समाज मनुष्य जीवन के उत्थान का एक सरल उपाय May 26, 2017 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनुष्य जीवन में संगतिकरण का भी महत्व है। अच्छे लोगों की संगति का अच्छा परिणाम होता है और बुरे लोगों की संगति से मनुष्य का जीवन व भविष्य पतन को प्राप्त हो जाता है। सत्यार्थप्रकाश पढ़कर जब हम सन्ध्योपासना व स्वाध्याय करते हैं तो हमारी संगति अध्यययन किये जा रहे विषय सहित ईश्वर के साथ होती है। ईश्वर संसार के सब गुणों का अधिपति व स्वामी होने सहित सभी अवगुणों से सर्वथा मुक्त है। Read more » उत्थान
समाज उपेक्षाओं के मध्य ‘दलित उड़ान’ May 26, 2017 by निर्मल रानी | Leave a Comment दलित समाज को जागृत करने के नाम पर मायावती तथा रामविलास पासवान जैसे और भी कई नेताओं को राजनैतिक रूप से काफी अवसर भी मिले। परंतु इन लोगों ने भी सिवाय अपनी कुर्सी व सत्ता सुरक्षित रखने,धन-संपत्ति संग्रह करने, अपने वारिसों को अपना उत्तराधिकारी बनाने के, और कुछ नहीं किया। हां इतना ज़रूर किया कि यह नेता भी महज़ अपनी राजनैतिक रोटी सेेंकने के लिए दलित समाज को उनके उपेक्षित होने का हमेशा एहसास कराते रहे जबकि इनके अपने रहन-सहन शाही अंदाज़ व शान-ो-शौकत से भरपूर हैं। Read more » Bhushan Ahire Featured Kalpit Virwal Tina Dabi कल्पित वीरवाल टीना डाबी दलित उड़ान भूषण अहीरे
शख्सियत समाज सिनेमा हमेशा अपने दमदार अभिनय से मां के किरदार को जीवंत किया रीमा लागू ने (स्मृति-शेष) May 25, 2017 by ब्रह्मानंद राजपूत | Leave a Comment रीमा लागू का जन्म 1958 में हुआ था। रीमा के बचपन का नाम गुरिंदर भादभाड़े था। रीमा लागू जानीमानी मराठी एक्ट्रेस मंदाकनी भादभाड़े की बेटी हैं। रीमा लागू की अभिनय क्षमता का पता जब चला जब वह पुणे में हुजुरपागा एचएचसीपी हाई स्कूल में छात्रा थीं। हाई स्कूल पूरा करने के तुरंत बाद उनके अभिनय […] Read more » Featured रीमा लागू
समाज ये खेले ख़त्म करो बस्तियां डुबोने का May 25, 2017 by निर्मल रानी | Leave a Comment निर्मल रानी हमारे देश में वर्षा ऋतु दस्तक देने जा रही है। प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी भारत विशाल के किसी क्षेत्र से बाढ़ के समाचार प्राप्त होंगे तो कहीं से सूखा पडऩे की ख़बरें आएंगी। कहीं कम वर्षा रिकॉर्ड की जाए गी तो कहीं मानसून का जलवा कुछ ज़्यादा ही दिखाई देगा। […] Read more » बस्तियां डुबोने का
समाज कुरान में तीन तलाक का ज़िक्र नहीं : न्यायालय May 24, 2017 by सज्जाद हैदर | Leave a Comment ज्ञात हो कि एआईएसपीएलबी के प्रवक्ता मौलाना यासबू अब्बास ने कहा कि समय की मांग है अब कड़ा कानून लाया जाये। यह सती विरोधी कानून की तरह हो, जो किसी महिला को पीड़ित होने से बचाए और यह सुनिश्चित करे की दोषी को सजा मिले। शिया समुदाय में एक बार में तीन तलाक के लिए कोई जगह नहीं है।’’ तीन तलाक का मुद्दा पूरी तरह से पुरुषवादी वर्चस्व से जुड़ा है और इसका कुरान में कोई उल्लेख नहीं है। Read more » Featured कुरान कुरान में तीन तलाक तीन तलाक
समाज अल्पसंख्यकवाद ….”सबके विकास” का रोड़ा…. May 24, 2017 by विनोद कुमार सर्वोदय | Leave a Comment अखंड भारत के मुगल व ब्रिटिश शासन में देश के मूल निवासियों (भूमि पुत्रो) के शोषण व अत्याचारों का इतिहास भरा पड़ा है। देश के लगभग 800 वर्षो के इस परतंत्रता काल में भारत के भूमि पुत्रो के मानवीय मूल्यों का घोर हनन हुआ था। आज भी वही बहुसंख्यक या हिन्दू विरोधी मानसिकता की भूमिका […] Read more » अल्पसंख्यकवाद
महिला-जगत समाज शोषण व उत्पीड़न से प्रभावित – भारतीय महिला ! May 15, 2017 by मोहम्मद आसिफ इकबाल | Leave a Comment इसी समाज में पलने बढ़ने वाले लफंगे और गुंडे अपनी बुरी नज़रों के साथ छेड़खानी करते हुए हर गली-कूचे में साल के बारह महीने और दिन के चौबीस घंटे अपनी माँ, बहन और बेटियों समान औरत को अपमानित करने से रुकते नहीं हैं। यह भयानक तस्वीर उस समाज की है जिसे भारतीय समाज कहा जाता है। लेकिन जहां समाज की यह तस्वीर उभर कर सामने आती है वहीं यह सवाल भी उठता है कि आखिर यह व्यवहार भारतीय समाज में महिलाओं के साथ क्यों बरता जाता है? Read more » Featured निर्भया बिलक़ीस बानो भारतीय महिला शोषण व उत्पीड़न से प्रभावित
शख्सियत समाज गणि राजेन्द्र विजय: दांडी पकडे़ आदिवासियों के ‘गांधी’ May 15, 2017 by ललित गर्ग | Leave a Comment गणि राजेन्द्र विजयजी बच्चों को कच्चे घड़े के समान मानते हैं। उनका कहना है उन्हें आप जैसे आकार में ढालेंगे वे उसी आकार में ढल जाएंगे। मां के उच्च संस्कार बच्चों के संस्कार निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसलिए आवश्यक है कि सबसे पहले परिवार संस्कारवान बने माता-पिता संस्कारवान बने, तभी बच्चे संस्कारवान चरित्रवान बनकर घर की, परिवार की प्रतिष्ठा को बढ़ा सकेंगे। अगर बच्चे सत्पथ से भटक जाएंगे तो उनका जीवन अंधकार के उस गहन गर्त में चला जाएगा जहां से पुनः निकलना बहुत मुश्किल हो जाएगा। बच्चों को संस्कारी बनाने की दृष्टि से गणि राजेन्द्र विजय विशेष प्रयास कर रहे हैं। Read more » Featured गणि राजेन्द्र विजय
समाज फिर निर्भयाः कानून बने तो ऐसा! May 15, 2017 / May 15, 2017 by डॉ. वेदप्रताप वैदिक | 1 Comment on फिर निर्भयाः कानून बने तो ऐसा! यदि इन अपराधियों के साथ वही बर्ताव किया जाए, जो इन्होंने उन युवतियों के साथ किया था याने उन्हें खुले आम फांसी दी जाए, उनके अंग भंग किए जाएं और उन्हें मरते हुए लाखों-करोड़ों लोगों को देखने-दिखाने दिया जाए तो भावी बलात्कारियों की हड्डियों में कंपकंपी दौड़ सकती है। Read more » #मृत्युदंड Featured Justice Verma Committee law Newspaper Rohtak gang rape जस्टिस वर्मा कमेटी निर्भया
महत्वपूर्ण लेख समाज भारत मुसलमानों के लिए स्वर्ग क्यों है ? May 13, 2017 / May 13, 2017 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment विश्व की कुल जनसंख्या में प्रत्येक चार में से एक मुसलमान है। मुसलमानों की 60 प्रतिशत जनसंख्या एशिया में रहती है तथा विश्व की कुल मुस्लिम जनसंख्या का एक तिहाई भाग अविभाजित भारत यानी भारत, पाकिस्तान और बंगलादेश में रहता है। विश्व में 75 देशों ने स्वयं को इस्लामी देश घोषित कर रखा है। पर, विश्व […] Read more » Featured भारत भारत का इस्लामीकरण भारत में मुस्लिम तुष्टीकरण मुस्लिम तुष्टीकरण मुस्लिम देशों में मुसलमानों की हालत हज सब्सिडी हज सब्सिडी में घोटाले
समाज बिना माँ के संसार की कल्पना करना निरर्थक May 12, 2017 by ब्रह्मानंद राजपूत | Leave a Comment दुनिया की हर नारी में मातृत्व वास करता है। बेशक उसने संतान को जन्म दिया हो या न दिया हो। नारी इस संसार और प्रकृति की ‘जननी’ है। नारी के बिना तो संसार की कल्पना भी नहीं की जा सकती। इस सृष्टि के हर जीव और जन्तु की मूल पहचान माँ होती है। अगर माँ न हो तो संतान भी नहीं होगी और न ही सृष्टि आगे बढ पाएगी। इस संसार में जितने भी पुत्रों की मां हैं, वह अत्यंत सरल रूप में हैं। कहने का मतलब कि मां एकदम से सहज रूप में होती हैं। वे अपनी संतानों पर शीघ्रता से प्रसन्न हो जाती हैं। वह अपनी समस्त खुशियां अपनी संतान के लिए त्याग देती हैं, क्योंकि पुत्र कुपुत्र हो सकता है, पुत्री कुपुत्री हो सकती है, लेकिन माता कुमाता नहीं हो सकती। एक संतान माँ को घर से निकाल सकती है लेकिन माँ हमेशा अपनी संतान को आश्रय देती है। एक माँ ही है जो अपनी संतान का पेट भरने के लिए खुद भूखी सो जाती है और उसका हर दुख दर्द खुद सहन करती है। Read more » 14 मई Featured मातृ दिवस मातृ दिवस 14 मई
समाज कल-युग का देवासुर संग्राम ; सनातन बनाम . . . . . ईसाइयत और इस्लाम May 12, 2017 by मनोज ज्वाला | 1 Comment on कल-युग का देवासुर संग्राम ; सनातन बनाम . . . . . ईसाइयत और इस्लाम भारत के धन-वैभव को लुटने-हडपने और सनातन धर्म को नष्ट-भ्रष्ट करने के लिए मुस्लिम आक्रान्ताओं ने भारत मे घुस कर तोड-फोड, लूट-मार, हिंसा-बलात्कार-युक्त जेहाद का नंगा नाच किया । मठ-मंदिर तोडे गए , पाठशाला-गुरुकुल-विद्यालय-पुस्तकालय जलाए गए , माल-असवाब लुटे गए और तलवार की नोंक पर लाखों लोग धर्मान्तरित कर दिए गए । भारतीय समाज-व्यवस्था की आन्तरिक दुर्बलताओं का लाभ उठा कर वे असुर आतताई यहां की राज-सत्ता पर भी काबिज हो गए । सैकडों वर्षों तक उनकी सलतनत कायम रही । Read more » Christianity Featured Islam इस्लाम ईसाइयत कल-युग का देवासुर संग्राम सनातन