लेख भारत की इतिहास परंपरा में उपनिषदों का योगदान December 25, 2019 / December 25, 2019 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment भारत की राष्ट्रीय चेतना को आर्ष ग्रंथों ने बहुत अधिक प्रभावित किया है । बहुत दीर्घकाल तक भारतीय संस्कृति की प्रेरणा के स्रोत बने इन ग्रंथों ने भारत के राष्ट्रीय मानस को ,राष्ट्रीय चेतना को , राष्ट्रीय परिवेश को और राष्ट्रीय इतिहास को इतना अधिक प्रभावित किया है कि इनके बिना भारतीयता के उद्बोधक इन […] Read more » Contribution of Upanishads Contribution of Upanishads to the history tradition of India उपनिषदों का योगदान
लेख सार्थक पहल जानिए अपने उपभोक्ता अधिकार December 24, 2019 / December 24, 2019 by योगेश कुमार गोयल | Leave a Comment राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस (24 दिसम्बर) पर विशेष बनें जागरूक उपभोक्ता – योगेश कुमार गोयल रमेश ने बाजार से बिजली का एक पंखा खरीदा लेकिन एक वर्ष की गारंटी होने के बावजूद सिर्फ दो महीने बाद ही पंखा खराब होने पर भी दुकानदार उसे ठीक कराने या बदलने में आनाकानी कर रहा है। रेलवे भर्ती […] Read more » consumer right national consumer day world consumer rights day उपभोक्ता अधिकार राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस (24 दिसम्बर)
लेख समाज कहां गई डोली और कहां गए कहार December 24, 2019 / December 24, 2019 by अनिल अनूप | 4 Comments on कहां गई डोली और कहां गए कहार -अनिल अनूप दो कहार आगे और दो ही कहार पीछे अपने कंधो पर रखकर डोली में बैठने वाले को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाते थे. थक जाने की स्थिति में सहयोगी कहार उनकी मदद भी करते थे. इसके लिए मिलने वाले मेहनताने और इनाम इकराम से कहारों की जिंदगी की गाड़ी चलती थी. […] Read more » doli doli aur kahar kahar डोली
लेख जिन्दगी क्यों भार स्वरूप लगने लगती है? December 20, 2019 / December 20, 2019 by ललित गर्ग | Leave a Comment -ः ललित गर्ग:-जीवन से जुड़ा एक बड़ा सवाल है कि विषम परिस्थितियां क्यों आती है? जिन्दगी क्यों भार स्वरूप लगने लगती है? क्यों हम स्वयं से ही खफा से रहने लगते हैं? इसका सबसे बड़ा कारण है हमने जीने के जो साफ-सुथरे तरीके थे या जो जीवनमूल्य थे उन्हें भूला दिया है। जिंदगी का मकसद […] Read more » loife becoming burden जिन्दगी
लेख विज्ञान देश में वैज्ञानिकों की कमी December 20, 2019 / December 20, 2019 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment प्रमोद भार्गवदेश के लगभग सभी शीर्ष संस्थानों में वैज्ञानिकों की कमी बनी हुई है। 70 प्रमुख शोध-संस्थानों में 3200 वैज्ञानिकों के पद खाली हैं। बेंगलुरु के वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) से जुड़े संस्थानों में सबसे ज्यादा 177 पद रिक्त हैं। पुणे की राष्ट्रीय रसायन प्रयोगशाला में वैज्ञानिकों के 123 पद खाली हैं। देश के इन […] Read more » Shortage of scientists in the country वैज्ञानिकों की कमी
लेख शख्सियत समाज हिंदूराष्ट्र स्वप्नद्रष्टा : बंदा वीर बैरागी December 20, 2019 / December 20, 2019 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment ——————————————–अध्याय –14 पराजय और अपराजय की आंख मिचौनी बहादुरशाह इस बात को लेकर बहुत दुखी था कि बंदा वीर बैरागी का सामना करने के लिए सारी मुगल शक्ति दुर्बल पड़ती जा रही थी। वह नहीं चाहता था कि बंदा बैरागी के नेतृत्व में हिंदू शक्ति भारतवर्ष में फिर से खड़ी हो और यहां से मुगलों […] Read more »
लेख घर-वापसी और उसका आकलन December 19, 2019 / December 19, 2019 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment ईसाइयत और इस्लाम में चले गए हिन्दुओं को वापस हिन्दू समाज में लाने के कार्य को हमारे आधुनिक मनीषियों ने भी महत्वपूर्ण बताया था। लोकमान्य तिलक, लाला लाजपत राय, महामना मदन मोहन मालवीय, और डॉ. राजेंद्र प्रसाद जैसे नेताओं ने ही नहीं, बल्कि स्वामी विवेकानन्द, रवीन्द्रनाथ टैगोर, और श्रीअरविन्द ने इस का समर्थन किया था। […] Read more » reconversion घर वापसी
महिला-जगत लेख बलात्कार शब्द का सामान्यीकरण December 19, 2019 / December 19, 2019 by अनिल अनूप | Leave a Comment अनिल अनूप कभी-कभी सोचता हूँ मैं उस शिक्षित समाज का हिस्सा हूँ जो बलात्कार जैसे शब्दों को लेकर बेहद सामान्य हो चुका है। मेरे आस-पास का समाज अब जानता है कि किसी भी रेप की घटना का विरोध दर्ज करने के लिए उसे सड़कों पर उतर आना है, प्रशासन को दोषी ठहराना है, पीड़िता के […] Read more » बलात्कार बलात्कार शब्द का सामान्यीकरण
राजनीति लेख विदुषी महिला भारती और शंकराचार्य December 16, 2019 / December 16, 2019 by राकेश कुमार आर्य | 1 Comment on विदुषी महिला भारती और शंकराचार्य भारत की ऐसी अनेकों नारियां हुई हैं जिन्होंने ज्ञान विज्ञान के क्षेत्र में अपने वे वैदुष्य का परचम लहराया है । इन्हीं में से एक महान विदुषी भारती थीं । जो कि उस काल के परम विद्वान मंडन मिश्र की पत्नी थीं ।आदि शंकराचार्य एक ऐसे महान व्यक्तित्व के धनी थे जिन्होंने अपने समय में […] Read more » 21 दिन तक भारतीय शास्त्रों के ऊपर गहन मंथन विदुषी महिला भारती शंकराचार्य
लेख महाभारत कालीन महान नारी सत्यवती December 14, 2019 / December 14, 2019 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment महाभारत काल में भी नारियों की स्थिति बहुत सम्मान पूर्ण थी । यद्यपि इसी काल में द्रोपदी के चीर हरण होने से कुछ लोगों ने इस प्रकार की भ्रांति फैलाने का कार्य किया है कि महाभारत काल में सामाजिक पतन बहुत अधिक हो चुका था और लोग नारी को जुए में रखने या उसका चीरहरण […] Read more » satyawati shantanu and satyawati महान नारी सत्यवती
लेख सन् 1909 में पटियाला राजद्रोह केस में अंग्रेज सरकार का आर्यसमाज व इसके अनुयायियों पर अत्याचार December 11, 2019 / December 11, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य पराधीनता के युग में अंग्रेज सरकार ने आर्यसमाज के प्रति कू्ररता का परिचय दिया था। इसके सदस्यों को अकारण परेशान किया जाता था। आर्यसमाजियों को सरकारी नौकरी नहीं मिलती थी और जो नौकरी में होते थे उन्हें नौकरी से किसी न किसी आरोप में निकाल दिया जाता था। वह आर्यसमाज के […] Read more » In 1909 in Patiala treason case पटियाला राजद्रोह केस
लेख समाज न्याय मागंने वाली उन्नाव की बहादुर बेटी को इंसाफ कब! December 9, 2019 / December 9, 2019 by दीपक कुमार त्यागी | Leave a Comment दीपक कुमार त्यागी देश में बेटियों के प्रति लगातार इंसानियत को शर्मसार करने वाली हृदय विदारक घटनाओं का शर्मनाक दौर जारी है। आयेदिन कहीं ना कहीं कोई माता, बहन, बेटी इन इंसानियत के नाम पर कंलक, जाहिल, वहशी, राक्षस, दरिंदों की दरिंदगी का शिकार हो जाती है, ये हालात आज देश में महिलाओं की जानमाल […] Read more » unnao unnao rape case Unnao victim also gets justice Unnao victim also gets justice like Hyderabad victim उन्नाव की बहादुर बेटी