विविधा हिन्दी में लिखकर सुकून मिल रहा है : फ्रैंक हुजूर January 7, 2012 / January 7, 2012 by सुनील अमर | Leave a Comment सुनील अमर इसे हिन्दी की बढ़ती लोकप्रियता कहें या मादरे-वतन का कर्ज, देश का एक नौजवान अंग्रेजी लेखक अपनी ताजा पुस्तक को हिन्दी में लिख रहा है! इस लेखक को देवनागरी लिपि नहीं आती फिर भी जुनून है कि इंटरनेट पर गूगल ट्रांसलिट्रेशन की मदद से वे रोमन लिपि से हिन्दी बना लेते हैं। वे […] Read more » frank huzur फ्रैंक हुजूर
विविधा असफल होना आंदोलन अन्ना का January 7, 2012 / January 7, 2012 by निर्मल रानी | Leave a Comment निर्मल रानी बहुचर्चित, बहुप्रतीक्षित एवं अत्यंत विवादित लोकपाल बिल लगता है फिर अनिश्चितकाल के लिए ठंडे बस्ते में जाने की तैयारी में है। उधर संसद में राजनैतिक दलों की खींचातानी तथा इस विषय पर दिए जाने वाले अपने-अपने तर्कों के बीच जहां इस बिल पर सकारात्मक व रचनात्मक बहस नहीं हो सकी, वहीं सशक्त लोकपाल […] Read more » Anna Hazare lokpal अन्ना हजारे लोकपाल
विविधा डॉ. मीणा अपनी आंखों से पहले भ्रष्ट कांग्रेसी चश्मा उतारिये! January 6, 2012 / April 13, 2012 by इक़बाल हिंदुस्तानी | 16 Comments on डॉ. मीणा अपनी आंखों से पहले भ्रष्ट कांग्रेसी चश्मा उतारिये! इक़बाल हिंदुस्तानी अन्ना जैसे संत महात्मा की नहीं भ्रष्ट कांग्रेसियों की जगह जेल में है। प्रवक्ता पर नववर्ष के अवसर पर मेरे लेख ‘‘ नववर्ष शुभ कहने से ही शुभ नहीं होगा’’ पर डा0 पुरूषोत्तम मीणा ‘निरंकुश’ की टिप्पणी पढ़ी। पहले तो यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि मैं डा0 मीणा का बहुत सम्मान करता […] Read more » Anna Hazare Congress reply to Dr. Meena भ्रष्ट कांग्रेसी चश्मा
विविधा गरीबों के लिए वरदान बना ‘मुख्यमंत्री दाल-भात योजना’ January 2, 2012 / January 2, 2012 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment अमरेन्द सुमन हाल ही में केंद्र सरकार ने खाद्य सुरक्षा का कानूनी अधिकार बिल संसद में प्रस्तुत किया। इसके अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में 75 प्रतिशत जबकि शहरी क्षेत्रों के 50 प्रतिशत लोगों को इसके दायरे में लाया जाएगा। बिल का मुख्य उद्देश्य ऐसे लोगों को भोजन का कानूनी अधिकार देना है जिन्हें दो वक्त का […] Read more » Jharkhand mukhyamantri daal bhaat yojna झारखंड मुख्यमंत्री दाल भात योजना
महत्वपूर्ण लेख विविधा वे जो हर सांस में भारत को ही जीते हैं / नरेश भारतीय December 23, 2011 / June 6, 2012 by नरेश भारतीय | 5 Comments on वे जो हर सांस में भारत को ही जीते हैं / नरेश भारतीय प्रवासी भारतीयों के सम्बन्ध में यदा कदा यह टिप्पणी देखने को मिलती है कि “वे लोग तो अपने सुख के लिए देश छोड़ कर भाग गए थे. इसलिए उन्हें क्या हक है कि भारत में जो कुछ हो रहा है उस पर कुछ भी कहें?” यह आक्षेप उन प्रवासियों की अंतरव्यथा को बढ़ाता है जो […] Read more » NRI प्रवासी भारतीय
विविधा लेखकीय एवं संपादकीय काहिली तथा हिन्दी का बिगड़ता स्वरूप December 22, 2011 / December 22, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment ब्रज बिहारी कुमार विश्व की सभी भाषाएँ दूसरी भाषाओं से शब्द ग्रहण करती है और विकसित होती हैं। अंग्रेजी में ऐसा सर्वाधिक हुआ है। उस भाषा में दूसरी भाषाओं से आगत शब्दों की संख्या विश्व की किसी भी भाषा की तुलना में अधिक है। हिन्दी में भी अंग्रेजी, अरबी, फारसी, तुर्की आदि भाषाओं से आये […] Read more »
विविधा आदिवासी बच्चों का कब्रगाह बना यूपी ,सोनभद्र में ५०० से ज्यादा मौतें December 21, 2011 / December 21, 2011 by आवेश तिवारी | Leave a Comment आवेश तिवारी अकाल मौत से भी भयावह होता है अकेले पड़ जाना !देश की उर्जा राजधानी कहे जाने वाले उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जनपद के आदिवासी -गिरिजन अकेले पड़ चुके हैं|पिछ्ले१५ दिनों के दौरान आदिवासी बहुल इस जनपद में अज्ञात बीमारी से 500 से ज्यादा बच्चों की मौत हुई है,वहीँ हजारों बच्चे अब भी जीवन […] Read more » uttar pradesh उत्तर प्रदेश सोनभद्र में आदिवासी बच्चों की मौत
विविधा इनकी सुध कौन लेगा? December 20, 2011 / December 20, 2011 by सिद्धार्थ शंकर गौतम | 1 Comment on इनकी सुध कौन लेगा? सिद्धार्थ शंकर गौतम १२ दिसंबर को भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने सभी राज्य सरकारों को यह सुनिश्चित करने को कहा कि वे सड़क किनारे रात गुजारने को मजबूर लोगों के ठंड से बचाव की पर्याप्त व्यवस्था करें| न्यायलय का यह आदेश था कि इस वर्ष कोई भी ठंड से मरना नहीं चाहिए| राज्य सरकारें फुटपाथ […] Read more » dying due to cold ठंड से मौत
विविधा बस्तर की सड़कें December 17, 2011 / December 17, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment आशा शुक्ला किसी भी देश की प्रगति का दारोमदार उसकी आधारभूत संरचनाओं पर निर्भर करता है। यदि मूलभूत आवश्यक तत्वों में कोई खामी हो तो उसे आर्थिक प्रगति के पथ पर निर्बाध रूप से आगे बढ़ने में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। हमारे देश में भी सड़क इस महत्वपूर्ण नीति […] Read more » Bastar बस्तर
विविधा शिक्षा से वंचित बीड़ी मजदूरों की बेटियां December 17, 2011 / December 17, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 1 Comment on शिक्षा से वंचित बीड़ी मजदूरों की बेटियां अशोक सिंह झारखण्ड के संताल आदिवासी बहुल क्षेत्र संताल परगना में वैसे तो बीड़ी जैसे घरेलू उद्योग का कारोबार बहुत बड़े पैमाने पर नहीं है लेकिन यहाँ के कुछ खास जिलों के चुनिंदा प्रखण्डों में सैकडों परिवार बीड़ी बनाने के कार्य में लगें हैं और यही उनकी जीविका का मुख्य साधन भी है। इस क्षेत्र […] Read more » bidi labour Education बीड़ी मजदूर शिक्षा
महत्वपूर्ण लेख विविधा हिंदी लेखन, विचारधारा और इतिहास बोध December 16, 2011 / February 27, 2012 by प्रवक्ता ब्यूरो | 2 Comments on हिंदी लेखन, विचारधारा और इतिहास बोध सत्यमित्र दुबे 1 पिछले दो तीन दशकों के हिंदी लेखन पर नजर दौड़ाने से यह बात स्पष्ट होती है कि इसमें पक्षधरता, विचारधारा, इतिहास बोध, कलावाद बनाम जनवाद, व्यक्ति बनाम वर्ग अथवा समाज का सवाल प्रचुर मात्रा में उठाया गया है। पश्चिम के कुछ लेखकों ने जब से इतिहास के अंत, विचारधारा के अंत और […] Read more » hindi history ideology इतिहास विचारधारा हिंदी
विविधा आदर्श परिवार निर्माण में युवाओं की भूमिका December 12, 2011 / December 12, 2011 by डॉ. मनोज चतुर्वेदी | Leave a Comment डॉ. मनोज चतुर्वेदी भारतीय संस्कृति में ही अपना कुटुंब है कि अवधारणा रही है, पर पाश्चात्य संस्कृति ने यौन संबंधों द्वारा पति-पत्नी, पुत्र, पुत्री को ही परिवार माना है। यह कहां तक सही है, इस पर विचार करने की जरूरत है। क्या स्वयं में ‘मैं’ ही परिवार हूं? क्या पुरूष और स्त्री का एक साथ […] Read more » family youth परिवार युवा