व्यंग्य अब शरद को चांटा November 24, 2011 / November 28, 2011 by एल. आर गान्धी | 8 Comments on अब शरद को चांटा एल.आर.गाँधी भ्रष्ट तंत्र से त्रस्त हरविंदर सिंह ने महंगाई के प्रतीक केंट्रीय खाद्य मंत्री के टेढ़े मुंह पर सपाट चांटा जड़ दिया. शनिवार को हरविंदर दूरसंचार के पूर्व भ्रस्टाचार मंत्री सुखराम को भी चांटा रसीद कर चुके हैं. अब हरविंदर अपना तीसरा शिकार किस ‘सिक-यू-लायर भ्रष्ट नेता को बनाएँगे…महंगाई और भ्रष्टाचार से त्रस्त ‘ भारतियों’ […] Read more » slap on Sharad Pawar face शरद को चांटा
व्यंग्य जानकारी की आशा और सरकारी भाषा November 24, 2011 / November 28, 2011 by रामकुमार विद्यार्थी | Leave a Comment राम कुमार विद्यार्थी अजी सरकार तो सरकार ही है उसका जनता को जानकारी देना और लेना एक ही हाँथ से होता है ,अब देखो जरा कि मध्यप्रदेश की सरकार इनदिनों जनता को क्या कुछ नहीं दे रही है उसके हाँथ में लोक सेवा की गारंटी से लेकर वेबसाइट पर आनलाइन जारी जानकारियों की पूरी वारंटी […] Read more » जानकारी की आशा सरकारी भाषा
व्यंग्य धन्य हुआ प्रभु! November 21, 2011 / November 28, 2011 by अशोक गौतम | 1 Comment on धन्य हुआ प्रभु! अशोक गौतम वे मेरे खास हैं या मैं उनका खास हूं ये तो मेरे राम को भी नहीं पता पर पर मेरा उनके साथ और उनका मेरे साथ चोली दामन का रिश्ता है। कभी वे चोली हो जाते हैं तो मैं दामन,तो कभी वे दामन हो जाते हैं तो मैं चोली। उनके बिना मेरा तनिक […] Read more » धन्य हुआ प्रभु!
व्यंग्य दूर संचार …………….के लम्बे के तार,सुख राम पहुंचे राजा के पास …तिहार. November 21, 2011 / November 28, 2011 by एल. आर गान्धी | Leave a Comment एल. आर. गाँधी. इसे इत्तेफाक ही कहेंगे कि १५ साल बाद ‘दो बिल्लिया’ एक साथ ‘थैले ‘ से बाहर आई हैं. १९९६ में एक ने क्रिकेट में देश को शर्मसार किया तो दूसरे ने राजनीति में लूट का नया मील पत्थर स्थापित किया . खेल के मैदान पर जब सारा देश शर्मसार हो रहा था […] Read more » Telecommunication and Sukhram तिहार. दूर संचार राजा सुख राम
व्यंग्य क्रिकेट में काली कमाई का पहाड़ा November 18, 2011 / November 28, 2011 by अविनाश वाचस्पति | Leave a Comment अविनाश वाचस्पति क्रिकेट ने पहुंचाया जेल, इस खेल में भी भ्रष्टाचार का निकला मुख्य रोल और काहे का खेल यह तो खुल गई पोल है। रील यह रियल है। हमारी डिमांड है कि क्रिकेटरों के लिए अलग से जेल का प्रावधान हो। उन्हें भी घोटालेबाज नेताओं से कमतर नहीं आंका जाना चाहिए। देश चलाने से […] Read more » Black Money n Cricket क्रिकेट में काली कमाई
व्यंग्य तो क्या आपके परनाना भिखमंगे थे ? November 18, 2011 / November 28, 2011 by राजीव गुप्ता | 5 Comments on तो क्या आपके परनाना भिखमंगे थे ? राजीव गुप्ता मैनें अभी जल्दी में ही फेसबुक पर स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री श्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की फोटो लेडी माउन्टबेटन की कमर में हाथ डाले देखा हुए देखा ! ठीक कुछ दिनों बाद कांग्रेस पार्टी के तथाकथित युवराज श्री राहुल गांधी जी ने उत्तर प्रदेश की अपनी चनावी रैली में वहां के लोगों […] Read more » Jawaharlal Nehru तो क्या आपके परनाना भिखमंगे थे
व्यंग्य धनतेरस और धनवर्षा November 17, 2011 / November 28, 2011 by विजय कुमार | Leave a Comment विजय कुमार कुछ लोग कहते हैं कि नाम में क्या रखा है; पर सच यह है कि नाम में बहुत कुछ रखा है। विश्वास न हो तो शर्मा जी से पूछ कर देखें। उनका पूरा नाम मक्खन लाल शर्मा है; पर वे यह बताना पंसद नहीं करते। इसकी भी एक कहानी है। बात उस समय […] Read more » Dhanteras Dhanvarsha Diwali धनतेरस
व्यंग्य लंगोटी का अर्थशास्त्र November 15, 2011 / November 28, 2011 by पंडित सुरेश नीरव | Leave a Comment पंडित सुरेश नीरव जिसमें कुछ हुनर होता है उसको कामयाबी शर्तिया मिलती है। चाहे कितनी भी मुश्किलें आएं। और जो पैदाइशी फिसड्डी होते हैं उन्हें कितनी भी कबड्डी खिलाई जाए वे फिसड्डी होतो हैं तो फिसड्डी ही होते हैं। भैयाजी पैदाइशी हुनरमंद हैं। होशियारी के मल्टीचैनल मॉडल।होनहार बिरवान के होत चीकने पात। इस फार्मूले के […] Read more » लंगोटी का अर्थशास्त्र
व्यंग्य हास्य-व्यंग्य/इंतजार चमत्कारी घोड़े के अवतार का.. November 12, 2011 / December 3, 2011 by पंडित सुरेश नीरव | 2 Comments on हास्य-व्यंग्य/इंतजार चमत्कारी घोड़े के अवतार का.. पंडित सुरेश नीरव मनुष्य आस्तिक भी हो सकता है और नास्तिक भी। पर दोनों ही नस्ल के आदमियों का घोड़ास्तिक होना उसकी अंतिम नियति है। वह ईश्वर को लेकर तो बहस कर सकता है मगर अकल के सारे घोड़े दौड़ाने के बावजूद चाहे वह कितने भी उच्च गोत्र का गधा क्यों न हो घोड़ों की […] Read more » Chamatkari Ghore ke Intezaar चमत्कारी घोड़े के अवतार
व्यंग्य दबिश दावतखोरों की November 8, 2011 / December 5, 2011 by पंडित सुरेश नीरव | 1 Comment on दबिश दावतखोरों की पंडित सुरेश नीरव यह देश एक दावतप्रधान देश है। विवाह-शादी,नामकरण-सालगिरह-मुंडन,रिटायरमेंट और तेरहवीं के ब्रह्मभोज पर हंसते-हंसते दावत का दंड भोगना भारत के हर शरीफ नागरिक की सर्वोच्च नियति है। अपनी हैसियत और औकात के मुताबिक इन अवसरों पर वह भोजन प्रतियोगिताओं का आयोजन करता है। और भयानक काच-छांट के बाद चुनिंदा लोगों को जीमने के […] Read more » दबिश दावतखोरों की
व्यंग्य सुदर्शन-सादिक़ की मुलाकात से क्यों डर रहे हैं वे? November 6, 2011 / December 5, 2011 by इक़बाल हिंदुस्तानी | 4 Comments on सुदर्शन-सादिक़ की मुलाकात से क्यों डर रहे हैं वे? इक़बाल हिंदुस्तानी आर एस एस के पूर्व सर संघचालक के सी सुदर्शन और शिया विद्वान एवं ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के उपाध्यक्ष मौलाना कल्बे सादिक की लखनऊ में हुयी मुलाक़ात में दोनों ने जो कुछ कहा वह देशहित और जनहितमें था लेकिन मात्र इतनी सी बात मे कौम और मज़हब के ठेकेदारों को […] Read more » जनहित देशहित सुदर्शन-सादिक़ की मुलाकात
व्यंग्य फेमस होने के लिए लोग क्या – क्या नहीं करते ? November 6, 2011 / December 5, 2011 by राजीव गुप्ता | 1 Comment on फेमस होने के लिए लोग क्या – क्या नहीं करते ? राजीव गुप्ता फेमस होने के लिए लोग क्या – क्या नहीं करते ? तथाकथित राजनेताओं पर वोट बटोरने का ऐसा बुखार चढ़ जाता है कि उन्हें सारी हदें पार करने से भी कोई गुरेज नहीं होता ! परिणामतः वो हल्की राजनीति करने पर उतर आते है ! जान बूझकर कश्मीर जैसे अत्यंत संवेदनशील मुद्दों पर […] Read more » being famous पाकिस्तान फेमस राजनेताओं संवेदनशील मुद्दों