टॉप स्टोरी विविधा आमिर खान साहब, ऑल इज वेल बोलिए..ऑल इज वेल November 26, 2015 by डॉ. मनीष कुमार | 1 Comment on आमिर खान साहब, ऑल इज वेल बोलिए..ऑल इज वेल जब देश में मंडल कमीशन को लागू किया गया था तब कई लोग यह कहते थे कि अब इस देश में रहने का कोई फायदा नहीं है. यह देश अब रहने लायक नहीं है. यहां अब कुछ नहीं हो सकता है. हालांकि उनकी बातों में दर्द भी था, भविष्य को लेकर चिंता भी थी और […] Read more » Featured आमिर खान
जन-जागरण टॉप स्टोरी विविधा विश्ववार्ता पैरिस हमला : आतंकवाद को जड़ से मिटाने में बाधा हैं विरोधभास! November 22, 2015 by इक़बाल हिंदुस्तानी | Leave a Comment इक़बाल हिंदुस्तानी मुस्लिम समाज को भी इस सवाल का जवाब जल्द तलाषना होगा। पैरिस पर आईएस के भीषण आतंकवादी हमले की पूरी दुनिया ने निंदा की है। इससे पहले जब रूस के विमान को आईएस ने मार गिराया था तब भी तब भी पूरे विश्व में दहशतगर्दी को लेकर चिंता व चर्चा हुयी थी लेकिन […] Read more » Featured पैरिस हमला
टॉप स्टोरी आतंकवादी इंसान रूपी दानव November 15, 2015 / November 15, 2015 by रवि श्रीवास्तव | Leave a Comment आतंकवाद जिसका नाम सुनकर ही दिल दहल उठता है. दहशत का ये ऐसा नाम है, जो किसी के जहन में डर पैदा कर सकता. भारत ही नही पूरा विश्व इससे दुखी है. 14 नवम्बर शनिवार को एक बार फिर इन दहशतगर्दो ने अपना दानवी रूप दिखा दिया है. इस बार इनके निशाने पर फ्रांस का […] Read more » Featured isis attack in Paris आतंकवादी इंसान
टॉप स्टोरी समाज हाफ़िज़ सईद के रहमो करम का मोहताज नहीं भारतीय मुसलमान November 8, 2015 by तनवीर जाफरी | Leave a Comment तनवीर जाफ़री भारत में राष्ट्रीय स्वयं संघ की हिंदुत्ववादी विचारधारा का राजनैतिक प्रतिनिधित्व करने वाली भारतीय जनता पार्टी की केंद्र में पहली बार बहुमत की सरकार बनने के बाद देश में बढ़ती असहिष्णुता व अल्पसंख्यकों के विरुद्ध बढ़ती जा रही हिंसक घटनाओं को लेकर देश में एक बड़ी बहस छिड़ चुकी है। स्वतंत्र भारत के […] Read more » भारतीय मुसलमान
आलोचना टॉप स्टोरी राजनीति झूठी लोकप्रियता के माफिक November 6, 2015 by प्रवक्ता ब्यूरो | 3 Comments on झूठी लोकप्रियता के माफिक आज जिस तरह से असहिष्णुता का राग आलाप करते हुये हमारे तथाकथित कुछ बुद्धिजीवी साहित्यकार,कलाकार,वैज्ञानिक और इतिहासकार एक झूठी मनसा तथा सस्ती लोकप्रियता पाने के चलते जिस तरह से सरकार को घेरने की कोशिश मे लगे है इससे एक बात तो साफ जाहिर होती है कि इन बुद्धिजीवियों का मकसद सीधे सीधे सरकार का दमन […] Read more » असहिष्णुता का राग आलाप झूठी लोकप्रियता झूठी लोकप्रियता के माफिक सस्ती लोकप्रियता हासिल करना
जन-जागरण टॉप स्टोरी मीडिया साहित्य तब कहां गया था तुम्हारा धर्म? November 3, 2015 / November 3, 2015 by देविदास देशपांडे | Leave a Comment किसी जंगल में शिकार का दौर चलता है, तब आम तर पर कुछ लोग जानवर के पीछे आवाज लगाते चलते है। ये लोग जानवर को एक दिशा में धकेलते है ताकि असली शिकारी उसकी शिकार कर सकें। फिलहाल देश में पुरस्कार वापसी का जो दौर चला है, वह इसी प्रथा की याद दिलाता है। अपने […] Read more » Featured samman vapsi तब कहां गया था तुम्हारा धर्म? पुरस्कार वापसी
टॉप स्टोरी विविधा दुकान की चिंता में लौटाते सम्मान! October 31, 2015 by डॉ. वेदप्रताप वैदिक | Leave a Comment डाॅ. वेदप्रताप वैदिक कुछ साहित्यकारों के साथ-साथ अब कुछ कलाकार और वैज्ञानिक भी शामिल हो गए हैं। ये गिने-चुने लोग अपने सम्मान लौटा रहे हैं। इन्हें सम्मान लौटाते हुए देखकर मुझे बड़ा संतोष हो रहा है। साहित्य अकादमी के लगभग एक हजार सम्मानितों में से सिर्फ 25-30 ने ही लौटाए। अगर पांच-सात सौ लेखक या […] Read more » Featured दुकान की चिंता लौटाते सम्मान
टॉप स्टोरी राजनीति पुरस्कार लौटाने का औचित्य समझें October 19, 2015 by मयंक चतुर्वेदी | 1 Comment on पुरस्कार लौटाने का औचित्य समझें डॉ. मयंक चतुर्वेदी इन दिनों साहित्यकारों के पुरस्कार लौटाने के दिन चल रहे हैं, देश के मान्यधान साहित्यकारों को अपने मिले तमगे लौटाते देख लग ऐसा रहा है कि जैसे उनके बीच होड़ लगी है, पहले आप, पहले आप की कि कौन अपने पुरस्कार केंद्रीय सरकार को असफल बताते हुए पहले लौटाता है। आश्चर्य होता […] Read more » Featured पुरस्कार लौटाने का औचित्य समझें
टॉप स्टोरी विविधा बुद्धिजीवियों द्वारा अकादमी पुरस्कार वापस किए जाने के मायने October 18, 2015 / October 18, 2015 by अनिल कुमार पाण्डेय | Leave a Comment हाल ही में बुद्धिजीवियों द्वारा साहित्य अकादमी पुरस्कारों को लौटाये जाने का मामला सुर्खियों में है। बुद्धिजीवियों का ये तर्क है कि जब से नई सरकार ने अपना कार्य संभाला है तभी से सांप्रदायिकता को बढ़ावा दिया जा रहा है। आपसी भाईचारे को छिन्न-भिन्न करने की साजिश की जा रही है। देश की कथित कट्टरपंथी […] Read more » Featured अकादमी पुरस्कार अकादमी पुरस्कार वापस किए जाने के मायने बुद्धिजीवियों द्वारा अकादमी पुरस्कार वापस किए जाने के मायने
टॉप स्टोरी राजनीति राजनीति का केंद्रबिंदु बनती हमारी गाय October 17, 2015 by मृत्युंजय दीक्षित | Leave a Comment मृत्युंजय दीक्षित दादरी कांड के बाद गाय देश की राजनीति का एक महत्वपूर्ण केंद्र बिंदु उभर कर सामने आ रही है। गाय को अब हर कोई वोटबैंक के रूप में इस्तेमाल करना चाह रहा है। यह तब से राजनीति के केंद्रबिंदु में आ गयी हैं जब से महाराष्ट्र में गोवध पर पुर्ण प्रतिबंध लगाने का […] Read more » Featured गाय राजनीति का केंद्रबिंदु हमारी गाय
जन-जागरण टॉप स्टोरी विविधा पाकिस्तान में हिन्दुओं की स्थिति पर क्या कहती है अमरीकी विदेश विभाग की यह रिपोर्ट ? October 16, 2015 by हरिहर शर्मा | Leave a Comment पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर विगत दिनों अमेरिकी विदेश विभाग की रिपोर्ट सामने आने के बाद राष्ट्रपति पद के रिपब्लिकन पार्टी के प्रमुख उम्मीदवार और सीनेटर मार्को रूबियो ने पाकिस्तान को “विशेष रूप से चिंताजनक देश Country of Particular Concern (CPC)” बताते हुए गहरी चिंता व्यक्त की है। अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर […] Read more » Featured पाकिस्तान में हिन्दुओं की स्थिति
टॉप स्टोरी विविधा लेखकों का नपुंसक गुस्सा October 16, 2015 by डॉ. वेदप्रताप वैदिक | Leave a Comment प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बयान दे दिया। अखलाक और गुलाम अली दोनों के साथ हुई घटनाओं को उन्होंने ‘अवांछित और दुर्भाग्यपूर्ण’ कह दिया। अब बताइए, हमारे साहित्यकार मित्र क्या करेंगे? मोदी ने उन्हें असमंजस में डाल दिया। अब वे क्या अपने सम्मान या पुरस्कार वापस मांगेंगे? मोदी ने बड़ी चालाकी से काम लिया। पहले सब […] Read more » Featured लेखकों का नपुंसक गुस्सा