कविता मैं हाथरस की बेटी हूँ September 30, 2020 / September 30, 2020 by प्रभुनाथ शुक्ल | Leave a Comment कोख में मरती और , हाथरस का परिहास हूँ !जिस्म नोचते भेडियों, का मै एक अवसाद हूँ ! ! सत्ता के नारों की बस , मैं गढ़ी एक तस्वीर हूँ !अखबारों की सुर्ख़ियों की, मैं एक लकीर हूँ ! ! मैं माँ, बहन और बेटी का, बस एक इश्तहार हूँ !चौघट से बाहर घुरती , […] Read more » brutal rape case of hathras hathras rape case मैं हाथरस की बेटी हूँ
कविता बच्चों का पन्ना पेट राम ने खूब छकाया September 30, 2020 / September 30, 2020 by प्रभुदयाल श्रीवास्तव | Leave a Comment इसको कहते लोग समोसा ,उसको कहते लोग कचौड़ी |लेकिन जिसमें मज़ा बहुत है ,वह कहलाती गरम पकौड़ी | गरम पकौड़ी के संग चटनी ,अहा !जीभ में पानी आया |रखी प्लेट में लाल मिर्च थी ,तभी स्वर्ग सा सुख मिल पाया | इतना खाया, इतना खाया ,ख्याल जरा भी न रख पाया |किन्तु बाद में पेट […] Read more » पेट राम ने खूब छकाया
कविता बच्चों का पन्ना करें तिरंगे की पूजा September 30, 2020 / September 30, 2020 by प्रभुदयाल श्रीवास्तव | Leave a Comment थाली में है रोली कुमकुम,पीला चंदन है।करें तिरंगे की पूजा हम , शत अभिनंदन है|| Read more » करें तिरंगे की पूजा
कविता बच्चों का पन्ना आशा कैसे कर लें September 30, 2020 / September 30, 2020 by प्रभुदयाल श्रीवास्तव | Leave a Comment गुड़- गुड़ हुक्का पिया शेर ने,मुंह से धुआं उड़ाया।हाथी को वन के राजा का,यह ढंग नहीं सुहा या । उसके मुंह से छीना हुक्का,कसकर डांट पिलाई।कैसे वन के राजा हो तुम,तुम्हें शरम न आई। तम्बाकू पर सारे वन में ,ही प्रतिबंध लगा है।तुमने ही आदेश निकला,तुमको नहीं पता है? नियम बनाने वाले ही जब,नियम ताक […] Read more » आशा कैसे कर लें
कविता भज ले प्रभु का नाम बन्दे September 30, 2020 / September 30, 2020 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment भज ले प्रभु का नाम बन्दे,कभी तुझे देरी न हो जाए।पता नहीं इस मौत का तुझे,कब तुझेको मरघट लेे जाए।। अनिष्चता में निश्चितता छिपी,सब लोगो को तो ये पता है।मौत सबको ही आएगी पर,कब किसको आएगी ये न पता।। करले अपने सब काम पूरे,फिर शायद समय न मिले।मिला है मनुष्य जीवन तुझे,शायद फिर ये तुझे […] Read more » Please pray to God भज ले प्रभु का नाम बन्दे
कविता बलात्कार नहीं है भारत की संस्कृति September 30, 2020 / September 30, 2020 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकबलात्कार नहीं है भारत की संस्कृति,इस देश में नारी पूजन की है रीति! बड़े-बड़े युद्ध लड़े भारतीय जनों नेपर यौन शोषण की नहीं थी प्रवृत्ति! रण में राम ने जीता था लंका कोऔर लौटा लंका स्थापित की शांति! विश्व स्तरीय युद्ध हुआ महाभारत,किन्तु इज्जत लुटी नहीं नारियों की! भीष्म ने त्याग दिया था […] Read more » India culture is not rape बलात्कार भारत की संस्कृति
कविता ये कथा है तब की जब जाति नहीं बनी थी September 29, 2020 / September 29, 2020 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकये कथा है तब की जब जाति नहीं बनी थीवर्ण नहीं था जन्मगत, सभी कर्म से अर्जित! एक ही घर में कोई ब्रह्मज्ञानी ब्राह्मण तपीकोई कुलवंश कबीला नारी रक्षक त्राता क्षत्रिय! कोई लघुभ्राता बना ब्राह्मण गुरुभक्त आरुणि!खेतमेढ़ तटबंधरक्षी करता आश्रम में बागवानी! कोई विश ग्रामणी कृषक बना था वैश्य वणिककोई ज्येष्ठ राज्याभिषिक्त का […] Read more » ये कथा है तब की जब जाति नहीं बनी थी
कविता आरम्भ में ब्रह्म एक था September 28, 2020 / September 28, 2020 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकआरंभ में ब्रह्म एक था,‘एको ब्रह्म दूजा नास्ति’ब्रह्म द्विजाकर हो बनापुरुष-प्रकृति और सृष्टि! आरंभ में वेद तीन थाऋक्,साम, और यजुर्वेदबाद में चौथा अथर्ववेद;सभी वेदों का समाहार! मानवीय आचार-विचार,जन्म, विवाह, अंत्येष्टिऔषधि, चिकित्सा,जादू,मातृभूमि प्रेम,ब्रह्मज्ञानअथर्ववेद से मिला हमें! आरंभ में ब्रह्म एक था,बाद में त्रिदेव बन गयाब्रह्मा विष्णु और शिव,फिर तैंतीस कोटिक देवजन जातियों से आया! […] Read more » आरम्भ में ब्रह्म एक था
कविता बिन बेटी सब सून ! September 27, 2020 / September 27, 2020 by प्रियंका सौरभ | Leave a Comment जीवन में आनंद का, बेटी मंतर मूल !इसे गर्भ में मारकर, कर ना देना भूल !! बेटी कम मत आंकिये, गहरे इसके अर्थ !कहीं लगे बेटी बिना, तुझे सृष्टि व्यर्थ !! बेटी होती प्रेम की, सागर सदा अथाह !मूरत होती मात की, इसको मिले पनाह !! छोटी-मोटी बात को, कभी न देती तूल !हर रिश्ते […] Read more » daughters day बिन बेटी सब सून
कविता प्रभु से प्रार्थना September 27, 2020 / September 27, 2020 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment जो जग का करता है लालन पोषणकभी किसी का करता नहीं शोषणउस प्रभु की सदा आरती हम उतारेउसको हम कभी भी नहीं बिसरावे कोरोना काल में ही कर रहा रक्षाशायद लेे रहा हो हमारी वह परीक्षाउसकी परीक्षा में सफल हम हो जाएउसे सदा हम अपना शीश झुकाए।। जो लिखने की देता है हमें शक्तिउसकी सदा […] Read more » प्रभु से प्रार्थना
कविता नारी ने नर को जन्म दिया September 27, 2020 / September 27, 2020 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment नारी ने नर को जन्म दियानर ने उसे है बाजार दियाजिस नारी ने नर को पाला हैउस नर ने उस पर अत्याचारकिया।। समय अब बदल रहा हैनारी अब बदल रही हैंवह अपने अधिकारों कोकाफी अब समझ रही हैं।। पहले नारी अशिक्षित थीअब नारी काफी शिक्षित हैअब इस शिक्षा के कारण हीनारी नर पर अब भारी […] Read more » Woman gave birth to a male नारी ने नर को जन्म दिया
कविता सृष्टि के आरंभ से हम कहांतक गुजरे September 26, 2020 / September 26, 2020 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकसृष्टि के आरम्भ से!वैदिक कर्मकाण्डी ब्राह्मणयोग ज्ञानी क्षत्रिय बनेऋग्वेद पुरुषसुक्त कहताब्रह्मा के मुख ब्राह्मण होते,क्षत्रिय ब्रह्मा के बाहु!मुख ने श्राप दिया बाहु को,बाहु ने मुख को दंड!मुख में राम बगल में परशु,बाहु बना सहस्त्रबाहु!परशुराम और सहस्त्रार्जुन मेंयुद्ध चला कई पुश्त!मुख ने तोड़ दिया भुज दंड!ब्राह्मण ब्राह्मण ही रहा,क्षत्रिय होने लगा श्रमण!श्रषभ देव से […] Read more » From the beginning of the world we passed सृष्टि के आरंभ से हम कहांतक गुजरे