कविता गुरुवर जलते दीप से September 5, 2022 / September 5, 2022 by प्रियंका सौरभ | Leave a Comment दूर तिमिर को जो करें, बांटे सच्चा ज्ञान।मिट्टी को जीवित करें, गुरुवर वो भगवान।।जब रिश्ते हैं टूटते, होते विफल विधान।गुरुवर तब सम्बल बने, होते बड़े महान।।नानक, गौतम, द्रोण सँग, कौटिल्या, संदीप।अपने- अपने दौर के, मानवता के दीप।।चाहत को पर दे यही, स्वप्न करे साकार।शिक्षक अपने ज्ञान से, जीवन देत निखार।।शिक्षक तो अनमोल है, इसको कम […] Read more »
कविता शिक्षक September 5, 2022 / September 5, 2022 by लक्ष्मी अग्रवाल | Leave a Comment चरण-रज गुरु की मस्तक पर लो लगायजीवनपथ पर चलने की राह यही दिखाय।शिक्षा से अपनी ज्ञान-ज्योति दे सहज जलायउपकार जीवन में इनका कभी न बिसराय।गुरु के समक्ष नहीं है कभी कोई असहायगोविंद से बढ़कर महिमा इनकी कहलाय। प्रथम शिक्षक माँ को शीश झुका करते प्रणामबढ़ती निरंतर आगे कभी यह न करती विश्राम।डाँट-दुलार से रखती हमेशा […] Read more » poem on teacher poem on teachers day शिक्षक
कविता ख्वाहिश September 4, 2022 / September 4, 2022 by लक्ष्मी अग्रवाल | Leave a Comment ख्वाहिश बस इतनी सी है इस दिल मेंदेश के लिए मिट पाऊँसजाने को मातृभूमि के रक्षक की राहेंपुष्प बनकर बिछ जाऊँ।सर्वस्व बलिदान जन्मभूमि के लिए करकेइस जीवन का मोल चुकाऊँकर गुजरूँ कुछ ऐसा कि चहुंओर अपनीभारत माँ का गौरव बढ़ाऊँ।संभव नहीं देश की माटी का ऋण कभी भीकिसी तरह चुका पाऊँपर किसी मोड़ पर तो […] Read more »
कविता संस्कृति बची है भाषाओं की जननी संस्कृत में ही September 4, 2022 / September 4, 2022 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायककुछ चीजें जन्मजात नहीं संस्कार से आतीमगर संस्कार कहां से आता?निश्चय ही संस्कार आता संस्कृति सेऔर संस्कृति बची है भाषाओं की जननी संस्कृत में ही! “मातृवत परदारेषु’पराई नारी को माता समझनाये आज भी है भारत देश की मान्यताबस ट्रेन में खड़ी महिला देखकरसीट से उठ जाना फिर महिला को बिठा देना! ऐसी भावना […] Read more » Culture is left the mother of languages is in Sanskrit only
कविता प्रेम का अनोखा मर्म September 3, 2022 / September 4, 2022 by लक्ष्मी अग्रवाल | Leave a Comment गोकुल का नंदकिशोर तेरो दीवानो भयोरम्य-रमणीक रूप साँवरे को मोह गयो।पढ़ रहे अब यह नैन नैनों की मूक भाषाप्रेम ने तिहारे बदल दी प्रीत की परिभाषा। Read more » unique meaning of love
कविता मेरी गुंजन September 1, 2022 / September 1, 2022 by लक्ष्मी अग्रवाल | Leave a Comment नहीं सी प्यारी सी अठखेली तेरीमुझको बड़ा लुभाती-हंसाती है।अपनी मधुर-कोमल मुसकान से तूहमारा घर-आँगन चहकाती है।नन्हीं-नन्हीं पायल की छम-छम तेरीसात सुरों से सुरीले संगीत सुना जाती है।अपने अबोध बालपन से तूमेरा संसार महकाती है।तुतले स्वर में जब तू माँ कहकर बुलाती हैन जाने कितनी संवेदना तू मेरी जगाती है।मेरी गुंजन तू केवल बिटिया नहीं हमारीहम […] Read more » मेरी गुंजन
कविता शक्ति August 31, 2022 / August 31, 2022 by लक्ष्मी अग्रवाल | Leave a Comment चुन-चुनकर तिनकाजब चिड़िया अपनानीड़ बनाती है,धैर्य और हौंसला जुटावह अपने बच्चों काआशिआना सजाती है।मौसम के थपेड़ों सेसंतान को बचाने कोनन्हीं चिड़िया जाने कहाँ सेइतनी शक्ति लाती है ? प्रसव-वेदना सहकरस्त्री जब शिशु कोजन्म देती हैमाँ की उस शक्ति कीन कोई उपमा न थाती है।शिशु का रुदन सुनमाँ की खोई शक्तिलौट आती है।होंठों पर जब देखतीउसके […] Read more »
कविता क्या थी मेरी खता August 31, 2022 / August 31, 2022 by लक्ष्मी अग्रवाल | Leave a Comment पापा के आँगन की थी मैं भी महकती कलीपढ़-लिखकर सपने अपने पूरे करने थी चलीफिर क्या कसूर था मेरा किसजा मुझे इतनी भयंकर मिली ?किसी की नाजायज ख्वाहिशों का हिस्सा नहीं बननाया अपने लिए अपने हिसाब की ज़िन्दगी चुननाया दोष था मेरा समाज में बेटी बनकर पलनापता तो चले मुझे कि क्या थी मेरी खता […] Read more » क्या थी मेरी खता
कविता स्वीकार करो गणपति बाप्पा मेरा वंदन। August 31, 2022 / August 31, 2022 by लक्ष्मी अग्रवाल | Leave a Comment हे शिव-गौरी के राजदुलारे नंदन!करते हम सभी नित आपका वंदन।प्रथम पूजनीय जगत में कहलाते आपविघ्नहर्ता बन हर लेते भक्तों के संताप।रिद्धि-सिद्धि के आप हो सखा-स्वामीकष्ट दूर करो मेरे हे दुखहर्ता-अंतर्यामी !शीश झुका करती हूँ आपका अभिनन्दनस्वीकार करो गणपति बाप्पा मेरा वंदन। प्रभु सेवक हैं हम तो चरणों के तिहारेसुमिरन तुम्हारा ही करते साँझ-सकारे।प्रेम से अर्पण […] Read more » स्वीकार करो गणपति बाप्पा मेरा वंदन।
कविता सुभद्रांगी मंदराचल बौंसी गोलहट्टी गांव की बेटी सम्राट अशोक की मां थी August 29, 2022 / August 29, 2022 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकमगधराजमहिषी सुभद्रांगी समुद्र मथानी मंदराचल कीछांव में बसी बौंसी गोलहट्टी गांव की बेटीभातृपुत्री थी पंडित गौर कान्त उर्फ गुलेठी झा की! गुलेठी झा उर्फ पंडित गौर कान्तअंग जनपद चंपा के राजा ब्रहदत्त के ब्राह्मणराजवैद्य पीढ़ी परिवार में जन्मे एक आजीवक पंथी थेतक्षशिला विश्वविद्यालय में चाणक्य का सहपाठीगुलेठी झा का आश्रम कहलाता एक गांव […] Read more » daughter of Bounsi Golhatti village Subhadrangi Mandarachal was the mother of Emperor Ashoka सुभद्रांगी मंदराचल बौंसी गोलहट्टी गांव की बेटी सम्राट अशोक की मां थी
कविता ये कथा है मगध के सात राजवंशों की August 26, 2022 / August 26, 2022 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकये कथा है मगध के सात राजवंशों की,सुनो ह-शि-न-मा-शु-क-सात राजवंशों वगुप्तवंश ने मगध पर शासन किया था! पहला वंश ह से हर्यक, शि से शिशुनाग,न से नंद, मा से मौर्य,शु से शुंग, क सेकण्व, स से सातवाहन वंश कहलाया था!(1) हर्यकवंशी मगध सम्राटईसा के पूर्व पांच सौ चौवालीस ईस्वी मेंएक सामंत भट्टी ने […] Read more » This is the story of the seven dynasties of Magadha.
कविता क्षमा याचना August 26, 2022 / August 26, 2022 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment दुखाया था दिल जो मैंने किसी का,फल पा रहा हूं मै आज उसी का। दुखाया न होता अगर दिल मैंने किसी का,क्षमा याचना का मौका मिला है उसी का। क्षमा कर देना मित्रो दुखाया था दिल जिसका,माफ करने वाले का दिल बड़ा है मेरे से उसी का। गलती करना मनुष्य का जन्म से स्वभाव है,क्षमा […] Read more » apologies