न्यूज़ “आर्यसमाज से जुड़े श्री ओम् प्रकाश गैरोला को सभी बैंको की राष्ट्रीय स्तर की संयुक्त हिन्दी निबंध प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार” September 20, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, श्री ओम् प्रकाश गैरोला हमारे 40 वर्षों से अधिक समय से एक घनिष्ठ एवं प्रिय मित्र हैं। हम दोनों एक साथ जनवरी, 1978 में भारतीय पेट्रोलियम संस्थान, देहरादून (आईआईपी) में लिपिक के पद पर नियुक्त हुए थे। मैं तब से इसी कार्यालय में कार्य करता रहा और कुछ समय बाद मेरी तकनीकी […] Read more » आर्यसमाज ऋषि दयानन्द टिहरी गढ़वाल पीएनबी की राष्ट्रीय स्तर श्री गैरोला जी साहित्य
धर्म-अध्यात्म ‘ईश्वर की उपासना से लाभ’ September 17, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, मनुष्य को ईश्वर की उपासना करनी चाहिये अथवा नहीं? जो मनुष्य वैदिक परम्पराओं से दूर हैं और पढ़े-लिखे नास्तिकों के सम्पर्क में रहते हंै वह तो वैदिक विद्वानों के न तो तर्कों को सुनते हैं और न ही उनमें सत्यासत्य की परीक्षा करने की योग्यता होती है। जो सज्जन मनुष्य होता है, […] Read more » ‘ईश्वर की उपासना से लाभ’ अनुत्पन्न अमर ऋषि दयानन्द जीवात्मा अनादि नित्य महर्षि दयानन्द
धर्म-अध्यात्म ‘सत्यार्थ प्रकाश के प्रचार में शिथिलतायें दूर होनी चाहियें’ September 14, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य, महर्षि दयानन्द ने सत्यार्थप्रकाश एक ऐसा ग्रन्थ रचा है जो ‘भूतो न भविष्यति’ कथन को सार्थक सिद्ध करता है। ऋषि दयानन्द ने आर्यसमाज की स्थापना की थी जिसका उद्देश्य वेदों का प्रचार व प्रसार करना था। सत्यार्थप्रकाश वेदों के प्रचार व प्रसार का सबसे अधिक सशक्त माध्यम है। सत्यार्थप्रकाश का प्रचार और […] Read more » ईश्वर ऋग्वेदादिभाष्य ऋषि दयानन्द जीवात्मा सत्यार्थप्रकाश
धर्म-अध्यात्म “प्राचीन भारत सकारण अध्यात्म प्रधान देश था” September 11, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, आज हम जिस युग में जीवन व्यतीत कर रहे हैं वह आधुनिक युग कहा जाता है। महाभारत काल से पूर्व का प्राचीन भारत अपने समय में तो आधुनिक ही कहा जाता रहा होगा परन्तु उस समय के विद्वानों व मनीषियों ने आध्यात्म और भौतिकवाद में से अध्यात्म का चयन किया था। यह […] Read more » अज्ञान-अशिक्षा अभाव अवैदिक मूर्तिपूजा अशिक्षा ऊंच-नीच ऋषि दयानन्द कुपोषण धनी-निर्धन बेरोजगारी भेदभाव मत-मतान्तर
धर्म-अध्यात्म ‘जीवात्मा विषयक कुछ रहस्यों पर विचार’ September 5, 2018 by मनमोहन सिंह | 1 Comment on ‘जीवात्मा विषयक कुछ रहस्यों पर विचार’ मनमोहन कुमार आर्य, मैं कौन हूं और मेरा परिचय क्या है? यह प्रश्न सभी को अपने आप से पूछना चाहिये और इसका युक्तिसंगत व सन्तोषजनक उत्तर जानने का प्रयत्न करना चाहिये। यदि आप इसका उत्तर नहीं जानते तो आपको इसकी खोज करनी चाहिये। विद्वानो से आत्मा विषयक ज्ञान प्राप्त करना चाहिये। सत्यार्थप्रकाश व उपनिषद, दर्शन […] Read more » ‘जीवात्मा विषयक कुछ रहस्यों पर विचार’ Featured अवतार ईश्वर-पुत्र ईश्वर ईश्वरोपासना ऋषि दयानन्द दान दीन-दुखियों परोपकार महापुरुष यज्ञ सत्यार्थप्रकाश संदेशवाहक स्वामी दयानन्द
धर्म-अध्यात्म ‘ऋषि दयानन्द ने देश और धर्म की रक्षा के लिए ही आर्यसमाज बनाया’ August 22, 2018 / August 22, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, ऋषि दयानन्द ने 10 अप्रैल, 1875 ई. को मुम्बई में आर्यसमाज की स्थापना की थी। आर्यसमाज की स्थापना का कारण वैदिक धर्म एवं संस्कृति सहित देश की रक्षा करना था। यह सुविदित है कि प्राचीन वैदिक सनातन धर्म में महाभारत व उसके बाद विकृतियां आनी आरम्भ हो गईं थीं। इसका कारण महाभारत […] Read more » Featured आर्यसमाज आर्याभिविनय ईश्वर ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका ऋषि दयानन्द धर्म की रक्षा सत्यार्थप्रकाश
धर्म-अध्यात्म “सत्यार्थ-प्रकाश का हिन्दी में लिखा जाना एक अत्यन्त महत्वपूर्ण घटना” August 21, 2018 / August 21, 2018 by मनमोहन आर्य | 3 Comments on “सत्यार्थ-प्रकाश का हिन्दी में लिखा जाना एक अत्यन्त महत्वपूर्ण घटना” मनमोहन कुमार आर्य, सत्यार्थप्रकाश कोई सामान्य ग्रन्थ न होकर वैदिक धर्मियों का धर्मग्रन्थ है जिसका आधार वेद और वेद की निर्भ्रान्त सत्य मान्यतायें एवं सिद्धान्त हैं। हम सत्यार्थप्रकाश को धर्म ग्रन्थ इस लिये कह रहे हैं कि सामान्य व्यक्ति वेदों का अध्ययन कर उससे वह लाभ नहीं उठा सकता जो सत्यार्थप्रकाश से प्राप्त होता है। […] Read more » Featured अज्ञान अन्धविश्वास ईश्वर ऋषि दयानन्द गुरु स्वामी विरजानन्द सरस्वती पाखण्ड सत्यार्थप्रकाश
धर्म-अध्यात्म आर्यसमाज धामावाला देहरादून का का सत्संग- ‘जो मनुष्य स्वराज्य की अर्चना करेगा वह कभी बुरा काम नहीं करेगाः आचार्य सत्यदेव निगमालंकार’ August 20, 2018 / August 20, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, आर्यसमाज धामावाला, देहरादून ऋषि दयानन्द द्वारा सन् 1879 में स्थापित आर्यसमाज है। ऋषि ने यहां विश्व की सबसे पहली शुद्धि की थी जिसमें जन्म से मुस्लिम बन्धु श्री मोहम्मद उमर को उनकी इच्छा से परिवार सहित ‘वैदिक धर्मी आर्य’ बनाया था। उनका नाम भी बदल कर अलखधारी किया था। यह व्यक्ति अपने […] Read more » Featured अटल बिहारी वाजपेयी ऋषि दयानन्द केरल देवयज्ञ अग्निहोत्र पं. गुरुदत्त विद्यार्थी पं. राम प्रसाद बिस्मिल और अशफाक उल्ला खां पं. रामप्रसाद बिस्मिल बंगाल लाला लाजपतराय स्वामी श्रद्धानन्द
धर्म-अध्यात्म “जन्म व मृत्यु शरीर के आदि व अन्तिम छोर हैं और अन्त्येष्टि संस्कार अन्तिम क्रिया है” August 20, 2018 / August 20, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, मनुष्य के जन्म से जीवन का आरम्भ होता है और मृत्यु होने पर जीवन समाप्त हो जाता है। जन्म का अर्थ है कि एक चेतन, अल्पज्ञ, ससीम, सूक्ष्म और अनादि व नित्य जीवात्मा का माता के गर्भ में शरीर का निर्माण व जन्म तथा मृत्यु का अर्थ है कि शरीरस्थ जीवात्मा का […] Read more » Featured अग्नि ऋषि दयानन्द एकादशाह गया श्राद्ध जन्म जल दशगात्र द्वादशाह पृथिवी मासिक मृत्यु शरीर वायु वार्षिक सपिण्डी कर्म
धर्म-अध्यात्म “वेदों का यथार्थ ज्ञान वेदांगों के अध्ययन से ही सम्भव” August 18, 2018 / August 18, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य, वेद ईश्वरीय ज्ञान है और सब सत्य विद्याओं का पुस्तक है। सभी विद्याओं का विस्तार वेदों के आधार व ज्ञान से ही सम्भव हो सका है। वेद सृष्टि के आरम्भ में परमात्मा से उत्पन्न हुए। परमात्मा ने सृष्टि के आरम्भ में अमैथुनी सृष्टि की थी। इस अमैथुनी सृष्टि में सभी स्त्री व […] Read more » Featured अग्नि अध्ययन से ही सम्भव आदित्य ऋग्वेद ऋषि दयानन्द ब्रह्मा यजुर्वेद वायु वेदों का यथार्थ ज्ञान शिक्षक सामवेद और अथर्ववेद स्वामी दयानन्द स्वामी विरजानन्द जी
धर्म-अध्यात्म ‘सत्यार्थ-प्रकाश लिखकर ऋषि दयानन्द ने मानव जाति का उपकार किया है’ August 17, 2018 / August 17, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, महर्षि दयानन्द वेद, इतिहास एवं संस्कृति के मूर्धन्य विद्वान व प्रचारक थे। उन्होंने सहस्रों की संख्या में संस्कृत भाषा के प्राचीन शास्त्रीय व इतर ग्रन्थों का अध्ययन किया था और लगभग तीन सहस्र ग्रन्थों को प्रामाणिक माना था। वेद सहित ऋषि दयानन्द अष्टाध्यायी-महाभाष्य व्याकरण, निरुक्त, ब्राह्मण ग्रन्थ, दर्शन, उपनिषद, रामायण, महाभारत, चरक, […] Read more » Featured अर्थ उपनिषद ऋषि दयानन्द काम व मोक्ष गुरुमन्त्र व्याख्या दर्शन धर्म पठन-पाठन ब्रह्मचर्योपदेश ब्राह्मण मनुस्मृति रामायण सन्ध्या अग्निहोत्र उपदेश
धर्म-अध्यात्म “भ्रान्ति-निवारण पुस्तक से चुने ज्ञानवर्धक व मार्गदर्शक ऋषि-वचन” August 16, 2018 / August 16, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य, हमने इससे पूर्व ऋषि दयानन्द जी के लघु-ग्रन्थ भ्रान्ति-निवारण से 25 चुने हुए ऋषि वचनों को प्रस्तुत किया था। आज हम इसी पुस्तक के शेष ऋषि वचनों को आपके लाभार्थ प्रस्तुत कर रहे हैं। 26- चारों वेदों में एक से दूसरा ईश्वर कहीं प्रतिपादन नहीं किया है तथा इन्द्र, अग्नि […] Read more » Featured ईश्वर ऋषि दयानन्द ज्ञानवर्धक व मार्गदर्शक ऋषि-वचन” धार्मिक विद्वान भ्रान्ति-निवारण पुस्तक मनुष्य