दलगत राजनीति से बहुत उपर रहे अटलजी
Updated: December 25, 2011
अशोक टंडन बात 25 दिसम्बर, 2008 की है अटलजी के जन्मदिन के अवसर पर बधाई देने वालों का आना जाना जारी था. अचानक स्वागत कक्ष…
Read moreकविता : सत्ता में शुचिता के राम है अटल
Updated: January 23, 2012
सुशासन की मिसाल, राष्ट्रवाद का प्रतीक। विचार का प्रयाग, लोकप्रियता का चरम है अटल।। चरैवेति के ध्येय पथिक, कमल के पर्याय। संपन्न भारत का चित्र,…
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सरकार डाटा लीकेज को न रोककर अभिव्यक्ति के पीछे पड़ी है?
Updated: December 24, 2011
इक़बाल हिंदुस्तानी टेलिफोन कम्पनियां खुलकर उड़ा रही हैं निजता की ध्ज्जियां! सरकार सोशल नेटवर्किंग साइटों पर सेन्सरशिप लगाने की अपनी क़वायद से पीछे हटने का…
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कहो कौन्तेय-८३
Updated: December 24, 2011
विपिन किशोर सिन्हा (अश्वत्थामा द्वारा द्रौपदी-पुत्रों की हत्या) गदायुद्ध में नियमतः कटि के नीचे किसी भी प्रकार का प्रहार वर्जित था। बलराम के अनुसार भीम…
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मीडिया में भ्रष्टाचार उसके मिशन से धंधा बन जाने की वजह से!
Updated: December 23, 2011
इक़बाल हिंदुस्तानी जहां पॉवर होगी उसका दुरूपयोग भी होना तय है? लिब्रल, प्राइवेट और ग्लोबल यानी एलपीजी की नीतियों के दौर में मीडिया आज मिशन…
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फतवों में घुटता मुस्लिम समाज
Updated: December 23, 2011
शादाब जफर शादाब आज हिन्दुस्तान की हर सियासी पार्टी मुसलमान के आरक्षण, तालीम,उन के रहन सहन, उन के जिंदगी जीने के गिरते स्तर पर चिंतित…
Read moreलोकपाल की इबारत पर टकराव तय
Updated: December 23, 2011
प्रमोद भार्गव संसद में पेश लोकपाल विधेयक की जो इबारत सामने आई है, उसने दो बातें तय कर दी हैं, एक संसद से सड़क तक…
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कहो कौन्तेय-८२ (महाभारत पर आधारित उपन्यास अंश)
Updated: December 23, 2011
(दुर्योधन-वध) विपिन किशोर सिन्हा हम पांचों भ्राता श्रीकृष्ण के पीछे-पीछे सूर्यकुण्ड के किनारे पहुंचे। भीम ने ऊंचे स्वर में दुर्योधन को ललकारा लेकिन जल में…
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वे जो हर सांस में भारत को ही जीते हैं / नरेश भारतीय
Updated: June 6, 2012
प्रवासी भारतीयों के सम्बन्ध में यदा कदा यह टिप्पणी देखने को मिलती है कि “वे लोग तो अपने सुख के लिए देश छोड़ कर भाग…
Read moreअव्यवस्था की शिकार होती हमारी न्याय व्यवस्था
Updated: December 23, 2011
शादाब जफर ‘शादाब’ कानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने आखिर 19 दिसंबर 2011 को संसद भवन में डा. ज्ञान प्रकाश पिलानिया के पूछे गये एक प्रश्न…
Read moreसभी धर्मों में एक ही बात नहीं / शंकर शरण
Updated: June 6, 2012
शंकर शरण एक प्रवासी हिन्दू भारतीय की बिटिया ने किसी मुस्लिम से विवाह का निश्चय किया तो वह बड़े दुःखी हुए। उन्होंने समझाने का प्रयास…
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महाअनादरणीयः माननीय
Updated: December 23, 2011
पंडित सुरेश नीरव सिर्फ आदमी का ही मुकद्दर नहीं होता। आदमी की मुकद्दर की इबारत लिखनेलाले लफ्जों का भी मुकद्दर होता है। कल तक जो…
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