आर्थिकी विविधा काला धन, कर कानून और तेज़ आर्थिक विकास December 10, 2015 by अनिल गुप्ता | 2 Comments on काला धन, कर कानून और तेज़ आर्थिक विकास इनफ़ोसिस के पूर्व निदेशक और प्रत्यक्ष कर सुधार पर बनी केलकर समिति के सदस्य रहे मणिपाल ग्लोबल एजुकेशन सर्विसेज के चेयरमैन श्री मोहनदास पई ने काले धन का पता लगाने की रणनीति को मजाक बताया है! उनका कहना है की सरकार के पास अपराधियों कोतुरन्त पकड़ने, जेल भेजने की कोई नीति या ख़ुफ़िया तंत्र नहीं […] Read more » Featured कर कानून काला धन तेज़ आर्थिक विकास
आर्थिकी जन-जागरण महत्वपूर्ण लेख विविधा आमदनी में असमानता से बढ़ेगी खाई November 28, 2015 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment संदर्भः- सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें :- प्रमोद भार्गव सातवें वेतन आयोग की जो सिफारिशें आई हैं,उससे समाज में विभिन्न तबकों के बीच आयगत असमानता की खाई और चैड़ी होगी। इससे न केवल विकास के रास्ते में मुश्किलें खड़ी होंगी,बल्कि जो लोग क्रयशक्ति की दृष्टि से हाशिये पर हैं,उन्हें जीवन-यापन में और काठर्नइयां पेश आएंगी। […] Read more » Featured आमदनी में असमानता आमदनी में असमानता से बढ़ेगी खाई सातवें वेतन आयोग सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें
आर्थिकी जन-जागरण विविधा प्रधानमंत्री ने कहा है अपनी मिट्टी के दिए जलाना November 10, 2015 by प्रवीण गुगनानी | Leave a Comment नरेंद्र मोदी संभवतः पुरे विश्व में ऐसे प्रथम राष्ट्राध्यक्ष होंगे जिनके भाषणों में देश के बहुत छोटे छोटे से लगनें वाले किन्तु विराट प्रभाव वाले विषय प्रमुख स्थान पाते हैं. पिछले माह जब राष्ट्र के नाम अपनें संबोधन की श्रंखला “मन की बात “ में प्रधानमन्त्री नरेन्द्र जी मोदी ने देश की जनता से निवेदन […] Read more » प्रधानमंत्री ने कहा है अपनी मिट्टी के दिए जलाना मिट्टी के दिए
आर्थिकी राजनीति काले धन के पेंच November 6, 2015 by पियूष द्विवेदी 'भारत' | Leave a Comment पीयूष द्विवेदी विगत दिनों योगेन्द्र यादव और प्रशान्त भूषण की एक प्रेस कांफ्रेंस में ऑनलाइन वार्ता के जरिये स्विट्ज़रलैंड के जिनेवा स्थित एचएसबीसी बैंक के व्हिसल ब्लोवर हर्व फाल्सियानी द्वारा दावा किया गया कि भारत से अब भी बड़ी मात्रा में काला धन विदेश भेजा जा रहा है जबकि पहले से जमा काले धन को […] Read more » Black Money Featured काले धन काले धन के पेंच
आर्थिकी जन-जागरण विविधा डिजटल इंडिया से बढेगा आईटी सेक्टर October 3, 2015 by अभिषेक कांत पांडेय | 1 Comment on डिजटल इंडिया से बढेगा आईटी सेक्टर अभिषेक कांत पाण्डेय सरकार के कदम डिजिटलाइजेशन की ओर बढ़ रहे हैं, ‘मेक इन इंडिया’ के बाद ‘डिजिटल इंडिया’ के कारण आईटी क्ष्ोत्र में नई नौकरियों के दरवाजे खुलने वाले हैं। इस महत्वाकांक्षी अभियान के जरिए देश के ढाई लाख गांवों को इंटरनेट से जोड़ना और सरकारी योजनाओं को गांव-गांव तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा […] Read more » Featured डिजटल इंडिया डिजटल इंडिया से बढेगा आईटी सेक्टर
आर्थिकी विधि-कानून समाज आर्थिक आधार पर आरक्षण से परहेज क्यों ? September 27, 2015 by पियूष द्विवेदी 'भारत' | 1 Comment on आर्थिक आधार पर आरक्षण से परहेज क्यों ? पीयूष द्विवेदी आरक्षण तो इस देश में हमेशा से ही बहस, विवाद और राजनीति का विषय रहा है । पर फ़िलहाल कुछ समय से ये विषय ठण्डा पड़ा था जिसे गुजरात में हार्दिक पटेल के नेतृत्व में पटेल आरक्षण की मांग को लेकर उठे विवाद ने एकबार फिर चर्चा के केंद्र में ला दिया । […] Read more » Featured आर्थिक आधार पर आरक्षण आर्थिक आधार पर आरक्षण से परहेज
आर्थिकी राजनीति पूँजीवाद की कोई और शक्ल ? September 22, 2015 by शैलेन्द्र चौहान | Leave a Comment शैलेन्द्र चौहान आदिकालीन साम्यवादी समाज में मनुष्य पारस्परिक सहयोग द्वारा आवश्यक चीजों की प्राप्ति और प्रत्येक सदस्य की आवश्यकतानुसार उनका आपस में बँटवारा करते थे। परंतु यह साम्यवाद प्राकृतिक था; मनुष्य की सचेत कल्पना पर आधारित नहीं था। आरंभ के ईसाई पादरियों के रहन-सहन का ढंग बहुत कुछ साम्यवादी था, वे एक साथ और समान […] Read more » capitalis Featured पूंजीवाद
आर्थिकी क्या इस मंदी का अंदाजा है आपको August 31, 2015 by अंकुर विजयवर्गीय | 1 Comment on क्या इस मंदी का अंदाजा है आपको कुछ साल पीछे जाइये। 2007-08 की वैश्विक मंदी याद है न आपको। विश्व अर्थव्यवस्था अभी भी उससे पूरी तरह उभर नहीं पाई है। और अब उससे भी बड़ी वैश्विक मंदी की दस्तक पड़ने लगी है। आशंका है कि अक्टूबर 2015 में दुनिया की अर्थव्यवस्था के संकटग्रस्त होने की खबरें खुले आम हो जायेंगी। पूंजी का […] Read more » Featured मंदी का अंदाजा
आर्थिकी विविधा भारत गुलामी की ओर…….. August 7, 2015 / August 11, 2015 by संजय चाणक्य | Leave a Comment ‘‘ जिनके दिल में दर्द है दुनिया का, वही दुनिया मे जिन्दा रहते है! जो मिटाते है खुद को जीते जी, वही मरकर जिन्दा रहते है!!’’ अगर हम आपसे कहे कि भारत एक बार फिर गुलामी की ओर बढ़ रहा है, तो शायद आपकों कुछ अटपटा सा लगेगा। हो भी क्यों नही। क्योकि जहां से […] Read more » भारत गुलामी
आर्थिकी विविधा अर्थव्यवस्था की मुसीबत बढ़ाता सोना July 28, 2015 by प्रमोद भार्गव | 2 Comments on अर्थव्यवस्था की मुसीबत बढ़ाता सोना प्रमोद भार्गव सोने के लगातार गिरते भाव भारतीय अर्थव्यस्था को नुकसान पहुंचा रहे हैं। सोने के भाव गिरकर 25,500 रुपए प्रति 10 ग्राम हो गए हैं। पिछले पांच साल में यह दर सबसे कम है। सोने के दामों में कमी के कई अंतरराष्ट्रिय कारण एक साथ बने हैं। लिहाजा सोने की मांग गिर गई है। […] Read more » अर्थव्यवस्था की मुसीबत सोना
आर्थिकी समाज अमीरी बनाम गरीबी July 11, 2015 by शैलेन्द्र चौहान | Leave a Comment शैलेन्द्र चौहान जनगणना के ताजा आंकडों के मुताबिक ग्रामीण इलाकों के तीन चौथाई परिवारों की आमदनी पांच हजार रुपए महीने से ज्यादा नहीं है। गांवों में रहने वाले बानबे फीसद परिवारों की आय प्रतिमाह दस हजार रुपए से कम है। शहरी इलाकों के आंकड़े फिलहाल जारी नहीं किए गए हैं। पर वे जब भी सामने […] Read more » अमीरी गरीबी
आर्थिकी विविधा विश्ववार्ता यूनान की अर्थव्यवस्था का पतन July 6, 2015 by डॉ. कुलदीप चन्द अग्निहोत्री | 1 Comment on यूनान की अर्थव्यवस्था का पतन डा० कुलदीप चन्द अग्निहोत्री पश्चिमी देशों के मानकों के अनुसार यूनान विकसित देशों की कोटी में आता है । वह यूरोपीय यूनियन का सदस्य भी है । विकसित देशों के माडल का उदाहरण आम तौर विकासशील और पिछड़े देशों को इसलिये दिया जाता है ताकि वे भी इसका अनुसरण करें और प्रगति की सीढ़ियाँ फलांगते […] Read more » यूनान की अर्थव्यवस्था