राजनीति आरक्षणः राजनीतिक सत्ता में सामाजिक सहभागिता का टुल्स February 17, 2014 / February 17, 2014 by देवेन्द्र कुमार | Leave a Comment -देवेन्द्र कुमार- आरक्षण का जिन्न एक बार फिर बाहर निकलता दिख रहा है । इस बार इसे बाहर निकालने का श्रेय जाता है कांग्रेसी प्रवक्ता जनार्दन द्विवेदी को । अपने हालिया व्यक्तव में जनार्दन द्विवेदी ने इसको आर्थिक आधार पर लागू करने का सुक्षाव दिया है। लगे हाथ योग -संतई छोड़ राजनीति में अपनी […] Read more » Reservation and politics आरक्षण राजनीतिक सत्ता में सामाजिक सहभागिता का टुल्स
राजनीति धूल झोंकने का खेल कब तक ? February 17, 2014 by अतुल तारे | 1 Comment on धूल झोंकने का खेल कब तक ? -अतुल तारे- देशवासी अपनी आंखों का क्या करें? क्या अब इन आंखों को खुद ही फोड़ लें या फिर पिछले छह दशक से देश की आंखों में धूल, मिर्ची और न जाने क्या-क्या झोंक रहे इन माननीयों की ही ‘आंखें’ निकाल लें, तय करना मुश्किल है। आखिर कब तक? आक्रोश के लिए शब्दकोश में […] Read more » Problems with indian politics धूल झोंकने का खेल कब तक ?
राजनीति राजनैतिक दलों को नसीहत February 17, 2014 by प्रमोद भार्गव | 1 Comment on राजनैतिक दलों को नसीहत संदर्भ:- सर्वोच्च न्यायालय की नीतिगत वादों को पूरी करने की नसीहत -प्रमोद भार्गव- केरल सरकार किए नीतिगत वादों को पूरा न करने पर सर्वोच्च न्यायालय ने राजनैतिक दलों को नसीहत दी है न्यायालय का कहना है कि दल और सरकारें वहीं वादे करें, जिन्हें यर्था के धरातल पर पूरा किया जा सके। न्यायाधीश एआर दवे […] Read more » supreme court on political parties राजनैतिक दलों को नसीहत
राजनीति सरकार केजरीवाल की- तब आंखों की एक बूंद से, सातों सागर हारे होंगे February 17, 2014 by डा. अरविन्द कुमार सिंह | 6 Comments on सरकार केजरीवाल की- तब आंखों की एक बूंद से, सातों सागर हारे होंगे -डॉ. अरविंद कुमार सिंह – इंसान की विश्वसनियता उसकी बातों से नहीं, उसके कामो से होती है। राजनीति की विडम्बना यह है यहा बाते ज्यादा और काम आनुपातिक रूप से कम है। देश की आजादी के वक्त से जो सिलसिला शुरू हुआ वो आजतक बादस्तूर जिन्दा है। दिल्ली की वर्तमान राजनीतिक घटनाक्रम इसी दिशा में […] Read more » Arvind Kejrival Delhi politics सरकार केजरीवाल की- तब आंखों की एक बूंद से सातों सागर हारे होंगे
राजनीति … और नेहरू बोले-‘जला डालो इन्हें’ February 17, 2014 by राकेश कुमार आर्य | 1 Comment on … और नेहरू बोले-‘जला डालो इन्हें’ -राकेश कुमार आर्य- शहरों में हम जहां एक ओर मानवता के संपूर्ण विकास का सपना संजोते हैं और उसे धरती पर उतारने का प्रयास करते हैं, वहीं मानव समाज को एक पाशविक समाज की भांति रहने के लिए अभिशप्त हुआ भी देखते हैं। इसे मानवता की घोर विडंबना ही कहा जाएगा कि एक ओर […] Read more » ... और नेहरू बोले-'जला डालो इन्हें' problems in India
राजनीति आरक्षण: कांग्रेस की सियासी चाल February 17, 2014 by प्रमोद भार्गव | 1 Comment on आरक्षण: कांग्रेस की सियासी चाल -प्रमोद भार्गव- आरक्षण राजनीतिक दलों के सियासी खेल का दांव बनकर उभर रहा है। इस लिहाज से कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी का जातिगत आरक्षण खत्म करके आर्थिक आधार पर आरक्षण देने संबंधी बयान चुनावी हथकंडे से ज्यादा कुछ नहीं है। वैसे भी सोनिया गांधी ने यथास्थिति में आरक्षण जारी रखने का बयान देकर, एक […] Read more » congress political step on reservation आरक्षण: कांग्रेस की सियासी चाल
राजनीति दिल्ली में बनेगी अब भाजपा की सरकार? February 17, 2014 by इक़बाल हिंदुस्तानी | 3 Comments on दिल्ली में बनेगी अब भाजपा की सरकार? -इक़बाल हिंदुस्तानी- केजरीवाल कांग्रेस-भाजपा को पूरे देश में घेरने को हुए आज़ाद! आम आदमी पार्टी की सरकार दिल्ली में 49 दिन में ही धराशायी हो गयी। इस दौरान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सरकार का वीआईपी कल्चर और लालबत्ती का आतंक ही ख़त्म नहीं किया बल्कि इस छोटे से कार्यकाल में अपने वादे के मुताबिक […] Read more » AAP Arvind Kejrival bjp Congress Delhi Government Delhi politics दिल्ली में बनेगी अब भाजपा की सरकार?
राजनीति अल्पसंख्यकवाद के निहितार्थ February 17, 2014 by डॉ. मनोज चतुर्वेदी | Leave a Comment -डॉ. मनोज चतुर्वेदी- अभी हाल में राहुल गांधी की सिफारिश पर चुनावी समीकरण को ध्यान में रखते हुए लोकलुभावने रेवड़ी बांटने के करोड़ों वोट और कई अरबों नोट सुरक्षित रखने की काल्पनिक चाह में केंद्र सरकार ने हिन्दू समाज के हजारों वर्ष परंपरागत सभ्यता-संस्कृति के साथी अरिहन्तों (जैन) को अल्पसंख्यक दर्जा दे दिया। मुस्लिम, ईसाई, […] Read more » minorities in india अल्पसंख्यकवाद के निहितार्थ
राजनीति नीतीश का दूसरा कार्यकाल, बिहार का बंटाधार February 15, 2014 by आलोक कुमार | Leave a Comment -आलोक कुमार- देश में कई सुधारों के लिए अग्रणी बिहार का पतन आजादी के कुछ सालों बाद ही शुरू हो गया था । लेकिन 1989 में गैर कांग्रेसवाद , सामाजिक न्याय के नाम पर और मण्डल कमीशन के रथ पे आरूढ़ हो कर सत्ता के सिंहासन पर आए लालू प्रसाद यादव जी और उनके […] Read more » Nitish Kumar Nitish second term rule Problems with Bihar नीतीश का दूसरा कार्यकाल बिहार का बंटाधार
राजनीति एक बड़ा सवाल February 15, 2014 by विनायक शर्मा | 10 Comments on एक बड़ा सवाल -विनायक शर्मा- दिल्ली में विधानसभा होने के बावजूद आज भी यदि दिल्ली को केन्द्रशासित प्रदेश कहा जाए तो कोई गलत नहीं होगा. दिल्ली की भूमि और दिल्ली की पुलिस आज भी केंद्र सरकार के अधीन हैं. देश की राजधानी होने के कारण बहुत से विषयों में यह आवश्यक भी है. दिल्ली के भूतपूर्व मुख्यमंत्री अरविन्द […] Read more » question to Arvind Kejrival एक बड़ा सवाल
राजनीति बंगाल, भाजपा और मोदी February 15, 2014 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | Leave a Comment -ललित कुमार- ज़ेहन में जब भी भाजपा का नाम बंगाल को लेकर याद किया जाता है तो यह मन से इसलिए नहीं उतरता क्योंकि बंगाल में भाजपा चारों खाने चित है । इस संगठन को यहां मजबूती देना वाला कोई है नहीं। अगर भाजपा बंगाल में मोदी के आसरे केसरिया फहराना चाहती है तो […] Read more » Narendra Modi West Bengal BJP बंगाल भाजपा और मोदी
राजनीति तीसरा मोर्चा ! सरकार बनने के सबसे ज़्यादा आसार? February 15, 2014 by इक़बाल हिंदुस्तानी | 2 Comments on तीसरा मोर्चा ! सरकार बनने के सबसे ज़्यादा आसार? -इक़बाल हिंदुस्तानी- कांग्रेस की वापसी असंभव, भाजपा की सीटें बढ़ेंगी घटक नहीं! 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद तीन संभावनाएं प्रबल हैं। एक- कांग्रेस की सरकार किसी कीमत पर नहीं बनेगी। दो- भाजपा की सीटें बेशक बढ़ जायेंगी, लेकिन उसको सरकार बनाने लायक घटक नहीं मिलने हैं। तीन- तीसरे मोर्चे की अल्पजीवी सरकार कांग्रेस […] Read more » congress will loose Third front may be on power तीसरा मोर्चा ! सरकार बनने के सबसे ज़्यादा आसार?