आर्थिकी विविधा भारतीय रुपये का इतिहास December 13, 2016 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | 2 Comments on भारतीय रुपये का इतिहास *डा.राधेश्याम द्विवेदी* रुपया शब्द का उद्गम संस्कृत के शब्द ‘रुप्’ या ‘रुप्याह्’ में निहित है, जिसका अर्थ चाँदी होता है और ‘रूप्यकम्’ का अर्थ चाँदी का सिक्का होता है। मुद्राओं के रंग-रूप और मूल्य कई बार बदले गये हैं. उनमें जालसाजी रोकने के लिए सुरक्षा के उपाय किये जाते रहे हैं. भारत में पहले चीन […] Read more » Featured भारतीय रुपये का इतिहास
आर्थिकी आलोचना जिन पर देश बदलने की जिम्मेदारी है वो नहीं बदल रहे तो देश कैसे बदलेगा December 12, 2016 by डॉ नीलम महेन्द्रा | 1 Comment on जिन पर देश बदलने की जिम्मेदारी है वो नहीं बदल रहे तो देश कैसे बदलेगा कभी हमारी सरकार ने सोचा है कि भारत के जिस आम आदमी ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में देश के लिए अपना सब कुछ लुटा दिया था औरतों ने अपने गहने कपड़े ही नहीं अपने बच्चों तक को न्यौछावर कर दिया था , वो आम आदमी जो मन्दिरों में दान करने में सबसे आगे होता […] Read more » currency crisis created by banks Featured money laundering by banks
आर्थिकी राजनीति एसोचैम की बातों को गंभीरता से लेने की जरूरत December 12, 2016 by मयंक चतुर्वेदी | Leave a Comment बड़े नोटों को बंद करने का निर्णय जिस तरह से सामने आया, उसके बाद देशभर से मिली-जुली प्रक्रिया अब तक आ ही रही है। विपक्ष जहाँ इसके लिए सरकार पर कई आरोप लगा रहा है, यहाँ तक कि देश की जीडीपी ग्रोथ गिरने तक की बात करने के साथ इससे जोडक़र अन्ये मुद्दों को भी प्रमुखता से उठा रहा है तो वहीं केंद्र सरकार से लेकर कई ऐसे संगठन भी हैं जो इस निर्णय के पक्ष में नजर आ रहे हैं। Read more » ASSOCHAM Featured एसोचैम
आर्थिकी राजनीति #नोटबंदी की समीक्षा December 12, 2016 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | 1 Comment on #नोटबंदी की समीक्षा नोटबंदी भारत को कैशलेस अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है. प्रधानमंत्री ने अपनी ‘मन की बात’ में भी अपनी इस इच्छा को जताया है. नोटबंदी के समर्थकों और आलोचकों दोनों के मन में यह सवाल है कि क्या भारत कैशलेस अर्थव्यवस्था के लिए तैयार है? एक बहुत बड़ी आबादी इस देश में रहती है जिसके लिए ग्रामीण, अशिक्षित और बैंक अकाउंट्स व स्मार्टफोन के बगैर इस नई व्यवस्था से जूझना काफी मुश्किल है. Read more » #नोटबंदी की समीक्षा Featured नोटबंदी
आर्थिकी विविधा #नोटबंदी के एक माह बाद देश के हालात December 12, 2016 by मृत्युंजय दीक्षित | 3 Comments on #नोटबंदी के एक माह बाद देश के हालात 500 व एक हजार का #नोटबंद होने के बाद एक महीना बीत चुका है। पीएम मोदी ने देशवासियों के सहयोग से #कालेधन और #भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई की ऐतिहासिक शुरूआत कर दी है। पीएम मोदी जनसभाओं व कार्यक्रमों में #नोटबंदी को अब तक का सबसे ऐतिहासक कदम बता रहे हैं और विपक्ष नोटबंदी को लेकर लगातार आक्रामक बना हुआ है। Read more » effect of notebandi after one month Featured notebandi नोटबंदी
आर्थिकी विविधा #नोटबंदी से भ्रष्टाचार मुक्त डिजिटल भारत की ओर December 9, 2016 by विनोद बंसल | 1 Comment on #नोटबंदी से भ्रष्टाचार मुक्त डिजिटल भारत की ओर आठ नवम्बर 2016 के आठ बजे की वह घडी भारतीय अर्थ व्यवस्था के शुद्धिकरण के लिए एक ऐतिहासिक पल के रूप में जानी जाएगी। 500 व 1000 रूपए के नोटों को चलन से बंद करने की अचानक घोषणा ने समस्त देश वासियों को हिला कर रख दिया. गत एक माह के अनुभव ने एक बात तो सिखा दि कि हम समस्त भरत वंशियों को अब नकदी के मोह से उबर कर ‘नकदी रहित व्यवहार(कैश लैस ट्रान्जेक्शन)’ का अभ्यास तुरंत प्रभाव से करना पडेगा, जो दुनियाभर के विकसित तथा विकासशील देश पहले से ही सफ़लता पूर्वक कर रहे हैं। Read more » #cashless #cashlesstransactions #भ्रष्टाचार मुक्त डिजिटल भारत Featured कैसे करें बिना नकदी के भुगतान: डिजिटल भारत नोटबंदी
आर्थिकी विधि-कानून विविधा वस्तु एंव सेवा कर : एक लाभकारी कदम December 5, 2016 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | 1 Comment on वस्तु एंव सेवा कर : एक लाभकारी कदम एक बहुचर्चित विधेयक है जिसमें 01 अप्रैल 2017 से पूरे देश में एकसमान मूल्य वर्धित कर लगाने का प्रस्ताव है। इस कर को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) कहा गया है। यह एक अप्रत्यक्ष कर होगा जो पूरे देश में निर्मित उत्पादों और सेवाओं के विक्रय एवं उपभोग पर लागू होगा। 03 अगस्त 2016 को राज्यसभा में यह बिल पारित हो गया। Read more » Featured जीएसटी जीएसटी का आम जन पर प्रभाव जीएसटी का व्यवसायों पर प्रभाव जीएसटी की चार स्तरीय की दर टैक्स पर टैक्स व्यवस्था समाप्त वस्तु एंव सेवाकर
आर्थिकी विविधा भारत कैशलेस अर्थव्यवस्था की दिशा में बढ़ा December 3, 2016 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | 1 Comment on भारत कैशलेस अर्थव्यवस्था की दिशा में बढ़ा नोटबंदी के बाद ये चर्चा है कि हिंदुस्तान कैसेलेस अर्थव्यवस्था की और बढ़ रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्तमंत्री अरुण जेटली भी इस बारे में कह चुके है कि काले धन और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में इसे बहुत कारगर मना जा रहा है. भारत की सकल अर्थव्यवस्था के घरेलू उत्पाद में कैश जीडीपी का अनुपात 12 से 13 प्रतिशत है, जो अमरीका और यूरोप से अधिक है पर जापान से कम है. Read more » cashless society Featured India moving towards cashless society कैशलेस अर्थव्यवस्था भारत
आर्थिकी राजनीति बेनामी संपत्ति पर चोट के लिए कानून November 28, 2016 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment भ्रष्टाचार से मुक्ति का नया उपाय प्रमोद भार्गव देश को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार का अगला कदम बेनामी संपत्ति पर करारी चोट के रूप में सामने आ गया है। साफ है, भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रधानमंत्री ने कमर कस ली है। इस दृष्टि से सरकार की और से ‘बेनामी संपत्ति लेन-देन कानून […] Read more » Featured बेनामी संपत्ति बेनामी संपत्ति के लिए कानून बेनामी संपत्ति पर चोट भ्रष्टाचार से मुक्ति
आर्थिकी विविधा नोट बंदी : विकास की तरफ बढ़ते भारत के कदम November 27, 2016 by सुरेश हिन्दुस्थानी | Leave a Comment करीब 35 हजार करोड़ का कालाधन बाहर आ चुका है। कश्मीर में सुरक्षा बलों पर होने वाले पथराव पर रोक लगी है। इससे यह जाहिर है कि अलगाववादी या पाकिस्तान एजेंट पांच-पांच सौ देकर युवकों को पथराव के लिए प्रेरित करते थे। यहां तक कि नक्सली आतंकी भी कह रहे है कि नोटबंदी का गरीबों के हित में निर्णय है और वे समाज की मुख्यधारा में शामिल होने का मन बना रहे है। जनता के लिए कल्याणकारी योजनाएं लागू हुई है। Read more » bharat band in against notebandi Featured आतंकवाद इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन जाकिर नाइक नोट बंदी विकास की तरफ बढ़ते भारत के कदम
आर्थिकी राजनीति काला धन अपनी सत्ता खो बैठा November 22, 2016 by डॉ. कुलदीप चन्द अग्निहोत्री | 1 Comment on काला धन अपनी सत्ता खो बैठा सरकार के इस क़दम से घबराहट तो पाकिस्तान की आई एस आई में है , पाकिस्तान के उन तस्करों में है जो नेपाल और बंगलादेश के रास्ते तस्करी में अरसे से संलग्न थे । नोटों के बन्द होने से इन की कमर टूट गई है । सीमा के उस पार भी घबराहट है और जो आतंकी अन्दर घुस चुके हैं , उनके भी हाथ पाँव फूले हुए हैं । काग़ज़ के जिन नोटों की झलक दिखा कर वे घाटी के लोगों को सड़कों पर नाच नचवाते थे उन नोटों की ताक़त अब समाप्त हो गई है । कश्मीर घाटी के आतंकी संगठनों की हालत पंचतंत्र के उस चूहे के समान हो गई है , जिस के बिल के नीचे से स्वर्ण मुद्राओं से भरा घड़ा निकाल लिया गया है और अब वह लाख ज़ोर लगाने पर भी दूर खूँटी पर लटके सत्तू के थैले तक नहीं पहुँच पा रहा है । Read more » Featured एक हज़ार के नोट अर्थ व्यवस्था से बाहर कांग्रेस मुक्त भारत काला धन काला धन अपनी सत्ता खो बैठा काला धन मुक्त भारत पाँच सौ के नोट अर्थ व्यवस्था से बाहर
आर्थिकी राजनीति नोटबंदी पर सहयोग, समर्थन और विपक्ष की राजनीति November 21, 2016 by मृत्युंजय दीक्षित | Leave a Comment केजरीवाल दिल्ली विधानसभा का सदुपयोग करने की बजाय उसको केवल पीएम मोदी का विरोध करने का मंत्र बना लिया हैं । जिसमें सभी संवैधानिक मर्यादाओं का उल्लंघन करके तर्कहीन तरीके से मोदी विरोध किया जाता है तथा उनको जी भरकर गालियां दी जाती हैं। आज केजरीवाल व उनके साथ खड़े हाने वाले सभी नेता जनता की निगाहों में गिर रहे है।अभी तक ममता बनर्जी के गृहराज्य बंगाल से भी किसी बड़ी अराजकता का समाचार नहीं प्राप्त हुआ है। यही कारण है कि वह बौखला गयी हैं। Read more » Featured नोटबंदी नोटबंदी पर समर्थन नोटबंदी पर सहयोग विपक्ष की राजनीति