समाज रेपः कानून व्यवस्था ही नहीं समाज को भी बदलने की ज़रूरत है! January 6, 2013 / January 6, 2013 by इक़बाल हिंदुस्तानी | 1 Comment on रेपः कानून व्यवस्था ही नहीं समाज को भी बदलने की ज़रूरत है! इक़बाल हिंदुस्तानी लड़कियों के साथ पक्षपात घर से ही ख़त्म करना शुरू करें? बलात्कार के कुल मामलों में 94.2 प्रतिशत बलात्कारी परिचित होते हैं। इसका मतलब यह है कि लड़की अपनों के बीच ही सुरक्षित नहीं है। अकसर ख़बरें आती रहती हैं कि लड़की के साथ उसके बाप, भाई, पड़ौसी, रिश्तेदार, गुरू, दोस्त और अपने […] Read more » rape rape and role of our society
शख्सियत समाज वाहो – वाहो गुरू गोबिन्द सिंह… January 6, 2013 / January 6, 2013 by परमजीत कौर कलेर | Leave a Comment परमजीत कौर कलेर. वाहो वाहो प्रगटिओ मरद अगंमड़ा वरियाम अकेला…वाहु वाहु गुरू गोबिन्द सिंह आपे गुरू चेला…इस शब्द के बोल सुनकर तो आप समझ ही गए होंगे कि हम किस मर्द अंगमड़े बात कर रहें हैं …जी हां हम बात कर रहें हैं सिखों के दसवें गुरू गोबिन्द सिंह जी की।आज है सिखों के दशम […] Read more » guru gobind sahib
समाज बाल विवाह का संक्रमण जारी है January 5, 2013 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment सुप्रिया साहू छह साल की पारूल (बदला हुआ नाम) के लिए खुशी का ठिकाना नहीं था। क्योंकि उसका घर और वह दुल्हन की तरह सजी थी। लाल कपड़े में इठलाती पारूल सभी मेहमानों की आकर्षण का केंद्र थी। अतिथियों के आवभगत में उसके माता-पिता काफी व्यस्त थे लेकिन पारूल को सिर्फ इतना पता था कि […] Read more »
विविधा समाज “रेप कैपिटल” में बैठे सियासी नुमाइंदों – ख़तरा है, संभल जाओ ! December 31, 2012 / December 31, 2012 by नीरज वर्मा | 2 Comments on “रेप कैपिटल” में बैठे सियासी नुमाइंदों – ख़तरा है, संभल जाओ ! …..लीक से हटकर हिन्दुस्तान के नीति-नियंताओं का दावा है कि — दुनिया में भारतवर्ष एक बढ़ती हुई आर्थिक ताक़त है ! एक ऐसी ताक़त…जिसको नज़रंदाज़ करने का ज़ोखिम , दुनिया का बड़ा से बड़ा बनिया नहीं उठा सकता ! मगर ..ख़ास बात ये है कि हमारे मुल्क के मसीहा इन्हीं बनियाओं के दम पर देश […] Read more » "रेप कैपिटल Delhi rape case
चिंतन समाज उत्तर हर बार औरत को ही क्यों देना पड़ता है? – कुलदीप चंद अग्निहोत्री December 29, 2012 / December 29, 2012 by डॉ. कुलदीप चन्द अग्निहोत्री | 2 Comments on उत्तर हर बार औरत को ही क्यों देना पड़ता है? – कुलदीप चंद अग्निहोत्री दिल्ली में पिछले दिनों चलती बस में कुछ लोगों ने तेईस साल की एक लड़की से बलात्कार किया । केवल बलात्कार ही नहीं बल्कि राक्षसी तरीक़े से उसे शारीरिक चोटें भी पहुँचाई गईं । अब वह लड़की जीवन और मृत्यु के बीच झूल रही है । पुलिस इस समय भी उससे अपनी इच्छानुसार बयान लेना […] Read more »
जन-जागरण समाज यौन-अनाचार, कानून और समाज December 28, 2012 / December 28, 2012 by विपिन किशोर सिन्हा | 2 Comments on यौन-अनाचार, कानून और समाज विपिन किशोर सिन्हा १. दिल्ली की चलती बस में एक २३ वर्षीया युवती के साथ छः दरिन्दों द्वारा ब्लात्कार। युवती अस्पताल में वेन्टीलेटर पर। २. ऊंझा (मेहसाना) में गत मंगलवार की रात में एक ३७ वर्षीया विधवा से दो लोगों द्वारा ब्लात्कार। ३. पुलिस की हिरासत में पिछले ९ वर्षों में बलात्कार की ४५ घटनाएं […] Read more »
टॉप स्टोरी समाज समाज के किस प्रवेशद्वार से आते बलात्कारी December 28, 2012 / December 28, 2012 by डॉ0 आशीष वशिष्ठ | Leave a Comment आशीष वशिष्ठ दिल्ली में मेडिकल छात्रा के साथ हुए गैंगरेप की घटना ने देश की अंर्तत्तामा को झकझोर कर रख दिया है. राजधानी दिल्ली से लेकर देश के कोने-कोने में इस घटना की गंूज सुनाई पड़ रही है. लचर और अपाहिज कानून, संवेदनहीन और हठधर्मी सरकार, भ्रष्टï और नकारा पुलिस प्रशासन से ऊबी हुई […] Read more » DELHI GANG RAPE
टॉप स्टोरी समाज दिल्ली दुष्कर्म:कानून से अधिक व्यवस्था में दोष है December 28, 2012 / December 28, 2012 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment राकेश कुमार आर्य दिल्ली में हुई एक बस में युवती के साथ सामूहिक बलात्कार की घटना ने दिल्ली को दहला दिया है। देश की राजधानी में आजाद भारत के इतिहास में पहली बार देश के युवाओं ने ऐसी हुंकार भरी है कि उसका कोई सानी नही है। कोई दूसरा उदाहरण नही है। बिना नेता के […] Read more » DELHI GANG RAPE दिल्ली दुष्कर्म
शख्सियत समाज मरने का मतलब सिखा गए शहीद उधम सिंह December 26, 2012 / December 25, 2012 by राजेश कश्यप | Leave a Comment 26 दिसम्बर / जयन्ति विशेष /राजेश कश्यप शहीद उधम सिंह जब भी देश के अमर क्रांतिकारियों और शहीदों का जिक्र होता है तो उसमें शहीद उधम सिंह का नाम बड़ी शान से लिया जाता है। शहीद उधम सिंह ने आजीवन देश की आजादी के लिए संघर्ष किया और 13 अप्रैल, 1919 को हुए […] Read more »
समाज बलात्कारी खुद को निर्दोष सिद्ध करे, ऐसा कानून बनाने की मांग पागलपन है! December 25, 2012 / December 25, 2012 by डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश' | 2 Comments on बलात्कारी खुद को निर्दोष सिद्ध करे, ऐसा कानून बनाने की मांग पागलपन है! डॉ. पुरुषोत्तम मीणा ‘निरंकुश’ दिल्ली में चलती बस में घटित सामूहिक बलात्कार की घटना के बाद जो दिल्ली में जो भावनाओं का उबाल देखा जा रहा है, जिसे कुछ लोग प्रायोजित भी कह रहे हैं के कारण बलात्कार के अपराध के बारे में नये सिरे से विचार करने की जरूरत महसूस की जाने लगी है, […] Read more »
समाज सबसे बडी सजा नहीं है मृत्युदण्ड December 25, 2012 / December 26, 2012 by अब्दुल रशीद | Leave a Comment अब्दुल रशीद आज पूरे देश मे बहस छिडी हुई है।आक्रोशित लोग बलात्कारीयों की सजा ‘मृत्युदण्ड’ चाह रहे हैं।सारा देश आन्दोलित है।दिल्ली के पाश जोन मे हुए इस क्रूर बलात्कार का दुःसाहस निःसन्देह नृशंसता की श्रेणी मे आता है।बलात्कारीयों को सजा निःसंदेह सबक परक होनी चाहिए लेकिन मृत्युदंड सबसे बडी सजा नहीं हो सकती।यह बात विश्व […] Read more » मृत्युदण्ड
समाज खतरे में पड़ती नारी अस्मिता !! December 25, 2012 / December 25, 2012 by राजेश कश्यप | Leave a Comment राजेश कश्यप भाजपा की शीर्ष नेत्री स्मृति-ईरानी और कांग्रेस सांसद संजय निरूपम के बीच हुए विवाद की जितनी भी निन्दा की जाए, कम है। इस विवाद ने कई गंभीर सवालों को न केवल जन्म दिया है, बल्कि एक नारी के प्रति असंवेदनशील होती राजनीति के काले चेहरे को भी बेनकाब कर दिया है। इस विषय […] Read more » misbehaviour molestation