राजनीति इस कारण हुई कांग्रेस की दुर्गति January 31, 2014 / January 31, 2014 by प्रवीण दुबे | 1 Comment on इस कारण हुई कांग्रेस की दुर्गति प्रवीण दुबे एक बहुत पुरानी कहावत है। ”आए नाग न पूजिए बामी पूजन जाएं’। इसका अर्थ है- घर में जब नाग निकलता है तो उसे भगाया जाता है, वहीं दूसरी ओर पूजा के समय सांप को ढूंढ़ा जाता है और बामी तक की पूजा की जाती है। आप सोच रहे होंगे हमें आखिर यह […] Read more » reason behind congress failure इस कारण हुई कांग्रेस की दुर्गति
राजनीति आजम खां की जिहादी मानसिकता January 30, 2014 / January 30, 2014 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | Leave a Comment -यति नरसिंहानन्द सरस्वती- उत्तर प्रदेश सरकार में अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ मंत्री मो. आजम खां ने मदरसों के प्रबंधकों व प्रधानाचार्यों के सम्मेलन में मुस्लिमों को एक बार फिर भड़काते हुए कहा कि हम देश की आबादी का पांचवां हिस्सा हैं, उन्होंने मदरसा संचालकों से कहा कि हम दुश्मन (गैर मुसलमान यानि काफिर) का […] Read more » Azam khan आजम खां की जिहादी मानसिकता
राजनीति सरकारें सेवा का पर्याय बनें, दहशत या रुतबे की नहीं January 30, 2014 / January 30, 2014 by निर्मल रानी | Leave a Comment -निर्मल रानी- लगभग तीन दशक पूर्व की बात है, महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री अब्दुल रहमान अंतुले ने खलीफा हारून रशीद की शासन प्रणाली का अनुसरण करते हुए महाराष्ट्र की सड़क़ों पर भेष बदलकर घूमने का काम शुरू किया था। अपनी इस शासनशैली के द्वारा वे जनता की वास्तविक दुख-तकलीफ तथा समस्याओं से अवगत होना […] Read more » government should work Indian Politics problem with indian democracy दहशत या रुतबे की नहीं सरकारें सेवा का पर्याय बनें
राजनीति सीमाओं की सुरक्षा के स्थान पर मुस्लिमों पर धन लुटातीं सरकारें January 29, 2014 / January 29, 2014 by आर. के. गुप्ता | 4 Comments on सीमाओं की सुरक्षा के स्थान पर मुस्लिमों पर धन लुटातीं सरकारें -आरके गुप्ता- 2014 के लोकसभा चुनाव जैसे-जैसे निकट आते जा रहे हैं, वैसे-वैसे केन्द्र की कांग्रेस सरकार व उत्तर प्रदेश की मुलायम-अखिलेश सरकार मुस्लिमों पर विशेष ध्यान दे रही हैं तथा देश व प्रदेश का खजाना देश की सुरक्षा को ताक पर रखकर मुसलमानों पर लुटा रही है। वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम ने सेना को […] Read more » government wasting money on muslims Indian Politics सीमाओं की सुरक्षा के स्थान पर मुस्लिमों पर धन लुटातीं सरकारें
राजनीति अरविंद केजरीवाल के धरने के मायने को समझिए January 29, 2014 / January 29, 2014 by डॉ. कुलदीप चन्द अग्निहोत्री | Leave a Comment -डॉ. कुलदीप चन्द अग्निहोत्री- पिछले दिनों 20 जनवरी को दिल्ली के मुख्यमंत्री, आम आदमी पार्टी के प्रधान अरविंद केजरीवाल रेलभवन के सामने धरने पर बैठ गए थे। वे गृह मंत्रालय के आगे धरना देना चाहते थे लेकिन वहां तक पुलिस ने उनको पहुंचने नहीं दिया, इसलिए उन्होंने रेलभवन के आगे ही अपना धरना जमाया। […] Read more » AAP Arvind Kejrival अरविंद केजरीवाल के धरने के मायने को समझिए
राजनीति ‘आप’ हैं अराजकतावादियों के ‘बाप’ January 29, 2014 / January 29, 2014 by राकेश कुमार आर्य | 4 Comments on ‘आप’ हैं अराजकतावादियों के ‘बाप’ -राकेश कुमार आर्य- राजनीति के लिए ‘अराजकतावाद’ का शब्द सर्वप्रथम क्रोपटकिन नामक राजनीतिक मनीषी ने दिया। क्रोपटकिन ने इस शब्द को यूं परिभाषित किया-”अराजकवाद जीवन तथा आचरण के उस सिद्धांत और वाद को कहते हैं जिसके अधीन समाज की कल्पना राज्यसंस्था से विरहित रूप में की जाती है। इस समाज में सामंजस्य उत्पन्न करने […] Read more » 'आप' हैं अराजकतावादियों के 'बाप' AAP Anarchist AAP Arvind Kejrival
राजनीति सुशासन बाबू का नालन्दा व कल्याणबिगहा प्रेम January 29, 2014 / January 29, 2014 by आलोक कुमार | Leave a Comment -आलोक कुमार- एक कुशल और सफ़ल शासक वही होता है जो व्यापक दृष्टिकोण रखता हो। बिहार में आज कहीं सही मायने में विकास हो रहा है तो वो नालन्दा है, उसमें भी विशेषकर कल्याणबिगहा। नालन्दा या कल्याणबिगहा के विकास से मुझे कोई गुरेज नहीं है लेकिन सिर्फ़ और सिर्फ़ नालन्दा और कल्याणबिगहा ही […] Read more » Bihar government Nitish affection with Nalanda and kalyanbigaha Nitish Kumar सुशासन बाबू का नालन्दा व कल्याणबिगहा प्रेम
राजनीति “नयी बोतल में पुरानी शराब” January 29, 2014 / January 29, 2014 by आलोक कुमार | Leave a Comment -आलोक कुमार- आज से लगभग आठ साल पहले बिहार में सिर्फ़ निजाम बदला लेकिन सत्ता का स्वरूप नहीं। आज भी स्थिति वही है जो पूर्व के शासनकाल में थी, हर जिले में दबंग विधायक और सांसदों की अपनी हुकूमत चलती है। जो भी कार्य केंद्र या राज्य सरकार की योजनाओं के तहत हो रहे […] Read more » "नयी बोतल में पुरानी शराब" Bihar government Nitish Kumar
राजनीति चौथे मोर्चे की परिकल्पना को जमीनी शक्ल देने का वक्त January 28, 2014 / January 28, 2014 by देवेन्द्र कुमार | 1 Comment on चौथे मोर्चे की परिकल्पना को जमीनी शक्ल देने का वक्त -देवेन्द्र कुमार- यद्यपि आम आदमी पार्टी का राजनीतिक क्षितिज पर उदय के कारण राष्ट्रीय राजनीति में तीसरे मोर्चा की चर्चा थोड़ी थमती नजर आती है, पर अंदरखाने इस सोच पर विराम नहीं लगा है। माकपा-भाकपा के साथ ही अन्य क्षेत्रीय पार्टियां इसमें अपना भविष्य तलाश रही हैं। इधर, उतरप्रदेश की राजनीति से स्व-निर्वासित होकर […] Read more » Indian Politics need of fourth front in politics चौथे मोर्चे की परिकल्पना को जमीनी शक्ल देने का वक्त
राजनीति चाय पर चर्चा के जरिए मोदी पहुंचेंगे गली-मुहल्ले January 28, 2014 / January 28, 2014 by एम. अफसर खां सागर | 3 Comments on चाय पर चर्चा के जरिए मोदी पहुंचेंगे गली-मुहल्ले -एम. अफसर खां सागर- चाय की चुस्की और चुनावी चकल्लस का चोली दावन का साथ रहा है। अल सुबह चायखानों पर सियासी गुफ्तगु का आगाज हर रोज चाय की चुस्की से होता है। जहां अड़िबाज देश की राजनीति का दिशा और दशा तय करते नजर आते हैं। जबसे कांग्रेस ने मोदी को चाय बेचने […] Read more » Narendra Modi tea politics चाय पर चर्चा के जरिए मोदी पहुंचेंगे गली-मुहल्ले
राजनीति जनता को ज्यादा दिनों तक बरगलाया नहीं जा सकता January 27, 2014 / January 27, 2014 by आलोक कुमार | 2 Comments on जनता को ज्यादा दिनों तक बरगलाया नहीं जा सकता -आलोक कुमार- दिल्ली का विधानसभा चुनाव इस बार पूरी तरह से चौंकाने वाले परिणामों से भरा रहा। यहां दो परम्परागत राजनैतिक दलों को सबसे बड़ी चुनावी चुनौती मिली वो भी एक ऐसी पार्टी से जो मात्र एक वर्ष पुरानी है। जनता ने ‘‘भाजपा’’ और ‘‘आप’’ को मिश्रित समर्थन दिया। भाजपा को 32 सीटें, ‘‘आप’’ […] Read more » AAP Arvind Kejrival politics जनता को ज्यादा दिनों तक बरगलाया नहीं जा सकता
राजनीति समाजवाद पर आधारित लोकतांत्रिक मूल्यों का कैसा स्वरूप है सुशासनी बिहार ? January 27, 2014 / January 27, 2014 by आलोक कुमार | 2 Comments on समाजवाद पर आधारित लोकतांत्रिक मूल्यों का कैसा स्वरूप है सुशासनी बिहार ? -आलोक कुमार- सुशासन बाबु (नीतीश कुमार) इसके लिए सदैव प्रयासरत रहते हैं कि देश और बिहार की जनता उन्हें सिद्धांतवादी स्वीकार करे। इसलिए वे बीच-बीच में समाजवाद, जयप्रकाश नारायण, राम मनोहर लोहिया इत्यादि का नाम भी उच्चारित करते रहते हैं। लेकिन देश की जनता, विशेषकर बिहार की जनता उनकी असलियत से वाकिफ़ हो चुकी है कि उनके खाने के […] Read more » bihar Nitish Kumar समाजवाद पर आधारित लोकतांत्रिक मूल्यों का कैसा स्वरूप है सुशासनी बिहार ?