कला-संस्कृति विंध्य रेंज की एक विशिष्ट पुरापाषाणिक संस्कृति खत्म होने की कगार पर September 19, 2016 / September 19, 2016 by अनुज हनुमत | Leave a Comment चित्रकूट से तीस किलोमीटर दूर मानिकपुर के पास सरहट नामक स्थान पर प्राचीनतम शैलचित्र भारी संख्या में मौजूद हैं। ये तीस हजार साल पुराने बताए जाते हैं। पहले मैं भी मानता था की ये महज कुछ चित्रों का समूह बस है लेकिन इनका विस्तृत अध्ययन करने के बाद लगा की ये तो पाठा की पाषाणकालीन […] Read more » Featured विंध्य रेंज की एक विशिष्ट पुरापाषाणिक संस्कृति विशिष्ट पुरापाषाणिक संस्कृति
कला-संस्कृति विविधा मैकाले-अंग्रेजी शिक्षा-पद्धति से भारतीय भाषाओं की दुर्गति September 19, 2016 by मनोज ज्वाला | 5 Comments on मैकाले-अंग्रेजी शिक्षा-पद्धति से भारतीय भाषाओं की दुर्गति मनोज ज्वाला विद्यालय सरकारी हों या गैर-सरकारी ; उनमें पढने वाले बच्चों को वही सिखाया-पढाया जा रहा है , जिससे वे अपनी जडों से कट जाएं और नहीं तो कम से कम उनकी भाषा और संस्कार तो बदल ही जायें । बोल-चाल और भाषा-संस्कार में अधिक से अधिक अंग्रेजी और अंग्रेजियत का व्यवहार ही आज […] Read more » Featured अंग्रेजी-मैकाले शिक्षा-पद्धति भारतीय भाषाओं की दुर्गति
कला-संस्कृति वर्त-त्यौहार गणेश चतुर्थी -भारतीय संस्कृति में सर्वाधिक लोकप्रिय महापर्व September 5, 2016 by अरुण तिवारी | Leave a Comment गणेश चतुर्थी-गणेश भारतीय संस्कृति के अभिन्न अंग हैं, वे सात्विक देवता हैं और विघ्नहर्ता हैं । वे न केवल भारतीय संस्कृति एवं जीवनशैली के कण-कण में व्याप्त है, बल्कि विदेशों में भी घर-कारों-कार्यालयों एवं उत्पाद केन्द्रों में विद्यमान हैं । हर तरफ गणेश ही गणेश छाए हुए है । मनुष्य के दैनिक कार्यों में सफलता, […] Read more » Featured Ganesh Chaturthi गणेश चतुर्थी
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म संवत्सरी आत्मोत्थान का महान पर्व है September 1, 2016 / September 1, 2016 by आचार्य डाॅ. लोकेशमुनि | Leave a Comment आचार्य डाॅ. लोकेशमुनि- जैन धर्म में संवत्सरी महापर्व का अत्यधिक विशिष्ट महत्व है। वर्ष भर में अपने द्वारा जान अनजाने हुई समस्त भूलों के लिए प्रायश्चित करना तथा दूसरों के प्रति हुए अशिष्ट व्यवहार के लिए अंतःकरण से अत्यन्त सरल, ऋजु व पवित्र बनकर क्षमा माँगना व दूसरों को प्रदान करना इस महान पर्व का […] Read more » संवत्सरी
कला-संस्कृति विविधा समय के साथ कदमताल करता संघ September 1, 2016 by लोकेन्द्र सिंह राजपूत | Leave a Comment लोकेन्द्र सिंह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रतिवर्ष दशहरे पर पथ संचलन (परेड) निकालता है। संचलन में हजारों स्वयंसेवक एक साथ कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ते जाते हैं। संचलन में सब कदम मिलाकर चल सकें, इसके लिए संघ स्थान (जहाँ शाखा लगती है) पर स्वयंसेवकों को ‘कदमताल’ का अभ्यास कराया जाता है। स्वयंसेवकों के लिए इस […] Read more » Featured RSS Sangh समय के साथ कदमताल करता संघ
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म भारतीय संस्कृति में सर्वाधिक लोकप्रिय हैं गणेश August 30, 2016 / August 30, 2016 by ललित गर्ग | Leave a Comment गणेश चतुर्थी- 5 सितम्बर 2016 पर विशेष ललित गर्ग- गणेश भारतीय संस्कृति के अभिन्न अंग हैं, वे सात्विक देवता हैं और विघ्नहर्ता हैं। वे न केवल भारतीय संस्कृति एवं जीवनशैली के कण-कण में व्याप्त है बल्कि विदेशों में भी घर-कारों-कार्यालयों एवं उत्पाद केन्द्रों में विद्यमान हंै। हर तरफ गणेश ही गणेश छाए हुए है। मनुष्य […] Read more » Ganesh Chaturthi गणेश चतुर्थी
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म श्रीकृष्ण हैं भारतीय संस्कृति के महानायक August 24, 2016 / August 24, 2016 by ललित गर्ग | Leave a Comment ललित गर्ग सभ्यता और संस्कृति की विकास यात्रा का एक नाम है श्रीकृष्ण। वे हमारी संस्कृति के एक अद्भुत नायक हैं। उन्होंने मनुष्य जाति को नया जीवन-दर्शन दिया। जीने की शैली सिखलाई। उनकी जीवन-कथा चमत्कारों से भरी है, लेकिन वे हमें जितने करीब लगते हैं, उतना और कोई नहीं। वे ईश्वर हैं पर उससे भी […] Read more » Featured Shri krishan janmashtami जन्माष्टमी भारतीय संस्कृति के महानायक श्रीकृष्ण श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म विविधा अमरनाथ तीर्थ यात्रा पारंपरिक पूजा के साथ संपन्न August 23, 2016 / August 23, 2016 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | Leave a Comment डा. राधेश्याम द्विवेदी कैलाश पर्वत शिवजी का मुख्य समाधिस्थ होने का स्थान है और केदारनाथ विश्राम भवन है । हिमालय का कण-कण शिव-शंकर का ही स्थान है। केदारनाथ से आगे अमरनाथ है और उससे आगे है कैलाश पर्वत है । बाबा अमरनाथ को आजकल स्थानीय लोग के ‘बर्फानी बाबा’ कहते हैं। उन्हें बर्फानी बाबा इसलिए […] Read more » Amarnath tirth yatra Featured अमरनाथ तीर्थ यात्रा अमरनाथ यात्रा
कला-संस्कृति विविधा भारत बलूचिस्तान का बहुत प्राचीन हिंगलाज माता मंदिर August 18, 2016 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | Leave a Comment डा. राधेश्याम द्विवेदी पौराणिक मान्यता:-बलूचिस्तान की जमीन पर दुर्गम पहाड़ियों के बीच हिंगलाज माता का मंदिर बसा है। 51 शक्ति पीठ में सबसे प्रमुख है शक्तिपीठ। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक यहां सती का सिर गिरा था। इसके बावजूद भारत में भक्त हिंगलाज शक्ति पीठ के दर्शन के लिए तरसते हैं।प्रधानमंत्री मोदी के भाषण के बाद […] Read more » Featured बलूचिस्तान माता वैष्णो देवी भारत माता हिंगलाज देवी
कला-संस्कृति जरूर पढ़ें महत्वपूर्ण लेख विविधा भारत खो गया-भारत मिल गया August 16, 2016 by राकेश कुमार आर्य | 1 Comment on भारत खो गया-भारत मिल गया राकेश कुमार आर्य 15 अगस्त 1947 को जब स्वतंत्र हुआ तो उससे पूर्व 14 अगस्त को भारत का विभाजन हो चुका था, और पाकिस्तान नाम का एक नया देश विश्व मानचित्र पर उभर आया था। भारत से प्रेम करने वाले लोगों को देश का यह विभाजन बहुत ही कष्टकर प्रतीत हुआ। इस कष्ट को मिटाने […] Read more » Featured भारत 70वा स्वतन्त्रता दिवस
कला-संस्कृति वर्त-त्यौहार विविधा विश्वास की रक्षा ही रक्षाबंधन August 16, 2016 by बरुण कुमार सिंह | Leave a Comment बरुण कुमार सिंह भारतीय परम्परा में विश्वास का बंधन ही मूल है। रक्षाबंधन इसी विश्वास का बंधन है। यह पर्व मात्र रक्षा-सूत्र के रूप में राखी बांधकर रक्षा का वचन ही नहीं देता, वरन प्रेम, समर्पण, निष्ठा व संकल्प के जरिए हृदयों को बांधने का भी वचन देता है। पहले आपत्ति आने पर अपनी रक्षा […] Read more » Featured प्यार के धागों में बिंधा पर्वः रक्षाबंधन रक्षाबंधन विश्वास की रक्षा
कला-संस्कृति लेख साहित्य भक्तिधारा के महान कवि – गोस्वामी तुलसीदास August 10, 2016 / August 10, 2016 by मृत्युंजय दीक्षित | Leave a Comment 10 अगस्त पर विशेष:- मृत्युंजय दीक्षित हिंदी साहित्य के महान कवि संत तुलसीदास का जन्म संवत् 1956 की श्रावण शुक्ल सप्तमी के दिन अभुक्तमूल नक्षत्र में हुंआ था।इनके पिता का नाम आतमा रामदुबे व माता का नाम हुलसी था। जन्म के समय तुलसीदास रोये नहीं थे अपितु उनके मुंह से राम शब्द निकला था। साथ […] Read more » Featured गोस्वामी तुलसीदास भक्तिधारा के महान कवि