विविधा ममता की रेल: सुविधा की प्रतीक या असुविधा की August 19, 2010 / December 22, 2011 by निर्मल रानी | 3 Comments on ममता की रेल: सुविधा की प्रतीक या असुविधा की -निर्मल रानी भारतीय रेल निश्चित रूप से विश्व के सबसे बड़े रेल नेटवर्क में एक प्रमुख है। परंतु जिस प्रकार दिन-प्रतिदिन यह भारतीय रेल नेटवर्क तरक्की क़ी अपनी मंजिलें तय कर रहा है शायद उसी गति से यही नेटवर्क असुविधा, अराजकता तथा प्रशासनिक असहयोग का भी शिकार होता जा रहा है। गत् सप्ताह मैंने बिहार […] Read more » Indian Rail भारतीय रेल
विविधा खाद्यान्न महंगाई और विषम होती परिस्तिथियाँ August 19, 2010 / December 22, 2011 by पंकज चतुर्वेदी | 6 Comments on खाद्यान्न महंगाई और विषम होती परिस्तिथियाँ -पंकज चतुर्वेदी सन २००८ में आयी आर्थिक मंदी के बाद से विश्व भर में तमाम देशों की आर्थिक सेहत खराब बनी हुई है, कभी ऐसा लगता है कि अब हालत ठीक है तो कभी स्तिथि खराब लगने लगती है। इस बड़े आर्थिक प्रहार के बाद से दो वित्तीय वर्ष पूर्ण होने के उपरांत भी आर्थिक […] Read more » Inflation महंगाई
विविधा सदानंद काकड़े : कर्मठ कार्यकर्ता August 18, 2010 / December 22, 2011 by विजय कुमार | 5 Comments on सदानंद काकड़े : कर्मठ कार्यकर्ता – विजय कुमार संगठन द्वारा निर्धारित कार्य में पूरी शक्ति झोंक देने वाले श्री सदाशिव नीलकंठ (सदानंद) काकड़े का जन्म 14 जून, 1921 को बेलगांव (कर्नाटक) में हुआ था। उनके पिता वहीं साहूकारी करते थे। बलिष्ठ शरीर वाले पांच भाई और नौ बहनों के इस परिवार की नगर में धाक थी। बालपन में उन्होंने रंगोली, […] Read more » Workers कार्यकर्ता सदानंद काकड़े
विविधा स्वाधीनता आन्दोलन का यथार्थ August 18, 2010 / December 22, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 2 Comments on स्वाधीनता आन्दोलन का यथार्थ -हृदयनारायण दीक्षित भारत स्वाधीनता दिवस के उत्सवों में लहालोट है। स्वराज्य और स्वतंत्रता 5-6 सौ बरस पहले के यूरोपीय पुनर्जागरण काल की देन नहीं है। ऋग्वेद का एक पूरा सूक्त (1.80) स्वराज्य की कामना है। यहां इन्द्र स्वराज्य की कामना करने वाले लोगों के सहायक हैं। इन्द्र स्वराज्य के लिए कूटनीति का भी सहारा लेते […] Read more » Liberation movement स्वाधीनता आन्दोलन
विविधा खतरा भारत पर एटम बम के हमले का August 16, 2010 / December 22, 2011 by राघवेन्द्र सिंह | 3 Comments on खतरा भारत पर एटम बम के हमले का -राघवेन्द्र सिंह अमेरिका ने जापान की घनी आबादी वाले शहर नागासाकी तथा हीरोसीमा पर परमाणु आक्रमण किये थे। 80 हजार लोग कालकवलित तथा लाखो अपंग हुए जिसका असर दशकों तक रहा। बच्चे अंग-भंग तथा बीमार पैदा होते रहे। कहा जाता है, जापान आज भी उक्त विस्फोट के रेडिएशन से पूरी तौर पर मुक्त नहीं हो […] Read more » Nuclear Attack परमाणु हमला
विविधा गांधी दर्शन से उबने लगी है कांग्रेस August 16, 2010 / December 22, 2011 by लिमटी खरे | 4 Comments on गांधी दर्शन से उबने लगी है कांग्रेस -लिमटी खरे नई दिल्ली 16 अगस्त। समूचा देश मोहन दास करमचंद गांधी को राष्ट्रपिता कहकर ही संबांधित करता है। बापू के सादा जीवन उच्च विचारों के सामने उन ब्रितानी आताताईयों ने भी घुटने टेक दिए थे, जिन्होंने देश पर डेढ़ सौ साल राज किया। उसी बापू के नाम को भुनाकर आधी सदी से ज्यादा देश […] Read more » Mahatma Gandhi खादी महात्मा गांधी
विविधा लो फिर आ गया स्वाधीनता दिवस! August 15, 2010 / December 22, 2011 by लिमटी खरे | 1 Comment on लो फिर आ गया स्वाधीनता दिवस! -लिमटी खरे 14 और 15 अगस्त की दर्मयानी रात को 1947 में गोरे ब्रितानियों ने भारत को अपनी गुलामी की जंजीरों से आजादी दी थी। आजाद भारत को संवारने, दिशा देने में उस वक्त के शासकों ने बहुत सारे सपने देखे थे। इन सपनों को साकार करने का माद्दा भी था तत्कालीन शासकांे में। देश […] Read more » Independence Day स्वतंत्रता दिवस
विविधा हम सभी भूल चुके हैं राष्ट्रीय ध्वज के निर्माता “पिंगली वेंकैय्या” को August 15, 2010 / December 22, 2011 by प्रदीप श्रीवास्तव | 8 Comments on हम सभी भूल चुके हैं राष्ट्रीय ध्वज के निर्माता “पिंगली वेंकैय्या” को -प्रदीप श्रीवास्तव पंद्रह अगस्त को जहाँ हम स्वतंत्रता दिवस कि 63 वीं वर्ष गांठ मना रहे होंगे वहीँ दूसरी ओर अपने राष्ट्रीय झंडे क़ी संरचना करने वाले पिंगली वेंकैय्या को कोई भी याद तक नहीं करेगा. राष्ट्रीय ध्वज की डिजाईन तैयार करने वाले स्वर्गीय पिंगली वेंकैय्या का जन्म आन्ध्र प्रदेश के कृष्ण जिले के “दीवी” […] Read more » Tri colour Flag तिरंगा झंडा पिंगली वेंकैय्या
कविता विविधा क्या जिंदगी है और भूख है सहारा…..सारे जहां से अच्छा August 15, 2010 / December 22, 2011 by केशव आचार्य | 4 Comments on क्या जिंदगी है और भूख है सहारा…..सारे जहां से अच्छा -केशव आचार्य क्या जिंदगी है और भूख है सहारा सारे जहां से अच्छा हिंदोस्ता हमारा सौ करोड़ बुलबुले जाने शाने गुलिस्तां थी उन बुलबुलों के कारण उजडा चमन हमारा सारे जहां से अच्छा हिंदोस्ता हमारा पर्वत ऊंचा ही सही, लेकिन पराया हो चुका है न संतरी ही रहा वह,ना पासवां हमारा गोदी पे खेलती हैं […] Read more » Independence Day स्वतंत्रता दिवस
विविधा कहां है आज़ादी का पहला प्रतीक राष्ट्रीय ध्वज August 15, 2010 / December 22, 2011 by सरफराज़ ख़ान | 2 Comments on कहां है आज़ादी का पहला प्रतीक राष्ट्रीय ध्वज -सरफ़राज़ ख़ान देश को स्वतंत्र हुए छह देशक से भी ज्यादा का समय हो गया है। हर साल 15 अगस्त को प्रधानमंत्री द्वारा लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फ़हराया जाता है। मगर क्या कभी किसी ने यह सोचा है कि 15 अगस्त, 1947 की रात को जब देश आजाद हुआ था, उस वक्त भारत […] Read more » Independence Day स्वतंत्रता दिवस
विविधा दो लड्डू और पंद्रह अगस्त August 15, 2010 / December 22, 2011 by लोकेन्द्र सिंह राजपूत | Leave a Comment -लोकेन्द्र सिंह राजपूत कई साल बीत गए बोलते हुए गांधी जी की जय। वह वर्षों से देखता आ रहा है, स्कूल, तहसील और पंचायत की फूटी कोठरी पर तिरंगे का फहराया जाना। इतना ही नहीं मिठाई के लालच में हर साल शामिल होता है वह २६ जनवरी और १५ अगस्त के कार्यक्रम में, लेकिन अब […] Read more » Independence Day स्वतंत्रता दिवस
विविधा क्या इन्हें बुद्धिजीवी कहलाने का हक है? August 13, 2010 / December 22, 2011 by डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश' | 8 Comments on क्या इन्हें बुद्धिजीवी कहलाने का हक है? -डॉ. पुरुषोत्तम मीणा ‘निरंकुश’ इस देश में जाति के आधार पर जनगणना करने और नहीं करने पर काफी समय से बहस चल रही है। अनेक विद्वान लेखकों ने जाति के आधार पर जनगणना करवाने के अनेक फायदे गिनाये हैं। उनकी ओर से और भी फायदे गिनाये जा सकते हैं। दूसरी और ढेर सारे नुकसान भी […] Read more » Intellectual बुद्धिजीवी