शख्सियत समाज भारत में दाभोलकर जैसे लोगों का मारा जाना कोई अचम्भा नहीं है August 21, 2013 / August 21, 2013 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | 2 Comments on भारत में दाभोलकर जैसे लोगों का मारा जाना कोई अचम्भा नहीं है शैलेन्द्र चौहान महाराष्ट्र के अग्रणी अंधविश्वास विरोधी कार्यकर्ता नरेंद्र दाभोलकर की २० अगस्त की सुबह गोली मारकर हत्या कर दी गई। 69 वर्षीय दाभोलकर सुबह टहलने निकले थे, तभी मोटरसाइकिल सवार दो अज्ञात हमलावरों ने उनके करीब आकर दो गोलियां सिर में मारीं। यह घटना पुणे के ओंकारेश्वर मंदिर के पास स्थित पुल पर हुई। […] Read more » नरेंद्र दाभोलकर
समाज पूरब और पश्चिम August 19, 2013 / August 19, 2013 by गंगानन्द झा | 1 Comment on पूरब और पश्चिम गंगानन्द झा इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित इंफॉसिस के संस्थापक श्री एन.आर.नारायणमूर्ति के एक आलेख की सम्पादित और अनुवादित प्रस्तुति——– पूरब और पश्चिम के दर्शनों में दो विपरीत विश्व-दृष्टि देखी जाती रही है […] Read more » पूरब और पश्चिम
समाज लोकतंत्र का माखौल उड़ाते स्लम एरिया August 19, 2013 / August 19, 2013 by विकास कुमार गुप्ता | Leave a Comment रिक्शा चलाने वाले, सेक्स वर्कर, सीजनल वर्कर, फेरीवाले, घरेलू नौकरों सहित छोटे मोटे कार्य कर असहनीय वातावरण एवं सुविधाओं में जिन्दगी बसर करने वाले स्लम एरिया में रह रहे बच्चे, उम्रदराज, युवा और महिला मजदूर लोकतंत्र के सीने पर धब्बें सरीखे हैं और समानता के अधिकार का गला घोंटते प्रतीत हो रहे है। […] Read more » लोकतंत्र का माखौल उड़ाते स्लम एरिया
शख्सियत समाज अब कौन दहाड़ेगा मिशनरियों को ? August 17, 2013 / August 17, 2013 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | 2 Comments on अब कौन दहाड़ेगा मिशनरियों को ? अनिल द्विवेदी ‘आइ एम द किंग ऑफ रियासत बट दिस परसन इज द किंग ऑफ डेमोक्रेसी’ यानि मैं तो एक रियासत का राजा हूं लेकिन जूदेव लोकतंत्र के राजा हैं क्योंकि इन्हें जनता चुनती है. राजस्थान के महाराजा ने अपने विदेशी मेहमानों से दिलीपसिंह जूदेव का परिचय कभी इसी अंदाज में करवाया था. रौबीले चेहरे […] Read more » दिलीपसिंह जूदेव
शख्सियत समाज माईं एहा पूत जण जेंहों दुर्गादास August 13, 2013 / August 13, 2013 by प्रवीण गुगनानी | Leave a Comment 13 अगस्त वीर दुर्गादास जयंती पर विशेष भारतीय इतिहास में वीर शिरोमणि दुर्गादास के नाम को कभी परिचय की आवश्यकता नहीं रही. मारवाड़ के इस वीरपुत्र और मातृभूमि पर अपने सम्पूर्ण जीवन को न्यौछावर कर देने वाले जुझारू यौद्धा को केवल मारवाड़ की धरती और सम्पूर्ण देश में फैले राठौर बंधू ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण […] Read more » वीर दुर्गादास जयंती
जन-जागरण समाज बिना लड़े शहीद होते सैनिक August 12, 2013 by प्रमोद भार्गव | 5 Comments on बिना लड़े शहीद होते सैनिक प्रमोद भार्गव दुनिया में शायद भारत ऐसा इकलौता देश है,जहां सीमा पर तैनात सैनिकों का बिना लड़े ही शहीद होने का सिलसिला जारी है। ऐसा गलत विदेश नीति और इकतरफा युद्ध विराम की शर्तों का पालन करने के कारण […] Read more » बिना लड़े शहीद होते सैनिक
समाज 21 वीं सदी का मुस्लिम युवा August 12, 2013 / August 12, 2013 by संजय सक्सेना | Leave a Comment स्ंजय सक्सेना उत्तर प्रदेश की मुस्लिम बिरादरी में बीते कुछ समय से एक नया बदलाव देखने को मिल रहा है।पढ़ा लिखा मुस्लिम युवा रूढि़वादी बंधनों को तोड़कर आगे बढ़ने को बेताब दिख रहा हैं।जहां उसको पूरी आजादी हो। अपनी अलग पहचान बन सके।जीवन स्तर ऊंचा हो।वह उन विचारो से भी इतिफाक नहीं रखता हैं जो […] Read more » मुस्लिम युवा
शख्सियत समाज मुसीबत में जो दूसरों के काम आए…… August 10, 2013 / August 12, 2013 by प्रतिमा गुप्ता | Leave a Comment A man with golden touch… आज के भागमभाग वाले दौर में किसी के पास इतना समय नहीं है कि वो दूसरों पर ध्यान दे,ऐसे में दूसरों से मदद की उम्मीद करना बेमानी है…लेकिन अभी भी कुछ लोग ऐसे हैं,जो खुद से पहले दूसरों का सोचते हैं और मुसीबत में फंसे लोगों की मदद करने से […] Read more » फिरोज मर्चेंट मुसीबत में जो दूसरों के काम आए......
समाज ऐसा आरक्षण धर्म का अपमान August 9, 2013 by डॉ. वेदप्रताप वैदिक | Leave a Comment डॉ. वेदप्रताप वैदिक अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री रहमान खान ने अब मुस्लिम लीग का पुराना राग फिर अलापा है। उनका कहना है कि स्थानीय निकायों में मुसलमानों के लिए आरक्षण दिया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा है कि वे चाहते हैं कि मुसलमानों को संसद और विधानसभा में भी आरक्षण मिलना चाहिए लेकिन […] Read more » ऐसा आरक्षण धर्म का अपमान
विविधा समाज प्रेमचंद या मुंशी प्रेमचंद ? August 4, 2013 / August 4, 2013 by डा. रवीन्द्र अग्निहोत्री | Leave a Comment डा. रवीन्द्र अग्निहोत्री 31 जुलाई । महान साहित्यकार एवं उपन्यास सम्राट प्रेमचंद का जन्मदिवस। इस अवसर पर अनेक लेखकों ने उन्हें याद किया, उनके साहित्य, उनकी विशेषताओं, उनके योगदान की चर्चा की। किसी ने उन्हें प्रेमचंद लिखा तो किसी ने मुंशी प्रेमचंद। यह तथ्य तो प्रायः सर्वज्ञात है कि जिन्हें हम ” प्रेमचंद ” के नाम से […] Read more » प्रेमचंद या मुंशी प्रेमचंद ?
समाज हम विषेल पौधों की अनदेखी कर रहे हैं, पचास साल बाद हर घर में उग आयेंगे! July 30, 2013 by डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश' | 4 Comments on हम विषेल पौधों की अनदेखी कर रहे हैं, पचास साल बाद हर घर में उग आयेंगे! पहले समाज सेवा और लोगों को जोड़ने के लिये संत एवं नेता पैदा हुआ करते थे, जबकि आज समाज को तोड़ने के लिये भी प्रायोजित तरीके से साधु-संत और नेता पैदा किये जा रहे हैं। पहले अखबार दबी-कुचले लोगों की आवाज हुआ करते थे, जबकि आज धनाढ्यों की आवाज हैं। पचास साल बाद इन सबके […] Read more » हम विषेल पौधों की अनदेखी कर रहे हैं
समाज मातृप्रेम की सत्य घटनाएँ July 27, 2013 / July 27, 2013 by डॉ. मधुसूदन | 5 Comments on मातृप्रेम की सत्य घटनाएँ डॉ. मधुसूदन यलो स्टोन नॅशनल पार्क के, विशाल जंगल में लगी, भयंकर आग-शमन करने के उपरांत, वन-रक्षक अधिकारी, पहाडी पर, जाँच करते करते बढ रहे थे; इसी उद्देश्य से कि, हानि का कुछ अनुमान भी हो जाये। अकस्मात ही, एक अधिकारी आगे बढते बढते, कुछ चौंक कर, रुक सा गया। उस ने देखा कि, राख […] Read more » मातृप्रेम की सत्य घटनाएँ