महिला-जगत विविधा शख्सियत समाज महाराष्ट्र की महानायिका सावित्रीबाई फुले January 3, 2016 / January 3, 2016 by शैलेन्द्र चौहान | Leave a Comment शैलेन्द्र चौहान महाराष्ट्र के लोकसमाज में सावित्रीबाई फुले का जीवन स्त्रियों के लिए सदैव प्रेरणास्पद रहा है। उनका जीवन एक ऐसी अद्वितीय मशाल है, जिसने स्वयं प्रज्वलित होकर भारतीय नारी को पहली बार सम्मान के साथ जीना सिखाया। सावित्रीबाई ने समय के उस कठिनतम दौर में काम शुरू किया था जब धार्मिक अंधविश्वास, रूढ़िवाद, अस्पृश्यता, […] Read more » Featured savitribai Phule महाराष्ट्र की महानायिका सावित्रीबाई फुले
मीडिया विविधा कर्तव्यों व जि़म्मेदारियों पर भारी पड़ती टीआरपी की होड़ January 3, 2016 / January 3, 2016 by तनवीर जाफरी | 1 Comment on कर्तव्यों व जि़म्मेदारियों पर भारी पड़ती टीआरपी की होड़ तनवीर जाफ़री मीडिया को समाज का दर्पण माना जाता है। हमारे भारतीय लोकतंत्र मे तो इसे गैर संवैधानिक तरीक़े से ही सही परंतु इसकी विश्वसनीयता तथा जि़म्मेदारी के आधार पर इसे लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की संज्ञा से नवाज़ा गया है। अख़बारों में छपने वाली खबरें अथवा रेडियो या टीवी पर प्रसारित होने वाले समाचार […] Read more » Featured कर्तव्यों व जि़म्मेदारियों पर भारी पड़ती टीआरपी की होड़
खेत-खलिहान विविधा समाज सार्थक पहल कारसेवा का करिश्मा : निर्मल कालीबेंई January 2, 2016 by अरुण तिवारी | 1 Comment on कारसेवा का करिश्मा : निर्मल कालीबेंई अरुण तिवारी होशियारपुर के धनोआ गांव से निकलकर कपूरथला तक जाती है 160 किमी लंबी कालीबंेई। इसे कालीबेरी भी कहते हैं। कुछ खनिज के चलते काले रंग की होने के कारण ’काली’ कहलाई। इसके किनारे बेरी का दरख्त लगाकर गुरुनानक साहब ने 14 साल, नौ महीने और 13 दिन साधना की। एक बार नदी में […] Read more » Featured कारसेवा का करिश्मा निर्मल कालीबेंई
विविधा वैदिक धर्म और आंग्ल नववर्ष २०१६ December 31, 2015 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment वर्तमान समय में हमने व हमारे देश ने आंग्ल संवत्सर व वर्ष को अपनाया हुआ है। इस आंग्ल वर्ष का आरम्भ 2015 वर्ष पूर्व ईसा मसीह के जन्म वर्ष व उसके एक वर्ष बाद हुआ था। अनेक लोगों को कई बार इस विषय में भ्रान्ति हो जाती है कि यह आंग्ल संवत्सर ही सृष्टि में […] Read more » new year 2016 आंग्ल नववर्ष २०१६ वैदिक धर्म
जन-जागरण विविधा कई सबक दे गया साल 2015 December 31, 2015 / January 1, 2016 by शाहिद नकवी | Leave a Comment समय चक्र किसी के रोके रूकता नही है जो आज है वह कल बन जाता है ।इसी लिये वक्त के आईने मे हर तस्वीर इतिहास बन जाती है ।बेशक हम आगे बढ़ रहे हैं लेकिन पीछे कदमों के निशान भी छोड़ कर जा रहे हैं ।कैलेंडर फिर हमें एक और नया साल दे रहा है […] Read more » Featured कई सबक दे गया साल 2015 साल 2015
जन-जागरण विविधा अलविदा – 15 और सुस्वागतम- 16 December 30, 2015 by मृत्युंजय दीक्षित | Leave a Comment उम्मीदों और आशाओं का दीप जलाता एक वर्ष बीत रहा है। हर वर्ष के अंतिम दिनों में समाज के सभी वर्गों के लोग अपना वार्षिक लेखा- जोखा याद करते हैं और अगले वर्ष का कैंलेंडर तैयार करते हैं । समाज के सभी लोग पिछले वर्षों में जो कमी रह जाती है उसे नये आगामी वर्ष […] Read more » अलविदा - 15 सुस्वागतम- 16
कला-संस्कृति विविधा सृष्टि सम्बत का प्रारम्भिक काल December 30, 2015 by अशोक “प्रवृद्ध” | Leave a Comment अशोक “प्रवृद्ध” काल गणना करने के लिए किसी प्रारम्भिक विन्दु का निश्चय करना पड़ता है, जहाँ से कि गणना आरम्भ की जा सके। उदाहरणतः यूरोपीय ईसाई राज्यों में काल की गणना हजरत ईसा के फाँसी दिये जाने के दिन से आरम्भ होती है, जिसे ईसा सम्बत कहते हैं । इस्लामी राज्यों में हजरत मोहम्मद के […] Read more » Featured सृष्टि सम्बत का प्रारम्भिक काल
विविधा २१वीं सदी का भारत…. जहां शहर बसे गाँवों की गोद में ! December 30, 2015 / December 30, 2015 by तुलसी टावरी | 1 Comment on २१वीं सदी का भारत…. जहां शहर बसे गाँवों की गोद में ! तुलसी टावरी प्रगति का अर्थ कमजोर को रौंद कर स्वयं आगे बढ़ना कदापि नहीं l समाज में हर एक व्यक्ति को हक़ है, समुचित अवसर पाने का, स्वयं के पुरुषार्थ को सम्पूर्णता से जीने का l विश्व की व्यवस्था में, भारत एक नयी राह- ‘तीसरा रास्ता’ – बनाने में सक्षम है; जहां आर्थिक-समृद्धि पाने के […] Read more » २१वीं सदी का भारत Featured जहां शहर बसे गाँवों की गोद में !
विविधा शख्सियत प्रकृति एवं सौन्दर्य के रमणीय चित्रण में माहिर सुमित्रानंदन पंत December 27, 2015 by प्रतिमा शुक्ला | 1 Comment on प्रकृति एवं सौन्दर्य के रमणीय चित्रण में माहिर सुमित्रानंदन पंत छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में एक, सुमित्रानंदन पंत का साहित्य को योगदान अविस्मरणीय है। आपका जन्म 20 मई 1900 को अल्मोड़ा जिले के कौसानी ग्राम में हुआ। आप स्वीकार करते हैं कि जन्म-भूमि के नैसर्गिक सौन्दर्य नें ही आपके भीतर के कवि को बाहर लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है। यही कारण है […] Read more » Featured Sumitranandan Pant प्रकृति एवं सौन्दर्य के रमणीय चित्रण में माहिर सुमित्रानंदन पंत
जन-जागरण विविधा भारत में इस्लामिक स्टेट का फैलता जाल December 27, 2015 / December 27, 2015 by प्रवक्ता ब्यूरो | 1 Comment on भारत में इस्लामिक स्टेट का फैलता जाल अविनाश सिंह भदौरिया नागपुर एयरपोर्ट से महाराष्ट्र एटीएस और तेलंगाना पुलिस के साझा ऑपरेशन में तीन ऐसे छात्र गिरफ्तार किए गए जिन पर आतंकी संगठन आईएसआईएस से जुड़े होने का संदेह है। कहा तो यह जा रहा है कि ये आईएसआईएस में शामिल होने जा रहे थे। पकड़े गए तीनों संदिग्ध हैदराबाद में अंतिम वर्ष […] Read more » Featured इस्लामिक स्टेट का फैलता जाल भारत में इस्लामिक स्टेट भारत में इस्लामिक स्टेट का फैलता जाल
जन-जागरण विविधा कड़कड़ाती ठंड में कहां जाएं बेघर? December 27, 2015 by जगजीत शर्मा | Leave a Comment जगजीत शर्मा ठंडक धीरे-धीरे गहराती जा रही है। कई शहरों में पारा शून्य या उसके आसपास पहुंच चुका है। पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी शुरू हो जाने से हिमालयी क्षेत्रों में पर्यटकों की संख्या बढऩे लगी है। ये वे पर्यटक हैं, जो कई महीनों पहले बर्फबारी का आनंद उठाने की योजना बना चुके थे और सर्दियां […] Read more » Featured where should the homeless go in this severe cold कड़कड़ाती ठंड में कहां जाएं बेघर?
खेत-खलिहान विविधा सूखा राहत में स्वराज की मांग December 27, 2015 by अरुण तिवारी | Leave a Comment सूखा राहतराज बनाम स्वराज यह बात कई बार दोहराई जा चुकी है कि बाढ़ और सुखाङ अब असामान्य नहीं, सामान्य क्रम है। बादल, कभी भी-कहीं भी बरसने से इंकार कर सकते हैं। बादल, कम समय में ढे़र सारा बरसकर कभी किसी इलाके को डुबो भी सकते हैं। वे चाहें, तो रिमझिम फुवारों से आपको बाहर-भीतर […] Read more » Featured सूखा राहत में स्वराज की मांग