कविता हे ईश्वर यदि तुम एक हो September 23, 2020 / September 23, 2020 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकहे ईश्वर! यदि तुम एक हो,मानव-मन में एकता भर दे!असिधर को मसीधर कर दे!मसीधर में सद्विवेक भर दे! हे ईश्वर! यदि तुम नेक हो,अपने अंधभक्तों के चक्षु मेंज्ञान की ज्योति को भर दे!उनके तम कलुष को हर ले! हे ईश्वर! यदि तुम ईश्वर हो,भक्तों को सब्जबाग ना दिखाअप्सरा, हूर, परी जन्नत वालीजन्नत,दोजख से […] Read more » हे ईश्वर यदि तुम एक हो
कविता जब अपने सृष्टा कवियों से दुखी हो कविताओं ने की सामूहिक आत्महत्या September 23, 2020 / September 23, 2020 by आत्माराम यादव पीव | Leave a Comment आत्माराम यादव पीव विश्व के तमाम देश के कवि अपना दिमाग लगाकर जितनी कविताए एक साल में लिखते है, उतनी कविताए भारत देश के तथाकथित कविगण एक सप्ताह में लिख लेते है। या कहिए भारत एकमात्र देश है जिसके हर शहर, मोहल्ले, गली ओर हर गाँव में एक से एक धुरंधर कवि मिल जाएँगे। या […] Read more » When poets are saddened by their creation poems commit mass suicide कविताओं ने की सामूहिक आत्महत्या
राजनीति लेख क्या भारत की अपेक्षाओं पर खरा उतरती है मोदी सरकार की नई शिक्षा नीति ? September 23, 2020 / September 23, 2020 by राकेश कुमार आर्य | 2 Comments on क्या भारत की अपेक्षाओं पर खरा उतरती है मोदी सरकार की नई शिक्षा नीति ? केंद्र की मोदी सरकार ने अपनी नई शिक्षा नीति लागू कर दी है । इस शिक्षा नीति पर अनेकों शिक्षाशास्त्रियों, समाजशास्त्रियों, विद्वानों और मनीषियों ने अपने-अपने ढंग से लिखा है । अनेकों विद्वानों ने इसके समर्थन में लिखा है तो कुछ ने इसकी आलोचना की है ।वास्तव में किसी भी देश की शिक्षा नीति उसके […] Read more » Does the new education policy of the Modi government meet India expectations new education policy मोदी सरकार की नई शिक्षा नीति
व्यंग्य ‘माल’ से मालामाल सिनेमा की थाली! September 23, 2020 / September 23, 2020 by निरंजन परिहार | 1 Comment on ‘माल’ से मालामाल सिनेमा की थाली! सिनेमावालों की इज्जत की पूंजी चौराहों पर नीलामी के इंतजार में है। क्योंकि उनकी दमित कामनाएं दुर्गंध की नई सड़ांध रच रही है। चेहरों से नकाब उतर रहे हैं। सिनेमा की सारी सच्चाई समझने के बावजूद जया बच्चन सिनेमा को चरित्र प्रमाणपत्र बांट रही हैं। भुक्तभोगियों में भन्नाहट है। गटर की सफाई इसीलिए जरूरी है। […] Read more » thali mein ched माल से मालामाल सिनेमा की थाली सिनेमा की थाली
व्यंग्य सिनेमा बॉलीवुड की नयी थाली नीति September 23, 2020 / September 23, 2020 by नवेन्दु उन्मेष | Leave a Comment नवेन्दु उन्मेष बॉलीवुड विश्वविद्यालय का वेबिनार आयोजित था। विश्वविद्यालय के कुलपति औरसभी विभागाध्यक्ष बॉलीवुड की नयी शिक्षा नीति से लेकर थाली नीति पर अपनेविचार व्यक्त कर रहे थे। वेबिनार में वे बतला रहे थे कि अब विश्वविद्यालयमें थाली नीति को भी शामिल कर लिया गया है। थाली नीति के आने से यहांपढ़ने-वाले सभी अभिनेता-अभिनेत्रियों के […] Read more » बॉलीवुड की नयी थाली नीति
कविता मेरे मन के भाव September 22, 2020 / September 22, 2020 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment कुछ स्वप्न थे मेरे धुंधलेे से,कुछ चाहत मेरी उजली थी।कोई आहट थी धीमी सी ,उनके लिए मै पगली सी थी।। कुछ मन में भाव अजीब से थे ,दिल में मिलने कुछ चाहत थी ।।न मै मिल सकी न तुम मिल सके,दोनों के दिल में घबराहट थी।। कुछ पगडंडी टेढ़ी सी थी,दिल में कुछ झुंझलाहट थी […] Read more » मेरे मन के भाव
कविता ये देश है अपना September 21, 2020 / September 21, 2020 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment ये देश है अपनाहिम शिखर सिरहाने मेंकैलाश मानसरोवर उपरगंगा जमुना का कछारदेश का बिछौना! ये देश है अपनाकश्मीर बड़ी हसीन हैवादियां बड़ी रंगीन हैछोड़ो संगीन की बोलीछेड़ो राग तराना! ये देश है अपनादिल्ली देश का दिलहरियाणा की हरियालीपंजाब की गेहूँ बालीपूर्व में सतबहना! ये देश है अपनागुजरात शेर का जब्ड़ाअरावली महाबली हैविंध्याचल झुकल, मानअगस्त का […] Read more »
कविता कृष्ण के जीवन में राधा तू आई कहां से September 21, 2020 / September 21, 2020 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायककृष्ण के जीवन में राधा तू आई कहां से?आत्मा से, देह से या कवि की कल्पना से! सुदर्शन चक्रधारी को प्रेम पुजारी बनाने को,राधा तू आई गोकुल बोलो किसके स्नेह से? कृष्ण के बचपन में रास रचाने आई कहां से?भक्ति या आशक्ति की ठांव बरसाने गांव से! बेड़ी बंधी कोख से बेड़ी को […] Read more » कृष्ण के जीवन में राधा
कविता एक सोच लड़की है पराया धन September 20, 2020 / September 20, 2020 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment क्यो समझते है,लड़की है पराया धनलड़का है अपना धनजबकि दोनों लेते हैएक कोख से जन्म। दोनों की जन्म मैमां को होती हैंएक सी पीड़ादोनों ही जन्म के बादकरते है एक सी क्रीड़ा।ये हैं एक प्रकृति नियमफिर भी समझते हैलड़की है पराया धनलड़का है अपना धन।। दोनों का एक घरदोनों का एक आंगनदोनों का एक मालीदोनों […] Read more » लड़की है पराया धन
लेख साहित्य सम्राट ललितादित्य और कश्मीर September 20, 2020 / September 20, 2020 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment जवाहरलाल कौल भारत और विशेषकर जम्मू कश्मीर के इतिहास में ललितादित्य का नाम उनकी शानदार विजय-यात्राओं के कारण प्रसिद्ध रहा है। कुछ लोग मार्तंड मंदिर के कारण भी उन्हें स्मरण करते हैं। लेकिन विकासमान भारत के संदर्भ में अगर वे किसी बात के लिए प्रासंगिक हैं तो उनकी विदेश नीति और अपनी समरनैतिक सूझबूझ के […] Read more » Emperor Lalitaditya and Kashmir कश्मीर सम्राट ललितादित्य
लेख गाँधी के स्वप्न की राष्ट्रभाषा या संविधान की राजभाषा- गाँधी के स्वप्न की राष्ट्रभाषा September 20, 2020 / September 20, 2020 by उमेश कुमार सिंह | Leave a Comment प्रो. उमेश कुमार सिंह आप के स्वप्न में ‘हिंदी दिवस’ और मेरे जाग्रत में ‘राजभाषा दिवस’ एक साल के लिए बीत गया और हमारा कर्मकांड भी इस सप्ताह समाप्त हो जायेगा। इस दिवस के कुछ दिनों पहले और आज सप्ताह तक जो भी सुनने, पढ़ने को मिला वह सुखद भी था और कष्टकर भी। सुखद इसलिए […] Read more » hindi गाँधी के स्वप्न की राष्ट्रभाषा संविधान की राजभाषा- हिंदी स्वप्न की राष्ट्रभाषा
ज्योतिष लेख वर्त-त्यौहार नित्य नहीं, नैमित्तिक कर्म निन्द्य हैं अधिकमास में September 20, 2020 / September 20, 2020 by अशोक “प्रवृद्ध” | Leave a Comment –अशोक “प्रवृद्ध” भारतीय पंचांग अर्थात कैलेंडर में सूर्यमास और चंद्रमास (चांद्रमास) दोनों पद्धति से गणना की परिपाटी है। काल निर्धारण में वर्ष की गणना का मुख्य आधार सूर्य के चारों ओर पृथ्वी का भ्रमण है। इससे ऋतुएँ बनती हैं। सौर वर्ष का स्पष्टत: ऋतुओं के साथ सम्बन्ध है, और सूर्य की बारह संक्रांति होने के […] Read more » but casual karma is blasphemy नैमित्तिक कर्म निन्द्य हैं अधिकमास