महिला-जगत लेख आखिर कब रुकेंगी औरतों पर होती यातनाएं ? – भाग दो December 14, 2011 / December 14, 2011 by अन्नपूर्णा मित्तल | 8 Comments on आखिर कब रुकेंगी औरतों पर होती यातनाएं ? – भाग दो मैंने “आखिर कब रुकेंगी औरतों पर होती यातनाएं ?” लेख लिखा। इस लेख को लोगों ने जिस प्रकार गंभीरतापूर्वक लिया उसके लिए सबका धन्यवाद। इस लेख पर लोगो की हर प्रकार की प्रतिक्रियाएँ आए और खासतौर पर शादाफ जाफ़र जी की, उसके बाद मुझे आखिर कब रुकेंगी औरतों पर होती यातनाएं ? – भाग दो, […] Read more » torture on woman Woman woman suffering औरत यातनाएं
महिला-जगत @अन्नपूर्णा मित्तल; नारी पूजनीय है, नारी को भी ये याद रखना होगा? December 11, 2011 / December 11, 2011 by शादाब जाफर 'शादाब' | 5 Comments on @अन्नपूर्णा मित्तल; नारी पूजनीय है, नारी को भी ये याद रखना होगा? शादाब जफर शादाब आखिर कब रूकेगी औरतों पर होती यातनाएं, लेख प्रवक्ता पर पढा। अन्नपूर्णा मित्तल जी, आप एक महिला है और महिला होने के नाते आप ने जो भी लिखा, जो भी सुना वो सच नहीं। मुझे ये तो ज्यादा पता नहीं कि दुनिया मैं महिलाओं को लोग किस नजरिये से देखते है पर […] Read more » Woman औरत नारी महिला
महिला-जगत लेख समाज आखिर कब रुकेंगी औरतों पर होती यातनाएं ? December 11, 2011 / December 15, 2011 by अन्नपूर्णा मित्तल | 12 Comments on आखिर कब रुकेंगी औरतों पर होती यातनाएं ? हमारा समाज पुरुष प्रधान देश है. यहाँ औरतें शुरू से ही जुर्म का शिकार होती रही हैं. शादी के पहले उस पर बेटी, बहन के नाम पर पाबंदी लगाई जाती है. थोड़ी सी आज़ादी पर ही उसके भाई, पिता, नाते रिश्तेदार घर की मर्यादाएं तोड़ने का आरोप लगा डालते हैं. वहीं शादी के बाद उसे […] Read more » torture on woman Woman woman suffering औरत यातनाएं
महिला-जगत वर्तमान स्त्री : पूज्या या भोग्या August 1, 2011 / December 7, 2011 by राजीव गुप्ता | 12 Comments on वर्तमान स्त्री : पूज्या या भोग्या राजीव गुप्ता अहं केतुरहं मूर्धाहमुग्रा विवाचानी । ममेदनु क्रतुपतिरू सेहनाया उपाचरेत !! ( ऋग्वेद ) ( ऋग्वेद की ऋषिका -शची पोलोमी कहती है “मैं ध्वजारूप (गृह स्वामिनी ),तीव्र बुद्धि वाली एवं प्रत्येक विषय पर परामर्श देने में समर्थ हूँ । मेरे कार्यों का मेरे पतिदेव सदा समर्थन करते हैं ! ” ) संक्रमण काल के […] Read more » Woman नारी स्त्री
महिला-जगत 775 साल का लेडी पावर May 14, 2011 / December 13, 2011 by लिमटी खरे | Leave a Comment लिमटी खरे आजादी के पहले महिलाओं को कमतर ही आंका जाता रहा है। महिलाओं को चूल्हा चैका संभालने और बच्चे पैदा करने की मशीन ही समझते थे सभ्य समाज में पुरूष वर्ग के लोग। अस्सी के दशक के उपरांत यह मिथक शनैः शनैः टूटने लगा। लोग मानते थे कि महिलाओं को अगर घर की दहलीज […] Read more » Woman नारीशक्ति महिला
महिला-जगत आज के युग में पति द्वारा औरत को पीटना क्या जायज है? January 19, 2011 / December 16, 2011 by एल. आर गान्धी | Leave a Comment एल.आर.गान्धी भारतीय राजनयिक अधिकारी अनिल वर्मा ने अपनी पत्नी को क्या पीट दिया ‘सारे सभ्य समाज में बवाल मच गया. भारत ने भी अपने अधिकारी को वापिस बुला लिया और उसके खिलाफ सख्त कारर्वाही की जाएगी? इसी बीच वर्मा की पत्नी प्रोमिता ने अपने और पांच वर्षीय बेटे के लिए लन्दन में शरण देने की […] Read more » Woman औरत पत्नी महिला
महिला-जगत दलीय राजनीति और महिलाएं October 20, 2010 / December 20, 2011 by राखी रघुवंशी | 4 Comments on दलीय राजनीति और महिलाएं -राखी रघुवंशी दलित महिलाओं की स्थिति पर अक्सर मीडिया का ध्यान तब जाता है जब वे बलात्कार की शिकार होती हैं या उन्हें नग्न, अर्धनग्न करके सड़कों पर घुमाया जाता है। ऐसी शर्मनाक घटनाओं की रिर्पोटिंग के बाद उनका फॉलोअप बहुत ही कम किया जाता है। दरअसल आजादी के छह दशक बाद भी दलित महिलाओं […] Read more » Woman दलित महिला
महिला-जगत भारतीय चिंतन में नारी दृष्टि October 11, 2010 / December 21, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 7 Comments on भारतीय चिंतन में नारी दृष्टि -हृदयनारायण दीक्षित मां सृष्टि की आदि अनादि अनन्य अनुभूति है। प्रत्येक जीव मां का विकास है। मां प्रथमा है। दिव्यतम् और श्रेष्ठतम् अनुभूति है मां। इसलिए सभ्यता विकास के प्रारंभिक चरण में ही मनुष्य को जहां-जहां अनन्य प्रीति मिली, वहां-वहां उसने मां की अनुभूति पाई। जल जीवन का प्राण है। जल नहीं तो जीवन नहीं। […] Read more » Woman नारी
कविता विजया सिंह की कविता- स्त्रीत्व का सुखद नैसर्गिक सौंदर्य October 11, 2010 / December 21, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 2 Comments on विजया सिंह की कविता- स्त्रीत्व का सुखद नैसर्गिक सौंदर्य पहली बार जाना, ‘कितना खतरनाक होता है दो स्तनों के साथ इस दुनिया में कदम रखना.’ पहली बार समझा, महज़ अंग नहीं सजीव चेतन हैं हमारे… और पहली बार ही, दर्द की कँटीली रेखाएँ खड़ी हो गई हैं शरीर के एकाधिक पोरों में. ‘मैं ठीक हूँ’ का अपाहिज झूठ आश्वस्त नहीं करता, न मुझे, न […] Read more » Woman औरत
कविता कविता- औरत October 11, 2010 / December 21, 2011 by सतीश सिंह | 7 Comments on कविता- औरत औरत तिल-तिल कर मरती रही, जलती रही अपने अस्तित्व को हर पल खोती रही दुख के साथ दुख के बीच जीवन के कारोबार में नि:शब्द अपने पगचापों का मिटना देखती रही सृजन के साथ जनम गया शोक रुदाली का जारी है विलाप सूख गया कंठ फिर भी वह आंखों से बोलती रही जीवन के हर […] Read more » Woman औरत
प्रवक्ता न्यूज़ स्त्री संस्कृति का जादुई संसार October 6, 2010 / December 21, 2011 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | 4 Comments on स्त्री संस्कृति का जादुई संसार -जगदीश्वर चतुर्वेदी हजारों सालों बाद आज भी औरत एक पहेली बनी हुई है। उसका शरीर, आचार, विचार, संभोग, जादू-टोना, प्रेम आदि सभी के बारे में पंडितों में भयानक भ्रम बना हुआ है। हमारे भक्ति आंदोलन के विचारकों में एक हैं पुरूषोत्तम अग्रवाल। उन्होंने अपनी किताब में कबीर के साहित्य में ‘शाश्वत स्त्रीत्व’ की खोज की […] Read more » Woman नारी
कविता कविता/औरत August 8, 2010 / December 22, 2011 by सावित्री तिवारी 'आजमी' | 14 Comments on कविता/औरत -सावित्री तिवारी ‘आजमी’ पुरूषों की इस दुनिया में, भगवान बनाई क्यों औरत। कोमल अंगों-सुन्दरता से, भगवान सजाई क्यों औरत॥ दी अग्नि परीक्षा सीता बन, द्रौपदी की गई अर्ध नग्न। अस्मिता हनन करने को ही, भगवान बनाई क्यों औरत॥ क्यों कोख में ही मारी जाती, बच जाय तो दुत्कारी जाती। केवल जिल्लत ही सहने को, भगवान […] Read more » Woman औरत