राजनीति विश्ववार्ता भारत दादा नहीं, बड़ा भाई है! December 9, 2015 by डॉ. वेदप्रताप वैदिक | 1 Comment on भारत दादा नहीं, बड़ा भाई है! विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने राज्यसभा में वही बात कह दी, जो पिछले कई वर्षों से मैं अपने पड़ौसी देशों में कहता रहा हूं। उन्होंने नेपाल के संदर्भ में कहा कि हमारी नीति दादा की नहीं, बड़े भाई की है। हम पड़ौसी देश के दादा नहीं, बड़े भाई हैं। याने ‘बिग ब्रदर’ नहीं, ‘एल्डर ब्रदर’! […] Read more » Featured
राजनीति विश्ववार्ता बैंकाक में खुले दरवाजे December 9, 2015 by डॉ. वेदप्रताप वैदिक | 1 Comment on बैंकाक में खुले दरवाजे भारत के सुरक्षा सलाहकार अजित दोभाल और पाकिस्तान के जनरल नसीरखान जेंजुआ की बैंकाक में हुई मुलाकात का मैं हार्दिक स्वागत करता हूं। जो काम अब डेढ़ साल बाद बैंकाक में हुआ है, वह पहले ही दिल्ली या इस्लामाबाद में भी हो सकता था लेकिन जिस आदमी में जरुरत से ज्यादा आत्म-विश्वास होता है, वह […] Read more » Featured बैंकाक में खुले दरवाजे
राजनीति सचमुच सियासी ही है सांप्रदायिक असहिष्णुता December 9, 2015 by अरुण तिवारी | Leave a Comment ’’असहिष्णुता, सियासी मसला है।’’ भारत के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति श्री टी एस ठाकुर ने यह बयान खासकर, मजहबी असहिष्णुता के संदर्भ मंे दिया। न्यायमूर्ति श्री ठाकुर द्वारा ठीक 06 दिसंबर, 2015 के दिए इस बयान का संदेश साफ है और ठीक इसी दिन भारत में घटे ताजा घटनाक्रम का भी। याद कीजिए कि 06 दिसबंर, […] Read more » Featured सचमुच सियासी ही है सांप्रदायिक असहिष्णुता सांप्रदायिक असहिष्णुता
राजनीति भगवा झंडे से इतनी नफरत क्यूँ December 9, 2015 by अश्वनी कुमार, पटना | 3 Comments on भगवा झंडे से इतनी नफरत क्यूँ भगवा रंग तो त्याग और बलिदान का प्रतीक है भला इससे किसी को क्या परेशानी होती होगी? ऐसे सवाल मन में जरूर आते हैं जब हम खुद को राजनीतिक या सांप्रदायिक नजरिये से कुछ पल के लिए अलग कर लेते हैं। इस देश में रंग, धर्म, जाती और मजहब की विवेचना करने वाले लोगों की […] Read more » Featured भगवा झंडे से इतनी नफरत क्यूँ
राजनीति व्यंग्य भुक्खड़ नहीं होते ईमानदार December 7, 2015 / December 7, 2015 by अशोक मिश्र | 2 Comments on भुक्खड़ नहीं होते ईमानदार अशोक मिश्र केजरी भाई लाख टके की बात कहते हैं। अगर आदमी भूखा रहेगा, तो ईमानदार कैसे रहेगा? भुक्खड़ आदमी ईमानदार हो सकता है भला। हो ही नहीं सकता। आप किसी तीन दिन के भूखे आदमी को जलेबी की रखवाली करने का जिम्मा सौंप दो। फिर देखो क्या होता है? पहले तो वह ईमानदार रहने […] Read more » Featured भुक्खड़ नहीं होते ईमानदार
आलोचना राजनीति ‘आप’ का तुगलकी फरमान December 7, 2015 by डॉ. वेदप्रताप वैदिक | 3 Comments on ‘आप’ का तुगलकी फरमान अदालत के यह कहने पर कि दिल्ली में रहना ऐसा है, जैसे ‘गैस चेम्बर’ में रहना, दिल्ली सरकार द्वारा की जा रही तुरंत कार्रवाई पर हमें उसे शाबाशी देनी होगी लेकिन उसने जैसी कार्रवाई सुझाई है, उस पर उसे सबसे ज्यादा शाबाशी कार कंपनियों के मालिक देंगे। यदि दिल्ली सरकार का तुगलकी फरमान स्थायी तौर […] Read more » ‘आप’ का तुगलकी फरमान Featured
मीडिया राजनीति सहिष्णुता का समीकरण December 7, 2015 by डॉ. मधुसूदन | 1 Comment on सहिष्णुता का समीकरण डॉ. मधुसूदन (एक) कुछ प्रश्न: प्रश्न (१): सहिष्णुता शब्द किस भाषा का है? उत्तर(१): अंग्रेज़ी का तो लगता नहीं। फिर क्या अरबी का है, या फारसी का है? नहीं। तो लातिनी, ग्रीक इत्यादि में से किस भाषा का है? नहीं जी, यह शब्द तो हिन्दी का है। पर महाराज, हिन्दी में कहाँ से आया? अब […] Read more » Featured सहिष्णुता का समीकरण
मीडिया राजनीति सहिष्णुता-असहिष्णुता का विलाप December 7, 2015 by मनोज कुमार | 1 Comment on सहिष्णुता-असहिष्णुता का विलाप मनोज कुमार सहिष्णुता अथवा असहिष्णुता का यह मुद्दा उन लोगों का है जिनके पेट भरे हुए हैं। जो दिन-प्रतिदिन टेलीविजन के पर्दे पर या अखबार और पत्रिकाओं के पन्ने पर पक्ष लेते हैं दिखते हैं अथवा देश और सरकार को कोसते हैं। ये वही आमिर खान हैं जिन्होंने कभी भोपाल में कहा था कि उनकी […] Read more » Featured सहिष्णुता-असहिष्णुता का विलाप
राजनीति मुलायम और राहुल: वाह! क्या जोड़ी है? December 6, 2015 by डॉ. वेदप्रताप वैदिक | 2 Comments on मुलायम और राहुल: वाह! क्या जोड़ी है? उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने क्या जबर्दस्त गुब्बारा उछाला है। 2019 के आम चुनाव में वे अपने पिता मुलायमसिंह को प्रधानमंत्री और राहुल गांधी को उप-प्रधानमंत्री बना देखना चाहते हैं। कहावत है कि ‘खूब मिलाई जोड़ी।……….!! इस कहावत का दूसरा हिस्सा मैंने लिखा नहीं, क्योंकि उसके शब्द काफी जहरीले हैं और मुलायमजी पर वे […] Read more » Featured मुलायम और राहुल
राजनीति अम्बेडकर पर संसद में चर्चा : विचार दरकिनार ,सिर्फ गुणगान ! December 6, 2015 / December 6, 2015 by भंवर मेघवंशी | Leave a Comment भारतीय संसद ने संविधान निर्माण में अम्बेडकर के योगदान पर दो दिन तक काफी सार्थक चर्चा करके एक कृतज्ञ राष्ट्र होने का दायित्व निभाया है .इस चर्चा ने कुछ प्रश्नों के जवाब दिये है तो कुछ नए प्रश्न खड़े भी किये है ,जिन पर आगे विमर्श जारी रहेगा .दो दिन तक सर्वोच्च सदन का चर्चा […] Read more » baba saheb ambedkar Featured अम्बेडकर विचार दरकिनार सिर्फ गुणगान
राजनीति पहले तोलें फिर बोलें ! December 6, 2015 by तनवीर जाफरी | Leave a Comment तनवीर जाफ़री वैसे तो विभिन्न धर्मों के तथाकथित धर्मगुरू जिन्हें प्राय: अपने धर्म तथा अपने ही धर्म से संबंधित धर्मग्रंथों की ही आधी-अधूरी जानकारी रहती है वे आए दिन कोई न कोई ऐसे विवादित तथा बेतुके बयान देते रहते हैं जिन्हें सुनकर समाज में बेचैनी फैल जाती है। परंतु ऐसे धर्मगुरु हैं कि अपनी कथित […] Read more » Featured पहले तोलें फिर बोलें !
राजनीति स्वार्थी राजनीति को साधने के लिए बहस December 5, 2015 / December 5, 2015 by मृत्युंजय दीक्षित | 1 Comment on स्वार्थी राजनीति को साधने के लिए बहस म्ृात्युंजय दीक्षित स्ंासद में असहिष्णुता पर जोरदार बहस हुई। लेकिन यह बहस भी केवल खोदा पहाड़ और निकली चुहिया ही साबित हो रही है। बनावटी असहिष्णुता के नाम पर यह केवल भाजपा संघ और पीएम मोदी को झूठे और मनगढंत आरोपों के तहत घेरने और देश व जनता का कीमती समय बर्बाद करने की साजिश […] Read more » Featured स्वार्थी राजनीति स्वार्थी राजनीति को साधने के लिए बहस