आर्थिकी समाज रामदेव के स्वदेशी मॉडल से पेट में मरोड़ क्यों? April 27, 2016 by प्रवीण दुबे | 2 Comments on रामदेव के स्वदेशी मॉडल से पेट में मरोड़ क्यों? प्रवीण दुबे बाबा रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद ने वित्त वर्ष 2015-16 के दौरान अपनी बिक्री 5,000 करोड़ रुपये के पार जाने तथा इस वर्ष का लक्ष्य 10,000 करने की घोषणा क्या की कुछ लोगों के पेट में मरोड़ उठने लगी। आश्चर्य की बात यह है कि बाबा रामदेव की इस उपलब्धि पर कपड़े फाडऩे वालों […] Read more » Featured पेट में मरोड़ रामदेव रामदेव के स्वदेशी मॉडल स्वदेशी मॉडल
आर्थिकी विविधा कर्ज के खिलाड़ी : विजय माल्या March 16, 2016 / March 16, 2016 by प्रमोद भार्गव | 1 Comment on कर्ज के खिलाड़ी : विजय माल्या संदर्भः देश से माल्या का भागना प्रमोद भार्गव सर्वोच्च न्यायालय का शिकंजा अपने ऊपर कसता देख विजय माल्या जिस चालाकी से देश छोड़कर नौ दो ग्यारह हो गए, उससे लगता है,सरकार चाहे संप्रग की रही हो या राजग की पूंजीपतियों के पक्ष में इनकी कार्य संस्कृति एक जैसी ही रहती है। शराब और फिर […] Read more » Featured Vijay Mallaya विजय माल्या
आर्थिकी राजनीति व्यापक आर्थिक परिवर्तन लाने वाला ऐतिहासिक बजट March 6, 2016 by मृत्युंजय दीक्षित | Leave a Comment मृत्युंजय दीक्षित केंद्रीय वितमंत्री अरूण जेटली ने वर्ष 2016- 17 का बहुप्रतीक्षित बजट पेशकर दिया है। एक प्रकार से यह बजट मोदी सरकार का पहला पूर्णकालिक बजट माना जा सकता है। अभी तक जो बजट सरकार की ओर से पेश किये गये थे उसमें यूपीए- दो की झलक दिखलायी पड़ रही थी। यह पहला ऐसा […] Read more » Budget 2016 Featured व्यापक आर्थिक परिवर्तन लाने वाला ऐतिहासिक बजट
आर्थिकी खेत-खलिहान विविधा बजट पर किसान परिचर्चा March 4, 2016 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | Leave a Comment 1-किसानों की व्यथा मैथिली शरण गुप्त ने किसानों की व्यथा इस प्रकार व्यक्त की है- हो जाए अच्छी फसल पर लाभ कृषकों को कहां खाते खवाई बीज ऋण से है रंगे रक्खे जहां 2-बजट से आस बंधी आज भी कुछ ऐसा ही हाल है किसानों का। अगर प्रकृति की नजर टेढ़ी गुई तो फसल बरबाद। […] Read more » Featured बजट बजट पर किसान परिचर्चा
आर्थिकी विविधा जेटली का सराहनीय बजट March 3, 2016 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment नरेन्द्र मोदी सरकार में वित्तमंत्री अरूण जेटली ने अपना दूसरा आम बजट संसद में पेश किया है। जिसकी कुल मिलाकर सराहना की जा रही है। वैसे इस बजट को गंभीरता से पढ़ा व समझा जाए तो यह वास्तव में गांव-गरीब की चिंता करने वाला और उनके लिए कुछ करके दिखाने का संकल्प व्यक्त करने वाला […] Read more » जेटली का सराहनीय बजट
आर्थिकी राजनीति बजट 2016 – नमो जेटली की कृषि पुनर्व्याख्या March 2, 2016 by प्रवीण गुगनानी | Leave a Comment संदर्भ: मोदी की एग्रोनामिक्स भारत में अब तक की सभी दिल्ली सरकारों व उनकें प्रधानमंत्रियों के अपनें एजेंडे रहें हैं. कभी मशीनीकरण, कभी औद्योगिक क्रांति, कभी गरीबी हटाओं, कभी मारुती कार, कभी कंप्यूटर, कभी समाजवाद, तो कभी वैश्वीकरण आदि विभिन्न सरकारों व प्रधानमंत्रियों के एजेंडे के प्रमुख व प्रिय विषय रहें हैं. मात्र दो प्रधानमन्त्री […] Read more » Budget 2016 Featured नमो जेटली की कृषि पुनर्व्याख्या बजट 2016
आर्थिकी राजनीति बजट से तो राहुल गाँधी झूठे प्रतीत होते हैं March 1, 2016 / March 1, 2016 by विकास आनन्द | Leave a Comment विकास आनन्द कल केंद्रीय बजट 2016-17 वित्त मंत्री अरुण जेटली दवरा प्रस्तुत किया गया.जिस तरह का बजट पेश किया गया उससे यह साफ लगता है कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गाँधी द्वारा लगातार लगाये जा रहे आरोप ‘सूट-बूट की सरकार’ कोरा बकवास के अलावा कुछ नहीं है. 2016 का संघीय बजट की विशेषता को एक वाक्यों […] Read more » Featured बजट से तो राहुल गाँधी झूठे प्रतीत होते हैं
आर्थिकी राजनीति घरेलू मांग को बढ़ावा दे बजट February 29, 2016 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment प्रमोद भार्गव अर्थव्यवस्था में चहुंओर गति दिखाई दे,इसके लिए घरेलू मांग को बढ़ावा देने की जरूरत हैं। इस मकसदपूर्ति के लिए मध्यम और निम्न आय वर्ग के लोगों की आय बढ़ाने के उपाय करने होंगे। इस हेतु बुनियादी ढांचे के विकास से जुड़ी परियोजनाओं और कृषि आधारित विकास को महत्व देना होगा। बजट के जन […] Read more » Featured घरेलू मांग को बढ़ावा दे बजट
आर्थिकी राजनीति कृषि,किसान और मजदूर का बजट February 29, 2016 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment प्रमोद भार्गव अर्थव्यवस्था को गतिशील बनाए रखने की दृष्टि से यह जरूरी था कि बजट, विकास की समावेशी अवधरणा को पुष्ट करे। इस नाते यह बजट श्रेष्ठ व उपयुक्त है। कृषि,किसान,मजदूर और ग्रामीण महिलाओं की जरूरतों की अपूर्ति के उपाय जिस तरह से बजट में दिखाई दे रहे हैं,उससे साफ है,ग्रामीण भारत की आर्थिक […] Read more » Featured किसान और मजदूर का बजट कृषि
आर्थिकी विविधा आय-व्यय का लेखा-जोखा और पं. दीनदयाल February 19, 2016 by अमित राजपूत | Leave a Comment अमित राजपूत देश के नीति नियंताओं की व्यस्तता आजकल राजनीतिक लेखा-जोखा और आगामी नीतियों को तैयार करने के विचार पर है। संसद में बजट सत्र प्ररम्भ होने वाले हैं। एकराष्ट्र की परिधि में बात करें तो उस राज्य में निवास करने वाला हर नागरिक अपने राज्य के समस्त आय और व्यय की जानकारी को समझना […] Read more » Featured आय-व्यय का लेखा-जोखा आय-व्यय का लेखा-जोखा और पं. दीनदयाल पं. दीनदयाल
आर्थिकी राजनीति आर्थिक विकास के लिए आवश्यक है सामाजिक संतुलन February 1, 2016 by शैलेन्द्र चौहान | 1 Comment on आर्थिक विकास के लिए आवश्यक है सामाजिक संतुलन शैलेन्द्र चौहान भारत ने 90 के दशक में आर्थिक सुधार शुरू किया। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह उस समय देश के वित्त मंत्री थे। सुधारों से उम्मीद थी कि लोगों के आर्थिक हालात सुधरेंगे, लेकिन शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं पर ध्यान न देने की वजह से गरीबी, कुपोषण, भ्रष्टाचार और लैंगिक विषमता जैसी सामाजिक समस्याएं बढ़ी हैं। […] Read more » Featured आर्थिक विकास सामाजिक संतुलन
आर्थिकी विविधा हम डाल डाल तुम पात पात January 30, 2016 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment हाल ही मे जारी ब्रिटेन की संस्था आक्सॅफाम की रिपोर्ट ने सारे विश्व मे जैसे हडकम्प मचा दिया हो।रिपोर्ट मे बताया की पूरे विश्व की आधी आबादी की दौलत केवल 62 लोगों के पास हैं । इस तरह स्पष्ट रूप से पता चलता है कि दुनिया मे जो गरीब है वह और गरीब होता जा […] Read more » हम डाल डाल तुम पात पात