जन-जागरण विविधा हिन्दी की अस्मिता पर प्रहार करने वाले हिन्दी के अपने । November 30, 2016 / November 30, 2016 by प्रो. कृष्ण कुमार गोस्वामी | 4 Comments on हिन्दी की अस्मिता पर प्रहार करने वाले हिन्दी के अपने । – प्रो. कृष्ण कुमार गोस्वामी हिंदुस्तान समाचारपत्र के 13 नवंबर 2016 के अंक में केंद्रीय गृह मंत्री माननीय श्री राज नाथ सिंह के एक सभा में भोजपुरी को संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल करने के लिए संसद में विधेयक पारित करने का आश्वासन दिया है। यह बहुत बड़ी विडंबना है कि हिन्दी को तोड़ने […] Read more » Featured हिन्दी हिन्दी की अस्मिता पर प्रहार
विधि-कानून विविधा न्यायपालिका और सरकार में टकराव उचित नहीं November 30, 2016 by प्रमोद भार्गव | 1 Comment on न्यायपालिका और सरकार में टकराव उचित नहीं प्रमोद भार्गव केंद्र सरकार और न्यायपालिका के बीच एक बार फिर जजों की नियुक्तियों को लेकर टकराव सतह पर आया है। इस बार सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीष टीएस ठाकुर ने न्यायालयीन ट्रिब्यूनलों की खस्ताहाल स्थिति को भी उजागार किया है। अखिल भारतीय केंद्रीय प्रशासनिक पंचाट के इसी कार्यक्रम में उपस्थित विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद […] Read more » .S Thakur Featured t कार्यपालिका और न्यायपालिका में सुधार न्यायपालिका न्यायपालिका और सरकार में टकराव मंत्री रविशंकर प्रसाद सरकार
विधि-कानून विविधा बस्ते में बंद पड़ा लोकपाल November 30, 2016 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment लोकपाल की नियुक्ति बावत न्यायलय में जनहित याचिका गैर सरकारी संगठन काॅमन काॅज ने लगाई हुई है। अदालत ने जब लोकपाल की नियुक्ति नहीं किए जाने बावत सरकार से जवाब-तलब किया तो सरकार की ओर से महाधिवक्ता ने उत्तर दिया कि ‘इस समय लोकसभा में विपक्ष का कोई नेता नहीं है, इसलिए लोकपाल का चयन संभव नहीं हो पा रहा है। Read more » Featured lokpal बस्ते में बंद पड़ा लोकपाल
विविधा विश्ववार्ता कौन सुनेगा बांग्लादेशी हिंदुओं की आवाज ? November 29, 2016 / November 29, 2016 by मृत्युंजय दीक्षित | Leave a Comment भारत की राजनीति अल्पंख्यकवाद पर टिकी हुई है। लोकसभा व विधानसभा चुनाव आते ही सभी दल अल्पसंख्यकों के हितों को पूरे जोर शोर से उठाने लग जाते हैं। अल्पंसख्यकों के मुददे उठाते समय इन सभी दलों को देशहित व समाजहित की कतई चिंता नहीं रहती है। लेकिन जब हमारे ही पड़ोसी देश बांग्लादेश वा पाकिस्तान में रहने वाले हिंदू अल्पंसख्यकों पर अत्याचार होते हैं तब कोई अल्पसंख्यकवादी नेता, बुद्धिजीवी व मानवाधिकारी उनके हितों की रक्षा करने के लिए आगे नहीं आता। Read more » Featured अल्पंख्यकवाद बांग्लादेशी हिंदु बांग्लादेशी हिंदुओं की आवाज भारत की राजनीति
विधि-कानून विविधा न्याय व्यवस्था का गिरता हुआ स्तर November 29, 2016 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | Leave a Comment आज कानून का पालन करने वालों से कानून तोडऩे वालों की प्रतिष्ठा अधिक है। इतना ही नहीं, कानून तोडऩे की ‘क्षमता’ ही लोगों की आर्थिक, सामाजिक या राजनीतिक ‘प्रतिष्ठा’ का मापदंड बनती जा रही है। वैसे तो सभी राजनीतिक पक्ष ऐसी संपूर्ण स्वतंत्र और निष्पक्ष न्याय प्रणाली चाहते हैं, जिन्हें सिर्फ उनके ही पक्ष में निर्णय पाने की स्वतंत्रता रहे। इस हालात में किसी भी संवेदनशील व्यक्ति की आंखों में आंसू आएंगे ही। उन आंसूओं में प्रायश्चित और वेदना की अहमियत है, जो व्यवस्था को शक्ति प्रदान कर सकती है। Read more » Featured गिरता हुआ स्तर न्याय व्यवस्था
विविधा नालन्दा राजनीतिक नहीं, राष्ट्रीय मुद््दा है November 29, 2016 by ललित गर्ग | Leave a Comment नालंदा विश्वविद्यालय के विचार को पुनर्जीवित करने की कोशिश एक असाधारण उपक्रम था, एक बड़ी चुनौती थी और उसका मूर्तरूप प्रकट होना आश्चर्य से कम नहीं कहा जा सकता है। वह दिन बिहार और देश-दुनिया के इतिहास में दिलचस्पी रखने वालों के लिए खास बना। तत्कालीन राष्ट्रपति डा. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम ने मार्च 2006 में बिहार विधानमंडल के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए कहा था कि नालंदा विश्वविद्यालय को पुनर्जीवित किया जाना चाहिए। Read more » Featured Nalanda University नालंदा विश्वविद्यालय नालंदा विश्वविद्यालय को पुनर्जीवित करने की कोशिश
विविधा आवश्यकता है पौराणिक मनवर का वास्तविक स्वरूप दिलवाया जाय November 29, 2016 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | Leave a Comment मनवर के महात्म्य , ऐतिहासिकता और उर्वरता को पुनः महिमामण्डित किये जाने से इस क्षेत्र के लोगों को वर्तमान भारत सरकार से बहुत उम्मीदें हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए इस आलेख में बहुत महत्वपूर्ण जानकारियां दी जा रही हैं। Read more » कुआनो नदी का दर्द पंन्डूलघाटः मखौड़ा धाम मनोरमा तट श्रृंगीनारी आश्रम
विविधा सार्थक पहल हिंदी का स्वाभिमान बचाने समाचार-पत्रों का शुभ संकल्प November 29, 2016 by लोकेन्द्र सिंह राजपूत | Leave a Comment ह सर्वविधित है कि हिंदी के समाचार माध्यमों में अंग्रेजी शब्दों का बढ़ता प्रयोग भारतीय मानस के लिए चिंता का विषय बन गया है। विशेषकर, हिंदी समाचार पत्रों में अंग्रेजी के शब्दों का चलन अधिक गंभीर समस्या है। हमें नहीं भूलना चाहिए कि हिंदी समाचार पत्रों की भाषा से नवयुवक अपनी भाषा सुधारते थे। समाचार पत्र सूचना और अध्ययन सामग्री देने के साथ-साथ समाज को भाषा का संस्कार भी देते थे। Read more » हिंदी हिंदी का स्वाभिमान
विविधा हम नहीं सुधरेंगे November 27, 2016 by विपिन किशोर सिन्हा | 2 Comments on हम नहीं सुधरेंगे भारत की पुलिस और भारत की रेलवे ने यह कसम खा रखी है कि “हम नहीं सुधरेंगे”। रेल मन्त्री सुरेश प्रभु के बारे में सुना था कि वे एक कर्मठ और संवेदनशील नेता हैं। प्रधान मन्त्री नरेन्द्र मोदी ने उनके इन्हीं गुणों को ध्यान में रखकर उन्हें रेल मन्त्री बनाया था, लेकिन पिछले ढाई सालों […] Read more » Featured late train arrivals at stations ट्रेनों का सही समय से परिचालन हम नहीं सुधरेंगे
आर्थिकी विविधा नोट बंदी : विकास की तरफ बढ़ते भारत के कदम November 27, 2016 by सुरेश हिन्दुस्थानी | Leave a Comment करीब 35 हजार करोड़ का कालाधन बाहर आ चुका है। कश्मीर में सुरक्षा बलों पर होने वाले पथराव पर रोक लगी है। इससे यह जाहिर है कि अलगाववादी या पाकिस्तान एजेंट पांच-पांच सौ देकर युवकों को पथराव के लिए प्रेरित करते थे। यहां तक कि नक्सली आतंकी भी कह रहे है कि नोटबंदी का गरीबों के हित में निर्णय है और वे समाज की मुख्यधारा में शामिल होने का मन बना रहे है। जनता के लिए कल्याणकारी योजनाएं लागू हुई है। Read more » bharat band in against notebandi Featured आतंकवाद इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन जाकिर नाइक नोट बंदी विकास की तरफ बढ़ते भारत के कदम
विविधा सतलुज, ब्यास और रावी का पानी क्यों जाए पाकिस्तान ? November 27, 2016 by मयंक चतुर्वेदी | Leave a Comment मानवीयता कहती है कि जरूरतमंद की जितनी मदद हो सकती है वह अवश्य करनी चाहिए किंतु जिसे जरूरत है वही गाली-गलौच करे, अपमान जनक भाषा में प्रश्नोत्तर करे, तब ऐसे जरूरतमंद के लिए क्या करें ? सीधी बात है कि ऐसे व्यक्ति, संस्था, समूह, देश या अन्य कोई क्यों न हो उसके साथ किसी प्रकार की मानवीयता नहीं दिखाई जानी चाहिए। उसे तो फिर इसके लिए अपनी ताकत का अहसास कराने की जरूरत होती है। Read more » Indus water treaty ब्यास भारत सरकार रावी का पानी पाकिस्तान जाने से रोके सतलुज
कला-संस्कृति विविधा जानिए असली रुद्राक्ष या नकली रुद्राक्ष में अंतर/पहचान को- November 25, 2016 by पंडित दयानंद शास्त्री | 10 Comments on जानिए असली रुद्राक्ष या नकली रुद्राक्ष में अंतर/पहचान को- रुद्राक्ष एक अमूल्य मोती है जिसे धारण करके या जिसका उपयोग करके व्यक्ति अमोघ फलों को प्राप्त करता है. भगवान शिव का स्वरूप रुद्राक्ष जीवन को सार्थक कर देता है इसे अपनाकर सभी कल्याणमय जीवन को प्राप्त करते हैं.रुद्राक्ष की अनेक प्रजातियां तथा विभिन्न प्रकार उपल्बध हैं, परंतु रुद्राक्ष की सही पहचान कर पाना एक […] Read more » असली रुद्राक्ष नकली रुद्राक्ष