कविता प्रथम जैन तीर्थंकर आदिनाथ ऋषभदेव November 28, 2020 / November 28, 2020 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकजिन से बना है जैनजिन से चला है जैन धर्मजिन वही थे जिन्होंने वासना को जीताकैवल्य ज्ञान प्राप्त करजिन को कहते अरिहंत जिनेंद्र कहलातेजैन तीर्थंकर वही जो जीवन नैया कोपार लगा दे तीर्थ बनाकरचौबीस जैन तीर्थंकर जन्मे है भारत भू परभारत नाम पड़ा है आदि तीर्थंकरऋषभदेव के पुत्र भरत के नाम परऋषभदेव थे […] Read more » Adinath Rishabhdev First Jain Tirthankara First Jain Tirthankara Adinath Rishabhdev आदिनाथ ऋषभदेव प्रथम जैन तीर्थंकर प्रथम जैन तीर्थंकर आदिनाथ ऋषभदेव
लेख हिंद स्वराज आर्थिक मजबूती से बढ़ेगा हिन्दी का साम्राज्य November 28, 2020 / November 28, 2020 by अर्पण जैन "अविचल" | Leave a Comment डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल‘ भाषा और भारत के प्रतिनिधित्व के सिद्धांत में हिन्दी के योगदान को सदा से सम्मिलित किया जा रहा है और आगे भी किया जाएगा, किन्तु वर्तमान समय उस योगदान को बाजार अथवा पेट से जोड़ने का है। सनातन सत्य है कि विस्तार और विकास की पहली सीढ़ी व्यक्ति की क्षुधा पूर्ति से जुडी होती है, अनादि […] Read more » Hindi empire will grow with economic strength आर्थिक मजबूती नई शिक्षा नीति हिन्दी का साम्राज्य
लेख हिंद स्वराज ब्रह्मोस बनी तीनों सशस्त्र बलों का बेहद शक्तिशाली हथियार November 28, 2020 / November 28, 2020 by योगेश कुमार गोयल | Leave a Comment ब्रह्मोस: दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक मिसाइल योगेश कुमार गोयल भारत पिछले करीब तीन माह के दौरान एंटी रेडिएशन मिसाइल ‘रूद्रम-1’, परमाणु आयुध ले जाने में सक्षम मिसाइल ‘शौर्य’ सहित कई मिसाइलों का सफल परीक्षण कर चुका है। दरअसल भारत अपने दुष्ट पड़ोसी देशों चीन और पाकिस्तान को ईंट का जवाब पत्थर से देने की […] Read more » एंटी रेडिएशन मिसाइल ‘रूद्रम-1 ब्रह्मोस मिसाइल शौर्य
लेख समाज गुरुनानक देव जी की सीखें हर काल में प्रासंगिक रहेंगी। November 27, 2020 / November 27, 2020 by डॉ नीलम महेन्द्रा | Leave a Comment ੴ ਸਤਿ ਨਾਮੁ ਕਰਤਾ ਪੁਰਖੁ ਨਿਰਭਉ ਨਿਰਵੈਰੁ ਅਕਾਲ ਮੂਰਤਿ ਅਜੂਨੀ ਸੈਭੰ ਗੁਰ ਪ੍ਰਸਾਦਿ ॥ ॥ ਜਪੁ ॥ ਆਦਿ ਸਚੁ ਜੁਗਾਦਿ ਸਚੁ ॥ ਹੈ ਭੀ ਸਚੁ ਨਾਨਕ ਹੋਸੀ ਭੀ ਸਚੁ ॥1॥ एक ओंकार सतनाम, कर्तापुरख, निर्माह निर्वैर, अकाल मूरत, अजूनी सभं. गुरु परसाद ॥ ॥ जप ॥ आद सच, जुगाद सच, है भी सच, नानक होसे […] Read more » Learning of Guru Nanak Dev ji अकाल मूरत अजूनी सभं. गुरु परसाद आद सच एक ओंकार सतनाम कर्तापुरख गुरुनानक देव जी की सीखें जुगाद सच नानक होसे भी सच निर्माह निर्वैर है भी सच
कविता विघ्नहरण गणपति November 27, 2020 / November 29, 2020 by शकुन्तला बहादुर | Leave a Comment अड़चन को विघ्न हम कहते हैं ,सदा उनसे डरते हैं , सदा उनसे बचते हैं ।विघ्नहरण गणपति की वन्दना हम करते हैं,विघ्नों को हरने की कामना हम करते हैं ,निर्विघ्न करने की प्रार्थना हम करते हैं ।सोचती हूँ, संघर्ष ही तो जीवन है,फिर विघ्नों से क्या अनबन है ?जब विघ्नों से टकराते हैं,तभी सामर्थ्य जाने […] Read more » ganapati vighna haran ganapati
लेख समाज सभ्य समाज का नासूर है नारी हिंसा और उत्पीड़न November 27, 2020 / November 27, 2020 by ललित गर्ग | Leave a Comment अंतर्राष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस ( 25 नवम्बर, 2020 ) परललित गर्ग भारत ही नहीं, दुुनियाभर की महिलाओं पर बढ़ती हिंसा, शोषण, असुरक्षा एवं उत्पीड़न की घटनाएं एक गंभीर समस्या है। संयुक्त राष्ट्र संघ महिलाओं पर की जा रही इस तरह हिंसा के उन्मूलन के लिए 25 नवंबर को अंतर्राष्ट्रीय महिला हिंसा एवं उन्मूलन दिवस के […] Read more » अंतर्राष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस नारी हिंसा नारी हिंसा और उत्पीड़न सभ्य समाज का नासूर
कविता जीवन है अनमोल November 26, 2020 / November 26, 2020 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment जीवन है बडा अनमोल,इसका कोई नहीं है मोल।इसको बचा कर तुम रखिए,मास्क लगा कर तुम रखिए।। घर छोड़कर नहीं जाओ,कोरोना को नहीं बुलाओ।भले ही कितनी हो मजबूरी,दो गज की रक्खो तुम दूरी।। कोरोना है बहुत घातक,यह किसी को नहीं बख्शता।चाहे वह हो राजा व रंक,भर लेता है वह अपने अंक।। बरतो न इसमें कभी ढिलाई,चूकि […] Read more » जीवन है अनमोल
कविता जो शहीद हुए हैं वतन पे November 26, 2020 / November 26, 2020 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकजो शहीद हुए हैं वतन पेउन्होंने ऐसे वतन को रख छोड़ा हैजो अभिमान है सबके! जो शहीद हुए हैं वतन पेउन्होंने ऐसे पिता से मुख मोड़ा हैजो पहचान थे उनके! जो शहीद हुए हैं वतन पेउन्होंने ऐसी माता से नाता तोड़ी हैजो दिलोजान थी उनके! जो शहीद हुए हैं वतन पेउन्होंने ऐसी पत्नी […] Read more » जो शहीद हुए हैं वतन पे
कविता जीवन में आशा निराशा November 26, 2020 / November 26, 2020 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment लाओ न निराशा जीवन में,आशा का तुम संचार करो।निराशा कर देती जीवन नष्ट,इसका तुम बहिष्कार करो।। आशा ही तो एक जीवन है,निराशा तो अंधकार लाती है।करो साकार स्वप्न आशा के तुम,आशा ही निराशा को भगाती है।। बनाओ आशा को जीवन संगनी,निराशा तो जीवन की सौतन है।उसके पास न जाना कभी तुम,वह तो जीवन की एक […] Read more » जीवन में आशा निराशा
कविता राजगृह का राजवैद्य जीवक November 25, 2020 / November 25, 2020 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकमगधराज बिम्बिसार की अभिषिक्त,शालवती थी नगर वधू राजगृह की!राजतंत्र की देवदासी सी एक कुरीति,वैशाली की गणिका आम्रपाली जैसी!किन्तु गणिका नहीं राज नर्तकी थी,गणिका तो गण की हुआ करती थी! मगध गणराज्य नहीं महाजनपद था,राजगृह का राजवैद्य जीवक पुत्र थापरित्यक्त, नगर वधू शालवती औरसम्राट बिम्बिसार की अवैध संतति!जिसे उठाके कूड़े की ढेर से पाले […] Read more » bimbisar बिम्बिसार राजगृह का राजवैद्य जीवक
पर्व - त्यौहार लेख वर्त-त्यौहार मांगलिक कार्य आरम्भ होने का दिन है ‘‘देवोत्थान एकादशी’’ November 25, 2020 / November 25, 2020 by ब्रह्मानंद राजपूत | Leave a Comment देवोत्थान एकादशी कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को कहते हैं। दीपावली के ग्यारह दिन बाद आने वाली एकादशी को ही प्रबोधिनी एकादशी अथवा देवोत्थान एकादशी या देव-उठनी एकादशी कहा जाता है। आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देव चार मास के लिए शयन करते हैं। इस बीच हिन्दू धर्म में कोई भी मांगलिक कार्य शादी, विवाह आदि नहीं होते। देव चार महीने शयन करने के बाद कार्तिक, शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन उठते हैं। इसीलिए इसे देवोत्थान (देव-उठनी) एकादशी कहा जाता है। देवोत्थान एकादशी तुलसी विवाह एवं भीष्म पंचक एकादशी के रूप में भी मनाई जाती है। इस दिन लोग तुलसी और सालिग्राम का विवाह कराते हैं और मांगलिक कार्यों की शुरुआत करते हैं। हिन्दू धर्म में प्रबोधिनी एकादशी अथवा देवोत्थान एकादशी का अपना ही महत्त्व है। इस दिन जो व्यक्ति व्रत करता है उसको दिव्य फल प्राप्त होता है। उत्तर भारत में कुंवारी और विवाहित स्त्रियां एक परम्परा के रूप में कार्तिक मास में स्नान करती हैं। ऐसा करने से भगवान् विष्णु उनकी हर मनोकामना पूरी करते हैं। जब कार्तिक मास में देवोत्थान एकादशी आती है, तब कार्तिक स्नान करने वाली स्त्रियाँ शालिग्राम और तुलसी का विवाह रचाती है। पूरे विधि विधान पूर्वक गाजे बाजे के साथ एक सुन्दर मण्डप के नीचे यह कार्य सम्पन्न होता है। विवाह के समय स्त्रियाँ मंगल गीत तथा भजन गाती है। कहा जाता है कि ऐसा करने से भगवान् विष्णु प्रसन्न होते हैं और कार्तिक स्नान करने वाली स्त्रियों की हर मनोकामना पूर्ण करते हैं। हिन्दू धर्म के शास्त्रों में कहा गया है कि जिन दंपत्तियों के संतान नहीं होती, वे जीवन में एक बार तुलसी का विवाह करके कन्यादान का पुण्य प्राप्त कर सकते हैं। अर्थात जिन लोगों के कन्या नहीं होती उनकी देहरी सूनी रह जाती है। क्योंकि देहरी पर कन्या का विवाह होना अत्यधिक शुभ होता है। इसलिए लोग तुलसी को बेटी मानकर उसका विवाह सालिगराम के साथ करते हैं और अपनी देहरी का सूनापन दूर करते हैं। प्रबोधिनी एकादशी अथवा देवोत्थान एकादशी के दिन भीष्म पंचक व्रत भी शुरू होता है, जो कि देवोत्थान एकादशी से शुरू होकर पांचवें दिन पूर्णिमा तक चलता है। इसलिए इसे इसे भीष्म पंचक कहा जाता है। कार्तिक स्नान करने वाली स्त्रियाँ या पुरूष बिना आहार के रहकर यह व्रत पूरे विधि विधान से करते हैं। इस व्रत के पीछे मान्यता है कि युधिष्ठर के कहने पर भीष्म पितामह ने पाँच दिनो तक (देवोत्थान एकादशी से लेकर पांचवें दिन पूर्णिमा तक) राज धर्म, वर्णधर्म मोक्षधर्म आदि पर उपदेश दिया था। इसकी स्मृति में भगवान् श्रीकृष्ण ने भीष्म पितामह के नाम पर भीष्म पंचक व्रत स्थापित किया था। मान्यता है कि जो लोग इस व्रत को करते हैं वो जीवन भर विविध सुख भोगकर अन्त में मोक्ष को प्राप्त करते हैं। देवोत्थान एकादशी की कथा एक समय भगवान विष्णु से लक्ष्मी जी ने कहा- हे प्रभु ! अब आप दिन-रात जागा करते हैं और सोते हैं तो लाखों-करोड़ों वर्ष तक को सो जाते हैं तथा उस समय समस्त चराचर का नाश भी कर डालते हैं। अत: आप नियम से प्रतिवर्ष निद्रा लिया करें। […] Read more » Devotthan Ekadashi देवोत्थान एकादशी
कविता भगतसिंह : तेरा वैभव अमर रहे मां, हम दिन चार रहें या न रहें! November 25, 2020 / November 25, 2020 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकविद्यावती व किशन सिंह के बेटे भगत ये कह गए,तेरा वैभव अमर रहे मां,हम दिन चार रहें या न रहें! भगत, राजगुरु, सुखदेव ने मां, तेरी शान में प्राण देके,गुलाम वतन में जन्म ले करके, वो गुमनाम ना रहे! सत्ताईस सितंबर उन्नीस सौ सात में भगतसिंह आए,अमर कथा इस वीर की, तेईस वर्ष […] Read more » Bhagat Singh Bhagat Singh: May your glory be immortal mother poem on Bhagat Singh भगतसिंह