीति की जरूरत April 16, 2010 / December 24, 2011 by गौतम चौधरी | Leave a Comment दंतेवाडा की घटना पर लगातार टेबुल टॉक जारी है। कोई माओवादियों को तो कोई केन्द्रीय गृहमंत्री चिदंबरम को मसीहा घोषित कर रहा है। इधर दंतेवाडा के मओवादी हमला में मारे गये केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवानों की वीरता पर पूरा देश नतमस्तक है, लेकिन चिदंबरम साहब के नाकट से यह साबित हो गया है […] Read more » Maoist Naxalism दंतेवाडा नक्सलवाद माओवाद