कहानी लक्ष्य September 20, 2012 / September 20, 2012 by बीनू भटनागर | 7 Comments on लक्ष्य ‘’भाभी मैने दाल सब्ज़ी बना दी है, खाना कितनी देर मे खांयेगी आप ?’’ लता ने अनिता से पूछा। ‘’बस, एक घन्टे मे, कुछ ज़रूरी काम निपटा लूँ, तब तक तू पढाई करले।‘’ अनिता ने जवाब दिया । ‘’अच्छा भाभी जब खांयेगी तभी गरम गरम रोटी सेक दूँगी।‘’ लता बोली। ‘’अभी तू इंगलिश का काम […] Read more » Story
कहानी कौआ उड़ रहा है August 30, 2012 / August 30, 2012 by प्रभुदयाल श्रीवास्तव | 4 Comments on कौआ उड़ रहा है जन्म के समय उनका राशि का नाम ‘र’ से निकला था इसीलिये रुद्र नाम रखा गया है| वैसे तो भगवान रुद्रा के समान वे क्रोधी नहीं हैं परंतु दिमाग के बड़े तेज हैं स्मरण शक्ति अद्भुत, कहानियाँ सुनने के शौकीन|कितनी भी सुनाओ, एक कहानी और की फरमाइश कभी पूरी नहीं होती है दादी परेशान दादा […] Read more » Story
कहानी नियम August 13, 2012 / August 13, 2012 by पियूष द्विवेदी 'भारत' | Leave a Comment पियूष द्विवेदी ‘भारत’ आज दो दिन हो गए थे उसको गाँव आए! करीब दस साल बाद वो गाँव आया था! इन दस सालों में उसके मम्मी-पापा तो कई बार गाँव आए, पर शैक्षिक-विवशताओं के कारण वो नही आ पाया! पर अब, जब वो गाँव पर था, तो घूम-घूमकर उन सब चीजों को देख रहा था, […] Read more » Story
कहानी महत्वपूर्ण लेख खतना July 10, 2012 / July 13, 2012 by आर. सिंह | 13 Comments on खतना आर. सिंह “अबे रूक. ” कर्कश आवाज इतनी जोर से आयी थी कि उसे रूकना पड़ा. ऐसे वह जल्द से जल्द घर पहुंचना चाहता था. क्योंकि डर उसका पीछा नहीं छोड़ रही थी. उसने देखा भी था कि कुछ लोग रास्तें में खड़े थे, पर उसने ध्यान देने की आवश्यकता नहीं समझी थी. उसके बाल […] Read more » सांप्रदायिकता
कहानी कविता: आकाश. समुद्र और हम-मोतीलाल July 4, 2012 / July 4, 2012 by मोतीलाल | 1 Comment on कविता: आकाश. समुद्र और हम-मोतीलाल जब तैरता है आकाश का नीलापन सागर के अंतस मेँ तब विचरने की प्रक्रिया आकाश से समुद्र तक या फिर समुद्र से आकाश तक मछलियोँ की तैरने सा या तारोँ के उगने सा समय के अंतराल को पार करता हुआ और खंडित होने से बचता हुआ हममे आकर टिक जाता है यह सच है […] Read more » आकाश. समुद्र और हम-मोतीलाल कविता: आकाश. समुद्र और हम
कहानी प्रेम कहानी / आर. सिंह June 24, 2012 / June 24, 2012 by आर. सिंह | 1 Comment on प्रेम कहानी / आर. सिंह प्रथम अध्याय निशा नागर, एक सुन्दर सुघड़ षोडशी नयी नयी कालेज में आयी थी,एक सुंदर सी बड़ी कार में.जब वह प्रथम दिन गाडी से उतरी तो न जाने कितने दिल फेंकों ने अपने अपने दिल उसकी ओर उछाल दिए.कुछ तो उसकी पैरों के आगे गिरे,पर उसने एक नजर भी उनकी ओर नहीं डाली.वे दिल यो […] Read more » प्रेम कहानी
कहानी राजनीति लघुकथा : गदहा मारे कुछ न दोष / आर. सिंह June 6, 2012 / June 6, 2012 by आर. सिंह | 4 Comments on लघुकथा : गदहा मारे कुछ न दोष / आर. सिंह भ्रष्टाचार के मामले में प्रधान मंत्री का नाम आने पर जिस तरह से लोग उनके बचाव में खड़े हो गए हैं, यह देखकर मुझे बचपन में सुनी हुई एक कहानी याद आ रही है. कहानी भारत वर्ष के किसी कोने की है. बहुत पहले की बात है. भारत में एक गाँव था.जाहिर है कि गाँव […] Read more » डॉ. मनमोहन सिंह
कहानी टिटलागढ की एक रात May 28, 2012 / May 28, 2012 by विजय कुमार सप्पाती | 1 Comment on टिटलागढ की एक रात बात कई साल पुरानी है .जब मेरी नयी नयी नौकरी नागपुर में लगी थी .मैं एक सेल्समेन था और मुझे बहुत टूर करना पड़ता था. मार्च महीने के दिन थे . दोपहर का वक़्त था और तेज गर्मी से मेरा बुरा हाल था . बुरा हो इन इलेक्ट्रिसिटी डिपार्टमेंट वालो का , कम्बक्तो ने उस […] Read more » story by Vijay Kumar sappati टिटलागढ की एक रात
कहानी कहानी : प्रवालगढ़ । लेखक : आर. सिंह May 4, 2012 by आर. सिंह | 8 Comments on कहानी : प्रवालगढ़ । लेखक : आर. सिंह मियामी से चालीस किलोमीटर दक्षिण एक छोटा सा शहर है, . अटलांटिक महासागर के किनारे बसा हुआ यह शहर मियामी से की द्वीप जाने के रास्ते में आता है. की द्वीप जाते हुए बरबस ही ध्यान खींच जाता है, जब निगाह पड़ती है प्रवालगढ़ लिखे हुए नामपट्ट(साइन बोर्ड) पर. .पत्थरों से बने अहाते के दीवार […] Read more »
कहानी कहानी / कौशल्या April 16, 2012 by आर. सिंह | Leave a Comment आर. सिंह कभी कभी अचानक कुछ ऐसा घटित हो जाता है जिसका पहले से आभास भी नहीं रहता. मेरे साथ भी पिछले दिनों कुछ ऐसा ही गुजरा.आज मै सोचता हूँ कि वह क्या था सत्य था या मात्र स्वप्न? एक लम्बे अरसे के बाद मैं इस इलाकें में आया था.वर्षों बीत गए जब मैं पिछली […] Read more »
कहानी कहानी – शौक March 21, 2012 / March 21, 2012 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो शाम का वक्त था, सूरज अपनी दिन भर की मेहनत करके घर वापसी की ओर लोट रहा था। ठीक उसी तरह जैसे कोई दिहाडी मजदूर शाम होते ही अपने घर की राह पकडने की ओर आतुर रहता है। कोई 70-72 साल का एक बुजुर्ग अपनी एक टूटी सी साईकिल पर अपने भविष्य की धरोहर, एक […] Read more » stories Story कहानी कहानी - शौक
कहानी कहानी ; एक मुट्ठी खुशी March 9, 2012 / March 12, 2012 by राजकुमार सोनी | Leave a Comment – राजकुमार सोनी मिस्टर और मिसेज रायजादा बगीचे में बैठे हैं। जब से सरकारी नौकरी में आए थे लोग मिस्टर रायजादा के नाम से ही उनको पहचानते हैं। बगीचे में बहुत सारे बच्चे खेल रहे हैं और हम दोनों इन्हीं में अपने बच्चों का बचपन याद करके हंस रहेथे। ये हम दोनों की ही आदत […] Read more » stories Story एक मुट्ठी खुशी कहानी