कविता ऐसे इतिहास को बदल डालो May 21, 2015 by नरेश भारतीय | Leave a Comment -नरेश भारतीय- युग बदल रहा है बदल रही है सोच आने लगी है अंतत: होश विस्मरण नहीं अब राष्ट्रवीरों का सम्मान, अभिवादन, सादर नमन अब सिर्फ और सिर्फ अपनों का… सिकंदर को ग्रेट कहा तुमने अकबर को भी महान बना डाला अपने प्रताप को ठुकराया ! परकीयों को लाड़ दुलार दिया आक्रांताओं को कन्धों पर […] Read more » Featured ऐसे इतिहास को बदल डालो कविता
कहानी लव जिहाद और आईने का सच (कहानी) May 19, 2015 by सुधीर मौर्य | 3 Comments on लव जिहाद और आईने का सच (कहानी) -सुधीर मौर्य- वो कस्बे में डर डर के रहता था। हालाँकि वो डरपोक नहीं था पर फिर भी डर – डर के रहना उसकी आदत हो गई थी। उसके डर की वजह भी थी। कोई आम नहीं बल्कि खास। उस कसबे की तीन – चौथाई आबादी हरे रंग की थी। वो गेरुए रंग का था […] Read more » 'लव जिहाद' Featured लव जिहाद और आईने का सच (कहानी)
व्यंग्य यमराज एडमिट हैं May 19, 2015 / May 19, 2015 by अशोक गौतम | 1 Comment on यमराज एडमिट हैं -अशोक गौतम- मुहल्ले को ताजी सब्जी उधार- सुधार दे खुद पत्तों से रोटी खाने वाला रामदीन कमेटी के जमादार को रोज- रोज नाली के ऊपर सब्जी की दुकान लगाने के एवज में दो- दो किलो सब्जी दे तंग आ गया तो उसने यमराज से गुहार लगाई,‘ हे यमराज महाराज! या तो मुझे इस देस से […] Read more » Featured यमराज यमराज एडमिट हैं यमराज पर व्यंग्य सामाजिक व्यंग्य
विविधा व्यंग्य ‘गब्बर इज़ बैक’ एन्ड ही इज मोर डैंजर May 14, 2015 / May 14, 2015 by जावेद अनीस | Leave a Comment -जावेद अनीस- शोले फिल्म के ओरिजिनल क्लाइमैक्स में ठाकुर द्वारा गब्बर को मारते हुए दिखाया गया था जिसे बाद में सेंसर बोर्ड की दखल के बाद बदलना पड़ा, सेंसर बोर्ड नहीं चाहता था कि फिल्म में ठाकुर का किरदार कानून को अपने हाथ में ले। लगभग चालीस साल बाद आयी “गब्बर इज बेक” केक्लाइमैक्स में […] Read more » 'गब्बर इज़ बैक' एन्ड ही इज मोर डैंजर Featured अक्षय कुमार गब्बर इज़ बैक
कविता दिल का अनोखा रिश्ता May 14, 2015 by लक्ष्मी जायसवाल | Leave a Comment – लक्ष्मी जयसवाल अग्रवाल– सांस दर सांस मुझे याद आते हो तुम ज़िन्दगी के मेरे सुनहरे पल आज भी जाने अनजाने क्यों सजा जाते हो तुम मेरी ज़िन्दगी की इक ख्वाहिश थे तुम आज भी मेरे दिल की राहों में बसकर मेरे हर ख्वाब को सजा जाते हो तुम न जाने कब से तुमसे नाता जुड़ा है मेरा कि अब तो तन्हाइयों […] Read more » Featured कविता दिल कविता दिल का अनोखा रिश्ता
कहानी खूबसूरत अंजलि उर्फ़ बदसूरत लड़की की कहानी May 12, 2015 / May 12, 2015 by सुधीर मौर्य | Leave a Comment -सुधीर मौर्य- बहुत खूबसूरत थी वो लड़कपन में। लड़कपन में तो सभी खूबसूरत होते हैं। क्या लड़के, क्या लड़कियां। पर वो कुछ ज्यादा ही खूबसूरत थी। वो लड़की जो थी। लड़कियां हर हाल में लड़कों से ज्यादा खूबसूरत होती है। ये मैंने सुना था। लोगोंं से, कई लोगों से। कुछ माना, कुछ नहीं माना। फिर […] Read more » Featured अंजलि कहानी खूबसूरत अंजलि उर्फ़ बदसूरत लड़की की कहानी स्टोरी
मीडिया व्यंग्य उबाऊ होता ‘दाऊद – पुराण’…! May 12, 2015 / May 12, 2015 by तारकेश कुमार ओझा | Leave a Comment -तारकेश कुमार ओझा- अपना बचपन फिल्मी पर्दो पर डाकुओं की जीवन लीला देखते हुए बीता। तब कुछ डाकू अच्छे भी होते थे, तो कुछ बुरे भी। किसी के बारे में बताया जाता कि फलां डाकू है तो काफी नेक, लेकिन परिस्थितियों ने उसे हाथों में बंदूक थामने को मजबूर कर दिया। कुछ डाकू जन्मजात दुष्ट […] Read more » Featured उबाऊ होता 'दाऊद - पुराण'...! दाउद दाउद इब्राहिम
कविता मां का आंचल May 9, 2015 by रवि श्रीवास्तव | 2 Comments on मां का आंचल -रवि विनोद श्रीवास्तव- मेरी ये कविता मदर्स डे पर संसार की सभी माओं को समर्पित। बचपन में तेरे आंचल में सोया, लोरी सुनाई जब भी रोया। चलता था घुटनो पर जब, बजती थी तेरी ताली तब। हल्की सी आवाज पर मेरी, न्योछावर कर देती थी खुशी। चलने की कोशिश में गिरा। जब पैर अपनी खड़ा […] Read more » Featured कविता मां का आंचल मां पर कविता
कविता “मां तू कितनी प्यारी है“ May 7, 2015 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | 2 Comments on “मां तू कितनी प्यारी है“ -आलोक ‘असरदार’- बंद किये ख्वाबों के पलके, मैं तेरे जीवन में आया आँख खुली तो सबसे पहले माँ मैंने तुझको ही पाया तेरे गोद में मैंने अपना बचपन हँसकर खेला है मुझे लगाकर सीने से हर दुःख को तूने झेला है मेरे जीवन के बगिया की तू फुलवारी है, माँ तू कितनी प्यारी है माँ […] Read more » “मां तू कितनी प्यारी है“ Featured मां मां पर कविता
लेख कश्मीरी हिन्दुओं की वापसी May 7, 2015 / May 7, 2015 by विनोद कुमार सर्वोदय | 1 Comment on कश्मीरी हिन्दुओं की वापसी -विनोद कुमार सर्वोदय- आज कश्मीरी हिन्दू विस्थापितों को पुनःकश्मीर में बसाने के आत्मस्वाभिमान व संवेदनशील विषय की ओर सभी गंभीर है, परंतु क्या यह एक चुनोतीपूर्ण व जटिल समस्या नहीं है ? लगभग 25 वर्षो बाद इस विषय पर केंद्र सरकार अत्यंत गंम्भीरता से आगे बढ़ रही है जो सराहनीय है.।.परंतु क्या मुख़्यमंत्री मुफ्ती की […] Read more » Featured कश्मीर कश्मीरी हिंदू कश्मीरी हिन्दुओं की वापसी
कला-संस्कृति व्यंग्य ये कार्टून बोलता है ! May 7, 2015 / May 7, 2015 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | Leave a Comment -गर्वित बंसल- रात्रि को सोने से पहले फेसबुक अकाउंट की हलचल का जायजा लेते हुए अचनाक से दृष्टि एक कार्टून पर पड़ी ! लगा कि ये कार्टून कुछ बता रहा है, कुछ बोल रहा है! कार्टून का बारीकी से जायजा लेते हुए समझ आया कि यह तो आज़ाद हिंदुस्तान की उस तथाकथित महान परम्परा का बखान कर […] Read more » Featured ये कार्टून बोलता है ! राजनीतिक व्यंग्य व्यंग्य सोनिया गांधी
मीडिया व्यंग्य विश्वास के चक्कर में लोगो की टक्कर May 6, 2015 by दीपक शर्मा 'आज़ाद' | Leave a Comment -दीपक शर्मा “आज़ाद”- ना ना ना भाई विश्वास करो वो साहब निर्दोष है, एकदम शरीफ की जात है। आपको मालूम नहीं क्या उनके पास देश की एकमात्र साफ़, स्वच्छ पार्टी का सर्टिफिकेट भी है। फिर आप कैसे उनको झूठा बोल सकते हो। देखा नहीं वो देश की राजनीतिक स्थिति को बदलने के लिए कितना प्रयास […] Read more » Featured न्यूज चैनल्स मीडिया मीडिया पर व्यंग्य विश्वास के चक्कर में लोगो की टक्कर