आलोचना विधि-कानून जातीय आरक्षण के दिन लद गए March 12, 2021 / March 12, 2021 by डॉ. वेदप्रताप वैदिक | Leave a Comment डॉ. वेदप्रताप वैदिकहमारा सर्वोच्च न्यायालय अब नेताओं से भी आगे निकलता दिखाई दे रहा है। उसने सभी राज्यों को निर्देश दिया है कि वे बताएं कि सरकारी नौकरियों में जो आरक्षण अभी 50 प्रतिशत है, उसे बढ़ाया जाए या नहीं? कौन राज्य है, जो यह कहेगा कि उसे न बढ़ाया जाए? सभी नेता और पार्टियाँ […] Read more » Supreme Court supreme court on reservation The days of ethnic reservation are over जातीय आरक्षण
लेख विधि-कानून सूचना अधिकार: सुप्रीम कोर्ट ,जबाबदेह तंत्र और असली चुनौती की दुरभिसंधि November 18, 2019 / November 18, 2019 by डॉ अजय खेमरिया | Leave a Comment अफसरशाही की शरणस्थली बनी सूचना अधिकार की सुविधाएं डॉ अजय खेमरियाभारत का सुप्रीम कोर्ट सूचना के अधिकार कानून के दायरे में आएगा।चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने सुप्रीम कोर्ट के ही सेक्रेटरी जनरल और लोक सूचना अधिकारी की तीन याचिकाओं को खारिज करते हुए यह ऐतिहासिक निर्णय सुनाया है।उत्तरदायी […] Read more » Supreme Court असली चुनौती की दुरभिसंधि जबाबदेह तंत्र जबाबदेह तंत्र और असली चुनौती की दुरभिसंधि सुप्रीम कोर्ट सूचना अधिकार सूचना अधिकार की सुविधाएं सूचना अधिकार: सुप्रीम कोर्ट
राजनीति अयोध्या निर्णय : सेक्यूलर चश्मे से भी समझने की आवश्यकता November 12, 2019 / November 12, 2019 by डॉ अजय खेमरिया | Leave a Comment रामलला भी जीते है और इमामे हिन्द इस निर्णय ने नकली सेक्युलरिज्म को बेनकाब कर दिया है डॉ अजय खेमरियाअयोध्या पर भारत की सर्वोच्च अदालत के निर्णय को आज सेक्युलरिज्म के चश्मे से भी देखने की आवश्यकता है।यह वही चश्मा है जिसने इस मुल्क की संसदीय सियासत में 70 साल तक लोगों की आंखों पर […] Read more » Ayodhya verdict Supreme Court Supreme court on Ayodhya Verdict अयोध्या निर्णय
विधि-कानून विविधा आखिर कब तक यूँ ही बंद होता रहेगा भारत ? April 3, 2018 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment सुप्रीम कोर्ट द्वारा एस.सी.-एसटी एक्ट में बदलाब के विरोध मंे जनता का एक वर्ग आक्रोशित हो रहा है। दलितों के सवाल पर राजनीतिक दल रोटियाँ सेकनें में जुट गये हैं। वर्ग विशेष उग्र आंदोलन कर रहा है। उच्चतम न्यायालय ने अनुसूचित जाति व जनजाति अत्याचार अधिनियम में नया दिशा-निर्देश जारी किया है। दलितों के उत्पीड़न […] Read more » bharat band changes in scst act Featured Supreme Court अनुसूचित जाति व जनजाति अत्याचार अधिनियम में नया दिशा-निर्देश भारत सुप्रीम कोर्ट
विविधा रोहिंग्याओं के प्रति न्यायालय का उदार रुख ? October 16, 2017 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment प्रमोद भार्गव किसी भी पीड़ित समुदाय के प्रति उदारता मानवीय धर्म है, लेकिन जब अवैध रूप से देश में घुसकर आए समुदाय के प्रति राष्ट्रीय सुरक्षा एंजेसियां सुरक्षा को लेकर खतरा बता रही हों, तो ऐसी उदारता देश के लिए भविष्य में घातक साबित हो सकती है ? रोहिंग्या घुसपैठिए बनाम शरणार्थियों के सवाल अपनी […] Read more » Featured Rohingya Supreme Court Supreme court on rohingya न्यायालय का उदार रुख ? रोहिंग्या
विविधा पटाखों पर रोक का व्यावहारिक पक्ष October 14, 2017 / October 14, 2017 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment प्रमोद भार्गव सर्वोच्च न्यायालय ने दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में इस साल दीपावली के ऐन मौके पर पटाखों की बिक्री पर जो पाबंदी लगाई है, उससे तमाम लोग सांस लेने में राहत महसूस कर सकते हैं, लेकिन इसका दूसरा व्यावहारिक पक्ष यह भी है कि कई व्यापारियों से लेकर पटाखा उत्पादक निर्माताओं को आजीविका […] Read more » ban on sale of crackers ban on sale of crackers by supreme court in diwali Diwali Featured Supreme Court दीपावली दीपावली के मौके पर पटाखों की बिक्री पर पाबंदी पटाखों की बिक्री पटाखों की बिक्री दीपावली पटाखों की बिक्री पर पाबंदी
विविधा पटाखेः बेमतलब फैसला October 11, 2017 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment डॉ. वेदप्रताप वैदिक सर्वोच्च न्यायालय ने अगले 20 दिन के लिए दिल्ली में पटाखों की बिक्री पर रोक लगा दी है। अदालत का यह फैसला अजीब-सा है। बिक्री पर रोक है लेकिन पटाखे छुड़ाने पर रोक नहीं है। तो अब होगा यह कि दीवाली के मौके पर अदालत की नाक के नीचे जमकर पटाखे फोड़े […] Read more » ban on crackers ban on crackers useless decision by supreme court Supreme Court useless decision by supreme court पटाखे पटाखों की बिक्री पर रोक
विविधा केवल हिंदुत्व में ही हस्तक्षेप न्यायालय श्रीमान का!! October 11, 2017 by प्रवीण गुगनानी | Leave a Comment संदर्भ: पटाखों पर प्रतिबंध दो तथ्य भारतीय न्याय व्यवस्था के समक्ष विनम्रता पूर्वक रखना चाहता हूँ 1. हिंदुत्व हजारों वर्षों से एक विकसित जीवन शैली रही है. और 2. यह सांस्कृतिक जीवन शैली अपना उन्नति मार्ग स्वयं ही खोजती रही है. इसे संक्षिप्त विस्तार दूं तो यह व्यक्तव्य होगा कि हिंदू जीवन शैली व इसके […] Read more » Featured only hindu festivals are banned by supreme court Supreme Court पटाखों पर प्रतिबंध भारतीय न्यायालय
विधि-कानून विविधा यह न्यायिक आपातकाल क्यों? May 11, 2017 by डॉ. वेदप्रताप वैदिक | Leave a Comment पता नहीं, वह उनसे इतना डरा हुआ क्यों है? एक माह बाद वे सेवा-निवृत्त होने वाले थे। वे हो जाते। मामला खत्म होता लेकिन अब सर्वोच्च न्यायालय ने अपने आप को दलदल में फंसा लिया है। उसका यह आदेश तो बिल्कुल भी मानने लायक नहीं है कि अखबार और टीवी चैनल कर्णन का कोई भी बयान प्रकाशित न करें। कर्णन का न करें और उनका करें, यह क्या मजाक है? क्या यह न्यायिक आपात्काल नहीं है? Read more » 6 months jail Justice Karnan Supreme Court TV channels कर्णन कलकत्ता हाईकोर्ट द्रविड़ मुनेत्र कड़गम सर्वोच्च न्यायालय सी एस कर्णन
विधि-कानून विविधा निर्भया और बिल्किस बानो May 6, 2017 by डॉ. वेदप्रताप वैदिक | Leave a Comment निर्भया के बलात्कार और हत्या करने वाले चार अपराधियों को आज सर्वोच्च न्यायालय मृत्यु-दंड नहीं देता तो भारत में न्याय की मृत्यु हो जाती। निर्भया कांड ने दिसंबर 2012 में देश का दिल जैसे दहलाया था, उसे देखते हुए ही 2013 में मृत्युदंड का कानून (धारा 376ए) पास हुआ था। छह अपराधियों में से एक […] Read more » Bilkis Bano gangrape case Featured Nirbhaya nirbhaya gang rape case Supreme Court गुजरात बिल्किस बानो
विधि-कानून विविधा बड़ी अदालत में बड़ा अन्याय May 5, 2017 / May 5, 2017 by डॉ. वेदप्रताप वैदिक | Leave a Comment भारत के सर्वोच्च न्यायालय में आप किसी भी भारतीय भाषा का प्रयोग नहीं कर सकते। हिंदी का भी नहीं। हिंदी राजभाषा है। यह हिंदी और राज दोनों का मजाक है। यदि आप संसद में भारतीय भाषाओं का प्रयोग कर सकते हैं तो सबसे बड़ी अदालत में क्यों नहीं? सबसे बड़ी अदालत में सबसे बड़ा अन्याय है, यह ! देश के सिर्फ चार उच्च न्यायालयों में हिंदी का प्रयोग हो सकता है- राजस्थान, उप्र, मप्र और बिहार! छत्तीसगढ़ और तमिलनाडु ने भी स्वभाषा के प्रयोग की मांग कर रखी है। Read more » bihar Constitution High Courts hindi Narendra Modi Regional Language Supreme Court अदालत छत्तीसगढ़ राजस्थान
आर्थिकी शीर्ष न्यायालय और गरीबी रेखा March 30, 2012 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment प्रमोद भार्गव देश के गरीबी रेखा की खिल्ली उड़ाने के साथ योजना आयोग ने सर्वोच्च न्यायालय की भी खिल्ली उड़ार्इ है। क्योंकि इसी न्यायालय ने दिशा-निर्देश दिए थे कि गरीबी रेखा इस तरह से तय की जाए कि वह यथार्थ के निकट हो। इसके बावजूद आयोग ने देश की शीर्ष न्यायालय को भी आर्इना दिखा […] Read more » Poverty Line Supreme Court गरीबी रेखा शीर्ष न्यायालय