पर्यावरण विविधा घट रहे हैं पेड़़ June 9, 2017 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment पेड़ लगाने और उनकी सुरक्षा से जुड़ा सबसे दुखद पहलू यह है कि सरकारी नीतियां के चलते सारी जिम्मेबारियां लाल फीताशाही की गिरफ्त में आ गई है। पेड़ लगाने, काटने, उसे परिवहन व विक्रय करने के कायदे-कानून राज्य सरकारों के आधीन हैं। निजी भूमि पर लगाया गया पेड़ भी काटने के लिए राजस्व और वन विभाग से अनुमति लेनी पड़ती है। इनमें रिष्वत का बोलबाला है। नतीजतन इन परेशानियों से बचने के लिए लोगों ने पेड़ उगाना ही बंद कर दिया है। इस कारण आम आदमी का वन प्रबंधन से अब कोई संबंध ही नहीं रह गया है। आज भारत के सबसे गरीब लोग सबसे संमृद्ध वनों में रहते है। किंतु पेड़ और वनोपज से सर्वथा वंचित है। गोया जब इन गरीबों को पेड़ उगाने और काटने के साथ वनोपज के स्वामित्व से जोड़ा जाएगा, तभी वनों का विकास व सरंक्षण संभव है। Read more » पेड़़ वृक्षों का सरंक्षण
पर्यावरण विविधा पर्यावरण में युद्ध स्तरीय सुधार की जरुरत June 7, 2017 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | Leave a Comment - पर्यावरण की अवहेलना के गंभीर दुष्परिणाम समूचे विश्व में परिलक्षित हो रहे हैं। अब सरकार जितने भी नियम-कानून लागू करें उसके साथ साथ जनता की जागरूकता से ही पर्यावरण की रक्षा संभव हो सकेगी। इसके लिए कुछ अत्यंत सामान्य बातों को जीवन में दृढ़ता-पूर्वक अपनाना आवश्यक है। जैसे -प्रत्येक व्यक्ति प्रति वर्ष यादगार अवसरों (जन्मदिन, विवाह की वर्षगांठ) पर अपने घर, मंदिर या ऐसे स्थल पर फलदार अथवा औषधीय पौधा-रोपण करे, जहाँ उसकी देखभाल हो सके। उपहार में भी सबको पौधो दें। शिक्षा संस्थानों व कार्यालयों में विद्यार्थी, शिक्षक, अधिकारी और कर्मचारीगण राष्ट्रीय पर्व तथा महत्त्वपूर्ण तिथियों पर पौधों रोपे। Read more » पर्यावरण विश्व पर्यावरण दिवस
पर्यावरण विश्ववार्ता पर्यावरण और विकास June 5, 2017 by अरुण तिवारी | Leave a Comment 05 जून – विश्व पर्यावरण दिवस पर विशेष पर्यावरणीय समृद्धि की चाहत, जीवन का विकास करती है, विकास की चाहत, सभ्यताओं का। सभ्यता को अग्रणी बनाना है, तो विकास कीजिए। जीवन का विकास करना है, तो पर्यावरण को समृद्ध रखिए। स्पष्ट है कि पर्यावरण और विकास, एक-दूसरे का पूरक होकर ही इंसान की सहायता कर […] Read more » विश्व पर्यावरण दिवस
पर्यावरण विविधा विश्व में विकास की अंधी दौड़ से प्रकृति बढ रही विनाश की ओर June 5, 2017 by ब्रह्मानंद राजपूत | Leave a Comment आज विवाह, जन्मदिन, पार्टी और अन्य ऐसे समारोहों पर उपहार स्वरूप पौधों को देने की परंपरा शुरू की जाए। फिर चाहे वो पौधा, तुलसी का हो या गुलाब का, नीम का हो या गेंदे का। इससे कम से कम लोगों में पेड पौधों के प्रति एक लगाव की शुरूआत तो होगी। और लोगों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता आएगी और ईको फ्रेंडली फैशन की भी शुरुआत होगी। Read more » Featured world environment day विश्व पर्यावरण दिवस 05 जून
पर्यावरण विविधा विश्व पर्यावरण दिवस : निर्वाह परंपरा का May 31, 2017 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment डॉ. राजू पाण्डेय 1972 में हुई यूनाइटेड नेशन्स कांफ्रेंस ऑन द ह्यूमन एनवायरनमेंट के प्रथम दिवस को संयुक्त राष्ट्र संघ की सामान्य सभा द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया। 1974 से प्रत्येक वर्ष एक विशेष थीम को आधार बनाकर यह मनाया जाता है और 1987 से इसका कोई मेजबान […] Read more » Featured world environment day विश्व पर्यावरण दिवस
पर्यावरण विविधा बिहार गाद संकट: समाधान, पहल और चुनौतियां May 24, 2017 by अरुण तिवारी | Leave a Comment जब तक भगीरथी पर टिहरी बांध, गंगा पर भीमगौड़ा, नरोरा जैसे ढांचे नहीं थे, तब तक यह बैक्टीरियोफाॅज हिमालय में पैदा होकर बिहार और बंगाल तक आते थे। बहुत संभव है कि इनके कारण उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखण्ड और बंगाल के गंगा किनारे के भूजल की निर्मलता भी सुनिश्चित होती रही हो। नीरी की एक रिपोर्ट बताती है कि अब मात्र 10 प्रतिशत बैक्टीरियोफाॅज ही नीचे आते हैं। शेष 90 प्रतिशत टिहरी की झील में बंधकर रह जाते हैं। जाहिर है कि टिहरी बांध द्वारा पैदा की रुकावट के कारण अब यह बैक्टीरियोफाॅज और हिमालय से निकली विशिष्ट गुणों वाली सिल्ट अब बिहार तक नहीं पहुंचती। Read more » Featured बिहार गाद संकट
पर्यावरण विविधा पर्यावरण की सुरक्षा – हमारा नैतिक कर्त्तव्य May 12, 2017 by संचित पुरोहित | Leave a Comment यदि कोई चाहकर भी वृ़क्षारोपण के कार्य में सहयोग न दे पाये तो कोई बात नहीं । वह कम से कम इतना सहयोग तो जरूर कर ही सकता है कि - हममें से हर कोई रेल और सडक मार्ग से यात्रा जरूर करता है । इन यात्राओं के दौरान खाये जाने वाले फलों के बीजों को इधर-उधर कचरे के रूप में न फेंककर यात्रा के दौरान ही सडक या रेल मार्ग के किनारे बिखेर दें । उन बिखेरे गये बीजों से कुछ नहीं तो यदि 10 प्रतिशत पौधे ही पनप जायें तो भी पर्यावरण संरक्षण की दिषा में उनका यह बहुत बडा योगदान होगा । Read more » environment protection पर्यावरण पर्यावरण की सुरक्षा
पर्यावरण विविधा नदियों का सूखना April 25, 2017 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment गंगा का संकट टूटते हिमखंड ही नहीं हैं, बल्कि औद्योगिक विकास भी है। कुछ समय पूर्व अखिल भारतीय किसान मजदूर संगठन की तरफ से बुलाई गई जल संसद में बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियों के जरिए जलस्रोतों के दुरूपयोग और इसकी छूट दिए जाने का भी विरोध किया था। कानपुर में गंगा के लिए चमड़ा, जूट और निजी वोटलिंग प्लांट संकट बने हुए है। टिहरी बांध बना तो सिंचाई परियोजना के लिए था, लेकिन इसका पानी दिल्ली जैसे महानगरों में पेयजल आपूर्ति के लिए कंपनियों को दिया जा रहा है। गंगा के जलभराव क्षेत्र में खेतों के बीचो-बीच पेप्सी व काॅक जैसी निजी कंपनियां बोतलबंद पानी के लिए बड़े-बड़े नलकूपों से पानी खींचकर एक ओर तो मोटा मुनाफा कमा रही हैं, वहीं खेतों में खड़ी फसल सुखाने का काम कर रही है। Read more » Featured कनाडा की स्लिम्स नदी का सूखना नदियों का सूखना स्लिम्स नदी स्लिम्स नदी का सूखना
पर्यावरण विविधा स्वच्छ भारत अभियान : अभियानों से नहीं सुधरेगी व्यवस्था April 1, 2017 by विजय कुमार | 1 Comment on स्वच्छ भारत अभियान : अभियानों से नहीं सुधरेगी व्यवस्था बाजारों में एक अजीब दृश्य दिखता है। लोग सुबह दुकान खोलते समय सफाई करते हैं और फिर कूड़ा सड़क पर डाल देते हैं। घरों में भी प्रायः ऐसा होता है। अब कई जगह नगरपालिकाएं सप्ताह में दो बार कूड़ागाड़ी भेजने लगी हैं; पर लोगों को आज नहीं तो कल समझना होगा कि सफाई करने की नहीं रखने की चीज है। ऐसी वस्तुएं प्रयोग करें, जो फिर काम आ सकें। घर का कूड़ा घर में ही खपाना या नष्ट करना होगा। वरना समस्या बढ़ती ही जाएगी। Read more » clean India Featured mission clean india स्वच्छ भारत स्वच्छ भारत अभियान
पर्यावरण विविधा सार्थक पहल यमुना का प्रदूषण और उमा भारती के प्रयास March 22, 2017 by ब्रह्मानंद राजपूत | Leave a Comment उमा भारती के अनुसार उन्होंने यमुना के लिए जो प्लान किया है उसमे दिल्ली से गंदा पानी अब मथुरा में नहीं आ पायेगा। नमामि गंगे प्रोजेक्ट में दिल्ली से आने वाला गंदा पानी ट्रीट होकर मथुरा की यमुना नदी में शुद्ध होकर आयेगा। जिसके लिए दिल्ली में भी कई प्रोजेक्ट्स को पहले ही लांच किया जा चुका है। इसके अलावा उमा भारती ने दिल्ली में यमुना को हाइब्रिड एन्यूटी पर ले जाकर पूरी की पूरी यमुना और उसके घाटों को ठीक करने की बात कही है। अगले चरण में आगरा की यमुना नदी को भी इस योजना का हिस्सा बनाने की बात की गयी है।’’ अब आगे देखने वाली बात होगी कि केंद्रीय मंत्री उमा भारती यमुना का कितना जीर्णोद्धार या कायाकल्प कर पाती हैं। Read more » Featured pollution in river yamuna and efforts of uma bharti उमा भारती के प्रयास यमुना का प्रदूषण
पर्यावरण विविधा मावफलांग के खासी March 7, 2017 by अरुण तिवारी | Leave a Comment दैवशक्ति लबासा की निगाह में पवित्र जंगल का बुरा करना अथवा जंगल के भीतर बुरा सोचना-बोलना किसी बड़े अपराध से कम नहीं। इसकी सजा अत्यंत घातक होती है। इसी विश्वास और जंगल पर सामुदायिक हकदारी ने लंबे अरसे तक मावफलांग के जंगल बचाये रखे। जंगलों पर हकदारी और जवाबदारी दोनो ही हिमाओं के हाथ में है। Read more » ’रेड’ Featured REDD भारत का पहला रेड पायलट समुदाय मावफलांग मावफलांग के आदिवासी समुदाय मावफलांग के खासी रिड्युशिंग एमीशन्स फ्राम डिफोरेस्ट्रेशन एण्ड डिग्रेडेशन
पर्यावरण शख्सियत पर्यावरण के इस उजाले को कोई तो बांचे January 31, 2017 by ललित गर्ग | Leave a Comment ललित गर्ग – आदर्श की बात जुबान पर है, पर मन में नहीं। उड़ने के लिए आकाश दिखाते हैं पर खड़े होने के लिए जमीन नहीं। दर्पण आज भी सच बोलता है पर हमने मुखौटे लगा रखे हैं। ग्लोबल वार्मिंग आज विश्व के सामने सबसे बड़ी गंभीर समस्या है और हम पर्यावरण को दिन-प्रतिदिन प्रदूषित […] Read more » अरुणगिरीजी अवधूत बाबा अरुणगिरीजी