Tag: ऋषि दयानन्द

धर्म-अध्यात्म

‘जीवात्मा विषयक कुछ रहस्यों पर विचार’

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मनमोहन कुमार आर्य, मैं कौन हूं और मेरा परिचय क्या है? यह प्रश्न सभी को अपने आप से पूछना चाहिये और इसका युक्तिसंगत व सन्तोषजनक उत्तर जानने का प्रयत्न करना चाहिये। यदि आप इसका उत्तर नहीं जानते तो आपको इसकी खोज करनी चाहिये। विद्वानो से आत्मा विषयक ज्ञान प्राप्त करना चाहिये। सत्यार्थप्रकाश व उपनिषद, दर्शन […]

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धर्म-अध्यात्म

“सत्यार्थ-प्रकाश का हिन्दी में लिखा  जाना एक अत्यन्त महत्वपूर्ण घटना”

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मनमोहन कुमार आर्य, सत्यार्थप्रकाश कोई सामान्य ग्रन्थ न होकर वैदिक धर्मियों का धर्मग्रन्थ है जिसका आधार वेद और वेद की निर्भ्रान्त सत्य मान्यतायें एवं सिद्धान्त हैं। हम सत्यार्थप्रकाश को धर्म ग्रन्थ इस लिये कह रहे हैं कि सामान्य व्यक्ति वेदों का अध्ययन कर उससे वह लाभ नहीं उठा सकता जो सत्यार्थप्रकाश से प्राप्त होता है। […]

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धर्म-अध्यात्म

आर्यसमाज धामावाला देहरादून का का सत्संग- ‘जो मनुष्य स्वराज्य की अर्चना करेगा वह कभी बुरा काम नहीं करेगाः आचार्य सत्यदेव निगमालंकार’

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मनमोहन कुमार आर्य, आर्यसमाज धामावाला, देहरादून ऋषि दयानन्द द्वारा सन् 1879 में स्थापित आर्यसमाज है। ऋषि ने यहां विश्व की सबसे पहली शुद्धि की थी जिसमें जन्म से मुस्लिम बन्धु श्री मोहम्मद उमर को उनकी इच्छा से परिवार सहित ‘वैदिक धर्मी आर्य’ बनाया था। उनका नाम भी बदल कर अलखधारी किया था। यह व्यक्ति अपने […]

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धर्म-अध्यात्म

‘सत्यार्थ-प्रकाश लिखकर ऋषि दयानन्द ने मानव जाति का उपकार किया है’

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मनमोहन कुमार आर्य, महर्षि दयानन्द वेद, इतिहास एवं संस्कृति के मूर्धन्य विद्वान व प्रचारक थे। उन्होंने सहस्रों की संख्या में संस्कृत भाषा के प्राचीन शास्त्रीय व इतर ग्रन्थों का अध्ययन किया था और लगभग तीन सहस्र ग्रन्थों को प्रामाणिक माना था। वेद सहित ऋषि दयानन्द अष्टाध्यायी-महाभाष्य व्याकरण, निरुक्त, ब्राह्मण ग्रन्थ, दर्शन, उपनिषद, रामायण, महाभारत, चरक, […]

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