चुनाव चुनाव विश्लेषण उपचुनाव परिणाम : सपा और कांग्रेस को संजीवनी September 18, 2014 by सुरेश हिन्दुस्थानी | Leave a Comment सुरेश हिन्दुस्थानी देश में हुए विधानसभा उपचुनावों के परिणामों ने जो राजनीतिक स्थितियां पैदा की हैं, उससे उत्तरप्रदेश में समाजवादी पार्टी और राजस्थान में कांग्रेस को उल्लेखनीय सफलता मिली है। इसके अलावा गुजरात में भी कांग्रेस को खुशी मनाने लायक सीट प्राप्त हो गईं। यह परिणाम भारतीय जनता पार्टी के लिए चौंकाने वाले कहे जा […] Read more » उपचुनाव परिणाम
चुनाव विश्लेषण भाजपा की हार और सेकुलरों की मौज September 18, 2014 by मुकेश चन्द्र मिश्र | Leave a Comment हाल के सम्पन्न हुये उपचुनावों मे बीजेपी को अपेक्षित सफलता नहीं मिली हालांकि वो सबसे बड़ी पार्टी ही बनी रही, जिससे भाजपा से द्वेष की हद तक नफरत करने वाले तथाकथित सेकुलर बुद्धिजीवियों को टॉनिक मिल गया है और लोकसभा मे बीजेपी की जीत पर हुयी कुंठा को निकालने का मौका भी। समाचार चैनलो पर […] Read more » BJP aur secular
चुनाव राजनीति क्षेत्रीय दलों के लिए अहम होंगे यह चुनाव September 15, 2014 by सिद्धार्थ शंकर गौतम | Leave a Comment इस माह की २० सितम्बर को अधिसूचना जारी होते ही महाराष्ट्र और हरियाणा में चुनावी बिगुल बज जाएगा| १५ अक्टूबर को हरियाणा की ९० और महाराष्ट्र की २८८ विधानसभा सीटों पर करीब १० करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर १९ अक्टूबर को उम्मीदवारों के सियासी भविष्य के फैसले के साथ ही खुद के लिए […] Read more » क्षेत्रीय दलों के लिए अहम होंगे यह चुनाव
जन-जागरण ये संवैधानिक पद September 14, 2014 by विपिन किशोर सिन्हा | Leave a Comment राष्ट्रपति, राज्यपाल, सी.ए.जी., मानवाधिकार आयोग का अध्यक्ष और विश्वविद्यालयों के वाईस चान्सलर आदि के पद संवैधानिक मान्यता प्राप्त पद हैं लेकिन पिछले ६५ वर्षों में इन पदों पर सत्ताधारी पार्टियों ने जिस तरह योग्यता और प्रतिभा की अनदेखी कर अपने चमचों की नियुक्तियां की है, उससे न सिर्फ़ इन पदों की गरिमा घटी है […] Read more » ये संवैधानिक पद
जन-जागरण महत्वपूर्ण लेख राष्ट्रीय समस्या आकलन में पातंजल दर्शन का योगदान September 13, 2014 by डॉ. मधुसूदन | 6 Comments on राष्ट्रीय समस्या आकलन में पातंजल दर्शन का योगदान डॉ. मधुसूदन (एक) संकीर्ण दृष्टि का दोष: हम चाहते हैं; कि, राष्ट्र की प्रत्येक समस्या के समाधान में, हमारी इकाई को, हमारे प्रदेश को, हमारी भाषा को, लाभ पहुंचे। और जब ऐसा होता हुआ, नहीं दिखता, तो हम समस्या को हल करने में योगदान देने के बदले, समस्या के जिस गोवर्धन पर्वत को उठाना होता […] Read more »
जन-जागरण पर्यावरण कुदरत आखिर क्यों नाराज हुई ? September 12, 2014 by रवि श्रीवास्तव | Leave a Comment 16 जून 2013 का दिन उत्तराखंड के लिए विनाश का ऐसा काला समय था, जिसने हज़ारों की संख्या में लोगों की ज़िंदगियों को छीन लिया । वहां जो बच भी गए, उनका घर कारोबार सब कुछ उजड़ गया। प्रकृति के इस कहर से केदारनाथ, रूद्र प्रयाग, उत्तरकाशी सबसे ज्यादा प्रभावित हुए थे। उत्तराखण्ड में आई […] Read more » कुदरत आखिर क्यों नाराज हुई ?
जन-जागरण “कलियुग में भगवानों का जुलुस” September 11, 2014 by मनमोहन आर्य | 11 Comments on “कलियुग में भगवानों का जुलुस” कलियुग में एक बार सभी भगवानों का जुलुस निकला। भगवानों के जुलुस में उनके साथ उनके श्रदालु, सेवक अपने अपने इष्ट देव के गुण गान करते हुए निकल रहे थे। दर्शकगण बड़े उत्साह से जुलुस देखने निकले। सबसे आगे परम पिता परमात्मा परमेश्वर थे जिनके साथ बमुश्किल 1-2 श्रद्धालु थे। एक दर्शक ने पूछा भाई […] Read more » “कलियुग में भगवानों का जुलुस”
जन-जागरण फ़िरकापरस्त और कश्मीर की बाढ़ September 10, 2014 / September 10, 2014 by विपिन किशोर सिन्हा | 4 Comments on फ़िरकापरस्त और कश्मीर की बाढ़ आज का समाचार है कि कश्मीर में चार लाख लोग अभी भी बाढ़ में फ़ंसे हैं। राहत कार्य में सेना के एक लाख जवान जुटे हैं। ६० हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। कश्मीर में अपनी जान को जोखिम में डालकर बाढ़ पीड़ितों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचानेवाले सेना के ये वही […] Read more » फ़िरकापरस्त और कश्मीर की बाढ़
जन-जागरण विश्व हिन्दू परिषद के पचास वर्ष September 9, 2014 by डॉ. कुलदीप चन्द अग्निहोत्री | Leave a Comment डा० कुलदीप चन्द अग्निहोत्री दुनिया भर में रहने वाले हिन्दू समाज की पिछले सौ साल में स्पष्ट ही दो श्रेणियाँ हो गईं हैं । हिन्दुस्तान का हिन्दू समाज और हिन्दोस्तान से बाहर रहने वाला हिन्दू समाज । हिन्दोस्तान के बाहर रहने वाला हिन्दु समाज वह है जिसे भारत के यूरोपीय विदेशी शासकों ने लालच देकर […] Read more » विश्व हिन्दू परिषद के पचास वर्ष
जन-जागरण महत्वपूर्ण लेख निजी विश्वविद्यालय: विश्वसनीयता पर प्रश्नचिन्ह September 9, 2014 by प्रो. एस. के. सिंह | Leave a Comment प्रो. एस. के. सिंह पिछले वर्षं मेघालय में एक निजी विश्वविद्यालय (सी.एम.जे. विश्वविद्यालय) द्वारा यू.जी.सी के नियमों की अनदेखी करते हुए एक वर्ष में 434 पी-एच. डी उपाधियां देने एवं 490 पंजीकृत करने का मामला प्रकाश में आया था। मेघालय के तत्कालीन राज्यपाल श्री आर एस मुशहरी ने इस निजी विश्वविद्यालय को भंग (विघटन) करने […] Read more » निजी विश्वविद्यालय
जन-जागरण संत न छोड़े संतई कोटिक मिले असंत .. September 9, 2014 by अनुज अग्रवाल | 3 Comments on संत न छोड़े संतई कोटिक मिले असंत .. अनुज अग्रवाल बचपन में पिताजी कहानियां सुनाया करते थे | उसमे एक कहानी थी बिच्छू और साधू की | होता क्या है कि एक बिच्छू पानी में डूब रहा था | वही पास में स्नान कर रहे एक साधू उसे उठा कर पानी से बाहर ले जाने लगे | पर बिच्छू तो बिच्छू है उसने […] Read more »
जन-जागरण नमो-नमो हक़ीक़त नहीं, सपनों का सौदागर ! September 7, 2014 by नीरज वर्मा | 24 Comments on नमो-नमो हक़ीक़त नहीं, सपनों का सौदागर ! – नीरज वर्मा- सपने बेचना कोई खेल नहीं ! तमाशा नहीं ! हुनर चाहिए ! एक हुनर-मंद गया ! दूसरा अभी-अभी आया है ! बदकिस्मती से ये तमाशा बदस्तूर जारी है ! देश को 60,000 करोड़ की एक बुलेट ट्रेन चाहिए या इसी रकम में सैकड़ों एक्सप्रेस ट्रेनों का कायाकल्प चाहिए ? बुलेट ट्रेन में […] Read more » नमो नमो-नमो हक़ीक़त नहीं नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री सपनों का सौदागर !